जोधपुर. भारत पहुंची थार एक्सप्रेस में मुनाबाव में जांच कर रखा गया लगेज जोधपुर पहुंचते ही 60 किलो बढ़ गया। मुनाबाव में जिस लगेज की 140 क्विंटल की रसीदें काटी गईं, वह जोधपुर में कैसे बढ़ गया, इसके बारे में अधिकारी पता लगा रहे हैं। यह गाड़ी रविवार को निर्धारित से करीब तेरह घंटे देरी से पहुंची।
सरहद पार से पहले मुनाबाव पहुंची थार एक्सप्रेस के यात्रियों के सामान की जांच की गई तो 634 यात्रियों के 752 बैग में 140 क्विंटल लगेज की रसीदें काटी गई। जोधपुर के भगत की कोठी स्टेशन पर वाणिज्यिक निरीक्षक (सीएमआई) योगिन्दर चौधरी ने फिर जांच की तो 60 किलो लगेज अधिक पाया। उन यात्रियों से अधिक लगेज के 980 रुपए वसूले गए। जांच के दौरान कुछ यात्री सीएमआई से उलझ भी गए।
बाद में आरपीएफ की टीम ने उन्हें समझाया। डॉग स्क्वायड से भी सामान की जांच कराई गई। मुनाबाव से चढ़ाया 140 क्विंटल लगेज जोधपुर में 60 किलो ज्यादा निकलने से मुनाबाव जैसे संवेदनशील स्टेशन पर हो रही लगेज की जांच व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाता है। जानकारों का कहना है कि मिलीभगत बिना ऐसा संभव नहीं है। यह तो गनीमत रही कि अतिरिक्त लगेज में संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
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Monday, June 28, 2010
डांगियावास प्रकरण की फाइल जयपुर भेजी
जोधपुर. निकटवर्ती डांगियावास क्षेत्र में गत माह उपजे आक्रोश के बाद रोडवेज की बसें जलाने व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले की फाइल पुलिस मुख्यालय भेजी गई है। गत सप्ताह जाट समाज के युवाओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इसके बाद मुख्यालय ने जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने इस प्रकरण की फाइल मांगी थी।
सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण की जांच सीआईडी (सीबी) को सौंपी जा सकती है। एसपी (ग्रामीण) जीएल शर्मा ने बताया कि गत 18 मई को राजसमंद जिले में पुलिस की गोली से रावर निवासी छोटूराम जाट की मौत हो गई थी। इसके बाद डांगियावास क्षेत्र में कुछ लोगों ने जमकर उत्पात मचाया। दो बसों को जलाने के साथ करीब 20 बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे रोडवेज को करीब 40 लाख रुपए का नुकसान हुआ था।
लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। डांगियावास थाने में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिसकर्मियों से मारपीट कर राजकार्य में बाधा पहुंचाने, राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित करने सहित चार मुकदमे दर्ज किए थे। इन मुकदमों में 16 जनों को गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में दोषी पाए गए अधिकांश युवा छात्र थे। ऐसे में समाज की ओर से सीएमओ तक गुहार पहुंचाई गई, जिसमें इन युवाओं के भविष्य को देखते हुए कोई कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।
सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण की जांच सीआईडी (सीबी) को सौंपी जा सकती है। एसपी (ग्रामीण) जीएल शर्मा ने बताया कि गत 18 मई को राजसमंद जिले में पुलिस की गोली से रावर निवासी छोटूराम जाट की मौत हो गई थी। इसके बाद डांगियावास क्षेत्र में कुछ लोगों ने जमकर उत्पात मचाया। दो बसों को जलाने के साथ करीब 20 बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे रोडवेज को करीब 40 लाख रुपए का नुकसान हुआ था।
लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। डांगियावास थाने में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिसकर्मियों से मारपीट कर राजकार्य में बाधा पहुंचाने, राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित करने सहित चार मुकदमे दर्ज किए थे। इन मुकदमों में 16 जनों को गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में दोषी पाए गए अधिकांश युवा छात्र थे। ऐसे में समाज की ओर से सीएमओ तक गुहार पहुंचाई गई, जिसमें इन युवाओं के भविष्य को देखते हुए कोई कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।
