Friday, July 16, 2010

जोधपुर की उम्मीदों को लगे पंख

जोधपुर. नगर निगम के बजट में की गई घोषणाओं को पंख लगने लगे हैं। स्टेट लेवल की कमेटी ने कालीबेरी की योजना के साथ सीवरेज फार्म पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन की इजाजत दे दी है। अब कालीबेरी की 2 सौ बीघा जमीन पर आवासीय कॉलोनी काटने, 3 सौ बीघा जमीन पर पत्थर हस्तशिल्प बाजार विकसित करने के साथ सीवरेज फार्म हाउस की 267 बीघा जमीन पर गोल्फ कोर्स का सपना साकार हो सकेगा।

सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा तो निगम को इस वित्तीय वर्ष में 50 से 100 करोड़ की आय का अनुमान है। प्रमुख शासन सचिव जीएस संधु की अध्यक्षता वाली स्टेट लेवल की कमेटी की बैठक में मुख्य नगर नियोजक, स्थानीय निकाय विभाग निदेशक व जोधपुर नगर निगम की ओर से आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा शामिल थे। महापौर रामेश्वर दाधीच ने दो दिन पूर्व ही इन योजनाओं को सीनियर टाउन प्लानर से स्वीकृत करवाकर अनुमोदन के लिए भेजा था। महापौर के आदेश पर आयुक्त मीणा, अभियंता विनोद व्यास व प्रवीण गहलोत जयपुर गए थे।

5 सौ लोगों को मिलेगी छत : ग्राम बाघा के खसरा नंबर 415/9 की 200 बीघा जमीन पर भू-उपयोग परिवर्तन की इजाजत के बाद यहां आवासीय योजना साकार होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। रिंग रोड से लगती इस जमीन पर बसाई जाने वाली इस आवासीय योजना में करीब 5 सौ भूखंड काटे जा सकेंगे। इसके साथ कुछ भूखंड क्लब हाउस, खेल मैदान और कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। निगम इसको तय सीमा में लांच कर देता है तो मोटी कमाई होने की उम्मीद है। पहले चरण में 50 से 60 करोड़ की आय का अनुमान है। कालीबेरी की यह जमीन राजस्व रिकॉॅर्ड में निगम के नाम दर्ज है।

बजट की घोषणाओं पर काम शुरू

सोलर सिटी व आदर्श सड़क के बाद कुछ दिन पहले ही महापौर ने ग्रीन सिटी विकसित करने के लिए वायुसेना से हेलीकाप्टर मांगा था। उनकी मंशा है कि हेलीकाप्टर से शहर की पहाड़ियों पर बीज गिराए जाएं ताकि सघन हरियाली विकसित की जा सके। निगम ने सिद्धनाथ की पहाड़ियों में रोप-वे लगाने, शास्त्री सर्किल पर बाल रेल का संचालन व जायजा बाजार विकसित करने पर भी काम शुरू कर दिया है।

जोधपुर पत्थर हस्तशिल्प बाजार बनेगा

इसी खसरे की 300 बीघा जमीन पर जोधपुर हस्तशिल्प बाजार बनेगा। इससे सेंड स्टोन की चमक को सात समंदर पार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। निर्यातक एक ही जगह पर सेंड की विशेषताओं को परख सकेंगे।

साकार होगा गोल्फ कोर्स का सपना

ग्राम विनायकिया व भीचड़ली की कुल 267.31 बीघा जमीन पर गोल्फ कोर्स विकसित होगा। वायुसेना क्षेत्र नजदीक होने से यहां व्यावसायिक योजना नहीं काटे जाने के कारण निगम इसे गोल्फ कोर्स के रूप में विकसित कर उसे बड़ी निजी कंपनी को वार्षिक लीज पर किराए पर उपलब्ध करवाएगा। इससे निगम को बड़ी आय होगी।

