छात्र संगठनों की चुनावी रैलियों का दौर जारी
जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर रैलियों का दौर जारी है। बुधवार को भी कुछ छात्रनेताओं ने रैलियां निकाल की अपनी दावेदारी मजबूत की। बुधवार को न्यू कैंपस के सामने से सैंकड़ों दुपहिया व चार पहिया वाहनों के लवाजमे के साथ छात्रनेताओं ने रैली निकाली। छात्रनेता व उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए कई महत्वपूर्ण मार्गों से होते हुए ओल्ड कैंपस पहुंचे। वहां भी उन्होंने जम कर नारेबाजी की।
ओल्ड कैंपस में सभा
जेएनवीयू के एक छात्रनेता ने ओल्ड कैंपस में अधिकारियों से स्वीकृति लेकर एक सभा को संबोधित किया। इस छात्रनेता ने अपनी दावेदारी को साबित करने के लिए विद्यार्थियों के समक्ष अपना पक्ष रखा।
प्रोक्टर्स की बैठक शीघ्र
जेएनवीयू में छात्रसंघ चुनावों के मद्देनजर विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोक्टर्स की बैठक चीफ प्रोक्टर प्रो. एसएस शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित होगी। इस बैठक में चुनाव आचार संहिता व छात्रसंघ चुनाव से जुड़ी व्यवस्थाओं के संबंध में विचार विमर्श होगा।
निजी कॉलेजों को आग्रह पत्र
जेएनवीयू छात्रसंघ चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. देवेंद्र मोहन व अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. नरेश व्यास की ओर से निजी कॉलेजों को पत्र भेजकर छात्रसंघ चुनाव में 5-5 शिक्षक भेजने का आग्रह किया गया है। इन कॉलेजों में लाचू मेमोरियल कॉलेज, महिला पीजी महाविद्यालय, पुष्टिकर महाविद्यालय व व्यास बीएड कॉलेज को शामिल किया गया है।
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Thursday, August 12, 2010
मरीज की जान पर भारी मनमानी
जोधपुर. सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिग स्टाफ की मनमानी मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। मंगलवार को निजी ब्लड बैंक से लाया ब्लड पीलिया की एक मरीज को चढ़ाने से मना कर दिया जबकि पहले भी सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंकों से लाया गया ब्लड मरीजों को चढ़ाया जाता रहा है।
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम मौके पर पहुंची तब तक परिजन मरीज कमला चौधरी को डिस्चार्ज करवाकर निजी अस्पताल ले जा चुके थे। टीम निजी अस्पताल पहुंची तो वहां कमला को ब्लड चढ़ाया जा रहा था। ओसियां के खारी गांव की कमला चौधरी को पीलिया होने पर एमडीएम अस्पताल लाया गया था। वार्ड में डॉक्टर्स ने परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड की तीन यूनिट व्यवस्था करने की पर्ची दी। इस ग्रुप का ब्लड अस्पताल की ब्लड बैंक में नहीं था। इस पर परिजनों को अन्य जगह से ब्लड की व्यवस्था करने को कहा गया।
परिजन महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल की ब्लड बैंक पहुंचे। लेकिन वहां भी उन्हें ए नेगेटिव ब्लड नहीं होने का कहते हुए वापस भेज दिया गया। परेशान परिजन निजी क्षेत्र की ब्लड बैंक में गए और एक यूनिट ब्लड लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद डॉक्टर दिनेश सैनी से तुरंत यह ब्लड मरीज को चढ़ाने के लिए कहा। लेकिन सैनी ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें एमडीएम अस्पताल की ब्लड बैंक से वेरीफाई करवाने के लिए भेज दिया। मंगलवार अपराह्न् करीब 4 बजे ब्लड बैंक में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने निजी ब्लड बैंक से लाए ब्लड को वेरीफाई करने से ही इनकार कर दिया।
कर्मचारियों ने परेशान हो चुके परिजनों की एक नहीं सुनी। इधर मरीज की हालत खराब होती जा रही थी। परिजनों ने डॉक्टरों और नर्सिग स्टाफ से हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि मरीज को यह ब्लड चढ़ा दें लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे। इस पर चिंतित परिजन कमला को डिस्चार्ज करवाकर पावटा क्षेत्र के निजी अस्पताल ले गए। वहां वही ब्लड जांच के बाद चढ़ाया गया तब मंगलवार देर रात कमला की तबीयत में सुधार हो पाया। टीम ने तहकीकात को पता चला कि पहले भी सरकारी अस्पतालों में रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंकों से लाया ब्लड चढ़ाया जाता रहा है हालांकि जिम्मेदारों ने कहा कि यह ड्यूटी डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह मरीज को यह ब्लड चढ़ाए या नहीं।
