Friday, July 30, 2010

राजेंद्र सोनी मामले की जांच शुरू

जोधपुर. बीकानेर जेल में दम तोड़ने वाले जोधपुर के राजेंद्र सोनी पर पुलिस की कथित ज्यादती और उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी ने शुरू कर दी है।

सेठी ने सिटी एसपी से सोनी के खिलाफ दर्ज मुकदमों का रिकॉर्ड मांगा है। गृह विभाग ने 19 जुलाई को इस प्रकरण की जांच संभागीय आयुक्त से कराने के आदेश जारी किए थे। उन्होंने बुधवार को सिटी एसपी महेश कुमार को पत्र भेजकर सोनी के खिलाफ दर्ज मामलों को रिकॉर्ड मांगा है। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गोविंदसिंह चारण ने बताया कि सोनी समाज ने पुलिस द्वारा राजेंद्र को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।

इस बारे में गहन पड़ताल करने के लिए सोनी की गिरफ्तारी और उसे जेल में भेजने तक के बारे में सारा ब्यौरा हासिल किया जाएगा। उसके बाद सेठी संबंधित लोगों के बयान दर्ज करेंगे। उल्लेखनीय है कि रातानाडा पुलिस राजेंद्र को गत दो मई को चोरी का माल खरीदने के मामले मंे गिरफ्तार कर बीकानेर ले गई थी। माल बरामदगी के बाद उसे कोर्ट में पेश करने पर जेल भेज दिया गया था और वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

सहायक कमांडेंट जमानत पर रिहा

जोधपुर. दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी एक्सप्रेस में सफर कर रही महिला का पर्स चुराने के आरोप में पकड़े गए सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा से जीआरपी ने चुराया गया माल बरामद कर लिया है। न्यायालय में पेश करने पर उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।

पुलिस उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि एयरफोर्स के जूनियर वारंट ऑफिसर एमके सिंह की पत्नी का पर्स गत 23 जून, 09 को दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी के एसी कोच से चोरी हो गया था। इसमें करीब दो तोला वजनी सोने की चेन, दो हजार रुपए नकद तथा एक मोबाइल था। इस मामले में जीआरपी ने सिल्चर (आसाम) में तैनात सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा को गिरफ्तार किया था। बुधवार को टीम ने उसकी निशानदेही पर यह माल बरामद कर लिया।

मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी का मनमर्जी से गठन

जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को रैगिंग से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों की आधी-अधूरी पालना की है। न्यायालय ने सभी मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए थे।

कमेटी में कॉलेज के डॉक्टर्स के साथ-साथ बाहरी सदस्य जिला प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को सदस्य बनाना था। डॉ. एसएन मेडिकल प्रबंधन ने निर्देशों को ताक में रखते हुए केवल कॉलेज के डॉक्टर्स को इसमें शामिल कर कमेटी बना ली। कमेटी की पहली बैठक में बाहरी सदस्यों को शामिल किया गया था, लेकिन जब छात्रों को कमेटी के सदस्यों की सूचना देने की बारी आई तो प्रबंधन ने केवल डॉक्टर्स की सूची इस डर से जारी कर दी कि कहीं किसी छात्र ने रैगिंग की सूचना सीधी पुलिस व मीडिया को दे दी तो प्रबंधन के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।

राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में न्यायालय के निर्देशों की पूरी पालना की है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने तो विभागीय वेबसाइट पर भी कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी सूची मोबाइल नंबर के साथ जारी की है।

बात करूंगा

एंटी रैगिंग कमेटी मैं डील नहीं करता हूं। पुलिस, प्रशासन व अन्य लोगों को शामिल नहीं करने की मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में अतिरिक्त प्राचार्य से बात करूंगा। - डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज

क्यों दिए निर्देश?

