Monday, July 19, 2010

दिक्कत दूर करने में भी परेशानी

जोधपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में श्रमिकों को भुगतान में हो रही देरी की दिक्कत दूर करने को राज्य सरकार ने उपाय तो ढूंढ लिया लेकिन लागू करने से पहले उसमें ही दिक्कत आ गई। सरकार ने तकनीकी दक्ष मेट लगाने के निर्देश दिए थे, जिस पर अब नए सिरे से विचार किया जा रहा है।

इधर आदेश, उधर मनन

महानरेगा के तहत बडी संख्या में काम खाल इन पर बहुत सारे श्रमिक भी लगा दिए गए। नित नए प्रयोग और सरकारी फरमानों से उलझी इस योजना में श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं मिलने के मामले भी बढते गए। श्रमिकों को समय पर भुगतान और कार्योü के पारदर्शी रूप से सत्यापन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में तकनीकी दक्ष मेट लगाए जाने थे।

इसके लिए बाकायदा कार्यक्रम और दिशा-निर्देश जारी किए गए। साथ ही विकास अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए कि सरकार की मंशा के अनुरूप तकनीकी दक्ष मेट की नियुक्ति और उनके प्रशिक्षण की कार्रवाई की जाए। लेकिन इससे पहले ही सरकार को यह भी अहसास हो गया कि इससे भुगतान का बिगडा ढर्रा भले ही सुधर जाए, लेकिन पहले की व्यवस्था तो कायम रखनी ही पडेगी।

यह है दिक्कत

तकनीकी दक्ष मेट नियुक्त करने के लिए मापदण्ड तय करते हुए सरकार ने कहा था कि सितम्बर 2010 तक इन्हें पूर्ण रूप से दक्ष बना दिया जाए। इनकी नियुक्ति से प्रत्येक कार्य का माप पखवाडा समाप्ति के तीन दिन में होकर श्रमिकों को निर्धारित अवधि में भुगतान मिल जाएगा।

इस बीच, जोधपुर कलक्टर की ओर से तैयार 70 फीसदी अग्रिम भुगतान की योजना पर भी विचार शुरू हो गया है। साथ ही, सरकार को फीडबैक मिला कि दक्ष मेट भले ही माप कर ले, कनिष्ठ अभियंता को तो माप करने जाना ही पडेगा। ऎसे में दक्ष मेट की कवायद का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। सरकार ने फिलहाल इस मामले पर पहले अध्ययन करने की जरूरत बताई है।

108 एंबुलेंस में अवधिपार दवाइयां!

जोधपुर. संभाग में चलने वाली आपातकालीन चिकित्सा सेवा 108 की एंबुलेंस में रखी जीवन रक्षक दवाइयां मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती हैं। संभागभर में दौड़ने वाली इन एंबुलेंस में से अनेक में रखी कई दवाइयां अवधिपार हो चुकी हैं। चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी इस तरफ से आंखें मूंदे हैं।

जोधपुर शहर के अलावा जालोर व अन्य शहरों में भी अवधिपार दवाइयां एंबुलेंस में रखी हैं, लेकिन इन्हें अब तक नहीं बदला गया है। प्रदेश में 30 जून की मध्यरात्रि के बाद आपातकालीन चिकित्सा सेवा का जिम्मा सरकार ने नई कंपनी को सौंप दिया। इसके बाद से पूरी तरह लड़खड़ा चुकी इस सेवा से जनता उकता चुकी है।

इन एंबुलेंस में घायल व बीमार मरीजों की जान बचाने के लिए रखी गई दवाइयां अवधिपार हो चुकी हैं। ऐसे में इन दवाइयों का उपयोग करना लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। इतना ही नहीं, वर्तमान में इन गाड़ियों पर लगाए इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियनों को भी आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। इतना कुछ होने के बावजूद सरकार व संबंधित विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

जांच करवाएंगे

आपातकालीन सेवाएं देने वाली 108 एंबुलेंस में अवधिपार दवाइयां रखना निश्चित रूप से गंभीर बात है। एंबुलेंस में दवाइयां उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी जिगित्सा हैल्थकेयर की है। इसकी तत्काल जांच करवाई जाएगी तथा जरूरत पड़ी तो कंपनी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. एमआर परमार, ज्वाइंट डायरेक्टर, चिकित्सा विभाग

आकार लेने लगी है जनाना विंग

जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मथुरादास माथुर अस्पताल में 29 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला जनाना एवं शिशु विंग का भवन आकार लेने लगा है। भवन का निर्माण हैरिटेज शैली में पीडब्ल्यूडी कर रहा है।

यह दो मंजिला बनेगा। करीब 250 पलंगों वाले जनाना विंग के भवन का निर्माण एमडीएम में 2 लाख 32 हजार 750 वर्ग फीट में किया जाना तय है। पीडब्ल्यूडी को इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार से एक करोड़ की राशि मिली है। इस राशि से उपयोग से 10 हजार वर्ग फीट में शिशुरोग विभाग की ओपीडी का निर्माण शुरू करवाया गया है। अधिकारियों के अनुसार जनाना विंग का निर्माण तीन साल में होने की संभावना है।

