जोधपुर. महंगाई के मुद्दे पर आहूत भारत बंद को लेकर भारतीय जनपा पार्टी समेत अनेक पार्टियों व संगठनों ने कमर कस ली है। पांच जुलाई को होने वाले बंद को व्यापक समर्थन मिल रहा है।
बंद को लेकर भाजपा की तैयारी
महंगाई के विरोध में आहूत भारत बंद को सफल बनाने के लिए भाजपा ने जिला स्तर पर सभी तैयारियां कर ली हैं। शनिवार को पार्टी कार्यालय में शहर जिला अध्यक्ष नारायण पंचारिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई। योजना के अनुसार शहर को छह भागों में बांटा गया है। इसका नेतृत्व वरिष्ठ एवं प्रभावी नेता कार्यकर्ताओं की टोली के साथ करेंगे। जीप, मोटरसाइकिल पर व कार्यकर्ता व्यक्तिगत रूप से जाकर क्षेत्र में आमजन व व्यापारियों से बंद को सफल बनाने की अपील करेंगे। पंचारिया ने बताया कि बिजली, पानी, चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाओं को बंद से अलग रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि व्यापारी संगठनों, सिनेमा हॉल मालिक, पेट्रोल पंप एसोसिएशन, टैक्सी यूनियन, प्राइवेट शिक्षण संस्थान, राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने बंद को समर्थन देने का आश्वासन दिया है।
विभिन्न पार्टियों का समर्थन
भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यूनाइटेड, राजस्थान ट्रेड यूनियन केंद्र आरसीटू, ऑटो रिक्शा एकता यूनियन ने बंद को समर्थन दिया है। कामरेड गोपीकिशन, बृजकिशोर, दिलीप जोशी, वाहिद अली, सुबराती उस्ताद, अशोक आचार्य, चांदअली रंगरेज, बाबूखान, अहमद खान, इमामुद्दीन चौहान, अब्दुल रसीद, ताज मोहम्मद, भैरू, जाकिर हुसैन, भाणु भाई, चैनाराम देवासी, सुनील दाधीच, पप्पू गुर्जर व दशरथ ने बंद को सफल बनाने की तैयारी कर ली है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव विजय मेहता ने बंद को समर्थन दिया है।
अमरचंद पुरोहित, बीएम नथानी, चरणदास हंस, सन्नू महाराज, सद्दीक कुरैशी, मोहम्मद आरिफ, रोशन जूनियर, निजाम, चांद मोहम्मद, अब्दुल रसीद, परमेंद्र चौधरी, देवाराम गुर्जर, बृजमोहन चौधरी, विष्णु गांधी, एडब्ल्यू अंसारी ने बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। शिवसेना की जोधपुर इकाई ने बंद की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शनिवार को गौतम भंडारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बंद की रणनीति बनाई गई। सभी वार्ड अध्यक्षों को वार्ड एवं क्षेत्र में बंद का जिम्मा सौंपा गया है।
शिव सेना ने घोषणा की है कि आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं को बंद से मुक्त रखा जाएगा। बैठक में जिला प्रमुख गोविंद मेहता, बाबूलाल सोनी, वीरेंद्र अवस्थी, हेमंत गहलोत, ललित सरगरा, संपत पूनिया, महेंद्र मेवाड़ा, अशोक आचार्य, विष्णु सरगरा, ललित वैष्णव सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे। इसी तरह शिव सेना कमांडो फोर्स ने भी बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। फोर्स के कार्यालय में शनिवार को जिला संयोजक गाइडसिंह इंदा की अध्यक्षता में बैठक हुई।
प्रवक्ता मुकेश हिंदू ने बताया कि इसमें कैलाश भाटी, सत्यनारायण सागर, सुगम दिवराया, भरत पारीक, मुकेश प्रजापत, रवींद्र आचार्य, संदीप आचार्य, अशोक, राजेश, अजरुन सैन, रामसिंह भाटी सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी के सचिव राजेंद्रसिंह चारण ने बताया कि महंगाई ने जीना मुहाल कर दिया है। हर वस्तु महंगी होने से गरीब और मध्यम वर्ग पिस रहा है। ऐसे में बंद को समर्थन दिया जाएगा।
