जोधपुर जिले के शिकार निषिद्ध क्षेत्रों में चिंकारा और काले हिरणों की संख्या एक ही साल में एक हजार बढ़ गई है। गत माह हुई वन्यजीव गणना में खुलासा हुआ है कि देचू ठाडिया, जांबा, लोहावट,धवा, गुड़ा विश्नोइयां व साथिन में पिछले साल के मुकाबले चिंकारा और काले हिरणों की संख्या बढ़ गई है। वन विभाग ने अब तक गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है।
राज्य सरकार के निर्देश पर वन विभाग के वन्यजीव प्रभाग ने वाटर प्वाइंट के आधार पर वन्यजीव बाहुल्य इलाकों और माचिया सफारी पार्क में स्वच्छंद विचरण करने वाले वन्यजीवों की गणना की थी। गणना के आंकड़ों के अनुसार इस समय जिले के इन शिकार निषिद्ध क्षेत्रों में 4463 चिंकारा और 1197 काले हिरण हैं, जबकि पिछले साल चिंकारा की संख्या 3489 व काले हिरणों की संख्या 1126 थी।
माचिया में इतने वन्यजीव
बॉयलोजिकल पार्क के रूप में विकसित किए जाने वाले माचिया पार्क में भी स्वच्छंद विचरण करने वाले वन्यजीवों की गणना की गई। यहां 41 रोजड़े, 52 खरगोश, 60 तीतर, 20 मोर, 115 जंगली सूअर, 58 टिटहरी, 25 बटेर, 11 सियार, 10 नेवले, 11 सेही की गणना की गई। इसके अलावा 4 सफेद गिद्ध, 100 सफेद बगुले, 2 पाटागोह, 183 जलकोए और विभिन्न वाटर बर्डस देखे गए।
खरगोश व सांप भी दिखे
वन्यजीव गणना के दौरान रोजड़ा, मोर, टिटहरी, तीतर, बटेर, रेगिस्तानी लोमड़ी, ईगल, जंगली सूअर, नेवला, सियार, सेही, स्पून बिल, कछुआ, भेड़िया, सफेद गिद्ध, सफेद बगुला, झाऊ चूहा, सांडा, पाटागोह, जलकोआ, कैटल ईग्रेट, बाज, वाटर बर्डस सहित खरगोश व काले सांप भी देखे गए। गणना रिपोर्ट के मुताबिक इन क्षेत्रों में 2921 मोर, 701 रोजड़े, 115 जंगली सूअर, 186 खरगोश, 584 तीतर, 96 सियार, 24 रेगिस्तानी लोमड़ी और एक भेड़िया पाया गया। पूरे जिले में विभिन्न प्रजातियों के कुल 10,820 वन्यप्राणी दर्ज किए गए।
शिकार की घटनाओं में आई कमी
विशेषज्ञों के अनुसार सलमान खान पर हिरण शिकार का मुकदमा शुरू होने के बाद से शिकार की घटनाओं में काफी कमी आई। जनवरी 2009 से 11 जून 2010 तक, यानि 18 महीनों में 13 हिरणों के शिकार के मामले दर्ज हुए। इसके अलावा विश्नोई समाज और अन्य जाति विशेष के लोग वन्यजीवों की रक्षा करने में आगे आ रहे हैं। पानी की तलाश में इधर-उधर विचरण करने के दौरान अगर कोई वन्यजीव सड़क दुर्घटना में घायल हो जाता है, तो ग्रामीण उसे उठाकर सीधे जंतुआलय के पशु चिकित्सालय में ले आते हैं। इनका उपचार करने के बाद इन्हें पुन: छोड़ दिया जाता है।
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Saturday, June 12, 2010
काफिले के साथ पहुंचा शामियाना
जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफिले के साथ साथ सर्किट हाउस में घुसी शामियाना व टेंट का सामान लदी जीप ने प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की सांसे अटका दी।
मुख्यमंत्री के गृह नगर प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में आगंतुकों को धूप से बचाने के लिए कुर्सियां व शामियाना लगाया जाना था। आमतौर पर यह व्यवस्था यात्रा प्रवास की पूर्व संध्या पर ही हो जाती है, लेकिन शुक्रवार सुबह दो जीपों में टेंट का सामान और मुख्यमंत्री का काफिला सर्किट हाउस में साथ साथ घुसे। पहली जीप से शामियाना उतार कर फैलाया ही गया था कि मुख्यमंत्री का काफिला आ गया। ऎसे में अफसरों को भाग कर शामियाना मजदूरों को रोकना पडा। मुख्यमंत्री लगभग दस मिनट रूककर जब टाउन हाल के लिए रवाना हुए, इसके बाद कहीं जाकर शामियाना व कुर्सियां लगवाई जा सकी। इससे पहले मुख्यमंत्री धूप में ही वहां मौजूद लोगों से मिले।