मैदान मारे, सरकार से हारे
जोधपुर. जोधपुर के कई खिलाड़ियों ने मैदान मारे हैं लेकिन वे अब मारे-मारे फिर रहे हैं। खेल प्रतियोगिताओं में जाना तक उनके लिए महंगा पड़ रहा है। उन्हें स्पोर्ट्स अॅथोरिटी ऑफ इंडिया (साई) ने यहां हॉस्टल में सारी सुविधाएं तो दे रखी हैं लेकिन प्रतियोगिताओं के आयोजकों से टीए-डीए नहीं मिल पाया।
हैदराबाद में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप एवं इससे पहले जबलपुर में हुई पश्चिम क्षेत्रीय एथलेटिक्स मीट में साई के आठ खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इस मीट में गोल्ड मेडल भी इन्होंने जीते लेकिन अब एथलेटिक्स महासंघ से किराया व अन्य भत्ते लेने के लिए ये दौड़-भाग करते थक चुके हैं। ऐसा ही हाल देश-विदेश में हुए दंगलों में दिग्गज पहलवानों को चित कर देने वाले सीनियर पहलवान मोहनलाल बालोटिया का भी है।
वे भी व्यवस्थाओं के आगे चित हो चुके हैं। उन्हें रेलवे ने स्वीपर की नौकरी दी। बरसों की नौकरी में कोई प्रमोशन नहीं मिला और इसी पद से रिटायर्ड हो गए। अब शहर में कुश्ती को जिंदा रखने की उनकी ख्वाहिश भी पूरी नहीं हो पा रही है। वे जिस जगह गुरु हनुमान व्यायामशाला चलाते हैं उसका पट्टा अब तक उनके नाम नहीं हुआ जबकि वे इसका शुल्क भी जमा करवा चुके हैं।
हम भत्ते देंगे बशर्ते
हमारे आठ खिलाड़ी नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेने राज्य टीम से गए थे, इसलिए टीए-डीए देने का दायित्व राज्य एथलेटिक्स संघ और खेल काउंसिल का बनता है। जो कि अभी तक नहीं दिया गया है। फिर भी संघ या काउंसिल हमें लिखकर देती है तो साई इनका भुगतान करने को तैयार है। - राजेन्द्र सिंह राठौड़, सहायक निदेशक, साई, जोधपुर
हिन्द केसरी हो या भविष्य के मिल्खा, सभी हैं त्रस्त
खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। गांवों में प्रतिभाएं खोज रही है ताकि कहीं तो पदक तालिका में ऊपर आ सके। लेकिन देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी सहायता नहीं मिलती। डीबी स्टार टीम ने शहर में खेल और खिलाड़ियों के हालात पर नजर डाली तो पदकों के अकाल के कारण परत दर परत खुलते चले गए। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के जोधपुर हॉस्टल के आठ खिलाड़ियों ने नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीते, लेकिन उन्हें टीए-डीए तक नहीं दिया जा रहा है। श्रवण भाटी तो राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुके हैं। उन्हें प्रतियोगिता में जाने के लिए अपनी जेब से पैसे भरने पड़ रहे हैं।
सत्तर के दशक में जोधपुर के मोहनलाल बालोटिया ने कुश्ती के दंगल में ऐसे दांव खेले थे कि देश-दुनिया में भी उनकी पहलवानी का डंका बज गया। गुरु हनुमान ने उन्हें गुर सिखाए थे। यह खिलाड़ी बाद में रेल के डिब्बे ही धोता रहा। जब प्रमोशन की बारी आई तो अफसरों ने आंखें फेर लीं। बालोटिया ने कुश्ती सिखाने के लिए सरकार से शहर में व्यायामशाला खोलने की मांग की। उन्हें व्यायामशाला का पट्टा तक नहीं दिया गया। सात बार राजस्थान चैंपियन और हिन्द केसरी का खिताब जीतने वाला यह पहलवान खेल रत्न की सरकारी राशि भी प्राप्त नहीं कर सका।
पदक लाए पर भाड़ा तक नहीं दिया
