जोधपुर। मानसून पूर्व की बारिश जोधपुर के विभिन्न क्षेत्रों में स्वछंद रूप से कुलांचे भरने वाले चिंकारों एवं हिरणों के लिए तो कहर बन गई। बारिश के कारण नम हुई भूमि पर दौड पाने में असमर्थ 42 से अधिक चिंकारे एवं काले हरिण कुत्तों के नोंचने से घायल हो गए। जिनमें से नौ की मौत हो गई।
जोधपुर चिडियाघर में स्थापित वन विभाग के बचाव एवं राहत केन्द्र के चिकित्सक श्रवण सिंह राठौड ने बताया कि सोमवार को विभिन्न क्षेत्रों से करीब दो दर्जन हिरण एवं चिंकारे घायल अवस्था में लाए गए थे जिनमें से सात की मौत तो यहां पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी और दो ने यहां उपचार के दौरान दम तोड दिया।
उन्होंने बताया कि बरसात में गीली जमीन पर हिरण नुकीले पैरो के कारण तेज नहीं दौड पाता है और उसके पैर जमीन में धंस जाते है। उन्होंने बताया कि हर साल बरसात शुरू होने पर इन वन्य जीवों पर संकट आ जाता है। घायल हिरणों के बारे में सूचना मिलने पर वन विभाग के उडन दस्ते एवं वन्य प्राणी प्रेमियोंं की ओर से यहां लाया गया था। उन्होंने बताया कि शेष घायल प्राणियों का उपचार चल रहा है तथा इनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
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