Sunday, July 25, 2010

एक बारिश से ही बेहाल हुआ शहर, दो दर्जन इलाकों में भरा पानी

जोधपुर. खूब इंतजार करवाने के बाद शनिवार को फिर इंद्रदेव ने सूर्यनगरी को पानी से सराबोर कर दिया। करीब दो घंटे तक एक सी गति से बादलों ने 31.5 मिलीमीटर पानी बरसाया। इसके बाद भी बारिश का दौर रिमझिम करके देर रात तक चलता रहा।

लगातार दूसरे दिन भी बादलों ने जो राहत बरसाई उससे शहर में कई तरह की परेशानियां भी खड़ी हो गई। प्रशासन की ओर से बारिश पूर्व की गई आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खुल गई। मूसलाधार बारिश के दौरान करीब दो दर्जन इलाकों में पानी भर गया। देर रात तक पानी नहीं उतरा। कुछ स्थानों पर पानी में फंसे वाहन निकालने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ गई। बारिश के कारण कई इलाकों में दीवारें ढह गई। सांगरिया के समीप स्थित सारणों की ढाणी में 11 केवी की लाइन टूट गई, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ।

आधा दर्जन स्थानों पर बिजली के पोल भरभरा कर गिर गए। शोभावतों की ढाणी इलाके में जमीन में गड्ढा हो गया जिससे लोग भयभीत हो गए। शहर के लगभग सभी बरसाती नाले व नहरें ओवर फ्लो हो गए और पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया। शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम के कारण कई इलाके तालाब बन गए।

मूसलाधार बारिश के कारण मुख्य सड़कों पर पानी तेज बहाव से बहने लगा। कई प्रमुख सड़कों व चौराहों पर जाम लग गया। गुरों का तालाब क्षेत्र में आने वाला नाला बारिश में अवरुद्ध हो गया। यह पानी हुडको क्वाटर्स व आसपास की बस्ती में घुस गया। लोगों ने पानी निकासी के लिए दीवार ही तोड़ डाली। इसी तरह, आरपीटीसी के सामने भैरूसिंह हवेली के पचास घरों में भी पानी भर गया।

पाबूपुरा में पानी ही पानी, लोग भड़के

एयरपोर्ट के पास स्थित पाबूपुरा बस्ती में पानी की निकासी की राह न होने से घरों में चार-चार फीट तक पानी भर गया था। क्षेत्रीय पार्षद लक्ष्मण नायक ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पानी निकासी की 1000 फीट जगह पर दीवार बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। आक्रोशित लोगों ने वहां प्रदर्शन किया। इस पर पुलिस व जेडीए तथा निगम के अधिकारी वहां पहुंचे। बाद में बुलडोजर से दीवार को तोड़कर पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया गया।

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