Friday, July 30, 2010

सीआईडी ने तस्वीरों में ढूंढ़े मुल्जिम

जोधपुर. बाड़मेर के गुड़ामालानी कस्बे में पुलिसकर्मियों से मारपीट, पुलिस जीप जलाने और रास्ता रोकने के आरोपियों को राज्य पुलिस की अपराध शाखा सीआईडी (सीबी) से राहत तो नहीं मिली, अलबत्ता मुल्जिमों की संख्या जरूर 8 से बढ़कर 29 हो गई।

सीआईडी का दावा है कि घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी देखकर मुल्जिमों की पहचान की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीआईडी की जोधपुर ब्रांच ने प्रकरण की फाइल-पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेज दी है। इन आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

अवैध पशु परिवहन की आशंका में पकड़े गए 17 बछड़ों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ दिया था। इससे नाराज लोगों ने गुड़ामालानी कस्बे को बंद करवाकर रास्ता रोक दिया था। इसमें पुलिस की जीप भी जला दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश में 8 जनों को आरोपी माना, लेकिन आरोपियों ने इसे गैरकानूनी बताया और कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।

राहत की उम्मीद में आरोपियों ने निष्पक्ष जांच की मांग रखी। इसके बाद मामला सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंपा गया था। अनुसंधान अधिकारी एएसपी प्रतापसिंह ने तफ्तीश में 29 जनों को आरोपी माना। इसमें उन्होंने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की मदद ली।

बछड़े छोड़ने से उपजा था विवाद : बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी पुलिस ने गत साल 10 फरवरी को ट्रक से 17 बछड़ों को पकड़ा था। कोर्ट के आदेश के बाद बछड़े छोड़ने पड़ गए। लोगों का आरोप था इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी मोडसिंह की भूमिका सही नहीं रही। इसी से नाराज लोगों ने गो सेवा संघर्ष समिति की अगुवाई में 21 फरवरी को गुड़ामालानी में आंदोलन छेड़ दिया था।

बाजार बंद करवाकर मेगा हाईवे जाम कर दिया था। इस बीच कुछ अतिउत्साही लोगों ने पुलिस की जीप को जला दिया और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर डाली। हालांकि, थाना प्रभारी को हटाने के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन पुलिस ने लोगों के खिलाफ जीप जलाने, रास्ता रोकने व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया। मामला बाद में सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंप दिया था।

गिरफ्तारी का जिम्मा पुलिस का

गुड़ामालानी थाने की जीप जलाने, रास्ता रोकने एवं मारपीट के मामले में हमने 29 जनों को मुल्जिम माना है। सीआईडी मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रकरण की पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेजी है। आरोपियों की गिरफ्तारी व चार्जशीट का जिम्मा अब जिला पुलिस का है। - प्रतापसिंह, एएसपी, सीआईडी (सीबी), जोधपुर ब्रांच।

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