हाथ-पैर फूल गए
मुख्यमंत्री के सामने ही टेंट का सामान खाली होते देख अफसरों के हाथ-पैर फूल गए। कारों का काफिला सर्किट हाउस में आने तक उन्होंने टेंट वाले को रोके रखा। इसके बाद जैसे ही टेंट वाले ने तम्बू लगाने शुरू किए, जिला कलक्टर नवीन महाजन व पुलिस अधीक्षक (शहर) महेश गोयल ने दौडकर मजदूरों को रोका। इ
मुख्यमंत्री के गृह नगर प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में आगंतुकों को धूप से बचाने के लिए कुर्सियां व शामियाना लगाया जाना था। आमतौर पर यह व्यवस्था यात्रा प्रवास की पूर्व संध्या पर ही हो जाती है, लेकिन शुक्रवार सुबह दो जीपों में टेंट का सामान और मुख्यमंत्री का काफिला सर्किट हाउस में साथ साथ घुसे। पहली जीप से शामियाना उतार कर फैलाया ही गया था कि मुख्यमंत्री का काफिला आ गया। ऎसे में अफसरों को भाग कर शामियाना मजदूरों को रोकना पडा। मुख्यमंत्री लगभग दस मिनट रूककर जब टाउन हाल के लिए रवाना हुए, इसके बाद कहीं जाकर शामियाना व कुर्सियां लगवाई जा सकी। इससे पहले मुख्यमंत्री धूप में ही वहां मौजूद लोगों से मिले।
हाथ-पैर फूल गए
मुख्यमंत्री के सामने ही टेंट का सामान खाली होते देख अफसरों के हाथ-पैर फूल गए। कारों का काफिला सर्किट हाउस में आने तक उन्होंने टेंट वाले को रोके रखा। इसके बाद जैसे ही टेंट वाले ने तम्बू लगाने शुरू किए, जिला कलक्टर नवीन महाजन व पुलिस अधीक्षक (शहर) महेश गोयल ने दौडकर मजदूरों को रोका। इ
लोगों से मिले, फरियाद सुनीं
जोधपुर। एक दिन की गृहयात्रा पर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को यहां व्यस्त कार्यक्रमों में से कुछ समय निकाल कर लोगों से मिले और उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री गहलोत करीब साढे सात घंटे जोधपुर में रहे। इस दौरान सर्किट हाउस में लोगों का जमावडा लगा रहा। गहलोत ने इनकी समस्याएं सुनने के साथ ही कुछ जरूरतमंदों को तत्काल सहायता भी मुहैया करवाई।
एक पखवाडे में दूसरी बार अपने गृहनगर आए गहलोत सुबह दस बजे एयरपोर्ट पहुंचे। यहां गणमान्य नागरिकों व कांग्रेस जनों ने उनका स्वागत किया। यहां कुछ शिक्षक संगठनों ने उनको ज्ञापन भी सौंपें। सर्किट हाउस पहुंचने के बाद गहलोत ने प्रमुख लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने संभाग के दूर-दराज की गांव ढाणियों से आए लोगों के साथ स्थानीय फरियादियों की फरियाद धैर्य व इत्मिनान के साथ सुनी और मौके पर ही जिला कलक्टर को समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यक्रमों में चले गए और करीब डेढ घंटे बाद दोपहर करीब एक बजे पुन: सर्किट हाउस आए। मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने दोपहर दो बजे से तीन बजे तक विश्राम किया और दुबारा कार्यक्रमों में भाग लेने रवाना होने से पहले जन सुनवाई की। मुख्यमंत्री सभी प्रतिनिधि मण्डलों से मिले। बाद में मुख्यमंत्री अपराह्न साढे तीन बजे विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने रवाना हुए। मुख्यमंत्री गहलोत पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता खेतसिंह राठौड के घर गए और उनसे मुलाकात की। गहलोत शाम 5.40 पर विमान से जयपुर के लिए रवाना हो गए।