निजी ब्लड बैंक का ब्लड लेने में परेशानी नहीं
रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंक से लाए हुए ब्लड को सरकारी अस्पताल में चढ़ाया जा सकता है। वैसे हम हमारे द्वारा लिए हुए ब्लड को ही ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। ब्लड चढ़ाने का अंतिम निर्णय संबंधित डॉक्टर का होता है। अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज की स्थिति क्रिटिकल है तो वह निजी ब्लड बैंक का ब्लड भी चढ़ाता है। निर्णय परिस्थिति के अनुसार लिया जाता है। - डॉ. एसएन चावला, इंचार्ज, पैथोलॉजी विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
कमला को सोमवार को भर्ती करवाया गया। उसको पीलिया हो गया था। मंगलवार को उनके परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड लाने के लिए कहा गया। वे निजी ब्लड बैंक से ब्लड लेकर सीधे हमारे पास आ गए। हमने उन्हें कहा कि नियमों के अनुसार ब्लड बैंक में ब्लड जमा होने व आवश्यक जांच के बाद ही मरीज को चढ़ाया जा सकता है। इसमें हम क्या कर सकते हैं? - डॉ. दिनेश सैनी, मेडिकल वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर
ड्यूटी डॉक्टर ही तय करता है
ब्लड क्यूं नहीं चढ़ाया, इसकी जानकारी भी वे ही दे पाएंगे। जहां तक होता है, हम अस्पताल में डोनेट हुए ब्लड को ही प्रिफर करते हैं। आप जिस केस की बात कर रहे हैं, उसकी जानकारी मुझे नहीं है। वैसे वार्ड में अगर किसी मरीज को ब्लड चाहिए और वह ग्रुप अस्पताल में नहीं है तो ब्लड लाने का निर्णय वार्ड में ड्यूटी दे रहे डॉक्टर को ही करना होता है। - डॉ. आशा पुरोहित, इंचार्ज, एमडीएम अस्पताल ब्लड बैंक
हम क्रॉसमैच और टेस्टेड ब्लड ही देते हैं
हमारे यहां से सरकारी ब्लड बैंक में ब्लड काफी समय से जाता रहा है और वहां पर चढ़ाया भी जाता है। हम यहां पर क्रॉसमैच और टेस्ट किया हुआ ब्लड ही देते हैं जिसे मरीज को चढ़ाया जा सकता है। - एसआर मेहता, संचालक, पारस ब्लड बैंक
हालत गंभीर हो गई थी
पत्नी की तबीयत गंभीर थी। ए नेगेटिव ब्लड के लिए तीनों अस्पतालों में भटके, लेकिन इस ग्रुप का ब्लड नहीं मिला तब एक निजी ब्लड बैंक में डोनेट करवाकर व्यवस्था की। एमडीएम अस्पताल के कर्मचारियों ने इस ब्लड को लेने से ही मना कर दिया। - मेहराम चौधरी, मरीज कमला के पति
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम मौके पर पहुंची तब तक परिजन मरीज कमला चौधरी को डिस्चार्ज करवाकर निजी अस्पताल ले जा चुके थे। टीम निजी अस्पताल पहुंची तो वहां कमला को ब्लड चढ़ाया जा रहा था। ओसियां के खारी गांव की कमला चौधरी को पीलिया होने पर एमडीएम अस्पताल लाया गया था। वार्ड में डॉक्टर्स ने परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड की तीन यूनिट व्यवस्था करने की पर्ची दी। इस ग्रुप का ब्लड अस्पताल की ब्लड बैंक में नहीं था। इस पर परिजनों को अन्य जगह से ब्लड की व्यवस्था करने को कहा गया।
परिजन महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल की ब्लड बैंक पहुंचे। लेकिन वहां भी उन्हें ए नेगेटिव ब्लड नहीं होने का कहते हुए वापस भेज दिया गया। परेशान परिजन निजी क्षेत्र की ब्लड बैंक में गए और एक यूनिट ब्लड लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद डॉक्टर दिनेश सैनी से तुरंत यह ब्लड मरीज को चढ़ाने के लिए कहा। लेकिन सैनी ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें एमडीएम अस्पताल की ब्लड बैंक से वेरीफाई करवाने के लिए भेज दिया। मंगलवार अपराह्न् करीब 4 बजे ब्लड बैंक में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने निजी ब्लड बैंक से लाए ब्लड को वेरीफाई करने से ही इनकार कर दिया।