बंद को सफल बनाने के लिए सूरसागर सचिव जयराम खांगटा, सरदारपुरा सचिव दुर्गाराम विश्नोई ने लोगों से सहयोग की अपील की है। भारत की जनवादी नौजवान सभा और अखिल भारतीय किसान सभा ने संयुक्त रूप से बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। संयोजक जयदेव सिंह भाटी, सह संयोजिका अफसाना खान ढाका ने बताया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में बढ़ती महंगाई से आम आदमी त्रस्त है। इसलिए बंद को समर्थन दिया जाएगा। महंगाई के विरोध में विपक्षी दलों की ओर पांच जुलाई को आहूत भारत बंद में ट्रांसपोर्टर व ट्रक ऑपरेटर भी भाग लेंगे।
जोधपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सचिव प्रवीण कुभंट के अनुसार पेट्रोलियम पदार्थो के मूल्य में हुई बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है। महंगाई के विरोध में विपक्ष के भारत बंद को राजस्थान मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन भी सहयोग करेगी। यूनियन के सचिव प्रमोद कश्यप, सह सचिव रणवीर सिंह व राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुनील भाटी ने बताया कि यूनियन बंद को समर्थन देगी। इधर, समाजवादी पार्टी ने भी बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. सुरेश जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। पार्टी के प्रदेश महासचिव सोहन मेहता ने कहा कि महंगाई से पूरा देश त्रस्त है। ऐसे में पार्टी बंद को समर्थन देगी।
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Monday, July 5, 2010
100 से ज्यादा काले हिरण मरे
जोधपुर. जिले के भाचरना गांव में पिछले एक सप्ताह के दौरान भूख और प्यास के चलते 100 से अधिक काले हिरणों ने दम तोड़ दिया। शनिवार को मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों को ग्रामीणों के रोष का सामना करना पड़ा।
उधर, भाचरना के निकटवर्ती गांव धवा-डोली में मरे 25 हिरणों के शवों को लेकर विश्नोई समाज ने शनिवार को यहां कलेक्ट्रेट व वन विभाग कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और वन्यजीवों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने के साथ जोधपुर डीएफओ को हटाने की मांग की। हिरणों की मौत के मामले में राज्य के वन मंत्री रामलाल जाट ने विभाग के अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। उधर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरएन मेहरोत्रा का कहना है कि 36 हिरण मरे हैं और इनकी मौत गर्मी के कारण हुई है।
हिरणों के मरने की सूचना मिलने पर भास्कर टीम शनिवार को भाचरना गांव पहुंची। वहां देखा कि गांव के कमोबेश हर खेत में मृत काले हिरण पड़े थे। गांव के पूर्व सरपंच मंगलाराम के अनुसार पिछले कुछ ही दिनों में करीब 500 हिरण चारे-पानी के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। शनिवार को ही गांव में पोस्टमार्टम करने वन विभाग के अधिकारियों व पशु चिकित्सकों की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने उनको खरी-खोटी सुनाई।
ग्रामीणों का कहना था कि मूक पशुओं के भूख-प्यास से मरने का सिलसिला पिछले 5-7 दिन से चल रहा है, लेकिन वन विभाग के अफसर बुलाने पर भी नहीं आए। वन विभाग के उड़नदस्ते ने शनिवार को ढेढ़ी नाडी से सटे खेतों से 36 काले हिरणों के शव इकट्ठे किए। इनमंे से पांच का मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया। बाकी हिरणों को दफना दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सोमवार तक आएगी।
