Saturday, August 14, 2010

घूमने आई अमेरिकी महिला का बेटे ने गला रेता

जोधपुर के ओसियां में होटल के निकट मिला शव, मां-बेटे के बीच हुआ था रात को झगड़ा, बेटा पुलिस हिरासत में

जोधपुर/ओसियां. एक अमेरिकी महिला और उसके पति के झगड़े में उसका बेटा ही दुश्‍मन बन गया। बेटे ने मां की गला रेत कर हत्‍या कर दी। दोनों घूमने-फिरने के लिए जोधपुर (ओसियां) आए थे, लेकिन गुरुवार की रात दोनों का झगड़ा हुआ और बेटे ने धारदार हथियार से गला रेत कर महिला को मार डाला।

एसपी (रूरल) जीएल शर्मा ने बताया कि अमेरिका के सेसल्स निवासी डॉ. सिंडी इनारेली (52) बैंगलुरू में किसी सेमीनार में हिस्सा लेने के लिए अपने बेटे जॉन के साथ भारत आई थीं। बुधवार को वे जोधपुर होते हुए ओसियां में रैजिस कैमल कैंप (धोरा-धरती होटल) पहुंचे। यहां गुरुवार को दोनों ने ओसियां में माताजी के मंदिर के दर्शन किए। रात को दोनों होटल पहुंचे। यहां मां-बेटे के बीच झगड़ा हुआ। शुक्रवार सुबह महिला का शव होटल के निकट धोरों में चद्दर से लिपटा हुआ मिला।

सूचना पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। महिला के शरीर पर कई जगह चोटों के निशान मिले हैं तथा किसी धारदार हथियार से उसका गला काट दिया गया। होटल से बाहर महिला के शव को घसीटने के निशान मिले हैं। पुलिस ने घटना के बारे में अमेरिकी दूतावास और विदेश मंत्रालय को जानकारी दी है।

शुक्रवार की सुबह जॉन दिल्‍ली भागने की फिराक में था, लेकिन उसे जोधपुर एयरपोर्ट पर पुलिस ने पकड़ लिया। उसने पुलिस को बताया कि उसकी मां, पिता से अलग रहती थी। दोनों के बीच काफी समय से मनमुटाव चल रहा था। इसी बात को लेकर उसका मां से गुरुवार की रात झगड़ा हुआ था।

महिला आर्म्ड बटालियन मैदान में

जोधपुर. आतंकवादियों से मुकाबला हो या वीआईपी की सुरक्षा, इन कार्यो को कुछ समय बाद आधुनिक हथियारों से लैस महिलाएं भी अंजाम देतीं नजर आएंगी।

देश की पहली महिला आर्म्ड बटालियन ने जोधपुर स्थित राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। पांच कंपनियों की सितंबर के पहले सप्ताह में होने वाले दीक्षांत परेड के बाद विधिवत रूप से हाडी रानी बटालियन अस्तित्व में आ जाएगी। इसके बाद बटालियन बीएसएफ और सीआरपीएफ से आतंकवादियों से निपटने की विशेष ट्रेनिंग लेकर मैदान में उतरेगी। आरएसी व पुलिस विभाग में कार्यरत 480 महिला कांस्टेबल को पिछले साल हाडी रानी बटालियन के लिए चयनित किया गया था। नौ महीने पूर्व आरपीटीसी में इनकी ट्रेनिंग शुरू हुई थी।

इस दौरान इन्हें अति आधुनिक हथियारों के संचालन और फायरिंग की ट्रेनिंग दी गई और दंगों व उपद्रव से निपटने, आपदा प्रबंधन, मार्शल आर्ट सहित हर हालात का मुकाबला करने के गुर सिखाए गए। आरपीटीसी के आईजी सुधाकर जौहरी ने बताया कि हाडी रानी बटालियन की ट्रेनिंग पूरी हो गई है। अभी फायरिंग की परीक्षा चल रही है। अगले माह बटालियन की दीक्षांत परेड का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां से महिला बटालियन बीएसएफ से बॉर्डर पर और सीआरपीएफ या किसी अन्य अर्ध सैनिक बल से आतंकवादियों व नक्सलियों से मुकाबला करने की विशेष ट्रेनिंग हासिल करेगी।

किसी भी प्रांत में हो सकेगी तैनातगी

हाडी रानी बटालियन इंडिया रिजर्व बटालियन है। देश भर मंे पुलिस महकमे की इस पहली महिला आम्र्ड बटालियन की तैनातगी किसी भी प्रांत में आतंरिक सुरक्षा के लिए जाएगी।

अजमेर में रहेगा मुख्यालय

हाडी रानी बटालियन का मुख्यालय अजमेर रहेगा। इस मुख्यालय के भवन का निर्माण चल रहा है। अर्ध सैनिक बल से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद इस बटालियन की पांच कंपनियों को अलग-अलग जगह तैनात किया जाएगा।

गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव पर रोक

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाते हुए शिक्षा सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्त व मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

यह आदेश न्यायाधीश गोविंद माथुर ने बांसवाड़ा जिले में सज्जनगढ़ स्थित श्री योगेश्वर कॉलेज व दस अन्य निजी कॉलेजों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के तहत दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विनीत कुमार माथुर ने कहा कि बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों के गैर अनुदानित कॉलेज मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से संबद्ध है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 25 जून को एक अधिसूचना जारी कर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के अनुसार छात्रसंघ चुनाव कराने के निर्देश दिए।

माथुर का कहना था कि गैर अनुदानित संस्थाओं को इस अधिसूचना के तहत चुनाव कराने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उच्चतम न्यायालय ने समय-समय पर अपने निर्णयों में कहा है कि चुनाव मौलिक अधिकार नहीं हो कर केवल कानूनी अधिकार है। ये संस्थाएं उन्हीं आदेशों को मानने के लिए बाध्य है जो शिक्षण कार्य से संबंधित हों। चुनाव का अधिकार शिक्षा के अधिकार का हिस्सा नहीं है, इसलिए राज्य सरकार इन संस्थाओं को छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए बाध्य नहीं कर सकती।