कर्मचारियों ने परेशान हो चुके परिजनों की एक नहीं सुनी। इधर मरीज की हालत खराब होती जा रही थी। परिजनों ने डॉक्टरों और नर्सिग स्टाफ से हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि मरीज को यह ब्लड चढ़ा दें लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे। इस पर चिंतित परिजन कमला को डिस्चार्ज करवाकर पावटा क्षेत्र के निजी अस्पताल ले गए। वहां वही ब्लड जांच के बाद चढ़ाया गया तब मंगलवार देर रात कमला की तबीयत में सुधार हो पाया। टीम ने तहकीकात को पता चला कि पहले भी सरकारी अस्पतालों में रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंकों से लाया ब्लड चढ़ाया जाता रहा है हालांकि जिम्मेदारों ने कहा कि यह ड्यूटी डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह मरीज को यह ब्लड चढ़ाए या नहीं।
निजी ब्लड बैंक का ब्लड लेने में परेशानी नहीं
रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंक से लाए हुए ब्लड को सरकारी अस्पताल में चढ़ाया जा सकता है। वैसे हम हमारे द्वारा लिए हुए ब्लड को ही ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। ब्लड चढ़ाने का अंतिम निर्णय संबंधित डॉक्टर का होता है। अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज की स्थिति क्रिटिकल है तो वह निजी ब्लड बैंक का ब्लड भी चढ़ाता है। निर्णय परिस्थिति के अनुसार लिया जाता है। - डॉ. एसएन चावला, इंचार्ज, पैथोलॉजी विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
कमला को सोमवार को भर्ती करवाया गया। उसको पीलिया हो गया था। मंगलवार को उनके परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड लाने के लिए कहा गया। वे निजी ब्लड बैंक से ब्लड लेकर सीधे हमारे पास आ गए। हमने उन्हें कहा कि नियमों के अनुसार ब्लड बैंक में ब्लड जमा होने व आवश्यक जांच के बाद ही मरीज को चढ़ाया जा सकता है। इसमें हम क्या कर सकते हैं? - डॉ. दिनेश सैनी, मेडिकल वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर
ड्यूटी डॉक्टर ही तय करता है
ब्लड क्यूं नहीं चढ़ाया, इसकी जानकारी भी वे ही दे पाएंगे। जहां तक होता है, हम अस्पताल में डोनेट हुए ब्लड को ही प्रिफर करते हैं। आप जिस केस की बात कर रहे हैं, उसकी जानकारी मुझे नहीं है। वैसे वार्ड में अगर किसी मरीज को ब्लड चाहिए और वह ग्रुप अस्पताल में नहीं है तो ब्लड लाने का निर्णय वार्ड में ड्यूटी दे रहे डॉक्टर को ही करना होता है। - डॉ. आशा पुरोहित, इंचार्ज, एमडीएम अस्पताल ब्लड बैंक
हम क्रॉसमैच और टेस्टेड ब्लड ही देते हैं
हमारे यहां से सरकारी ब्लड बैंक में ब्लड काफी समय से जाता रहा है और वहां पर चढ़ाया भी जाता है। हम यहां पर क्रॉसमैच और टेस्ट किया हुआ ब्लड ही देते हैं जिसे मरीज को चढ़ाया जा सकता है। - एसआर मेहता, संचालक, पारस ब्लड बैंक
हालत गंभीर हो गई थी
पत्नी की तबीयत गंभीर थी। ए नेगेटिव ब्लड के लिए तीनों अस्पतालों में भटके, लेकिन इस ग्रुप का ब्लड नहीं मिला तब एक निजी ब्लड बैंक में डोनेट करवाकर व्यवस्था की। एमडीएम अस्पताल के कर्मचारियों ने इस ब्लड को लेने से ही मना कर दिया। - मेहराम चौधरी, मरीज कमला के पति
‘गिरधर’ का फैसला जयपुर में
जोधपुर. नई सड़क स्थित गिरधर मंदिर की जमीन का विवाद अब राज्य सरकार ने अपने यहां तलब कर लिया है। सरकार ने इसकी सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं शासन उपसचिव को अधिकृत किया है। इसके अलावा संभाग के 16 अन्य प्रकरणों की सुनवाई भी अब जयपुर में होगी।
इन सभी मामलों की सुनवाई संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी कर रहे थे। सरकार के निर्देश के बाद ये सभी प्रकरण जयपुर भिजवा दिए गए हैं। गिरधर मंदिर सिनेमा हाल की जगह अब मॉल निर्माण का कार्य चल रहा है। विवाद यह है कि यह जमीन सिनेमा हाल संचालकों को वार्षिक रेंट पर आबंटित की गई थी, लेकिन बाद में नगर निगम ने भू-उपयोग परिवर्तन कर दिया। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई अब राज्य स्तर पर होगी।