साई जोधपुर हॉस्टल के आठ एथलेटिक्स पदक जीत कर तो लाए, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जाने का किराया तक नहीं मिल रहा है। 2009 में 6 से 8 दिसंबर तक जबलपुर (मध्यप्रदेश) में पश्चिम क्षेत्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता हुई थी। इसमें राजूराम ने 10 किलोमीटर पैदल चाल में रजत, श्रवण ने 400 मीटर बाधा व 200 मीटर दौड़ में कांस्य, गायड़सिंह ने भी इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर जोधपुर का नाम रोशन किया था। पिछले साल ही 17 से 21 नवंबर तक आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी धर्मेंद्रसिंह भाटी, विक्रमसिंह, सोहननाथ और मुकेश कुमार ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया था। एथलेटिक्स महासंघ की ओर से इन खिलाड़ियों को अब तक टीए-डीए नहीं मिला।
हैदराबाद में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप एवं इससे पहले जबलपुर में हुई पश्चिम क्षेत्रीय एथलेटिक्स मीट में साई के आठ खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इस मीट में गोल्ड मेडल भी इन्होंने जीते लेकिन अब एथलेटिक्स महासंघ से किराया व अन्य भत्ते लेने के लिए ये दौड़-भाग करते थक चुके हैं। ऐसा ही हाल देश-विदेश में हुए दंगलों में दिग्गज पहलवानों को चित कर देने वाले सीनियर पहलवान मोहनलाल बालोटिया का भी है।
वे भी व्यवस्थाओं के आगे चित हो चुके हैं। उन्हें रेलवे ने स्वीपर की नौकरी दी। बरसों की नौकरी में कोई प्रमोशन नहीं मिला और इसी पद से रिटायर्ड हो गए। अब शहर में कुश्ती को जिंदा रखने की उनकी ख्वाहिश भी पूरी नहीं हो पा रही है। वे जिस जगह गुरु हनुमान व्यायामशाला चलाते हैं उसका पट्टा अब तक उनके नाम नहीं हुआ जबकि वे इसका शुल्क भी जमा करवा चुके हैं।
हम भत्ते देंगे बशर्ते
हमारे आठ खिलाड़ी नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेने राज्य टीम से गए थे, इसलिए टीए-डीए देने का दायित्व राज्य एथलेटिक्स संघ और खेल काउंसिल का बनता है। जो कि अभी तक नहीं दिया गया है। फिर भी संघ या काउंसिल हमें लिखकर देती है तो साई इनका भुगतान करने को तैयार है। - राजेन्द्र सिंह राठौड़, सहायक निदेशक, साई, जोधपुर
हिन्द केसरी हो या भविष्य के मिल्खा, सभी हैं त्रस्त
खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। गांवों में प्रतिभाएं खोज रही है ताकि कहीं तो पदक तालिका में ऊपर आ सके। लेकिन देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी सहायता नहीं मिलती। डीबी स्टार टीम ने शहर में खेल और खिलाड़ियों के हालात पर नजर डाली तो पदकों के अकाल के कारण परत दर परत खुलते चले गए। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के जोधपुर हॉस्टल के आठ खिलाड़ियों ने नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीते, लेकिन उन्हें टीए-डीए तक नहीं दिया जा रहा है। श्रवण भाटी तो राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुके हैं। उन्हें प्रतियोगिता में जाने के लिए अपनी जेब से पैसे भरने पड़ रहे हैं।
सत्तर के दशक में जोधपुर के मोहनलाल बालोटिया ने कुश्ती के दंगल में ऐसे दांव खेले थे कि देश-दुनिया में भी उनकी पहलवानी का डंका बज गया। गुरु हनुमान ने उन्हें गुर सिखाए थे। यह खिलाड़ी बाद में रेल के डिब्बे ही धोता रहा। जब प्रमोशन की बारी आई तो अफसरों ने आंखें फेर लीं। बालोटिया ने कुश्ती सिखाने के लिए सरकार से शहर में व्यायामशाला खोलने की मांग की। उन्हें व्यायामशाला का पट्टा तक नहीं दिया गया। सात बार राजस्थान चैंपियन और हिन्द केसरी का खिताब जीतने वाला यह पहलवान खेल रत्न की सरकारी राशि भी प्राप्त नहीं कर सका।
पदक लाए पर भाड़ा तक नहीं दिया
