बारिश होने के बाद उमस में बढ़ोतरी हो गई
जोधपुर। जोधपुर में सुबह से ही बादलों की आवाजाही के बीच बुधवार दोपहर को कहीं हल्की, तो कहंीं मध्यम दर्जे की बरसात हुई। बारिश होने के बाद उमस में बढ़ोतरी हो गई।
मारवाड़ में पिछले दो दिनों से चल रही सूर्य और बादलों की आंख-मिचौनी के बीच गर्मी फिर से लोगों को सताने लगी है। सूर्य की लुकाछिपी के बीच करीब पौने बारह बजे जोधपुर के मधुबन हाउसिंग बोर्ड, कुडी भगतासनी, सांगरिया बाईपास, बासनी, सरस्वती नगर, झालामंड़, डीजल शेड, न्यू कैंपस,शास्त्रीनगर, सरदारपुरा, जलजोग रोटरी सर्किल, भेरुजी चौराहा, पाल रोड़, जालोरी गेट, रेलवे स्टेशन रोड आदि क्षेत्र में कहीं हल्की, तो कहीं तेज बरसात हुई।
15 मिनट तक हुई बारिश से सड़कें भीग गई। काजरी के मौसम वैज्ञानिक एएस राव ने बताया कि अगले चौबीस घंटों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर और जोधपुर जिले में हल्की व मध्यम दर्जे की बरसात हो सकती है।
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Wednesday, August 11, 2010
हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में भीषण आग
जोधपुर. पाली रोड स्थित एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में मंगलवार अलसुबह भीषण आग लग गई।
इससे फर्नीचर, कंप्यूटर व अन्य उपकरण राख हो गए। नगर निगम व रीको की करीब आधा दर्जन दमकलों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के अनुसार पाली रोड स्थित विलेज आर्ट एंड क्राफ्ट में मंगलवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे आग लग गई। सूचना मिलने पर बासनी अग्निशमन केंद्र से तीन, शास्त्री नगर से दो तथा नागौरी गेट से एक दमकल के साथ फायरमैन बंशीदास, किशनाराम, प्रशांतसिंह व सांवलदान आदि मौके पर पहुंचे। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
इससे फर्नीचर, कंप्यूटर व अन्य उपकरण राख हो गए। नगर निगम व रीको की करीब आधा दर्जन दमकलों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के अनुसार पाली रोड स्थित विलेज आर्ट एंड क्राफ्ट में मंगलवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे आग लग गई। सूचना मिलने पर बासनी अग्निशमन केंद्र से तीन, शास्त्री नगर से दो तथा नागौरी गेट से एक दमकल के साथ फायरमैन बंशीदास, किशनाराम, प्रशांतसिंह व सांवलदान आदि मौके पर पहुंचे। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
स्वाइन फ्लू का रहा खौफ मास्क लगाए नजर आए लोग
जोधपुर. स्वाइन फ्लू की दस्तक के बाद फिर से लोगों में डर नजर आने लगा है। मथुरादास माथुर अस्पताल में लोग मास्क लगाए नजर आने लगे हैं। मंगलवार को एक पॉजिटिव रोगी की मौत के बाद तो आइसोलेशन वार्ड के बाहर का नजारा ही बदल गया।
डॉक्टरों के निर्देश पर मरीजों के परिजनों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया है। इधर स्वास्थ्य विभाग भी स्वाइन फ्लू से पहली मौत के बाद सजग हो गया है। विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अजरुनसिंह भाटी ने बताया कि संभाग के सभी सीएमएचओ को अपने-अपने क्षेत्र में स्क्रीनिंग सेंटर दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इधर, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने भी मंगलवार को एमडीएम अस्पताल जाकर आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में संचालित स्वाइन फ्लू ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीज दूसरे मरीजों को संक्रमित नहीं करें, इसके लिए ओपीडी के लिए नई जगह तलाश रहे हैं।
तीन दिन जुकाम तो टेमीफ्लू लें
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने के बाद बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। खास तौर से जुखाम हो तो तुरंत उपचार करवाना जरूरी है। तीन दिन में अगर जुकाम में फर्क नहीं आता है तो डॉक्टर से सलाह कर टेमीफ्लू लेनी चाहिए। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी डॉक्टरों को भी इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के लिए टेमीफ्लू ही एक मात्र दवाई है। इसके अलावा बाजार में टीके भी उपलब्ध हैं।