हिरणों के शव लेकर कलेक्ट्रेट व वन विभाग पहुंचे
जिले के धवा-डोली व मगरा बाहुल्य क्षेत्रों में चारे व पानी के अभाव में हिरणों की मौत को लेकर विश्नोई समाज सड़कों पर उतर आया। वन्यजीव प्रेमियों ने शनिवार को 25 हिरणों के शवों के साथ कलेक्ट्रेट और वन विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया। समाज के लोग शवों के साथ जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे।
यहां कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडीएम सिटी स्नेहलता पंवार ने उनसे मुलाकात कर वन अधिकारियों से बातचीत करने को कहा। इसके बाद वे वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) मोहनलाल मीणा से मिलकर वन्यजीवों के लिए चारा-पानी जुटाने और उपवन संरक्षक वन्यजीव राजीव जुगतावत को हटाने की मांग की। इस मौके पर पुलिस के आला अधिकारी व आरएसी के जवान भी मौजूद रहे।
इनका कहना है
हिरणों की मौत पर रिपोर्ट मंगवाई है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वन्यजीवों की रक्षा के सभी उपाय किए जाएंगे।- रामलाल जाट, वन मंत्री राजस्थान सरकार
उधर, भाचरना के निकटवर्ती गांव धवा-डोली में मरे 25 हिरणों के शवों को लेकर विश्नोई समाज ने शनिवार को यहां कलेक्ट्रेट व वन विभाग कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और वन्यजीवों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने के साथ जोधपुर डीएफओ को हटाने की मांग की। हिरणों की मौत के मामले में राज्य के वन मंत्री रामलाल जाट ने विभाग के अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। उधर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरएन मेहरोत्रा का कहना है कि 36 हिरण मरे हैं और इनकी मौत गर्मी के कारण हुई है।
हिरणों के मरने की सूचना मिलने पर भास्कर टीम शनिवार को भाचरना गांव पहुंची। वहां देखा कि गांव के कमोबेश हर खेत में मृत काले हिरण पड़े थे। गांव के पूर्व सरपंच मंगलाराम के अनुसार पिछले कुछ ही दिनों में करीब 500 हिरण चारे-पानी के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। शनिवार को ही गांव में पोस्टमार्टम करने वन विभाग के अधिकारियों व पशु चिकित्सकों की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने उनको खरी-खोटी सुनाई।
ग्रामीणों का कहना था कि मूक पशुओं के भूख-प्यास से मरने का सिलसिला पिछले 5-7 दिन से चल रहा है, लेकिन वन विभाग के अफसर बुलाने पर भी नहीं आए। वन विभाग के उड़नदस्ते ने शनिवार को ढेढ़ी नाडी से सटे खेतों से 36 काले हिरणों के शव इकट्ठे किए। इनमंे से पांच का मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया। बाकी हिरणों को दफना दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सोमवार तक आएगी।
हिरणों के शव लेकर कलेक्ट्रेट व वन विभाग पहुंचे
जिले के धवा-डोली व मगरा बाहुल्य क्षेत्रों में चारे व पानी के अभाव में हिरणों की मौत को लेकर विश्नोई समाज सड़कों पर उतर आया। वन्यजीव प्रेमियों ने शनिवार को 25 हिरणों के शवों के साथ कलेक्ट्रेट और वन विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया। समाज के लोग शवों के साथ जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे।