साई जोधपुर हॉस्टल के आठ एथलेटिक्स पदक जीत कर तो लाए, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जाने का किराया तक नहीं मिल रहा है। 2009 में 6 से 8 दिसंबर तक जबलपुर (मध्यप्रदेश) में पश्चिम क्षेत्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता हुई थी। इसमें राजूराम ने 10 किलोमीटर पैदल चाल में रजत, श्रवण ने 400 मीटर बाधा व 200 मीटर दौड़ में कांस्य, गायड़सिंह ने भी इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर जोधपुर का नाम रोशन किया था। पिछले साल ही 17 से 21 नवंबर तक आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी धर्मेंद्रसिंह भाटी, विक्रमसिंह, सोहननाथ और मुकेश कुमार ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया था। एथलेटिक्स महासंघ की ओर से इन खिलाड़ियों को अब तक टीए-डीए नहीं मिला।
लाखों का क्रिकेट सट्टा पकड़ा
जोधपुर. चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस ने रविवार को सेक्टर 12 में क्रिकेट का सट्टा पकड़ा। चार सटोरियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 7 मोबाइल व 22,500 रुपए बरामद किए गए। ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच चल रहे वन-डे क्रिकेट मैच पर उन्होंने 20 लाख रुपए का सट्टा लगा रखा था। एएसपी राजेशसिंह ने बताया कि रविवार शाम सूचना मिली कि सेक्टर 12 के मकान संख्या 159 में क्रिकेट पर सट्टा हो रहा है।
थाने के एसआई सत्यप्रकाश के नेतृत्व में टीम बना कर वहां दबिश दी गई। पुलिस ने क्रिकेट का सट्टा लगा रहे सेक्टर 21 निवासी नवीन आचार्य, सेक्टर 4 ब निवासी मुकेश रंगा, सेक्टर 10 निवासी मनीष पारीक और मकान मालिक सन्नी हेमलानी को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से 7 मोबाइल फोन, 22 हजार 500 रुपए नकद तथा दो डायरियां जब्त की गई जिनमें 20 लाख रुपए का हिसाब-किताब मिला है।
शहर में सट्टे की अनेक लाइनें: हाउसिंग बोर्ड पुलिस ने सटोरियों की एक कड़ी को पकड़ा है, मगर पूरे शहर में क्रिकेट सट्टे का जाल बिछा है। इस कड़ी से पुलिस को एक निजी कंपनी की टेलीफोन लाइन मिली है जिस पर सट्टा होता है। जोधपुर, बाड़मेर, नागौर और आस-पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसी लाइनें चलना बताया जा रहा है। ये लाइनें दो बड़े सटोरियों की हैं, एक सटोरिये ने डेढ़ सौ तथा दूसरे ने एक सौ लाइनें छोटे सटोरियों को दे रखी हैं। लाइनें देने वाले दोनों सटोरिये प्रति लाइन 8 से 10 हजार रुपए किराया लेते हैं।
एंटीमार बुकी से चलता हैं धंधा: हाउसिंग बोर्ड में पकड़ा गया क्रिकेट सट्टा इसी एक लाइन से चल रहा था, इसका कोड एंटीमार है। पुलिस इस एंटीमार की तलाश कर रही है। यह एंटीमार कोई और नहीं, एक बुकी है जो भीतरी शहर में रहता है। पहले वह लॉटरी का धंधा करता था। एंटीमार ने लाइन देने वाले सटोरियों को ही चकमा दे रखा है। उसके पास लाइन नहीं है, मगर लाइनों में सेंध मार कर अपना नेटवर्क चला रहा है।
थाने के एसआई सत्यप्रकाश के नेतृत्व में टीम बना कर वहां दबिश दी गई। पुलिस ने क्रिकेट का सट्टा लगा रहे सेक्टर 21 निवासी नवीन आचार्य, सेक्टर 4 ब निवासी मुकेश रंगा, सेक्टर 10 निवासी मनीष पारीक और मकान मालिक सन्नी हेमलानी को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से 7 मोबाइल फोन, 22 हजार 500 रुपए नकद तथा दो डायरियां जब्त की गई जिनमें 20 लाख रुपए का हिसाब-किताब मिला है।
शहर में सट्टे की अनेक लाइनें: हाउसिंग बोर्ड पुलिस ने सटोरियों की एक कड़ी को पकड़ा है, मगर पूरे शहर में क्रिकेट सट्टे का जाल बिछा है। इस कड़ी से पुलिस को एक निजी कंपनी की टेलीफोन लाइन मिली है जिस पर सट्टा होता है। जोधपुर, बाड़मेर, नागौर और आस-पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसी लाइनें चलना बताया जा रहा है। ये लाइनें दो बड़े सटोरियों की हैं, एक सटोरिये ने डेढ़ सौ तथा दूसरे ने एक सौ लाइनें छोटे सटोरियों को दे रखी हैं। लाइनें देने वाले दोनों सटोरिये प्रति लाइन 8 से 10 हजार रुपए किराया लेते हैं।
