Sunday, August 15, 2010

हमारी आईआईटी में फर्नीचर घोटाला

जोधपुर. सूर्यनगरी में इसी सत्र से शिफ्ट हुई आईआईटी राजस्थान में हॉस्टल व अकादमिक भवन के लिए फर्नीचर खरीद में गड़बड़ी हुई है।

कुछ आइटम की न्यूनतम दरों को दरकिनार कर उससे अधिक कीमत पर माल खरीद लिया गया। इससे संस्थान को करीब तीन लाख रुपए का नुकसान हुआ। पूरा ऑर्डर केवल दो फर्मो को दे दिया गया। टेंडर की कई अन्य शर्तो का भी उल्लंघन हुआ है। आईआईटी हॉस्टल व अकादमिक भवन के लिए पलंग, विभिन्न तरह की टेबल-कुर्सियां व अन्य फर्नीचर खरीदने के लिए हर आइटम की ऑफर प्राइस अलग से मांगी गई थी, ताकि प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त हो सके।

नौ जुलाई को टेंडर खुले तो कुछ आइटम की खरीद का ऑर्डर न्यूनतम दरें कोट करने वाली फर्म की बजाय उन फर्मो को दे दिया गया जिनकी दरें ज्यादा थीं। इन फर्मो ने 31 जुलाई तक फर्नीचर सप्लाई की और किस्तों में भुगतान उठा लिया। टेंडर में यह कहीं नहीं लिखा गया कि अनुमानित कुल कितनी कीमत का फर्नीचर सप्लाई किया जाना है। यह जरूर बताया गया कि अमानत राशि के तौर पर 50 हजार रुपए जमा करवाने हैं।

कहां हुई अनियमितता

आईआईटी में चार तरह के फर्नीचर की खरीद में न्यूनतम दरों की शर्त का उल्लंघन किया गया है। इनमें टू सीटर व थ्री सीटर राइटिंग डेस्क और स्टडी टेबल टाइप ए (600 गुणा 1200 एमएम) व स्टडी टेबल टाइप बी (525 गुणा 1050 एमएम) शामिल हैं।

इन चारों के लिए न्यूनतम दर जयपुर की फर्म खंडेलवाल एंटरप्राइजेज ने कोट की थी, लेकिन आपूर्ति का ठेका जोधपुर की दो फर्मो बसंत हैंडीक्राफ्ट्स व चंद्रा सेल्स को मिला। अन्य फर्नीचर की सप्लाई का ऑर्डर भी केवल इन दोनों फर्मो को ही मिला है। दिल्ली की तीन फर्मो विप्रो, इरबो व डिलाइट ने भी टेंडर भरे थे। खंडेलवाल एंटरप्राइजेज के संचालक ने खरीद में अनियमितता की शिकायत आईआईटी राजस्थान के निदेशक से की है।

‘ओवरऑल कम रेट भरने वालों को ऑर्डर दिया है’

टेंडर में हर आइटम के लिए अलग से दर मांगी गई थी, लेकिन हमने ओवरऑल कम रेट भरने वाली फर्मो को ही ऑर्डर दिया है। दूसरा, हमारे पास समय कम था और नया सत्र शुरू होने वाला था। अलग-अलग फर्मो से फर्नीचर मंगवाते तो समय लग जाता। हमारी मंशा लोकल फर्म को बिजनेस देने की भी थी। इसमें अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है। - प्रो. नीरज गुप्ता, समन्वयक परचेज कमेटी, आईआईटी राजस्थान

हर आइटम की अलग से दर मांगी थी, लेकिन टेंडर ओवरऑल दर के हिसाब से दिया गया है। हमारी फर्म इसमें खरी उतरी। टेंडर भरने से पहले जो शर्ते रखी गई थी, वे हम पूरी करते हैं। बाकी जवाब तो आईआईटी के लोग ही दे सकते हैं। - जितेंद्र कच्छवाह, संचालक चंद्रा सेल्स कॉपरेरेशन

न्यूनतम दर होने के कारण ही हमें ऑर्डर मिला है। जहां तक अनुभव की बात है, हमने कई संस्थानों में ऑर्डर पूरे करने के प्रमाण-पत्र लगाए हैं। - नरेंद्र बोहरा, सेल्स हैड, बसंत हैंडीक्राफ्ट

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