जोधपुर. स्वाइन फ्लू की दस्तक के बाद फिर से लोगों में डर नजर आने लगा है। मथुरादास माथुर अस्पताल में लोग मास्क लगाए नजर आने लगे हैं। मंगलवार को एक पॉजिटिव रोगी की मौत के बाद तो आइसोलेशन वार्ड के बाहर का नजारा ही बदल गया।
डॉक्टरों के निर्देश पर मरीजों के परिजनों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया है। इधर स्वास्थ्य विभाग भी स्वाइन फ्लू से पहली मौत के बाद सजग हो गया है। विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अजरुनसिंह भाटी ने बताया कि संभाग के सभी सीएमएचओ को अपने-अपने क्षेत्र में स्क्रीनिंग सेंटर दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इधर, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने भी मंगलवार को एमडीएम अस्पताल जाकर आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में संचालित स्वाइन फ्लू ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीज दूसरे मरीजों को संक्रमित नहीं करें, इसके लिए ओपीडी के लिए नई जगह तलाश रहे हैं।
तीन दिन जुकाम तो टेमीफ्लू लें
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने के बाद बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। खास तौर से जुखाम हो तो तुरंत उपचार करवाना जरूरी है। तीन दिन में अगर जुकाम में फर्क नहीं आता है तो डॉक्टर से सलाह कर टेमीफ्लू लेनी चाहिए। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी डॉक्टरों को भी इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के लिए टेमीफ्लू ही एक मात्र दवाई है। इसके अलावा बाजार में टीके भी उपलब्ध हैं।
एमजीएच में सीजन डिजीज वार्ड शुरू
इधर एमजीएच में मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल तीन वार्ड में दस पलंग आरक्षित करते हुए विशेष वार्ड शुरू कर दिया है। इसके लिए मंगलवार को इन दस पलंगों पर भर्ती मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर वार्ड तैयार किया गया।
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