गौरतलब है कि भू-उपयोग परिवर्तन में कथित अनियमितताओं एवं सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने संबंधी मामले में एसीबी भी अनुसंधान कर रही है। इसमें निगम के कई तत्कालीन अधिकारी घेरे में हैं। राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त कोर्ट में विचाराधीन जोधपुर नगर निगम, पाली, फलौदी, बालोतरा और जैसलमेर निकाय के 17 प्रकरण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 300 के तहत स्वायत शासन विभाग के निदेशक को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसकी पालना में सेठी ने सभी प्रकरण बीते दिनों जयपुर भिजवा दिए।
प्रकरण : जेडीए बनाम नगर निगम, जोधपुर
गिरधर मंदिर सिनेमा की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन एवं वहां मॉल निर्माण का मामला। तत्कालीन नगर सुधार न्यास ने यह भूखंड सिनेमा हाल के लिए उसके संचालकों को वार्षिक रेंट पर दिया था। 29 जनवरी, 2004 में नगर निगम ने जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव पारित कर दिया। निगम को इसका अधिकार ही नहीं था। परिवर्तन में भी निगम को करीब 97 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मालिकों ने सिनेमा हाल को तोड़कर मॉल का निर्माण शुरू कर दिया। तत्कालीन संभागीय आयुक्त संदीप वर्मा ने निर्माण पर रोक लगा थी, लेकिन प्रकरण में अभी सुनवाई जारी थी।
राज्य सरकार के निर्देश पर हमारे यहां विचारधीन 17 मामलों की पत्रावली आगे की सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व उप शासन सचिव, जयपुर को भिजवा दिए हैं। - सुदर्शन सेठी, संभागीय आयुक्त, जोधपुर
इन सभी मामलों की सुनवाई संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी कर रहे थे। सरकार के निर्देश के बाद ये सभी प्रकरण जयपुर भिजवा दिए गए हैं। गिरधर मंदिर सिनेमा हाल की जगह अब मॉल निर्माण का कार्य चल रहा है। विवाद यह है कि यह जमीन सिनेमा हाल संचालकों को वार्षिक रेंट पर आबंटित की गई थी, लेकिन बाद में नगर निगम ने भू-उपयोग परिवर्तन कर दिया। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई अब राज्य स्तर पर होगी।
गौरतलब है कि भू-उपयोग परिवर्तन में कथित अनियमितताओं एवं सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने संबंधी मामले में एसीबी भी अनुसंधान कर रही है। इसमें निगम के कई तत्कालीन अधिकारी घेरे में हैं। राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त कोर्ट में विचाराधीन जोधपुर नगर निगम, पाली, फलौदी, बालोतरा और जैसलमेर निकाय के 17 प्रकरण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 300 के तहत स्वायत शासन विभाग के निदेशक को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसकी पालना में सेठी ने सभी प्रकरण बीते दिनों जयपुर भिजवा दिए।
प्रकरण : जेडीए बनाम नगर निगम, जोधपुर
गिरधर मंदिर सिनेमा की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन एवं वहां मॉल निर्माण का मामला। तत्कालीन नगर सुधार न्यास ने यह भूखंड सिनेमा हाल के लिए उसके संचालकों को वार्षिक रेंट पर दिया था। 29 जनवरी, 2004 में नगर निगम ने जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव पारित कर दिया। निगम को इसका अधिकार ही नहीं था। परिवर्तन में भी निगम को करीब 97 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मालिकों ने सिनेमा हाल को तोड़कर मॉल का निर्माण शुरू कर दिया। तत्कालीन संभागीय आयुक्त संदीप वर्मा ने निर्माण पर रोक लगा थी, लेकिन प्रकरण में अभी सुनवाई जारी थी।
राज्य सरकार के निर्देश पर हमारे यहां विचारधीन 17 मामलों की पत्रावली आगे की सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व उप शासन सचिव, जयपुर को भिजवा दिए हैं। - सुदर्शन सेठी, संभागीय आयुक्त, जोधपुर
प्लास्टिक कैरी बैग प्रतिबंधित, पैकेजिंग नहीं
जोधपुर. राज्य सरकार ने प्लास्टिक के कैरी बैग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है, पैकेजिंग पर नहीं। अगर कोई विक्रेता खाद्य पदाथोर्ं की पैकेजिंग कर देता है तो इस पर रोक नहीं होगी। बीस माइक्रोन तक के प्लास्टिक की बनी पॉलीथिन में विक्रेता स्वनिर्मित खाद्य सामग्री पैकेजिंग कर बेच सकता है।