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल कर बनाई गई कमेटी की सूची कॉलेजों में चस्पा करनी थी। इसमें सदस्यों के नाम के साथ-साथ मोबाइल नंबर प्रदर्शित होने थे। इससे अगर किसी छात्र के साथ अप्रिय वारदात होती है तो किसी भी सदस्य को इसकी सूचना दे सके। खास तौर से पुलिस व मीडिया के लोगों को छात्र से मिली सूचना पर समय रहते कार्रवाई हो सके। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी के सदस्यों की सूची के जारी बैनर में केवल डॉक्टर्स के नाम व फोन नं. चस्पा किए गए हैं।

छात्रों के प्रवेश शुरू

पीएमटी कांउसलिंग के बाद पूरे राज्य में बुधवार से एमबीबीएस के विद्यार्थियों की कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में बुधवार को 61 छात्रों की स्वास्थ्य जांच कर प्रवेश दिया गया। इस दौरान कॉलेज में गठित एंटी रैगिंग स्कावयड पूरे समय तैनात रहा। प्रवेश के बाद प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रैगिंग से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।

प्रिंसिपल ने टीचर पर फेंकी जूठी थाली

जोधपुर. इंटरवल में टीचर्स का साथ लंच करना एक सरकारी स्कूल के हैडमास्टर को इतना अखरा कि उसने इंटरवल खत्म होते ही जूठन से भरी थाली लात से महिला टीचर की ओर उछाल दी। इससे महिला टीचर के कपड़े जूठन से भर गए और अचानक हुए इस घटनाक्रम से अन्य टीचर दंग रह गए। देखते ही देखते ग्रामीण इकट्ठे हो गए। हैडमास्टर धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करते हुए वे बच्चों को स्कूल से बाहर ले गए और नारेबाजी की। टीचर्स का कहना था कि अब हैडमास्टर की मनमानियां असहनीय हो रही हैं। मामला नारनाडी के सरकारी सैकंडरी स्कूल का है जहां पहले भी कई बार के प्रिंसिपल पर अभद्र व्यवहार की शिकायतें महिला शिक्षक कर चुकी हैं।

हम पढ़ाने आते हैं, गालियां सुनने नहीं

जोधपुर से 22 किलोमीटर दूर नारनाडी के राजकीय सैकंडरी स्कूल के हैडमास्टर पर महिला टीचर्स के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। बुधवार सुबह एचएम धन्नाराम चौधरी ने टीचर सरस्वती शर्मा पर जूठी थाली उछालते हुए अभद्र भाषा बोली। जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम वहां पहुंची। सुबह करीब 10 बजे छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर चुके थे। टीम पहुंची तब वे भी ग्रामीणों के साथ नारे लगा रहे थे। रोते-रोते सरस्वती शर्मा ने बताया कि इंटरवल में खाना खाने के बाद जब वे थाली रखकर जा रही थीं, चौधरी ने उस जूठी थाली पर लात मारी जिससे उनके कपड़े गंदे हो गए।

अन्य टीचर्स ने इसका विरोध किया तो चौधरी ने उन्हें यहां तक कह दिया कि वे हैडमास्टर हैं और उनकी जैसी मर्जी होगी वैसे ही इस स्कूल को चलाएंगे। इस पर अन्य महिला टीचर्स ने गांव की सरपंच को मामले की जानकारी दी। इतने में कई ग्रामीण स्कूल में जमा हो गए। इसी सत्र में सैकंडरी तक क्रमोन्नत हुए इस स्कूल में फिलहाल 11 का स्टाफ है जिनमें 5 शिक्षिकाएं हैं। इनका आरोप है कि हैडमास्टर अक्सर अभद्र व्यवहार करते हैं जबकि हैडमास्टर का कहना है कि उन्होंने जूठी थाली पर लात मारी थी लेकिन वे सिर्फ शिक्षिकाओं को कक्षाओं में जाकर पढ़ाने के लिए कह रहे थे।

इंटरवल खत्म हो गया था और उन्होंने जो किया वह स्कूल हित में किया। ग्रामीणों ने बताया कि हैडमास्टर स्कूल में मनमानी करते हैं। बच्चों से पिकनिक या अन्य आयोजनों के लिए पैसे मंगवाते हैं लेकिन उसका हिसाब नहीं बताते। हैडमास्टर के रवैये के कारण स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है। टीम की सूचना पर मौके पर पहुंचे लूणी के बीईईओ सोहनराम विश्नोई को गांववालों ने घेर लिया। ये एचएम धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करने लगे। सरस्वती शर्मा ने अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत दी। विश्नोई ने पूरे मामले की सुनवाई की। हालांकि वे कार्रवाई को अधिकृत नहीं हैं लेकिन, फिर भी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देंगे।