एंटीमार बुकी से चलता हैं धंधा: हाउसिंग बोर्ड में पकड़ा गया क्रिकेट सट्टा इसी एक लाइन से चल रहा था, इसका कोड एंटीमार है। पुलिस इस एंटीमार की तलाश कर रही है। यह एंटीमार कोई और नहीं, एक बुकी है जो भीतरी शहर में रहता है। पहले वह लॉटरी का धंधा करता था। एंटीमार ने लाइन देने वाले सटोरियों को ही चकमा दे रखा है। उसके पास लाइन नहीं है, मगर लाइनों में सेंध मार कर अपना नेटवर्क चला रहा है।
ट्रांसफर के बाद भी फिर किया ट्रांसफर
जोधपुर. शिक्षा विभाग द्वारा समानीकरण की सूचियां तैयार करने में जमकर गड़बड़ियां हुई हैं। इनमें ऐसे टीचर्स का नाम भी शामिल है जिनका ट्रांसफर दो साल पहले ही दूसरे जिले में हो चुका है। एक ही स्कूल से अधिशेष बता कर एक शिक्षक को हटाने तथा उसकी जगह दूसरे को लगाने जैसे मामले भी सामने आए हैं।
राप्रावि उदारामजी की ढाणी ओसियां में कार्यरत शिक्षिका मीना मीणा का तबादला अलवर जिले की राजकीय प्राथमिक कंजौली स्कूल में दो साल पूर्व ही हो गया था। इसके बावजूद उनका नाम समानीकरण में शामिल कर दिया गया। साथ ही उनका ट्रांसफर राप्रावि भाटी रावों की ढाणी, खाबड़ा खुर्द ओसियां में कर दिया गया जबकि वे अलवर में कार्य कर रही हैं।
इसी तरह राप्रावि रामपुरा ओसियां की अध्यापिका कौशल्या मानव को राप्रावि किसना कॉलोनी रामपुरा ओसियां में लगाया गया,जबकि वहां पहले से कार्यरत अनिता शर्मा का तबादला राप्रावि हुड्डों जाखड़ो की ढाणी नेवरा रोड ओसियां में कर दिया गया। समानीकरण में सीनियरिटी को भी ताक में रखकर तबादले किए गए हैं। रामावि एकलखोरी (पूल) ओसियां के शिक्षक भंवरलाल की सीनियरिटी स्कूल में पांचवें नंबर पर है, लेकिन विभाग ने उनका स्थानांतरण राउप्रावि सेवकी कलां ओसियां में कर दिया। इस संबंध में जब अधिकारियों से बात करनी चाही तो उनके मोबाइल स्विच ऑफ मिले।
राप्रावि उदारामजी की ढाणी ओसियां में कार्यरत शिक्षिका मीना मीणा का तबादला अलवर जिले की राजकीय प्राथमिक कंजौली स्कूल में दो साल पूर्व ही हो गया था। इसके बावजूद उनका नाम समानीकरण में शामिल कर दिया गया। साथ ही उनका ट्रांसफर राप्रावि भाटी रावों की ढाणी, खाबड़ा खुर्द ओसियां में कर दिया गया जबकि वे अलवर में कार्य कर रही हैं।
इसी तरह राप्रावि रामपुरा ओसियां की अध्यापिका कौशल्या मानव को राप्रावि किसना कॉलोनी रामपुरा ओसियां में लगाया गया,जबकि वहां पहले से कार्यरत अनिता शर्मा का तबादला राप्रावि हुड्डों जाखड़ो की ढाणी नेवरा रोड ओसियां में कर दिया गया। समानीकरण में सीनियरिटी को भी ताक में रखकर तबादले किए गए हैं। रामावि एकलखोरी (पूल) ओसियां के शिक्षक भंवरलाल की सीनियरिटी स्कूल में पांचवें नंबर पर है, लेकिन विभाग ने उनका स्थानांतरण राउप्रावि सेवकी कलां ओसियां में कर दिया। इस संबंध में जब अधिकारियों से बात करनी चाही तो उनके मोबाइल स्विच ऑफ मिले।
कुत्तों का चिंकारा पर हमला
जोधपुर. आवारा कुत्तों ने रविवार को दो चिंकारा [हिरण] पर हमला कर दिया। इसमें से एक की मौत हो गई, जबकि एक का जंतुआलय के पशुचिकित्सालय में उपचार चल रहा है।
जंतुआलय के वन्यजीव प्रभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह डांगियावास और सालवा कला रोड पर भोजन व पानी की तलाश में भटक रहे दो मादा चिंकारा को आवारा कुत्तों ने घायल कर दिया। इससे एक चिंकारा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक चिंकारा का उपचार पशुचिकित्सालय में चल रहा है।
जंतुआलय के वन्यजीव प्रभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह डांगियावास और सालवा कला रोड पर भोजन व पानी की तलाश में भटक रहे दो मादा चिंकारा को आवारा कुत्तों ने घायल कर दिया। इससे एक चिंकारा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक चिंकारा का उपचार पशुचिकित्सालय में चल रहा है।
बस पलटने से बारह घायल