राज्य प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी बीआर पंवार ने बताया कि सरकार की ओर से 28 जुलाई को जारी किए गए नए आदेश में स्पष्ट है कि खाद्य सामग्री, दूध व नर्सरी में उन्नत पौधों की पैकेजिंग के लिए प्रयुक्त पॉलीथिन कैरी बैग की श्रेणी में नहीं आएगा। जांच कार्य में लगे विभागीय कर्मचारी ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 सहपठित धारा 19 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जा सकेगा।
कैरी बैग की श्रेणी में ये भी
थर्मो प्लास्टिक, हैंडल कटे प्लास्टिक, कैरी बैग व नॉन वूवन प्लास्टिक भी प्लास्टिक कैरी बैग की श्रेणी में आते हैं।
इसका उपयोग करें
कपड़े की थैली, सेल्युलोज से निर्मित थैले, कागज के थैले, कैनवास बैग, जूट बैग अथवाकॉयर सामग्री से बने थैले।
असमंजस की स्थिति
कैरी बैग पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न विभागों की टीम गठित की गई है। टीम में शामिल विभागों के ज्यादातर सदस्यों को कौनसी पॉलीथिन प्रतिबंध में आती है और कौनसी नहीं, इसका पूरा नॉलेज नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अधिसूचना में यह उल्लेख
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के अंतर्गत राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को एक अगस्त से प्रतिबंधित कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं कलेक्टरों को इसकी पालना करने को अधिकृत किया है।
राज्य प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी बीआर पंवार ने बताया कि सरकार की ओर से 28 जुलाई को जारी किए गए नए आदेश में स्पष्ट है कि खाद्य सामग्री, दूध व नर्सरी में उन्नत पौधों की पैकेजिंग के लिए प्रयुक्त पॉलीथिन कैरी बैग की श्रेणी में नहीं आएगा। जांच कार्य में लगे विभागीय कर्मचारी ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 सहपठित धारा 19 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जा सकेगा।
कैरी बैग की श्रेणी में ये भी
थर्मो प्लास्टिक, हैंडल कटे प्लास्टिक, कैरी बैग व नॉन वूवन प्लास्टिक भी प्लास्टिक कैरी बैग की श्रेणी में आते हैं।
इसका उपयोग करें
कपड़े की थैली, सेल्युलोज से निर्मित थैले, कागज के थैले, कैनवास बैग, जूट बैग अथवाकॉयर सामग्री से बने थैले।
असमंजस की स्थिति
कैरी बैग पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न विभागों की टीम गठित की गई है। टीम में शामिल विभागों के ज्यादातर सदस्यों को कौनसी पॉलीथिन प्रतिबंध में आती है और कौनसी नहीं, इसका पूरा नॉलेज नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अधिसूचना में यह उल्लेख
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के अंतर्गत राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को एक अगस्त से प्रतिबंधित कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं कलेक्टरों को इसकी पालना करने को अधिकृत किया है।
विधायक सूर्यकांता व्यास सीसीयू में भर्ती
जोधपुर. सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ‘जीजी’ को बुधवार सुबह तबीयत बिगड़ने पर मथुरादास माथुर अस्पताल के सीसीयू में भर्ती करवाया गया।
यहां हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सांघवी ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। डॉ. सांघवी ने बताया कि उपचार शुरू होने के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार है। दो-तीन दिन आराम की सलाह दी है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फोन कर विधायक के परिजनों से बात कर कुशलक्षेम पूछी। साथ ही उपचार की जानकारी ली।
महापौर रामेश्वर दाधीच भी अस्पताल पहुंचे। विधायक के निजी सहायक ने बताया कि बुधवार अलसुबह घबराहट के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उन्हें एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। विधायक के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिलने पर भाजपा नेता व करयकर्ता अस्पताल पहुंचे
यहां हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सांघवी ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। डॉ. सांघवी ने बताया कि उपचार शुरू होने के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार है। दो-तीन दिन आराम की सलाह दी है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फोन कर विधायक के परिजनों से बात कर कुशलक्षेम पूछी। साथ ही उपचार की जानकारी ली।
