जोधपुर। गलत तरीके से पासपोर्ट रोकने और मुकदमा विचाराधीन बताकर आवेदकों पर जुर्माने लगाने को सेवा में कमी मानते हुए जिला उपभोक्ता संरक्षण मंच ने पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों पर अर्थदण्ड लगाया है। मंच ने पासपोर्ट विभाग की यह आपत्ति भी खारिज कर दी कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते हैं।
विभाग ने इसके लिए राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसले को नजीर के तौर पर पेश किया, लेकिन प्रकरण के गुणावगुण पर कोई जवाब नहीं दिया। इसके विपरीत पीपाड शहर निवासी परिवादी सफी मोहम्मद एवं उनके पुत्र मोहम्मद इकबाल की ओर से अधिवक्ता तसलीम अब्बासी एवं मंसूर अली का कहना था परिवादी विभाग के उपभोक्ता हैं।
राष्ट्रीय आयोग ने भी एक मामले में व्यवस्था दी है कि पासपोर्ट जारी करने के सम्बन्ध में कोई भी त्रुटि, अशुद्धि या कमी अथवा जारी करने में कोई दोष रहने पर इसे सेवा में कमी माना जाएगा। पासपोर्ट विभाग ने परिवादी पिता-पुत्र के खिलाफ फौजदारी मामला विचाराधीन बताकर उन्हें पासपोर्ट जारी नहीं किया, जबकि यह प्रकरण वर्ष 1995 में ही निस्तारित हो गया था।
इस पर सुनवाई के बाद मंच अध्यक्ष मुरलीधर वैष्णव व सदस्य विनोद राठौड ने पासपोर्ट अधिकारियों को सेवा में कमी का दोषी माना। साथ ही पिता-पुत्र को मानसिक पीडा के लिए ढाई-ढाई हजार रूपए तथा परिवाद खर्च के लिए दो हजार रूपए सहित कुल सात हजार रूपए बतौर हर्जाना चुकता करने के आदेश दिए।
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