यहां कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडीएम सिटी स्नेहलता पंवार ने उनसे मुलाकात कर वन अधिकारियों से बातचीत करने को कहा। इसके बाद वे वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) मोहनलाल मीणा से मिलकर वन्यजीवों के लिए चारा-पानी जुटाने और उपवन संरक्षक वन्यजीव राजीव जुगतावत को हटाने की मांग की। इस मौके पर पुलिस के आला अधिकारी व आरएसी के जवान भी मौजूद रहे।
इनका कहना है
हिरणों की मौत पर रिपोर्ट मंगवाई है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वन्यजीवों की रक्षा के सभी उपाय किए जाएंगे।- रामलाल जाट, वन मंत्री राजस्थान सरकार
हिरणां री खातिर सिर कटावां, पण चारौ पाणी कठै सूं लावां
जोधपुर. एक हिरण रै वास्ते म्हां लोग खुद रौ सिर कटवा दैवां..पर अठे तो इतरा कात्त हिरण तड़प-तड़प नै मर गिया, थाण की फिकर कोनी..म्हैं लोग चारौ-पाणी कठै सूं लावां! साहब इत्ता हिरण मर गिया..थै अबै आया हो, थाणों विभाग की काम रो कौनी.. हाथ जोड़ां, अबै बचियौड़ा हिरणां नै तो बचा लो।
उदास मन से ग्रामीणों ने कुछ ऐसी ही बातें शनिवार को भाचरना गांव में ढेढ़ी नाडी पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को कही। जिन हिरणों को बच्चों की तरह पाल-पोस कर बड़ा किया, उनकी अकाल मौत से ग्रामीण इतने व्यथित नजर आए कि खुद भी खाना-पीना भूल गए।
धुंधाड़ा कस्बे से आठ किलोमीटर दूर भाचरना गांव की ढेढ़ी नाडी और आसपास के खेतों में भूख-प्यास से दम तोड़ने वाले सौ से अधिक काले हिरणों के शवों को वन विभाग की टीम ने शनिवार को ग्रामीणों के रोष के बीच इकट्ठा किया। गांव के बुजुर्ग हजारीराम विश्नोई का कहना है कि आसपास के खेतों में अभी भी दर्जनों मृत हिरण पड़े हैं।
उदास मन से ग्रामीणों ने कुछ ऐसी ही बातें शनिवार को भाचरना गांव में ढेढ़ी नाडी पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को कही। जिन हिरणों को बच्चों की तरह पाल-पोस कर बड़ा किया, उनकी अकाल मौत से ग्रामीण इतने व्यथित नजर आए कि खुद भी खाना-पीना भूल गए।
धुंधाड़ा कस्बे से आठ किलोमीटर दूर भाचरना गांव की ढेढ़ी नाडी और आसपास के खेतों में भूख-प्यास से दम तोड़ने वाले सौ से अधिक काले हिरणों के शवों को वन विभाग की टीम ने शनिवार को ग्रामीणों के रोष के बीच इकट्ठा किया। गांव के बुजुर्ग हजारीराम विश्नोई का कहना है कि आसपास के खेतों में अभी भी दर्जनों मृत हिरण पड़े हैं।
आंखों में मिर्ची झोंक 75 हजार छीने
जोधपुर. सरदारपुरा क्षेत्र में आबकारी थाने के निकट शनिवार सुबह बाइक सवार दो युवक स्कूटर पर सवार एक व्यापारी की आंखों में मिर्ची झोंककर 75 हजार रुपए से भरी थली ले भागे। व्यापारी ने दोनों का पीछा भी किया, लेकिन वे पकड़ में नहीं आए। सरदारपुरा थानाधिकारी सुभाष शर्मा ने बताया कि कपड़ा व्यवसायी शास्त्री नगर सेक्टर ए निवासी विशनदास पुत्र ईश्वरदास ने रिपोर्ट दी कि शनिवार सुबह घर से बैंक जाते समय करीब साढ़े नौ बजे वे नौंवीं पाल रोड स्थित आबकारी थाने के नजदीक बाइक पर आए दो युवकों में से एक ने उनकी आंखों में मिर्ची फेंकी और स्कूटर को धक्का देकर गिरा दिया।
स्कूटर के आगे रखी प्लास्टिक की थैली में 75 हजार रुपए व एचडीएफसी बैंक की पर्ची थी। एक युवक ने यह थैली छीनी और भागने लगे। व्यापारी ने उनका पीछा किया और कुछ दूर एक मोड़ पर उस बाइक को टक्कर मारी। इससे दोनों वाहन गिर पड़े। इसके बावजूद युवक पुन: अपनी बाइक लेकर भागने लगे। यहां एक राहगीर की मदद से व्यापारी ने उनका पीछा किया, लेकिन नेहरू पार्क के निकट दोनों युवक आंखों से ओझल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।संदिग्ध युवकों की तलाश शुरू की है।