महापौर रामेश्वर दाधीच भी अस्पताल पहुंचे। विधायक के निजी सहायक ने बताया कि बुधवार अलसुबह घबराहट के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उन्हें एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। विधायक के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिलने पर भाजपा नेता व करयकर्ता अस्पताल पहुंचे
जोशी की चुनाव याचिका पर सुनवाई 25 से
जोधपुर. पिछले विधानसभा चुनाव में नाथद्वारा क्षेत्र से एक वोट से हारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सीपी जोशी की चुनाव याचिका पर सुनवाई के तहत 25 अगस्त से हाईकोर्ट में गवाहों के बयान फिर शुरू होंगे।
इससे पहले 3 अगस्त को न्यायाधीश प्रकाश टाटिया के समक्ष प्रार्थी की ओर से गवाही शुरू हुई थी, लेकिन अप्रार्थी नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह के वकील लेखराज मेहता की पत्नी का निधन हो जाने से सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। अब तक याचिकाकर्ता जोशी सहित उनके एक और गवाह के रूप में कोठारिया गांव के बूथ संख्या 40 के मतदान अधिकारी अमरसिंह मीणा की गवाही पूरी हो चुकी है। जोशी की ओर से अब उनके पोलिंग एजेंट रायसिंह व सूर्यवीर सिंह की गवाही होगी। याचिकाकर्ता की ओर से 10 गवाहों की सूची दी हुई है, जबकि अप्रार्थी कल्याणसिंह की ओर से 57 गवाहों की सूची पेश की गई है।
इससे पहले 3 अगस्त को न्यायाधीश प्रकाश टाटिया के समक्ष प्रार्थी की ओर से गवाही शुरू हुई थी, लेकिन अप्रार्थी नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह के वकील लेखराज मेहता की पत्नी का निधन हो जाने से सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। अब तक याचिकाकर्ता जोशी सहित उनके एक और गवाह के रूप में कोठारिया गांव के बूथ संख्या 40 के मतदान अधिकारी अमरसिंह मीणा की गवाही पूरी हो चुकी है। जोशी की ओर से अब उनके पोलिंग एजेंट रायसिंह व सूर्यवीर सिंह की गवाही होगी। याचिकाकर्ता की ओर से 10 गवाहों की सूची दी हुई है, जबकि अप्रार्थी कल्याणसिंह की ओर से 57 गवाहों की सूची पेश की गई है।
आंतकवादियों की घुसपैठ की आशंका
जोधपुर. पाकिस्तान से सटी राजस्थान सीमा से आतंकवादियों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए बीएसएफ के जवानों को अलर्ट किया गया है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि जम्मू-कश्मीर में सख्ती के चलते राजस्थान की सीमा से आतंकवादी देश में प्रवेश कर सकते हैं।
खुफिया एजेंसियों के 15 अगस्त को किसी विध्वंसकारी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए राजस्थान से सटी सीमा पर घुसपैठ की आशंका जताने पर बीएसएफ ने गंगानगर से लेकर बाड़मेर सीमा तक चौकसी बढ़ा दी है। विशेषकर अनूपगढ़ में बरसात का पानी एकत्रित होने और मुनाबाव व शाहगढ़ बल्ज इलाके में भारी बरसात के कारण तारबंदी के नीचे की मिट्टी हटने की वजह से घुसपैठ की आशंका को देखते हुए कड़ी चौकसी की जा रही है। बीएसएफ डीआईजी आरसी ध्यानी ने बताया कि खुफिया एजेंसी के अलर्ट करने पर राजस्थान सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों में विशेष चौकसी की जा रही है।
खुफिया एजेंसियों के 15 अगस्त को किसी विध्वंसकारी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए राजस्थान से सटी सीमा पर घुसपैठ की आशंका जताने पर बीएसएफ ने गंगानगर से लेकर बाड़मेर सीमा तक चौकसी बढ़ा दी है। विशेषकर अनूपगढ़ में बरसात का पानी एकत्रित होने और मुनाबाव व शाहगढ़ बल्ज इलाके में भारी बरसात के कारण तारबंदी के नीचे की मिट्टी हटने की वजह से घुसपैठ की आशंका को देखते हुए कड़ी चौकसी की जा रही है। बीएसएफ डीआईजी आरसी ध्यानी ने बताया कि खुफिया एजेंसी के अलर्ट करने पर राजस्थान सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों में विशेष चौकसी की जा रही है।
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