जोधपुर. राजस्थान हाइकोर्ट परिसर में शुक्रवार दोपहर एक अधिवक्ता तथा मोबाइल मजिस्ट्रेट कार्यालय के लिपिक के बीच मारपीट हो गई। इस संबंध में लिपिक व अधिवक्ता ने एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। दूसरी ओर, इस प्रकरण की शिकायत पर सेशन न्यायाधीश महेन्द्रकुमार माहेश्वरी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को मामले की जांच सौंपी है।
उदयमंदिर पुलिस ने बताया कि नागौरी गेट विजय चौक निवासी लक्ष्मणसिंह पुत्र गोविन्दसिंह ने रिपोर्ट देकर बताया कि वह विशिष्ट न्यायालय मोटर वाहन प्रकरण की कोर्ट में कनिष्ठ लिपिक है। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे कार्यालय में लक्ष्मणसिंह व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही थे। उसी दौरान दो-तीन अधिवक्ता कार्यालय में आए और पत्रावलियों से छेड़छाड़ करने लगे।
लक्ष्मणसिंह ने ऐसा करने से मना किया और कहा कि रीडर साहब या अन्य संबंधित लिपिक के आने के बाद आएं। इस पर अधिवक्ता उसे धमकियां देते हुए वहां से चले गए। कुछ देर बाद करीब 30-40 अधिवक्ता वहां पहुंचे। उन्हीं में शामिल अधिवक्ता रविशेखर ने लिपिक का गिरेबान पकड़ा और कार्यालय से बाहर घसीट ले गया। यहां सबने उसके साथ मारपीट की तथा करीब एक तोला वजनी सोने की चेन छीनकर ले गए।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने राजकार्य में बाधा पहुंचाने, मारपीट कर चेन चुराने का मामला दर्ज किया है। दूसरी ओर अधिवक्ता मनीष पुत्र लक्ष्मीनारायण ने पुलिस को बताया कि वह कोर्ट में पक्षकार का वाहन छुड़ाने गया था। उस समय पीठासीन अधिकारी व रीडर मौजूद नहीं थे। कोर्ट में उसने लिपिक लक्ष्मणसिंह से चालान के बाबत बात की तो उसने रुपए मांगे। रुपए देने से इनकार करने पर उसने उसके साथ र्दुव्यवहार किया। इस दौरान बीच-बचाव करने आए अधिवक्ता रविशेखर के साथ लिपिक ने मारपीट की।
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