स्कूटर के आगे रखी प्लास्टिक की थैली में 75 हजार रुपए व एचडीएफसी बैंक की पर्ची थी। एक युवक ने यह थैली छीनी और भागने लगे। व्यापारी ने उनका पीछा किया और कुछ दूर एक मोड़ पर उस बाइक को टक्कर मारी। इससे दोनों वाहन गिर पड़े। इसके बावजूद युवक पुन: अपनी बाइक लेकर भागने लगे। यहां एक राहगीर की मदद से व्यापारी ने उनका पीछा किया, लेकिन नेहरू पार्क के निकट दोनों युवक आंखों से ओझल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।संदिग्ध युवकों की तलाश शुरू की है।
फार्मासिस्ट को हटाने के बावजूद पास कर दिए बिल
जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल में जोधपुर होलसेल उपभोक्ता भंडार के काउंटर नं. तीन पर अनुबंधित फार्मासिस्ट विक्रम देथा द्वारा किए गए गबन के मामले में परत दर परत घोटाला सामने आ रहा है। इस मामले में इतनी अनियमितताएं सामने आई हैं कि भंडार प्रबंधन की कार्यशैली पर ही प्रश्न चिह्न् लग गया है।
देथा को हटाए जाने के बावजूद न केवल उसके नाम बकाया राशि 33 लाख से बढ़ कर 47 लाख से अधिक हो गई, बल्कि उसके नाम क्रय खाते में बिल भी चढ़ा दिए गए। इस मामले में भंडार के उपाध्यक्ष ने महाप्रबंधक पर घोटाले का आरोप लगाया है। उधर, महाप्रबंधक सभी सवालों के जवाब में एक ही बात कह रहे हैं कि जांच करवाने के बाद ही कुछ पता चल पाएगा।
इस मामले में भंडार प्रबंधन ने देथा के परिजनों को पत्र भेज कर 47 लाख 70 हजार से अधिक राशि जमा कराने को कहा है, जबकि इस वर्ष फरवरी में देथा को वहां से हटाने के बाद 28 अप्रैल को भंडार के सुपरवाइजर सुमेरसिंह द्वारा महाप्रबंधकको भेजी गई देथा के दायित्व निर्धारण से जुड़ी रिपोर्ट में यह राशि 33 लाख 15 हजार रुपए बताई गई थी। वहीं देथा को हटाने से करीब एक माह पहले 22 जनवरी को भेजे गए पत्र में स्टॉक में महज सात लाख का अंतर बताया गया था।
गौरतलब है कि काउंटर नं. तीन पर गबन के चलते भंडार प्रबंधन ने देथा को इस वर्ष 13 फरवरी को ही हटा दिया था, लेकिन इसकी आधिकारिक जानकारी एवं जांच के लिए संयुक्त रजिस्ट्रार को सूचना करीब चार माह बाद 9 जून को दी गई। इसके बाद विभागीय अंकेक्षण अधिकारी ने मामले की जांच शुरू की।
देथा को हटाए जाने के बावजूद न केवल उसके नाम बकाया राशि 33 लाख से बढ़ कर 47 लाख से अधिक हो गई, बल्कि उसके नाम क्रय खाते में बिल भी चढ़ा दिए गए। इस मामले में भंडार के उपाध्यक्ष ने महाप्रबंधक पर घोटाले का आरोप लगाया है। उधर, महाप्रबंधक सभी सवालों के जवाब में एक ही बात कह रहे हैं कि जांच करवाने के बाद ही कुछ पता चल पाएगा।
इस मामले में भंडार प्रबंधन ने देथा के परिजनों को पत्र भेज कर 47 लाख 70 हजार से अधिक राशि जमा कराने को कहा है, जबकि इस वर्ष फरवरी में देथा को वहां से हटाने के बाद 28 अप्रैल को भंडार के सुपरवाइजर सुमेरसिंह द्वारा महाप्रबंधकको भेजी गई देथा के दायित्व निर्धारण से जुड़ी रिपोर्ट में यह राशि 33 लाख 15 हजार रुपए बताई गई थी। वहीं देथा को हटाने से करीब एक माह पहले 22 जनवरी को भेजे गए पत्र में स्टॉक में महज सात लाख का अंतर बताया गया था।
गौरतलब है कि काउंटर नं. तीन पर गबन के चलते भंडार प्रबंधन ने देथा को इस वर्ष 13 फरवरी को ही हटा दिया था, लेकिन इसकी आधिकारिक जानकारी एवं जांच के लिए संयुक्त रजिस्ट्रार को सूचना करीब चार माह बाद 9 जून को दी गई। इसके बाद विभागीय अंकेक्षण अधिकारी ने मामले की जांच शुरू की।
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