फिर उड़ाए सोती हुई महिलाओं के आभूषण

जोधपुर. घरों में सो रही महिलाओं के आभूषण चोरी करने वाले गिरोह ने एक बार फिर शहरवासियों के साथ-साथ पुलिस की नींद उड़ा दी है। बासनी थाना क्षेत्र में बुधवार आधी रात के बाद दो घरों में सो रही महिलाओं के पहने स्वर्णाभूषण उड़ा लिए गए। पुलिस ने बताया कि सांगरिया फांटा निवासी गोकुलराम (58) पुत्र घेवरराम ने रिपोर्ट देकर बताया कि बुधवार रात वह परिवार सहित घर में सो रहा था।

रात करीब दो से तीन बजे के बीच अज्ञात शख्स उसकी पत्नी के सिर पर बंधा आधा तोला सोने का बोर तोड़कर ले गया। इसी तरह, उसके पड़ौस में रहने वाले हीराराम पुत्र मोतीराम की पुत्रवधु के साथ भी ऐसी ही वारदात हुई। चोर उसके गले में पहना मंगलसूत्र तथा कानों में पहने टोप्स ले उड़े। एक ही रात में दो महिलाओं के आभूषण चुराकर ले जाने की घटना के बाद क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त हो गया।

अब तक अनसुलझी वारदातें

17 अप्रैल: विश्नोईयों की ढाणी, कुड़ी हौद निवासी भागीरथ विश्नोई की मां सुरजीदेवी के नाक में पहना सोने का भंवरिया व कंठी तोड़कर जख्मी कर दिया और भाग गए। यहां से भागे तीनों आरोपी रामनगर में रहने वाले बंशीलाल घर पहुंचे और उसकी पत्नी चंपादेवी के कानों में पहनी सोने की टोटी व सिर पर बंधा बोर तोड़कर ले भागे। 25 जून: प्रताप नगर थाना क्षेत्र निवासी ओमप्रकाश की पत्नी के गले में पहनी कंठी व बोर इसी तरह चुरा लिए गए।

108 सेवा पूरी तरह लड़खड़ाई

जोधपुर. प्रदेश में जब से कांग्रेस के एक बड़े नेता व केंद्रीय मंत्री के पुत्र की कंपनी जिगित्सा हैल्थकेयर लिमिटेड ने आपातकालीन सेवा 108 का जिम्मा संभाला है, तब से यह सेवा पूरी तरह लड़खड़ा गई है। ज्यादातर कॉल्स पर एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

आमजन की ओर से लगातार शिकायत किए जाने के बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। जोधपुर संभाग में चल रही 29 एंबुलेंस में से आधी गाड़ियों का नियमित संचालन नहीं हो पा रहा है, वहीं करीब आधा दर्जन एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्णा से संबद्ध कंपनी जिगित्सा हैल्थकेयर ने गत 30 जून की मध्यरात्रि के बाद 108 की सेवाओं का जिम्मा संभाला था। तभी से यह सेवा लगातार बद से बदतर होती चली गई।

इसका ताजा उदाहरण गुरुवार शाम को जयपुर के मालवीय नगर में देखने को मिला, जब एक हादसे के एक घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची। तब तक घायल की मौत हो चुकी थी। गुस्साई भीड़ ने वहां जमकर तोड़फोड़ की। एक उदाहरण बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे में पिछले सप्ताह सामने आया, जब आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण लिए बगैर वाहन चलाने वाला पायलट गाड़ी को काबू में नहीं रख सका और एंबुलेंस पलटने से ईएमटी व पायलट दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

क्षतिग्रस्त एंबुलेंस को ठीक करने के लिए जयपुर भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि 108 सेवा का जिम्मा संभालने से करीब दो-तीन माह पहले जिगित्सा तथा राज्य सरकार के बीच करार हुआ था। इतना समय मिलने के बावजूद अब तक कई एंबुलेंस पर ईएमटी तो कहीं पर पायलट नियुक्त नहीं है। जानकारों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते स्थानीय चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी भी इस निजी कंपनी के इशारों पर काम कर रहे हैं।

कुछ नहीं कह सकता...

मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता, आप किसी अन्य अधिकारी से बात करें। मैं कोलकाता में हूं, बाद में बात करूंगा। - सुमित बासु, स्टेट ऑपरेशन हैड

कहां है गड़बड़झाला

पूर्व में सेवाएं देने वाली कंपनी ईएमआरआई के साथ किए गए करार के अनुसार 25 फीसदी एंबुलेंस आधुनिक उपकरणों (एएलएस) से तथा 75 फीसदी एंबुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) से सुसज्जित होनी आवश्यक है, लेकिन नई प्रक्रिया में कंपनी को इस बंधन से मुक्त करते हुए सभी एंबुलेंस को बीएलएस श्रेणी में कर दिया गया। पूर्व सेवा प्रदाता कंपनी के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को नई कंपनी में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त करने की लिखित सहमति के बावजूद सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

इसके चलते 108 की सेवाएं चरमरा गई, लेकिन सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप तक नहीं कर रही है। नई कंपनी की ओर से कर्मचारियों की नियुक्ति का ठेका सबलेट किया जा रहा है, जो पूर्ण रूप से नियमविरुद्ध है। जिगित्सा हैल्थकेयर की ओर से जिन दो कंपनियों को कर्मचारी नियुक्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, वे कंपनियां नियुक्ति के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं कर रही है। यही वजह है कि अधिकांश एंबुलेंस पर लगाए गए कर्मचारियों को आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया है और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा रहा है।

निविदा शर्तो के अनुसार नई कंपनी पर सेवाओं का जिम्मा संभालने के पहले ही दिन से सेवाओं को बाधित नहीं होने देने की बाध्यता रहेगी। इसके अंतर्गत कोई भी इमरजेंसी कॉल नहीं छूटनी चाहिए तथा सभी सेवाएं सुचारू रूप से चलनी चाहिए। लेकिन नई कंपनी ने 15 दिन पहले सेवा अपने हाथ में ली और एक भी दिन पूर्ण रूप से सेवाएं संचालित नहीं हो पाई। सेवा नियमों के अनुसार सेवाएं बाधित होने व सही संचालन नहीं होने की स्थिति में सरकार की ओर से सेवा प्रदाता कंपनी को 15 दिन का नोटिस दिया जाना भी प्रस्तावित है, लेकिन अब तक सरकार ने नई कंपनी को नोटिस भेजने की तैयारी तक नहीं की है।

जेडीए का तंबू उखाड़ा, टेबल-कुर्सियां फेंकी

जोधपुर. मेडिकल कॉलेज के सामने रेलवे डीएस कॉलोनी के पीछे वाले गेट पर लगे पीपल के पेड़ को काटने का प्रयास जेडीए को भारी पड़ गया। इसके विरोध में गुरुवार को भाजपा-शिवसेना कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। जेडीए के पीपल काटने की जिद पर अड़े रहने पर शिव सेना व भाजपा कार्यकर्ताओं ने दुकानों की नीलामी कार्यक्रम के लिए लगाया तंबू उखाड़ दिया और टेबल-कुर्सियां भी फेंक दी।

उन्होंने मौके पर पहुंचे एएसपी मनीष अग्रवाल के साथ धक्का-मुक्की करते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई और रास्ता जाम कर प्रदर्शन भी किया। जेडीए मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित नाले पर दुकानों की नीलामी की कवायद में जुटा हुआ है। उसने नीलामी के लिए बुधवार को मेडिकल कॉलेज के बाहर तंबू लगाया था। जेडीए द्वारा दुकानों के निर्माण में आड़े आ रहे पीपल को काटने की भनक स्थानीय लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं को लग गई। विरोध के चलते जेडीए ने बुधवार को तो पीपल काटने का मानस छोड़ दिया, लेकिन गुरुवार को एक बार फिर पीपल काटना चाहा।

