Sunday, June 27, 2010

विभागों की लड़ाई में रह गई हादसों की पुलिया

जोधपुर. बासनी कृषि मंडी से रामेश्वर नगर की बीस फीट सड़क को पचास फीट चौड़ी करने का काम शुरू हुआ तो क्षेत्र में रहने वाले लोगों के चेहरे खिल उठे। लोगों ने सोचा कि सड़क चौड़ी होने से आवागमन में सुविधा तो होगी ही, साथ ही रोज-रोज होने वाली छोटी-मोटी दुर्घटनाओं से भी निजात मिलेगी।

सड़क का काम पूरा हो गया लेकिन पुलिया का काम जेडीए और पीएचईडी के बीच में फंस गया है। सड़क के साथ में डिवाइडर बनाकर रोड लाइटें भी लगवा दीं। सड़क के बीचोबीच बनी पुलिया के कारण हमेशा हादसे हो रहे हैं। रात में तेज गति से आने वाले वाहन चालक कई बार पुलिया से गिरकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। जागरुक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम ने बासनी कृषि मंडी के पास इस पुलिया का जायजा लिया तो सच्चाई सामने आई।

जिम्मेदारों से इस पुलिया के बारे में पूछा तो बोले- पुलिया की जमीन पीएचईडी की है, इस कारण परेशानी आ रही है। पीएचईडी से पत्र व्यवहार किया जा रहा है। वहां से परमिशन मिलने के बाद निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा। वहीं क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जेडीए और निगम को बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सड़क के बीच में पुलिया आने से दुर्घटनाएं हो रही हैं।

नामकरण भी हो गया

बासनी कृ षि मंडी चौराहे से रामेश्वर नगर तक बनी सड़क का नामकरण शहीद प्रदीप सिंह के नाम किया गया था। नामकरण के समय क्षेत्र के लोगों ने जिम्मेदारों के सामने पुलिया की चौड़ाई को बढ़ाने के लिए प्रार्थना-पत्र दिए थे।

जवाई नहर निकलती थी

बासनी कृषि मंडी के पास जहां पर पुलिया बनी है वहां से पुराने समय में जवाई नहर निकलती थी। यहां से जेडीए ने सड़क का काम शुरू किया। सड़क चौड़ी करने के साथ ही इसके बीच में डिवाइडर भी बना दिए। डिवाइडर बनाने से रात के समय वाहन चलाने वालों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

चालीस लाख में हुआ ठेका

रामेश्वर नगर से बासनी कृषि मंडी तक सड़क का ठेका दो साल पहले चालीस लाख रुपए में हुआ। ठेकेदार ने रामेश्वर नगर से बासनी पुलिया तक की सड़क को तो बना दिया लेकिन आगे चौराहे तक की सड़क को नहीं बनाया। ठेकेदार को तो बहाना मिल गया कि बीच में पुलिया आ गई तो आगे सड़क बनाने से क्या फायदा, ठेकेदार ने काम करके जेडीए से पैसा भी उठा लिया।

पुलिया चौड़ी नहीं करने का मिल गया बहाना

जेडीए के जिम्मेदारों के पास में पुलिया को चौड़ी नहीं करने का बहाना मिल गया। इससे जिम्मेदार लापरवाह होकर बैठ गए। अब पुलिया की चौड़ाई नहीं बढ़ाने से क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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