बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिरने से दीवारों में करंट आ गया था
जोधपुर.बालोतरा। बालोतरा शहर के खेड़ गांव में शुक्रवार सुबह मकान की दीवार में करंट बहने से सास व बहू की मौत हो गई। घटना के अनुसार गुरुवार की रात आई बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिर गई, जिससे कमरे की दीवारों से अर्थिंग शुरू हो गई।
सुबह करीब छह बजे सास ने जब कमरे की खूंटी पर लटक रही भरनी उतारने के लिए उसे छूआ, तो वह उससे चिपक गई। इतने में पास ही बकरियां दूह रही उसकी बहू सुंदरदेवी ने जब अपनी सास को जूझते हुए देखा, तो वह समझी कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा है और उसने उसको छू लिया, जिससे वह भी उससे चिपक गई। करंट लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
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Saturday, July 24, 2010
जोधपुर में बारिश बाड़मेर बारिश का पानी खेतों में घुसा
जोधपुर. जोधपुर में बादलों की आवाजाही के बीच शुक्रवार सुबह 11.30 बजे करीब बारिश हुई। बारिश शहर के कुछ क्षेत्रों में तेज हुई, तो कहीं बूंदाबांदी से संतोष करना पड़ा।
सूर्यनगरी में सुबह धूप निकलने के बाद एक बार तो उमस के साम्राज्य ने लोगों को पसीने से भीगो दिया। 11 बजे बादलों की आवाजाही शुरू होने के बाद हुई बारिश ने सड़कों को भिगो दिया। शहर की हाईकार्ट कॉलोनी, पीडब्ल्यूडी चौराहा, भास्कर चौराहा, सेनापति भवन, गौरव पथ पर तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से निजात दिलाई, जबकि शहर के भीतरी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी रही, जिससे लोगों को सूरज की तपिश से राहत मिली।
बाड़मेर शहर से करीब तीस किलोमीटर दूर रानी गांव में गुरूवार रात दस बजे से शुरू हुई बरसात देर रात तक बरसती रही, जिससे बारिश का पानी रपट पर बहने के बाद सड़कों को तोड़कर पास ही के खेतों में जा घुसा।
इसके अलावा करीब चालीस ढाणियां पानी से भर गईं। मौके पर मौजूद संवाददाता के अनुसार पहाड़ी के पीछे बसे इस गांव में पानी से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। अलबत्ता गांव की सड़कें पानी से जरूर जगह-जगह से टूट गई हैं।
सूर्यनगरी में सुबह धूप निकलने के बाद एक बार तो उमस के साम्राज्य ने लोगों को पसीने से भीगो दिया। 11 बजे बादलों की आवाजाही शुरू होने के बाद हुई बारिश ने सड़कों को भिगो दिया। शहर की हाईकार्ट कॉलोनी, पीडब्ल्यूडी चौराहा, भास्कर चौराहा, सेनापति भवन, गौरव पथ पर तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से निजात दिलाई, जबकि शहर के भीतरी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी रही, जिससे लोगों को सूरज की तपिश से राहत मिली।
बाड़मेर शहर से करीब तीस किलोमीटर दूर रानी गांव में गुरूवार रात दस बजे से शुरू हुई बरसात देर रात तक बरसती रही, जिससे बारिश का पानी रपट पर बहने के बाद सड़कों को तोड़कर पास ही के खेतों में जा घुसा।
इसके अलावा करीब चालीस ढाणियां पानी से भर गईं। मौके पर मौजूद संवाददाता के अनुसार पहाड़ी के पीछे बसे इस गांव में पानी से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। अलबत्ता गांव की सड़कें पानी से जरूर जगह-जगह से टूट गई हैं।
आखिर जीत गया नगर निगम
जोधपुर. जेडीए खुद की विकसित हुई आधा दर्जन पॉश कॉलोनियां नगर निगम को हस्तांतरित करने पर राजी हो गया है। इसके साथ ही एक अगस्त से सभी 65 वार्डो की संपूर्ण रोड लाइटों का जिम्मा भी निगम को सौंप देगा। हालांकि रोड लाइटों के तकनीकी पहलुओं पर दोनों में सहमति नहीं बनने के बाद अंतिम फैसला कमेटी पर छोड़ दिया गया है।
जेडीए ने गुरुवार को सुभाष नगर व मिल्कमैन कॉलोनी की समस्त दस्तावेज की पत्रावलियां निगम को भेज दी है। भगत की कोठी व भगत की कोठी (विस्तार), सरस्वती नगर व संपूर्ण कच्ची बस्तियों की पत्रावलियां शुक्रवार को सौंपी जाएंगी। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद जेडीए के अफसर लंबे समय से इस मसले को अटकाकर बैठे थे। इसके चलते जेडीए के क्षेत्राधिकार वाली आधा दर्जन से ज्यादा विकसित आवासीय कॉलोनियां और 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें निगम में हस्तांतरित नहीं हो पा रही थीं।
