जोधपुर. सरकार शहर के बढ़ते भूजल की समस्या से निपटने के लिए जितने रुपए खर्च कर रही है उससे आधा खर्च विशेष प्रजातियों के पौधे लगाने में करे तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। अब तक 81 लाख रुपए तो रिसर्च पर खर्च कर दिए, उससे यह तक पता नहीं चल सका कि भूजल स्तर क्यों बढ़ रहा है?
हर रोज 22 एमएलडी पानी खींचने पर तीन करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जबकि महज 50 लाख रुपए में 4 लाख पौधे लगाकर प्रतिदिन लगभग 20 एमएलडी स्तर कम किया जा सकता है। इससे कम खर्च में ज्यादा फायदा हो सकता है। सरकार ने देचू के उन किसानों के प्रस्ताव पर भी गौर नहीं किया जो खेती के लिए हर रोज 5 एमएलडी पानी का उपयोग करने के लिए जोधपुर से देचू तक पाइप लाइन का खर्चा देने को भी तैयार है।
4 करोड़ से 22 एमएलडी जल निकासी
बढ़ते भूजल स्तर को थामने के लिए राज्य सरकार ने नेशनल जिओफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) हैदराबाद और नेशनल इंडस्ट्रीज ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) रुड़की से रिसर्च कराई। इसके लिए एनजीआरआई को 53 लाख व एनआईएच को 28 लाख रुपए दिए। समस्या का हल नहीं निकला तो जल निकासी के लिए 3 करोड़ रुपए का ठेका दिया। इसमें पीएचईडी ने 65 पंप, 50 पॉवर हैंडपंप लगाए और 6 ट्यूबवेल खोदे हैं। चौबीस घंटे ये पंप चलते हैं।
लाखों रुपए की बिजली खर्च हो रही है। खरबूजा बावड़ी से बालसमंद तक पाइप लाइन बिछाई। सभी प्रयासों से प्रतिदिन 22 एमएलडी पानी निकाला जा रहा है। इसमें से 6 एमएलडी बाग-बगीचों में पिलाने रहे हैं, 12 एमएलडी पानी आर्मी को अघरेलू उपयोग के लिए दे रहे हैं और 4 एमएलडी पानी नालों में बहाया जा रहा है। इतना खर्च करने के बाद भी अघरेलू उपयोग व नालों में बहा पानी फिर से भूजल स्तर बढ़ा रहा है।
50 लाख के पौधों से 20 एमएलडी निकासी
ज्यादा पानी खींचने वाले सफेदा, फराश, देसी बबूल व शीशम के 4 लाख पौधे प्रभावित क्षेत्रों में लगाए जाएं तो प्रतिदिन 20 एमएलडी भूजल को कम किया जा सकता है। इन प्रजातियों का एक पौधा औसत 50 लीटर पानी खींचने की क्षमता रखता है। पौधे लगाने से फिर से जल स्तर बढ़ने की चिंता भी नहीं रहती। इन प्रजातियों का एक पौधा लगाने में 12 रुपए से ज्यादा खर्चा नहीं आता। यानि 50 लाख रुपए में ही 4 लाख पौधे लगाए जा सकते हैं।
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Sunday, July 18, 2010
सपने खूब दिखाए, पूरे न हो पाए
जोधपुर. गुलाबसागर में बीते तीन साल से नौकायान को लेकर खूब सपने दिखाए जा रहे हैं। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बातें भी खूब हो रही है, लेकिन हालात यह है कि जीर्णोद्धार के समय जो कुछ सुधरा वह भी बिगड़ता जा रहा है।
हालात यह हैं कि गुलाबसागर जलाशय की नहरें गंदगी से अटी पड़ी है। जलाशय में लगे कुछ फव्वारें वह क्षतिग्रस्त होने से किनारे पड़े है। चालू हालत में जो फव्वारें हैं, वह बिजली का बिल नहीं भरने से के कई बार बंद रहते है। उधर, जलाशयों के जीर्णोद्धार की योजना के तहत लगभग दो साल पूर्व सवा करोड़ की लागत से तैयार हुए गुलाबसागर में नौकायन शुरू करने को लेकर नगर निगम लंबे समय से टेंडर प्रक्रिया में उलझा हुआ है।
डेढ़ महीने पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने अधिकारियों के साथ गुलाबसागर जलाशय का जायजा लेकर नौकायन शुरू करने के साथ रखरखाव के निर्देश दिए थे, लेकिन कुछ भी नतीजा नहीं निकला। गत दो जुलाई को निगम अधिकारियों की हुई बैठक में महापौर ने जलाशय की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर नाराजगी प्रकट की थी।
अब 20 जुलाई को फिर होंगे टेंडर
निगम प्रशासन 20 जुलाई को गुलाबसागर में नौकायन के लिए फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। प्रक्रिया के दौरान 30 जुलाई को टेंडर खोले जाएंगे।
टेंडर शीघ्र होंगे
नौकायन को लेकर प्रयास जारी है। टेंडर शीघ्र किए जा रहे है। निगम चाहता है कि नौकायन के बदले ठेकेदार जलाशय के रखरखाव व बिजली खर्च जितनी रकम अदा कर दें। - जुगल किशोर मीणा, आयुक्तनगर निगम
अब देरी नहीं होगी
नौकायन और ओपन रेस्टोरेट की योजना के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। नौकायन के लिए टेंडर लेने की तिथि तय कर दी है। - रामेश्वर दाधीच, महापौर
होना क्या था?