मैं हैडमास्टर हूं, जो चाहे करूं

सरकार ने एक शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात से साढ़े बारह बजे तक तय कर रखा है। लेकिन यह स्कूल सुबह 7 बजे ही शुरू हो जाता है। शिक्षकों का कहना है कि पांच मिनट की देरी हो जाए तो हैडमास्टर गालियां देने लगते हैं। एक शिक्षिका ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा कि इनके साथ काम करते हुए वे मेंटल टेंशन में रहती हैं। बुधवार को भी वे बारिश में भीगती-भीगती स्कूल पहुंची। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि हैडमास्टर नवीं में आने वाले बच्चों को एडमिशन भी नहीं दे रहे। स्कूल का माहौल इस कदर खराब है कि कई गांव वाले अपनी बेटियों को तो यहां पढ़ने नहीं भेजते।

हां, मैंने जूठी थाली को लात मारी जिससे कुछ जूठन सरस्वती शर्मा के कपड़ों पर गिर गई होगी। इंटरवल खत्म होने के बाद भी टीचर्स कक्षाओं में नहीं जा रही थीं। मैंने जो कुछ किया वह स्कूल के हित में किया। - धन्नाराम चौधरी, हैडमास्टर, राजकीय सैकंडरी स्कूल, नारनाडी

हैडमास्टर का रवैया इतना खराब है कि हमें अपनी बेटियों को यहां पढ़ने भेजने में संकोच बना रहता है। इन्हें यहां से तत्काल हटाना चाहिए। - देवीसिंह, ग्रामीण

शिक्षिका के ऊपर कोई ऐसे थाली फेंकता है क्या? वह भी बच्चों के सामने। स्कूल है या अखाड़ा? - जोरसिंह, ग्रामीण

मैं खाना खाकर पानी पीने के लिए जा रही थी कि पीछे से आ रहे एचएम धन्नाराम ने मुझे कहा कि यह जूठी थाली उठाने क्या आपके घर से कोई आएगा? ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरी ओर अपने जूते से थाली फेंक दी। मैंने पूछा कि आप अपने घर में ऐसा ही व्यवहार करते हैं तो वे गालियां बोलने लगे। मुझे तो रोना आ गया। - सरस्वती शर्मा, शिक्षिका

यह स्कूल सैकंडरी में क्रमोन्नत हो चुका है इसलिए मैं कार्रवाई नहीं कर सकता। फिर भी पूरे मामले की जानकारी ले ली है। इसकी एक रिपोर्ट डीओ को दूंगा। आगे की कार्रवाई वे ही करेंगे। - सोहनराम विश्नोई, बीईईओ, लूणी

डेढ़ करोड से 16 लाख पर सिमटी घोटाले की राशि

जोधपुर. महात्मा गांधी अस्पताल में जोधपुर होलसेल उपभोक्ता भंडार के दवा काउंटर पर हुए बहुचर्चित गड़बड़झाले की तहकीकात तो 1.40 करोड़ रुपए की दवाइयों के बिलों की जांच से शुरू हुई, लेकिन जांच खत्म होते-होते वसूली की राशि सोलह लाख रुपए रह गई।

पिछले तीन वर्षो में दो फार्मासिस्टों द्वारा बिलों में हेराफेरी करने के मामले की जांच तीन माह में पूरी कर उपरिजस्ट्रार अनिल मेहता ने संयुक्त रजिस्ट्रार को यह रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महात्मा गांधी अस्पताल के काउंटर संख्या तीन पर कार्यरत फार्मासिस्ट नरेंद्र कुमार व मांगीलाल ने अलग-अलग कार्यकाल में दवाइयों की खरीद बिलों की राशि बदल कर भंडार को लाखों के मुनाफे से वंचित कर चपत लगाई है।

दोनों फार्मासिस्टों ने 92 लाख से अधिक की राशि के बिलों में बदलाव किया था। इस हिसाब से भंडार को करीब 15.80 लाख से अधिक की चपत लगी। मामले के खुलासे की शुरूआत में फार्मासिस्टों पर बिलों की पूरी राशि हड़पने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन जांच के बाद यह राशि करीब दस फीसदी रह गई।

सुपरवाइजर भी चपेट में : जांच अधिकारी मेहता ने इस मामले में फार्मासिस्टों के अलावा मेडिकल सुपरवाइजर सुमरेसिंह चंपावत, प्रवीण सबलोक व अमिताभ शर्मा को अपने कार्यकाल के दौरान दोषी फार्मासिस्टों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन नहीं करने, कंप्यूटर में उपलब्ध विवरण का विश्लेषण नहीं करने का दोषी पाया है। इनके विरुद्ध कठोर अनुशानात्मक कार्रवाई करने की अनुशंषा की गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संयुक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) ने सभी को छह अगस्त को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।