दोनों निकायों के बीच समझौता नहीं होने से जहां अवैध निर्माणों की संख्या में इजाफा हो रहा था, तो स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव करने वाले जेडीए के ठेकेदार भी ‘यह लाइटें हमारी नहीं, निगम की हैं’ की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भागने लगे थे। नगर निगम में नए बोर्ड के गठन के बाद निगम की आय बढ़ाने के लिए महापौर ने जेडीए की कुछ विकसित कॉलोनियों को निगम में शिफ्ट करने की बात उठाई थी, इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति भी दे दी थी।
लगभग पांच माह पूर्व कलेक्टर ने जेडीए व निगम के अफसरों के साथ बैठक कर ऐसी कॉलोनियों को चिह्न्ति करने को कहा था। जेडीए अफसरों ने आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय कॉलोनियां को निगम को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया, मगर अफसरों के अड़ियल रवैये के कारण इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
इन कॉलोनियों पर हुआ था विचार
दोनों के बीच हुए समझौते में पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, मानजी का हत्था सहित कमला नेहरू नगर, कीर्तिनगर, सरस्वती नगर व अन्य विकसित कॉलोनियां शामिल हैं, लेकिन जेडीए खुद की कंगाली मिटाने के लिए विकसित कॉलोनियों से होने वाली मोटी आय का मोह नहीं छोड़ पा रहा है।
जेडीए आज भी शहर की पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, कमला नेहरू नगर, मानजी का हत्था समेत अन्य विकसित हो चुकी कॉलोनियों की पत्रावलियां निगम को सौंपने का राजी नहीं हो रहा है। हाउसिंग बोर्ड व निगम के बीच जुलाई, 2000 में हुए समझौते के तहत हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 10 से 25 निगम को पहले ही सौंपे जा चुके हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार के फैसले के बाद हाउसिंग बोर्ड अपनी शेष आवासीय कॉलोनियों सहित खाली भूखंड व दुकानें भी निगम को हस्तांतरित करने की कवायद में जुटा है।
यह होगा फायदा
जेडीए की कॉलोनियों के निगम में शिफ्ट होने से वह इनका मालिक बन जाएगा। इसके बाद इन कॉलोनियों में भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड सहित भूखंडों का विक्रय भी निगम कर सकेगा। पांच फीसदी हस्तांतरण शुल्क (रिजर्व प्राइस का) से भी निगम को बड़ी आय होगी। इससे मुफलिसी के दौर से गुजर रहे निगम का खाली खजाना भरने में काफी मदद मिलेगी।
हालांकि इन कॉलोनियों में निगम के सफाई कर्मचारी ही सफाई करते हैं, लेकिन इन कॉलोनियों का स्वामित्व जेडीए के अधीन होने से वह न तो भवन निर्माण की इजाजत दे पाता है और न ही भूखंडों का बेचान कर पाता है। इस फैसले से अब निगम को इन कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण व अतिक्रमण को भी रोकने का अधिकार मिल जाएगा।
जेडीए ने गुरुवार को सुभाष नगर व मिल्कमैन कॉलोनी की समस्त दस्तावेज की पत्रावलियां निगम को भेज दी है। भगत की कोठी व भगत की कोठी (विस्तार), सरस्वती नगर व संपूर्ण कच्ची बस्तियों की पत्रावलियां शुक्रवार को सौंपी जाएंगी। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद जेडीए के अफसर लंबे समय से इस मसले को अटकाकर बैठे थे। इसके चलते जेडीए के क्षेत्राधिकार वाली आधा दर्जन से ज्यादा विकसित आवासीय कॉलोनियां और 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें निगम में हस्तांतरित नहीं हो पा रही थीं।
दोनों निकायों के बीच समझौता नहीं होने से जहां अवैध निर्माणों की संख्या में इजाफा हो रहा था, तो स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव करने वाले जेडीए के ठेकेदार भी ‘यह लाइटें हमारी नहीं, निगम की हैं’ की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भागने लगे थे। नगर निगम में नए बोर्ड के गठन के बाद निगम की आय बढ़ाने के लिए महापौर ने जेडीए की कुछ विकसित कॉलोनियों को निगम में शिफ्ट करने की बात उठाई थी, इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति भी दे दी थी।
लगभग पांच माह पूर्व कलेक्टर ने जेडीए व निगम के अफसरों के साथ बैठक कर ऐसी कॉलोनियों को चिह्न्ति करने को कहा था। जेडीए अफसरों ने आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय कॉलोनियां को निगम को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया, मगर अफसरों के अड़ियल रवैये के कारण इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
इन कॉलोनियों पर हुआ था विचार
दोनों के बीच हुए समझौते में पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, मानजी का हत्था सहित कमला नेहरू नगर, कीर्तिनगर, सरस्वती नगर व अन्य विकसित कॉलोनियां शामिल हैं, लेकिन जेडीए खुद की कंगाली मिटाने के लिए विकसित कॉलोनियों से होने वाली मोटी आय का मोह नहीं छोड़ पा रहा है।