एक पखवाडे में दूसरी बार अपने गृहनगर आए गहलोत सुबह दस बजे एयरपोर्ट पहुंचे। यहां गणमान्य नागरिकों व कांग्रेस जनों ने उनका स्वागत किया। यहां कुछ शिक्षक संगठनों ने उनको ज्ञापन भी सौंपें। सर्किट हाउस पहुंचने के बाद गहलोत ने प्रमुख लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने संभाग के दूर-दराज की गांव ढाणियों से आए लोगों के साथ स्थानीय फरियादियों की फरियाद धैर्य व इत्मिनान के साथ सुनी और मौके पर ही जिला कलक्टर को समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यक्रमों में चले गए और करीब डेढ घंटे बाद दोपहर करीब एक बजे पुन: सर्किट हाउस आए। मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने दोपहर दो बजे से तीन बजे तक विश्राम किया और दुबारा कार्यक्रमों में भाग लेने रवाना होने से पहले जन सुनवाई की। मुख्यमंत्री सभी प्रतिनिधि मण्डलों से मिले। बाद में मुख्यमंत्री अपराह्न साढे तीन बजे विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने रवाना हुए। मुख्यमंत्री गहलोत पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता खेतसिंह राठौड के घर गए और उनसे मुलाकात की। गहलोत शाम 5.40 पर विमान से जयपुर के लिए रवाना हो गए।
दूसरे गौत्र में शादी करने पर पीहर वाले उठा ले गए
जोधपुर. दूसरे गौत्र में प्रेम विवाह करने वाली जोधपुर जिले की पड़ासला कलां ग्राम पंचायत की ग्राम सेविका गायत्री मीणा को परिजनों द्वारा जबरन ले जाने की शिकायत उसके पति विक्रमसिंह मीणा ने दर्ज करवाई है।
मूलत: कोटपूतली (जयपुर) निवासी विक्रमसिंह के अनुसार वह गायत्री के पीहर पीपल्दा (कोटा) और उसके अन्य रिश्तेदारों तक पता कर आया, मगर उसका कोई सुराग नहीं लगा है। उसने गुरुवार को जोधपुर ग्रामीण एसपी गिरधारी लाल शर्मा से मुलाकात कर गायत्री की हत्या का अंदेशा जताया।
एसपी शर्मा ने बिलाड़ा थानाधिकारी को मामले की जांच के निर्देश दिए। शादी के बाद से ही गायत्री को घरवालों से धमकियां मिल रही थीं। इस बारे में जोधपुर ग्रामीण एसपी को शिकायत भी कर चुके हैं। गत 5 जून को ग्राम पंचायत पड़ासला कलां में गायत्री के पिता बलराम राम, मां दोली देवी और तीन चचेरे भाई बोलेरो गाड़ी में आए।
उन्होंने गायत्री को साथ चलने को कहा। उसने मना किया तो वे गायत्री को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। वह बिलाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने गया, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। वह तब से गायत्री की तलाश कर रहा है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया। उसे संदेह है कि गायत्री की उसके घरवालों ने हत्या कर दी है।
मूलत: कोटपूतली (जयपुर) निवासी विक्रमसिंह के अनुसार वह गायत्री के पीहर पीपल्दा (कोटा) और उसके अन्य रिश्तेदारों तक पता कर आया, मगर उसका कोई सुराग नहीं लगा है। उसने गुरुवार को जोधपुर ग्रामीण एसपी गिरधारी लाल शर्मा से मुलाकात कर गायत्री की हत्या का अंदेशा जताया।
एसपी शर्मा ने बिलाड़ा थानाधिकारी को मामले की जांच के निर्देश दिए। शादी के बाद से ही गायत्री को घरवालों से धमकियां मिल रही थीं। इस बारे में जोधपुर ग्रामीण एसपी को शिकायत भी कर चुके हैं। गत 5 जून को ग्राम पंचायत पड़ासला कलां में गायत्री के पिता बलराम राम, मां दोली देवी और तीन चचेरे भाई बोलेरो गाड़ी में आए।
उन्होंने गायत्री को साथ चलने को कहा। उसने मना किया तो वे गायत्री को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। वह बिलाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने गया, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। वह तब से गायत्री की तलाश कर रहा है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया। उसे संदेह है कि गायत्री की उसके घरवालों ने हत्या कर दी है।
शनि जयंती पर महायज्ञ व सहस्त्र अभिषेक
