Thursday, August 12, 2010

‘गिरधर’ का फैसला जयपुर में

जोधपुर. नई सड़क स्थित गिरधर मंदिर की जमीन का विवाद अब राज्य सरकार ने अपने यहां तलब कर लिया है। सरकार ने इसकी सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं शासन उपसचिव को अधिकृत किया है। इसके अलावा संभाग के 16 अन्य प्रकरणों की सुनवाई भी अब जयपुर में होगी।

इन सभी मामलों की सुनवाई संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी कर रहे थे। सरकार के निर्देश के बाद ये सभी प्रकरण जयपुर भिजवा दिए गए हैं। गिरधर मंदिर सिनेमा हाल की जगह अब मॉल निर्माण का कार्य चल रहा है। विवाद यह है कि यह जमीन सिनेमा हाल संचालकों को वार्षिक रेंट पर आबंटित की गई थी, लेकिन बाद में नगर निगम ने भू-उपयोग परिवर्तन कर दिया। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई अब राज्य स्तर पर होगी।

गौरतलब है कि भू-उपयोग परिवर्तन में कथित अनियमितताओं एवं सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने संबंधी मामले में एसीबी भी अनुसंधान कर रही है। इसमें निगम के कई तत्कालीन अधिकारी घेरे में हैं। राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त कोर्ट में विचाराधीन जोधपुर नगर निगम, पाली, फलौदी, बालोतरा और जैसलमेर निकाय के 17 प्रकरण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 300 के तहत स्वायत शासन विभाग के निदेशक को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसकी पालना में सेठी ने सभी प्रकरण बीते दिनों जयपुर भिजवा दिए।

प्रकरण : जेडीए बनाम नगर निगम, जोधपुर

गिरधर मंदिर सिनेमा की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन एवं वहां मॉल निर्माण का मामला। तत्कालीन नगर सुधार न्यास ने यह भूखंड सिनेमा हाल के लिए उसके संचालकों को वार्षिक रेंट पर दिया था। 29 जनवरी, 2004 में नगर निगम ने जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव पारित कर दिया। निगम को इसका अधिकार ही नहीं था। परिवर्तन में भी निगम को करीब 97 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मालिकों ने सिनेमा हाल को तोड़कर मॉल का निर्माण शुरू कर दिया। तत्कालीन संभागीय आयुक्त संदीप वर्मा ने निर्माण पर रोक लगा थी, लेकिन प्रकरण में अभी सुनवाई जारी थी।

राज्य सरकार के निर्देश पर हमारे यहां विचारधीन 17 मामलों की पत्रावली आगे की सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व उप शासन सचिव, जयपुर को भिजवा दिए हैं। - सुदर्शन सेठी, संभागीय आयुक्त, जोधपुर

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