जेडीए आज भी शहर की पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, कमला नेहरू नगर, मानजी का हत्था समेत अन्य विकसित हो चुकी कॉलोनियों की पत्रावलियां निगम को सौंपने का राजी नहीं हो रहा है। हाउसिंग बोर्ड व निगम के बीच जुलाई, 2000 में हुए समझौते के तहत हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 10 से 25 निगम को पहले ही सौंपे जा चुके हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार के फैसले के बाद हाउसिंग बोर्ड अपनी शेष आवासीय कॉलोनियों सहित खाली भूखंड व दुकानें भी निगम को हस्तांतरित करने की कवायद में जुटा है।
यह होगा फायदा
जेडीए की कॉलोनियों के निगम में शिफ्ट होने से वह इनका मालिक बन जाएगा। इसके बाद इन कॉलोनियों में भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड सहित भूखंडों का विक्रय भी निगम कर सकेगा। पांच फीसदी हस्तांतरण शुल्क (रिजर्व प्राइस का) से भी निगम को बड़ी आय होगी। इससे मुफलिसी के दौर से गुजर रहे निगम का खाली खजाना भरने में काफी मदद मिलेगी।
हालांकि इन कॉलोनियों में निगम के सफाई कर्मचारी ही सफाई करते हैं, लेकिन इन कॉलोनियों का स्वामित्व जेडीए के अधीन होने से वह न तो भवन निर्माण की इजाजत दे पाता है और न ही भूखंडों का बेचान कर पाता है। इस फैसले से अब निगम को इन कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण व अतिक्रमण को भी रोकने का अधिकार मिल जाएगा।
सोनोग्राफी मशीन सीज
जोधपुर. स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए महात्मा गांधी अस्पताल के नजदीक स्थित एसडी डायग्नोसिस केंद्र की बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन सीज कर ली।
डॉ. शेखावत ने बताया कि केंद्र के सोनोग्राफी जांच लाइसेंस की अवधि 2007 में समाप्त हो गई थी, लेकिन संचालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। ऐसे में इस अवधि में भ्रूण लिंग जांच का अंदेशा बना रहता है। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले दिनों पीसीपीएनडीटी एक्ट की स्टेट सेल ने शहर में बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद स्थानीय विभाग ने लाइसेंस की जांच व मशीनें सीज करने की कार्रवाई शुरू की है।
बंद मशीन रखना भी नियम विरुद्ध
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अंतर्गत लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद तुरंत नया लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। अगर कोई संचालक केंद्र बंद करना चाहे तो एक्ट के नियमानुसार संचालक को मशीन कंपनी को सुपुर्द करनी पड़ती है। इसके अभाव में पांच पेनल्टी लग सकती है।
निदेशक लेंगे ट्रैकिंग सिस्टम का जायजा
सुरक्षित संस्थागत प्रसव, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए जिले में अप्रेल से लागू हुई ‘प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग सिस्टम’ के नाम से नई व्यवस्था का शुक्रवार को डॉ. आरएनडी पुरोहित, निदेशक (एड्स) जायजा लेंगे। योजना के तहत पूरे जिले की प्रसूताओं का ब्लॉकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा में प्रसूता के प्रथम एएनसी चैकअप से लेकर टीकाकरण तक का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
ऑनलाइन तैयार होने वाले इस डाटा बेस में प्रसूता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, फोन नंबर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी के अलावा प्रसव पूर्व होने वाली जांचों का ब्यौरा, गर्भ की स्थिति, प्रसव की संभावित दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। गुरुवार को जोधपुर पहुंचे डॉ. पुरोहित ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की बैठक ली। शुक्रवार को वे सालावास में योजना का निरीक्षण करेंगे।
डॉ. शेखावत ने बताया कि केंद्र के सोनोग्राफी जांच लाइसेंस की अवधि 2007 में समाप्त हो गई थी, लेकिन संचालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। ऐसे में इस अवधि में भ्रूण लिंग जांच का अंदेशा बना रहता है। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले दिनों पीसीपीएनडीटी एक्ट की स्टेट सेल ने शहर में बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद स्थानीय विभाग ने लाइसेंस की जांच व मशीनें सीज करने की कार्रवाई शुरू की है।
बंद मशीन रखना भी नियम विरुद्ध