सीआईडी ने तस्वीरों में ढूंढ़े मुल्जिम

जोधपुर. बाड़मेर के गुड़ामालानी कस्बे में पुलिसकर्मियों से मारपीट, पुलिस जीप जलाने और रास्ता रोकने के आरोपियों को राज्य पुलिस की अपराध शाखा सीआईडी (सीबी) से राहत तो नहीं मिली, अलबत्ता मुल्जिमों की संख्या जरूर 8 से बढ़कर 29 हो गई।

सीआईडी का दावा है कि घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी देखकर मुल्जिमों की पहचान की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीआईडी की जोधपुर ब्रांच ने प्रकरण की फाइल-पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेज दी है। इन आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

अवैध पशु परिवहन की आशंका में पकड़े गए 17 बछड़ों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ दिया था। इससे नाराज लोगों ने गुड़ामालानी कस्बे को बंद करवाकर रास्ता रोक दिया था। इसमें पुलिस की जीप भी जला दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश में 8 जनों को आरोपी माना, लेकिन आरोपियों ने इसे गैरकानूनी बताया और कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।

राहत की उम्मीद में आरोपियों ने निष्पक्ष जांच की मांग रखी। इसके बाद मामला सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंपा गया था। अनुसंधान अधिकारी एएसपी प्रतापसिंह ने तफ्तीश में 29 जनों को आरोपी माना। इसमें उन्होंने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की मदद ली।

बछड़े छोड़ने से उपजा था विवाद : बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी पुलिस ने गत साल 10 फरवरी को ट्रक से 17 बछड़ों को पकड़ा था। कोर्ट के आदेश के बाद बछड़े छोड़ने पड़ गए। लोगों का आरोप था इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी मोडसिंह की भूमिका सही नहीं रही। इसी से नाराज लोगों ने गो सेवा संघर्ष समिति की अगुवाई में 21 फरवरी को गुड़ामालानी में आंदोलन छेड़ दिया था।

बाजार बंद करवाकर मेगा हाईवे जाम कर दिया था। इस बीच कुछ अतिउत्साही लोगों ने पुलिस की जीप को जला दिया और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर डाली। हालांकि, थाना प्रभारी को हटाने के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन पुलिस ने लोगों के खिलाफ जीप जलाने, रास्ता रोकने व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया। मामला बाद में सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंप दिया था।

गिरफ्तारी का जिम्मा पुलिस का

गुड़ामालानी थाने की जीप जलाने, रास्ता रोकने एवं मारपीट के मामले में हमने 29 जनों को मुल्जिम माना है। सीआईडी मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रकरण की पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेजी है। आरोपियों की गिरफ्तारी व चार्जशीट का जिम्मा अब जिला पुलिस का है। - प्रतापसिंह, एएसपी, सीआईडी (सीबी), जोधपुर ब्रांच।

तीन युवतियों सहित 8 जने पीटा एक्ट में गिरफ्तार

जोधपुर. जीआरपी ने शहर में देह व्यापार करने के इरादे से लाई गई तीन युवतियों, दो दलालों के साथ तीन स्थानीय दलालों को पीटा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया।

उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि मुंबई से आने वाली सूर्यनगरी एक्सप्रेस में दो शख्स पश्चिम बंगाल की लड़कियों को देह व्यापार के लिए जोधपुर लेकर आने वाले है। इस पर जीआरपी थानाधिकारी अनिल पुरोहित की टीम ने युवतियों व दलालों को घेरने की योजना बनाई। सूर्यनगरी एक्सप्रेस से तीन युवतियों के साथ दो युवक उतरे, इनको लेने के लिए तीन दलाल भी स्टेशन पहुंचे।

पुलिस की टीमों ने सभी को दबोच लिया। इनमें पश्चिम बंगाल की पायल उर्फ ज्योत्सना और उसके पति विप्लव सरकार, पिंकी पुत्री युसुफ दास, रितू पुत्री मलिक शेख व मुंबई का दलाल जीवन ठाकर को गिरफ्तार किया। इन्हें स्टेशन लेने पहुंचे दलाल आनंदसिंह कलाल व जोराराम के अलावा आसोप निवासी नरेन्द्र को भी गिरफ्तार किया। थानाधिकारी अनिल पुरोहित के अनुसार आनंदसिंह की कार भी पुलिस ने जब्त कर ली।