कैसा होगा स्वरूप

भूतल पर: पीडब्ल्यूडी ने प्रोजेक्ट में जनाना विंग के भूतल तल पर गाइनी व पीकेट्रीक ओपीडी, दोनों विभागों के 20-20 पलंगों के वार्ड, आईसीयू, न्यूबोन सेफ्टिक नर्सरी,लेबर व डिलेवरी रूम, ओटी, लैब, इमरेजेंसी माइनर व एएनएल क्लिनिक का निर्माण करवाएगा।

प्रथम मंजिल पर: गाइनी व शिशुरोग विभाग के मरीजों के लिए कोटेज वार्ड के निर्माण करवाए जाएंगे। प्रथम मंजिल पर दोनों विभागों के ऑपरेशन थियेटर का निर्माण करवाया जाएगा। अस्पताल के नए भवन में भूतल से प्रथम मंजिल तक जाने के लिए पांच स्थानों पर लिफ्ट लगाने का प्रावधान भी रखा गया है।

इन्द्रदेव को रिझाने मेढ़क-मेढ़की का विवाह

जोधपुर. मारवाड़ में बादलों की बेरुखी के चलते लोगों की आंखें आकाश की तरफ उठने लगी हैं। मौसम वैज्ञानिकों का आकलन और उपग्रहों से मिलने वाली जानकारी के आधार पर की जाने वाली भविष्यवाणियां और पूर्वानुमान भी सटीक नहीं उतर रहे।

ऐसे में इंद्रदेव को रिझाने के लिए लोगों ने सामूहिक प्रार्थनाओं, दुआओं के साथ टोने-टोटकों को भी आजमाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में 19 जुलाई को जोधपुर शहर में मेढ़क-मेढ़की का विवाह रचाया जाएगा। ताकि इन्द्रदेव राजी हों और जमकर लोगों पर अपनी कृपा बारिश के रूप में बरसाएं।

मारवाड़ में बारिश की कामना के लिए इन्द्रदेव को रिझाने का यह पहला मौका नहीं है। करीब तीन साल पहले 20 जून 2007 को डूंगरिया महादेव मंदिर में मेढ़क-मेढ़की का विवाह रचाया गया था। इसके आयोजक जायन्ट्स सहेली ग्रुप का दावा है कि इस विवाह की वजह से ही उस साल क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई।

ग्रुप की अध्यक्ष रेखा परिहार ने बताया कि इस बार अलायन्स क्लब ऑफ जोधाणा सहेली, जायन्ट्स ग्रुप ऑफ जोधाणा सहेली एवं अलायन्स क्लब ऑफ जोधाणा के संयुक्त तत्वावधान में 19 जुलाई को सुबह दस बज गीता भवन के चक्रधारी मंदिर में यह अनुष्ठान होगा।

इंद्रदेव को मनाने का दौर जारी

शहर सहित जिलेभर में इंद्रदेव को मनाने के लिए पूजा-पाठ, यज्ञ हवन हो रहे हैं। हर कोई चाहता है कि इंद्रदेव मेहरबान हो बरखा बरसे, ताकि गर्मी से राहत मिले और खुशहाली आए।

क्यों होता है विवाह?

पौराणिक मान्यता रही है कि मेढ़क-मेढ़की की शादी रचाने का टोटका किया जाए। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि मेढ़क थोड़ी ही बारिश में ही टर्र-टर्र करने लगता है। मेढ़क पानी में और पानी के बाहर भी रह सकता है। जोधपुर में होने वाले इस आयोजन में मेढ़क और मेढ़की की शादी करवाने के बाद उन्हें पानी में छोड़ा जाएगा।

चुनाव में ईवीएम से मतदान!

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में ईवीएम से मतदान करवाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जेएनवीयू के कुलपति प्रो. नवीन माथुर ने जिला कलेक्टर नवीन महाजन को छात्रसंघ चुनाव के लिए ईवीएम मशीन उपलब्ध करवाने के लिए पत्र भेजा है।

छात्रसंघ चुनाव की घोषणा के बाद अब राज्य सरकार ने इसका कार्यक्रम भी तय कर दिया है। इसके तहत 25 अगस्त को दोपहर एक बजे तक मतदान होगा। मतगणना भी इसी दिन करवानी होगी। छात्रसंघ प्रतिनिधियों को इसी दिन शपथ भी ग्रहण करवानी होगी। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुलपति प्रो. नवीन माथुर ने शीर्ष 4 पदाधिकारियों के चुनाव ईवीएम से करवाने की मंशा बनाई है। इसके लिए कुलपति ने जिला कलेक्टर को पत्र भेज कर ईवीएम उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है। यदि जिला प्रशासन की सहमति मिल गई तो इस बार ईवीएम से चुनाव करवाए जाएंगे।

एक स्टूडेंट और 7 वोट

चुनाव कमेटी की बैठक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. जीसी टिक्कीवाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई। इसमें तय हुआ कि छात्र संघ अध्यक्ष सहित सभी पदों पर चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से होंगे। राज्य सरकार के आदेशानुसार एक स्टूडेंट को सात पदाधिकारियों के चुनाव के लिए 7 मत देने का अधिकार मिलेगा। शीर्ष पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव के अलावा विश्वविद्यालय के संकाय के उपाध्यक्ष व सचिव के 6 पदों पर हर स्टूडेंट पूर्व की भांति मतदान करेगा। नई व्यवस्था के तहत स्टूडेंट अपने कक्षा प्रतिनिधि के लिए भी मतदान करेगा।