Thursday, July 8, 2010

बच्चे को मृत घोषित करने पर विवाद

जोधपुर. उम्मेद अस्पताल में बुधवार शाम नवजात को मृत घोषित करने के बाद परिजनों द्वारा उसे जिंदा बताने और डॉक्टर द्वारा वापस मृत घोषित करने से विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि श्मशान से लौटे परिजनों ने रेजिडेंट डॉक्टर राजेन्द्र के साथ मारपीट कर दी। उनका चश्मा तोड़ दिया। इसके चलते इमजरेंसी में हंगामा खड़ा हो गया।

हालांकि परिजन अपना गुस्सा निकालने के बाद वहां से चलते बने, लेकिन बाद में एक-एक करके पूरे अस्पताल के रेजिडेंट इमरजेंसी में एकत्र हो गए। सूचना मिलने पर आरएमओ डॉ. मोहन मकवाना अस्पताल पहुंचे। उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों से बात कर समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। बाद में डॉ. मकवाना ने विभागाध्यक्ष डॉ. बीडी गुप्ता, अधीक्षक डॉ. डीआर डाबी को इसकी सूचना दी। इधर रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन द्विवेदी उम्मेद अस्पताल पहुंचे और उन्होंने पुलिस से मारपीट करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की।

परिजनों का दावा : जिंदा था बच्चा

नवल बस्ती निवासी मनोज की पत्नी नेहा को प्रसव के लिए उम्मेद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। नवजात जन्म से कमजोर होने से उसे नर्सरी में रखा गया। बुधवार शाम उसकी तबीयत बिगड़ी और करीब साढ़े सात बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजन नवजात का शव लेकर श्मशान चले गए।

परिजनों के दावे के अनुसार नवजात के शरीर में गर्मी व धड़कन महसूस हुई थी। इस पर वे करीब नौ बजे दुबारा उम्मेद अस्पताल पहुंचे। यहां आपातकालीन इकाई में जांच कर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे परिजन भड़क उठे और डॉ. राजेन्द्र के साथ हाथापाई कर दी। मामले की सूचना मिलने पर खाण्डा फलसा थाना पुलिस रात करीब दस बजे अस्पताल पहुंची। पुलिस ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को परिजनों को बुलाकर पहचान कराने का भरोसा दिलाया, लेकिन देर रात तक गतिरोध बना रहा।

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