जोधपुर.बाड़मेर। बाड़मेर जिले की शिव तहसील से रविवार सुबह रवाना हुई एक निजी बस के सामने पशु आने से वह असंतुलित होकर पलट गई, जिससे उसमें सवार बारह लोग घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सुबह पौने बारह बजे एक निजी बस शिव से सवारियां भरकर बाड़मेर के लिए रवाना हुई। धर्मकांटे के पास से गुजरते वक्त बस के सामने अचानक एक गाय दौड़ती हुई आ गई। गाय को बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने बस का संतुलन खो दिया और बस पलटी खा गई, जिससे उसमें सवार बारह लोग घायल हो गए। जिन यात्रियों को साधारण चोट लगी थी, उन्हें शिव के सामुदायिक अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा देकर छुट्टी दे दी गई। जबकि तीन गंभीर घायलों को बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में रैफर किया गया है। पुलिस ने मौके पर पंहुच मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सुबह पौने बारह बजे एक निजी बस शिव से सवारियां भरकर बाड़मेर के लिए रवाना हुई। धर्मकांटे के पास से गुजरते वक्त बस के सामने अचानक एक गाय दौड़ती हुई आ गई। गाय को बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने बस का संतुलन खो दिया और बस पलटी खा गई, जिससे उसमें सवार बारह लोग घायल हो गए। जिन यात्रियों को साधारण चोट लगी थी, उन्हें शिव के सामुदायिक अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा देकर छुट्टी दे दी गई। जबकि तीन गंभीर घायलों को बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में रैफर किया गया है। पुलिस ने मौके पर पंहुच मामला दर्ज कर लिया।
बेटे ने किया पिता पर जानलेवा हमला
जोधपुर.मेड़ता रोड। बाप की जगह अनुकंपा से सरकारी नौकरी पाने के लालच में एक कलयुगी पुत्र ने अपने पिता पर जानलेवा हमला कर उसे मारने की कोशिश की।
पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार मेड़ता रोड थानातंर्गत नेणसा गांव निवासी गोवर्धन राम विश्नोई के भाई ने रविवार को रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके अनुसार उसके भाई गोवर्धन के बेटे रामकिशोर व दामाद राकेश ने मिलकर दस दिन पूर्व रात को सोते समय हथियारों से हमला कर जान से मारने की कोशिश की। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
गोवर्धन को उपचार के लिए अजमेर के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। रविवार को होश आने पर उसने अपने भाई को आपबीती सुनाई। इसपर उसने दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट के अनुसार, रामकिशोर को गोटन में कार्यरत एक हैडकांस्टेबल ने बताया कि अगर वह अपने पिता की हत्या कर देगा, तो उसे उसकी जगह पुलिस में अनुकंपा के आधार पर नौकरी लगवा देंगे। जिसपर 17 जून की रात को उसने अपने बहनोई राकेश के साथ मिलकर पिता पर हथियारों से हमला कर दिया।
पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार मेड़ता रोड थानातंर्गत नेणसा गांव निवासी गोवर्धन राम विश्नोई के भाई ने रविवार को रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके अनुसार उसके भाई गोवर्धन के बेटे रामकिशोर व दामाद राकेश ने मिलकर दस दिन पूर्व रात को सोते समय हथियारों से हमला कर जान से मारने की कोशिश की। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
गोवर्धन को उपचार के लिए अजमेर के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। रविवार को होश आने पर उसने अपने भाई को आपबीती सुनाई। इसपर उसने दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट के अनुसार, रामकिशोर को गोटन में कार्यरत एक हैडकांस्टेबल ने बताया कि अगर वह अपने पिता की हत्या कर देगा, तो उसे उसकी जगह पुलिस में अनुकंपा के आधार पर नौकरी लगवा देंगे। जिसपर 17 जून की रात को उसने अपने बहनोई राकेश के साथ मिलकर पिता पर हथियारों से हमला कर दिया।
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