Wednesday, July 14, 2010

ट्रोमा सेंटर की व्यवस्थाएं सुधरेंगी

जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल प्रबंधन ने ट्रोमा सेंटर की व्यवस्थाएं सुधारने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत ट्रोमा सेंटर में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स लगाए हैं। इससे यहां कार्यरत रेजिडेंट डॉक्टर्स पर काम का दबाव कम होगा, साथ ही यहां आने वाले मरीजों को भी फायदा होगा।

मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक्स व सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स शाम व रात्रि की पारी में सेवाएं देंगे। सुबह की पारी में पूर्व की तरह ओपीडी में बैठने वाले डॉक्टर मरीजों को देखेंगे। नए डॉक्टर लगने के बाद यहां तीनों विभागों के दो-दो डॉक्टर हो गए हैं। खास बात तो यह है कि अब इन छह डॉक्टरों के एक साथ बैठने की यहां सुविधाएं नहीं हैं।

गत दिनों पाल रोड पर हुई सड़क दुर्घटना के घायलों की यहां हुई मौत के बाद यहां की अव्यवस्थाओं पर भास्कर ने समाचार प्रकाशित किया था। एक युवक के परिजनों ने व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस में रपट दर्ज करवाई थी। इस मामले को लेकर प्राचार्य ने अपने स्तर पर जांच के निर्देश भी दिए। परिजनों की नाराजगी को लेकर भास्कर ने ‘ट्रोमा सेंटर को उपचार की जरूर’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में यहां की आवश्यकताओं को उजागर किया था।

इमरजेंसी सेवाओं पर चर्चा

संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के साथ तीनों अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाओं पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान प्राचार्य ने संभागीय आयुक्त सेठी को अस्पताल की सेवाओं के विस्तार के लिए बनाए प्रस्ताव व कई योजनाओं की जानकारी दी।

मरीजों का होगा उपचार

ट्रोमा सेंटर आने वाले मरीजों को समय पर पूरा उपचार मिल सके। इसे ध्यान में रखते हुए यहां मेडिसिन, सर्जरी व ऑर्थोपेडिक विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स लगाए हैं। इससे रेजिडेंट डॉक्टर्स पर काम का बोझ भी कम होगा। - डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज

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