जोधपुर. स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए महात्मा गांधी अस्पताल के नजदीक स्थित एसडी डायग्नोसिस केंद्र की बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन सीज कर ली।
डॉ. शेखावत ने बताया कि केंद्र के सोनोग्राफी जांच लाइसेंस की अवधि 2007 में समाप्त हो गई थी, लेकिन संचालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। ऐसे में इस अवधि में भ्रूण लिंग जांच का अंदेशा बना रहता है। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले दिनों पीसीपीएनडीटी एक्ट की स्टेट सेल ने शहर में बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद स्थानीय विभाग ने लाइसेंस की जांच व मशीनें सीज करने की कार्रवाई शुरू की है।
बंद मशीन रखना भी नियम विरुद्ध
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अंतर्गत लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद तुरंत नया लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। अगर कोई संचालक केंद्र बंद करना चाहे तो एक्ट के नियमानुसार संचालक को मशीन कंपनी को सुपुर्द करनी पड़ती है। इसके अभाव में पांच पेनल्टी लग सकती है।
निदेशक लेंगे ट्रैकिंग सिस्टम का जायजा
सुरक्षित संस्थागत प्रसव, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए जिले में अप्रेल से लागू हुई ‘प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग सिस्टम’ के नाम से नई व्यवस्था का शुक्रवार को डॉ. आरएनडी पुरोहित, निदेशक (एड्स) जायजा लेंगे। योजना के तहत पूरे जिले की प्रसूताओं का ब्लॉकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा में प्रसूता के प्रथम एएनसी चैकअप से लेकर टीकाकरण तक का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
ऑनलाइन तैयार होने वाले इस डाटा बेस में प्रसूता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, फोन नंबर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी के अलावा प्रसव पूर्व होने वाली जांचों का ब्यौरा, गर्भ की स्थिति, प्रसव की संभावित दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। गुरुवार को जोधपुर पहुंचे डॉ. पुरोहित ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की बैठक ली। शुक्रवार को वे सालावास में योजना का निरीक्षण करेंगे।
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