जोधपुर. राज्य सरकार ने प्लास्टिक के कैरी बैग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है, पैकेजिंग पर नहीं। अगर कोई विक्रेता खाद्य पदाथोर्ं की पैकेजिंग कर देता है तो इस पर रोक नहीं होगी। बीस माइक्रोन तक के प्लास्टिक की बनी पॉलीथिन में विक्रेता स्वनिर्मित खाद्य सामग्री पैकेजिंग कर बेच सकता है।
राज्य प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी बीआर पंवार ने बताया कि सरकार की ओर से 28 जुलाई को जारी किए गए नए आदेश में स्पष्ट है कि खाद्य सामग्री, दूध व नर्सरी में उन्नत पौधों की पैकेजिंग के लिए प्रयुक्त पॉलीथिन कैरी बैग की श्रेणी में नहीं आएगा। जांच कार्य में लगे विभागीय कर्मचारी ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 सहपठित धारा 19 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जा सकेगा।
कैरी बैग की श्रेणी में ये भी
थर्मो प्लास्टिक, हैंडल कटे प्लास्टिक, कैरी बैग व नॉन वूवन प्लास्टिक भी प्लास्टिक कैरी बैग की श्रेणी में आते हैं।
इसका उपयोग करें
कपड़े की थैली, सेल्युलोज से निर्मित थैले, कागज के थैले, कैनवास बैग, जूट बैग अथवाकॉयर सामग्री से बने थैले।
असमंजस की स्थिति
कैरी बैग पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न विभागों की टीम गठित की गई है। टीम में शामिल विभागों के ज्यादातर सदस्यों को कौनसी पॉलीथिन प्रतिबंध में आती है और कौनसी नहीं, इसका पूरा नॉलेज नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अधिसूचना में यह उल्लेख
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के अंतर्गत राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को एक अगस्त से प्रतिबंधित कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं कलेक्टरों को इसकी पालना करने को अधिकृत किया है।
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