जोधपुर। जिले की 339 ग्राम पंचायतों में खोले जाने वाले राजीव गांधी आई.टी. केन्द्रों की निर्माण सामग्री और कारीगरों का दूर तक कहीं पता नहीं है, फिर भी आनन-फानन में इन केन्द्रों की नींव खोदने का काम शुरू कर दिया गया है। राज्यभर में इन सेवा केन्द्रों के टेण्डर अटके हुए हैं।
इधर, सरकार के दबाव के चलते महानरेगा से प्रत्येक केन्द्र के लिए पांच-पांच श्रमिकों को लगाना भी शुरू कर दिया गया है। जबकि ग्राम पंचायतों में न तो तकनीकी दक्ष लोग हैं और न ही श्रमिकों को निर्माण कार्य का अनुभव। स्थिति तो यह है कि इन केन्द्रों के ले आउट भी अभी तक जारी नहीं हुए हैं।
उद्घाटन की जल्दबाजी
राजीव गांधी आई.टी. केन्द्रों की स्थापना की कवायद अब लंबी खिंचती नजर आ रही है। इधर, सरकार पंचायत स्तर पर बनने वाले ऎसे केन्द्रों का उद्घाटन 15 अगस्त को करना चाहती है और ग्राम पंचायत स्तर पर ये उद्घाटन 2 अक्टूबर को होने हैं। जिले में पंचायत स्तर के आई.टी. केन्द्रों के काम तो शुरू हो गए, लेकिन ग्राम पंचायत स्तर के मामले अटक गए हैं। दस लाख की लागत से एक आई.टी. केन्द्र का निर्माण होना है।
इसमें 8.30 लाख निर्माण और 1.70 लाख रूपए सौर ऊर्जा पर खर्च होने हैं। जिले में बनने वाले 339 ऎसे केन्द्रों के लिए अभी तक टेण्डर ही नहीं हुए हैं। जबकि इन केन्द्रों की नींव खोदने का काम शुरू कर दिया गया है। बिना ले आउट और बिना किसी तकनीकी अधिकारी के मौके पर गए यह काम शुरू किया गया है।
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