Wednesday, July 21, 2010

छात्राओं के अपहर्ता शिक्षक को सजा

जोधपुर. दो नाबालिग बहनों को बहला फुसलाकर उनका अपहरण करने वाले एक शिक्षक को फास्ट ट्रेक कोर्ट ने तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश रेखा शर्मा ने बीजेएस गजसिंह कॉलोनी निवासी अध्यापक शक्तिसिंह पुत्र भगवतसिंह को अपनी दो छात्राओं को बहला फुसलाकर अपहरण करने का दोषी ठहराया।

कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपी नाबालिग छात्राओं का अध्यापक था। इस नाते उसका दायित्व माता-पिता के समान ही बढ़ जाता है। वह गुरु होते हुए भी अपनी शिष्याओं को उनके माता-पिता की अनुमति बिना अपने साथ ले गया। आरोपी शिक्षक की ओर से तर्क दिया गया कि वह नवयुवक है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसलिए नरमी का रुख अपनाया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उसे तीन साल के कारावास व पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

एक वायु सैनिक की दोनों पुत्रियों, जिनकी उम्र 11 व 14 वर्ष थीं, को आरोपी पढ़ाता था। दोनों लड़कियां 18 जून 09 को रात्रि एक बजे अपने घर से गायब हो गई। बाद में पता चला कि आरोपी उन्हें पढ़ाई व नौकरी के बहाने उड़ीसा ले गया। वहां दो माह तक अपने पास रखा। लड़कियों के पिता ने रातानाडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई ने व परिवादी की ओर से अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी ने पैरवी की।

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