जोधपुर. सरकारी उदासीनता के कारण जोधपुर में थैलेसीमिया पीड़ित तीन बच्चे एचआईवी और 17 बच्चे हैपेटाइटिस-सी (एचसीवी) जैसी जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। इसकी वजह उम्मेद अस्पताल के ब्लड बैंक से संक्रमित खून चढ़ाना माना जा रहा है।
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से इस सप्ताह जारी थैलेसीमिया पीड़ितों की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। लगातार थैलेसीमिया पीड़ितों के खतरनाक संक्रमित रोगों की चपेट आने से इनके परिजन दहशत में हैं। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सहआचार्य डॉ. पीके खत्री का मानना है कि थैलेसीमिया पीड़ितों के खतरनाक रोग से संक्रमित होने का कारण मल्टीपल ब्लड ट्रांसफ्यूजन है।
130 में से 54 संक्रमित : मारवाड़ थैलेसीमिया सोसायटी में 130 थैलेसीमिया पीड़ित पंजीकृत हैं। इनमें आठ एचआईवी व 46 एचसीवी की चपेट में आ चुके हैं।
अब जवाब दे सरकार : भास्कर ने इसी वर्ष जनवरी में जोधपुर में थैलेसीमिया पीड़ितों के एचआईवी और एचसीवी रोग की चपेट में आने का खुलासा किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने एक कमेटी से जांच करवाई। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में रक्त जांच की नई तकनीक उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई थी। पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि पांच माह बाद भी सरकार ने नेट टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई।
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