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अंतर्गत लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद तुरंत नया लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। अगर कोई संचालक केंद्र बंद करना चाहे तो एक्ट के नियमानुसार संचालक को मशीन कंपनी को सुपुर्द करनी पड़ती है। इसके अभाव में पांच पेनल्टी लग सकती है।
निदेशक लेंगे ट्रैकिंग सिस्टम का जायजा
सुरक्षित संस्थागत प्रसव, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए जिले में अप्रेल से लागू हुई ‘प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग सिस्टम’ के नाम से नई व्यवस्था का शुक्रवार को डॉ. आरएनडी पुरोहित, निदेशक (एड्स) जायजा लेंगे। योजना के तहत पूरे जिले की प्रसूताओं का ब्लॉकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा में प्रसूता के प्रथम एएनसी चैकअप से लेकर टीकाकरण तक का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
ऑनलाइन तैयार होने वाले इस डाटा बेस में प्रसूता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, फोन नंबर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी के अलावा प्रसव पूर्व होने वाली जांचों का ब्यौरा, गर्भ की स्थिति, प्रसव की संभावित दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। गुरुवार को जोधपुर पहुंचे डॉ. पुरोहित ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की बैठक ली। शुक्रवार को वे सालावास में योजना का निरीक्षण करेंगे।
टुकलिया को कोटा भेजा
जोधपुर. जोधपुर विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ नगर नियोजक रतनलाल टुकलिया को सरकार ने हटा दिया है। उनका तबादला जोधपुर से कोटा कर दिया गया है। दैनिक भास्कर के 19 जुलाई के अंक में टुकलिया ने की जमीन भू-माफिया के हवाले शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे गंभीरता से लिया। गहलोत ने मंगलवार की रात ही अपने निवास पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल व विभाग के आला अफसरों को बुलाया। उन्होंने भास्कर में 19 व 20 जुलाई को प्रकाशित दोनों समाचारों के साथ ही इस मामले में जोधपुर कलेक्टर नवीन महाजन का राज्य सरकार व सीएमओ को भेजे पत्र सहित संपूर्ण पत्रावलियां देखी। इसके बाद टुकलिया को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने 22 जुलाई को ही एक आदेश जारी कर 9 अधिकारियों का तबादला किया। इस आदेश में टुकलिया को जोधपुर से हटा कर कोटा भेज दिया है। उनके खिलाफ जोधपुर में और भी मामले विचाराधीन हैं, जिनकी जांच चल रही है।
टुकलिया के खिलाफ मंडोर निवासी रामेश्वर सिंह गहलोत ने जिला स्तरीय भू-माफिया नियंत्रण प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि टुकलिया ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मंडोर ग्राम के खसरा नंबर 787 का ले-आउट प्लान स्वीकृत कर दिया। इसका खुलासा होने पर जोधपुर जिला कलेक्टर ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
जाखड़ जोधपुर के नए एसटीपी
राज्य सरकार ने बीकानेर के वरिष्ठ नगर नियोजक जेबी जाखड़ को जोधपुर जोन का वरिष्ष्ठ नगर नियोजक एवं निदेशक नगर आयोजना जेडीए जोधपुर का कार्यभार सौंपा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे गंभीरता से लिया। गहलोत ने मंगलवार की रात ही अपने निवास पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल व विभाग के आला अफसरों को बुलाया। उन्होंने भास्कर में 19 व 20 जुलाई को प्रकाशित दोनों समाचारों के साथ ही इस मामले में जोधपुर कलेक्टर नवीन महाजन का राज्य सरकार व सीएमओ को भेजे पत्र सहित संपूर्ण पत्रावलियां देखी। इसके बाद टुकलिया को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने 22 जुलाई को ही एक आदेश जारी कर 9 अधिकारियों का तबादला किया। इस आदेश में टुकलिया को जोधपुर से हटा कर कोटा भेज दिया है। उनके खिलाफ जोधपुर में और भी मामले विचाराधीन हैं, जिनकी जांच चल रही है।
टुकलिया के खिलाफ मंडोर निवासी रामेश्वर सिंह गहलोत ने जिला स्तरीय भू-माफिया नियंत्रण प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि टुकलिया ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मंडोर ग्राम के खसरा नंबर 787 का ले-आउट प्लान स्वीकृत कर दिया। इसका खुलासा होने पर जोधपुर जिला कलेक्टर ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
जाखड़ जोधपुर के नए एसटीपी
