जोधपुर. सरकारी नियंत्रण के अभाव में सावों के अवसर पर दूध बेचने वालों की पौ बारह रही। पिछले दो दिनों में सावों के दौरान दूध के प्रमुख बिक्री केंद्रों पर लोगों ने 50 रुपए प्रति किलो तक दूध खरीदा।
पूर्व में सावांे के समय प्रशासन की ओर से मावे तथा दूध से बनी मिठाइयों पर रोक लगाते हुए दूध के भावों पर नियंत्रण करने के प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन वर्तमान में किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने से हालात विकट होते जा रहे हैं। भास्कर ने दूध के भावों को लेकर जायजा लिया तो कई लोगों ने बताया कि उन्होंने अपनी उम्र में अभी तक दूध के इतने भाव नहीं देखे।
भीतरी शहर मंे रहने वाले छगनलाल का कहना था कि अब तक सावों के समय प्रशासन की ओर से मावा व छेना आदि की मिठाइयों पर रोक लगाई जाती रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को उन्होंने अब तक का सबसे महंगा दूध खरीदा। शहर के एक अन्य दूध बिक्री केंद्र पर दूध खरीदने पहुंचे जितेंद्र शर्मा का कहना था कि उनके परिवार में शादी थी। किसी केंद्र पर 40 से 45 रुपए, तो किसी केंद्र पर 45 से 50 रुपए किलो तक भाव थे। जालोरी गेट के अंदर रहने वाली भंवरी देवी ने बताया कि पिछले दो दिनों से हमारे यहां बंदी का दूध देने वाला ही नहीं आ रहा है।
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