सूचना मिलते ही शहर विधायक कैलाश भंसाली सहित भाजपा के कई कार्यकर्ता एकत्रित हो गए। इसके बाद शिव सैनिक भी आ गए। विरोध बढ़ने के बावजूद जेडीए ने पीपल काटने की जिद नहीं छोड़ी तो शिव सेना व भाजपा कार्यकर्ता उखड़ गए। उन्होंने मौके पर नीलामी के लिए लगाया तंबू उखाड़ दिया और टेबल-कुर्सियां फेंक दी। मौके पर पहुंचे एएसपी मनीष अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं को टोका तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की की। बाद में शास्त्रीनगर थानाधिकारी नरेंद्र शर्मा व सरदारपुरा सीआई राजवीरसिंह मौके पर पहुंचे और समझाइश की कोशिश की। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने जेडीए की हठधर्मिता के खिलाफ रास्ता जाम कर प्रदर्शन भी किया।

निगम की जमीन पर अतिक्रमण

शहर विधायक ने आरोप लगाया कि जेडीए अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर काम कर रहा है। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने जब नदी, नाले व बहाव वाले क्षेत्र को नगर निगम की संपत्ति माना है तो जेडीए इन दुकानों की नीलामी क्यों कर रहा है। मेडिकल कॉलेज के सामने यातायात की समस्या पहले ही गंभीर हो चुकी है, ऐसे में दुकानों के प्रथम तल पर व्यावसायकि निर्माण करवाना अनुचित है।

सौर ऊर्जा संयंत्रों को रियायती दर पर मिलेगी जमीन

जोधपुर. जोधपुर व जैसलमेर जिले में लगने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए राज्य सरकार कृषि भूमि की डीएलसी दरों की दस प्रतिशत कीमत पर जमीन आबंटित करेगी। उद्योग विभाग ऐसी जमीन का रूपांतरण भी कृषि दर पर करेगा। जयपुर में बुधवार को सोलर पॉवर प्लांट की जमीन को लेकर हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।

जोधपुर जिले में करीब सवा सौ और जैसलमेर जिले में पचास सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए निवेशकों ने आवेदन कर रखा है, लेकिन जोधपुर कलेक्टर ने राजस्व मंत्री को पत्र भेजकर राय मांगी थी कि सौर ऊर्जा संयंत्रों के उद्योग की श्रेणी में होने की वजह से क्या जमीन की कीमत डीएलसी, व्यावसायिक या औद्योगिक दर से वसूली जाए। इसका पता चलने पर निवेशकों ने राज्य में निवेश से हाथ खींचने के संकेत दिए थे।

इस पर पिछले सप्ताह निवेशकों के साथ बैठक कर जमीन दर का विवाद सुलझाने का निर्णय लिया गया था। इसी कड़ी में बुधवार को जयपुर में बैठक हुई। इसमें राजस्व मंत्री के अलावा राजस्व, उद्योग व ऊर्जा विभाग के अधिकारी, अक्षय ऊर्जा निगम के सीएमडी आदि मौजूद थे। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि सौर उर्जा संयंत्रों को डीएलसी की दस प्रतिशत दर से जमीन आवंटित की जाएगी। बैठक के मिनट्स के आधार पर जमीन की दर के बारे में एक अधिसूचना जारी होगी।

ड्राफ्ट पॉलिसी के सुझाव पर होगा मंथन

जमीन आबंटन के बाद उद्योग विभाग भी कृषि दर के हिसाब से ही भूमि रूपातंरण शुल्क वसूल करेगा। अक्षय उर्जा निगम ने सोलर एनर्जी की ड्राफ्ट पॉलिसी वेबसाइट पर जारी कर सुझाव मांगे थे। अब उन सुझावों पर विचार-विमर्श कर ड्राफ्ट पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाएगा। पॉलिसी की घोषणा के बाद निवेशकों के साथ बिजली खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया जाएगा।

इतनी जमीन की जरूरत

एक मेगावाट क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट के लिए ढाई हैक्टेयर यानि बारह बीघा जमीन की जरूरत रहती है। जैसलमेर व जोधपुर में करीब छह हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए एक से पांच मेगावाट के पौने दो सौ पावर प्लांट लगने वाले हैं। इनके लिए जोधपुर व जैसलमेर में करीब 18 हजार हैक्टेयर जमीन आबंटित की जाएगी।