गुलाब सागर, बच्च जलाशय और फतेहसागर की सफाई करवाकर जीर्णोद्धार करना। मनोरंजन के लिए गुलाबसागर में नौकायन एवं निकट में स्थित राजमहल स्कूल के पुराने भवन की जगह ओपन रेस्टोरेंट फतेहसागर स्थित पीएचडी के कार्यालय को हटाकर दो मंजिला इमारत खड़ी कर प्रथम मंजिल पर ओपन रेस्टोरेंट। निगम के लिए स्थायी आय का बंदोबस्त करना।
हालात यह हैं कि गुलाबसागर जलाशय की नहरें गंदगी से अटी पड़ी है। जलाशय में लगे कुछ फव्वारें वह क्षतिग्रस्त होने से किनारे पड़े है। चालू हालत में जो फव्वारें हैं, वह बिजली का बिल नहीं भरने से के कई बार बंद रहते है। उधर, जलाशयों के जीर्णोद्धार की योजना के तहत लगभग दो साल पूर्व सवा करोड़ की लागत से तैयार हुए गुलाबसागर में नौकायन शुरू करने को लेकर नगर निगम लंबे समय से टेंडर प्रक्रिया में उलझा हुआ है।
डेढ़ महीने पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने अधिकारियों के साथ गुलाबसागर जलाशय का जायजा लेकर नौकायन शुरू करने के साथ रखरखाव के निर्देश दिए थे, लेकिन कुछ भी नतीजा नहीं निकला। गत दो जुलाई को निगम अधिकारियों की हुई बैठक में महापौर ने जलाशय की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर नाराजगी प्रकट की थी।
अब 20 जुलाई को फिर होंगे टेंडर
निगम प्रशासन 20 जुलाई को गुलाबसागर में नौकायन के लिए फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। प्रक्रिया के दौरान 30 जुलाई को टेंडर खोले जाएंगे।
टेंडर शीघ्र होंगे
नौकायन को लेकर प्रयास जारी है। टेंडर शीघ्र किए जा रहे है। निगम चाहता है कि नौकायन के बदले ठेकेदार जलाशय के रखरखाव व बिजली खर्च जितनी रकम अदा कर दें। - जुगल किशोर मीणा, आयुक्तनगर निगम
अब देरी नहीं होगी
नौकायन और ओपन रेस्टोरेट की योजना के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। नौकायन के लिए टेंडर लेने की तिथि तय कर दी है। - रामेश्वर दाधीच, महापौर
होना क्या था?
गुलाब सागर, बच्च जलाशय और फतेहसागर की सफाई करवाकर जीर्णोद्धार करना। मनोरंजन के लिए गुलाबसागर में नौकायन एवं निकट में स्थित राजमहल स्कूल के पुराने भवन की जगह ओपन रेस्टोरेंट फतेहसागर स्थित पीएचडी के कार्यालय को हटाकर दो मंजिला इमारत खड़ी कर प्रथम मंजिल पर ओपन रेस्टोरेंट। निगम के लिए स्थायी आय का बंदोबस्त करना।
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