एमजीएच में सीजन डिजीज वार्ड शुरू
इधर एमजीएच में मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल तीन वार्ड में दस पलंग आरक्षित करते हुए विशेष वार्ड शुरू कर दिया है। इसके लिए मंगलवार को इन दस पलंगों पर भर्ती मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर वार्ड तैयार किया गया।
डॉक्टरों के निर्देश पर मरीजों के परिजनों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया है। इधर स्वास्थ्य विभाग भी स्वाइन फ्लू से पहली मौत के बाद सजग हो गया है। विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अजरुनसिंह भाटी ने बताया कि संभाग के सभी सीएमएचओ को अपने-अपने क्षेत्र में स्क्रीनिंग सेंटर दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इधर, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने भी मंगलवार को एमडीएम अस्पताल जाकर आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में संचालित स्वाइन फ्लू ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीज दूसरे मरीजों को संक्रमित नहीं करें, इसके लिए ओपीडी के लिए नई जगह तलाश रहे हैं।
तीन दिन जुकाम तो टेमीफ्लू लें
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने के बाद बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। खास तौर से जुखाम हो तो तुरंत उपचार करवाना जरूरी है। तीन दिन में अगर जुकाम में फर्क नहीं आता है तो डॉक्टर से सलाह कर टेमीफ्लू लेनी चाहिए। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी डॉक्टरों को भी इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के लिए टेमीफ्लू ही एक मात्र दवाई है। इसके अलावा बाजार में टीके भी उपलब्ध हैं।
एमजीएच में सीजन डिजीज वार्ड शुरू
इधर एमजीएच में मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल तीन वार्ड में दस पलंग आरक्षित करते हुए विशेष वार्ड शुरू कर दिया है। इसके लिए मंगलवार को इन दस पलंगों पर भर्ती मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर वार्ड तैयार किया गया।
वेतन लेने गए नरेगा श्रमिकों की गैर हाजिरी
चार माह से नहीं किया गया था भुगतान
जोधपुर। बालेसर पंचायत समिति के केतू मदा गांव में चार माह से अटके भुगतान लेने गए नरेगा श्रमिकों की गैर हाजिरी लग गई। कार्यक्रम समंवयक चार माह तक भुगतान रोकने की जांच करवा रहा है।
नरेगा में काम के बदले भुगतान की व्यवस्था है और भुगतान एक माह के भीतर होना चाहिए, मगर केतू मदा गांव के मजदूरों को चार माह से भुगतान नहीं हुआ। सरपंच उगमसिंह ने बताया कि जीएसएस में कर्मचारी नहीं होने के कारण भुगतान अटका रहा। मंगलवार को जीएसएस ने एक स्कूल में भुगतान दिया, तो नरेगा श्रमिक काम छोड़ कर पैसा लेने चले गए। इस बीच जिला कार्यक्रम समंवयक कार्यालय की टीम कार्यों का निरीक्षण करने पहुंच गई। नरेगा श्रमिक भुगतान लेने गए थे, इसलिए निरीक्षण टीम ने साइट पर उनकी गैर हाजिरी लगा दी।
जोधपुर। बालेसर पंचायत समिति के केतू मदा गांव में चार माह से अटके भुगतान लेने गए नरेगा श्रमिकों की गैर हाजिरी लग गई। कार्यक्रम समंवयक चार माह तक भुगतान रोकने की जांच करवा रहा है।
नरेगा में काम के बदले भुगतान की व्यवस्था है और भुगतान एक माह के भीतर होना चाहिए, मगर केतू मदा गांव के मजदूरों को चार माह से भुगतान नहीं हुआ। सरपंच उगमसिंह ने बताया कि जीएसएस में कर्मचारी नहीं होने के कारण भुगतान अटका रहा। मंगलवार को जीएसएस ने एक स्कूल में भुगतान दिया, तो नरेगा श्रमिक काम छोड़ कर पैसा लेने चले गए। इस बीच जिला कार्यक्रम समंवयक कार्यालय की टीम कार्यों का निरीक्षण करने पहुंच गई। नरेगा श्रमिक भुगतान लेने गए थे, इसलिए निरीक्षण टीम ने साइट पर उनकी गैर हाजिरी लगा दी।
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