राज्य सरकार ने बीकानेर के वरिष्ठ नगर नियोजक जेबी जाखड़ को जोधपुर जोन का वरिष्ष्ठ नगर नियोजक एवं निदेशक नगर आयोजना जेडीए जोधपुर का कार्यभार सौंपा है।
विद्यार्थी मित्रों को रखें नियमित : हाईकोर्ट
जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने विद्यार्थी मित्रों को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में नियमित रखने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने यह आदेश गुरुवार को करीब डेढ़ सौ याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि वे काफी समय से इन पदों पर कार्यरत हैं और ये पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।
पूर्व में भी उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ऐसी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को आरपीएससी के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी कर नई नियुक्ति होने तक नियमित रूप से कार्य करने के आदेश किए थे। इस पर कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार के पास अभी भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और आदेश दिए कि याचिकाकर्ताओं को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में पद से नहीं हटाएं।
पूर्व में भी उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ऐसी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को आरपीएससी के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी कर नई नियुक्ति होने तक नियमित रूप से कार्य करने के आदेश किए थे। इस पर कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार के पास अभी भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और आदेश दिए कि याचिकाकर्ताओं को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में पद से नहीं हटाएं।
ई-मेल के जरिए धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार
जोधपुर. शहर पुलिस ने इंटरनेट के जरिए धोखाधड़ी करने के संबंध में गत वर्ष दर्ज एक प्रकरण में गुरुवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। एएसपी राजेशसिंह ने बताया कि कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर छह निवासी सत्येंद्र प्रताप ने रिपोर्ट देकर बताया कि गत 23 सितंबर, 09 को उसे एक ई-मेल मिला जिसमें 1.5 मिलियन पाउंड की लॉटरी उसके नाम निकलने की सूचना दी गई थी।
उसके मोबाइल पर एक एसएमएस मिला, जिसमें एचके इन्फोटेक के बैंक खाते में 32 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। सत्येन्द्र ने बताए गए खाते में 26 सितंबर को यह राशि जमा करवा दी। कुछ समय बाद उसे मुंबई, यूके व अन्य शहर के आईडी से तीन ई-मेल मिले और उसी एकाउंट में 77 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। तब सत्येन्द्र को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
साइबर क्राइम के इस मामले का निस्तारण करने के लिए एसपी (सिटी) के निर्देश पर वृत्ताधिकारी (पश्चिम) नरपतसिंह के नेतृत्व में बासनी थानाधिकारी राजवीरसिंह व एएसआई हेमसिंह की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने आईटी विशेषज्ञों की मदद ली और सत्येन्द्र के बताए बैंक से खाताधारक का रिकार्ड हासिल किया। इसी आधार पर टीम ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 23 निवासी पवन कुमार पुत्र रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी हुई है
उसके मोबाइल पर एक एसएमएस मिला, जिसमें एचके इन्फोटेक के बैंक खाते में 32 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। सत्येन्द्र ने बताए गए खाते में 26 सितंबर को यह राशि जमा करवा दी। कुछ समय बाद उसे मुंबई, यूके व अन्य शहर के आईडी से तीन ई-मेल मिले और उसी एकाउंट में 77 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। तब सत्येन्द्र को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
साइबर क्राइम के इस मामले का निस्तारण करने के लिए एसपी (सिटी) के निर्देश पर वृत्ताधिकारी (पश्चिम) नरपतसिंह के नेतृत्व में बासनी थानाधिकारी राजवीरसिंह व एएसआई हेमसिंह की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने आईटी विशेषज्ञों की मदद ली और सत्येन्द्र के बताए बैंक से खाताधारक का रिकार्ड हासिल किया। इसी आधार पर टीम ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 23 निवासी पवन कुमार पुत्र रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी हुई है
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