जोधपुर। शहर के चौपासनी रोड़ शनिश्चर जी थान स्थित प्राचीन मंदिर में तीन दिवसीय शनि जयंती महोत्सव शुक्रवार को शनि महायज्ञ व सहस्त्र घट अभिषेक के साथ आरंभ हुआ। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर महायज्ञ में आहुतियां दी।
शनि जयंती उत्सव का आगाज महायज्ञ के साथ हुआ। इस महायज्ञ में बैठे यजमानों ने पंडित के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ औषधियुक्त हवन सामग्री और शुद्ध की आहुति देकर शनि भगवान के जयकारे लगाए। इसके पश्चात सहस्त्र घट अभिषेक में विद्वानों ने वेद मंत्रों के साथ भगवान शनि का अभिषेक किया। इस दौरान आज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर शनि भगवान के दर्शन किए। तीन दिवसीय जयंती के दूसरे दिन शनिवार को सुबह 6.30 बजे त्रिकाल दर्शन आरती का आयोजन होगा।
शनि जयंती उत्सव का आगाज महायज्ञ के साथ हुआ। इस महायज्ञ में बैठे यजमानों ने पंडित के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ औषधियुक्त हवन सामग्री और शुद्ध की आहुति देकर शनि भगवान के जयकारे लगाए। इसके पश्चात सहस्त्र घट अभिषेक में विद्वानों ने वेद मंत्रों के साथ भगवान शनि का अभिषेक किया। इस दौरान आज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर शनि भगवान के दर्शन किए। तीन दिवसीय जयंती के दूसरे दिन शनिवार को सुबह 6.30 बजे त्रिकाल दर्शन आरती का आयोजन होगा।
झाडियों में मिला महिला श्रमिक का शव
जोधपुर। पश्चिम बंगाल से मजदूरी करने जोधपुर आई एक महिला का शव शुक्रवार दोपहर नागौर रोड पर टूंट की बाडी से आगे झाडियों में मिला। पुलिस का कहना है कि संभवत: मिर्गी का दौरा आने अथवा गर्मी से उसकी मृत्यु हुई है।
पुलिस ने बताया कि गैमन इण्डिया कम्पनी की ओर से नागौर रोड स्थित रलावास के सैन्य क्षेत्र में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए गुरूवार को प. बंगाल के मालदा जिले से 37 श्रमिक जोधपुर बुलवाए गए थे। इनमें शामिल गाजोल थानान्तर्गत कटना गांव निवासी बेला मोदी (42) पत्नी सुरेश शुक्रवार सुबह बिना किसी को बताए श्रमिक कैम्प से निकल गई। वह दिमागी रूप से कमजोर थी। अन्य श्रमिकों ने उसे ढूंढा लेकिन कोई पता नहीं चला। दोपहर करीब पौने तीन बजे टूंट की बाडी से आगे सैन्य क्षेत्र के पास झाडियों में उसका शव पडा मिला।
मृतका के मामा ने पुलिस को बताया कि बेला को मिर्गी के दौरे आते थे। संभवत: उसे मिर्गी का दौरा आया होगा। इससे उसकी मृत्यु हो गई। कम्पनी प्रबंधक गजेन्द्र की रिपोर्ट पर मण्डोर थाने में मामला दर्ज किया गया है। शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है।
पुलिस ने बताया कि गैमन इण्डिया कम्पनी की ओर से नागौर रोड स्थित रलावास के सैन्य क्षेत्र में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए गुरूवार को प. बंगाल के मालदा जिले से 37 श्रमिक जोधपुर बुलवाए गए थे। इनमें शामिल गाजोल थानान्तर्गत कटना गांव निवासी बेला मोदी (42) पत्नी सुरेश शुक्रवार सुबह बिना किसी को बताए श्रमिक कैम्प से निकल गई। वह दिमागी रूप से कमजोर थी। अन्य श्रमिकों ने उसे ढूंढा लेकिन कोई पता नहीं चला। दोपहर करीब पौने तीन बजे टूंट की बाडी से आगे सैन्य क्षेत्र के पास झाडियों में उसका शव पडा मिला।
मृतका के मामा ने पुलिस को बताया कि बेला को मिर्गी के दौरे आते थे। संभवत: उसे मिर्गी का दौरा आया होगा। इससे उसकी मृत्यु हो गई। कम्पनी प्रबंधक गजेन्द्र की रिपोर्ट पर मण्डोर थाने में मामला दर्ज किया गया है। शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है।
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