जोधपुर. नगर निगम के पूर्व आयुक्त बीडी जोशी को उनकी जीवन बीमा पॉलिसी के वर्ष 1991 में परिपक्व होने पर भी भुगतान नहीं करना एलआईसी को महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता मंच के निर्णय के मुताबिक एलआईसी को अब मेच्योरिटी राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से भुगतान करना पड़ेगा। मानसिक परेशानी व परिवाद खर्च सहित सात हजार रु. भुगतान करना पड़ेगा, सो अलग।
जोशी ने वर्ष 1971 में बीस वर्ष की अवधि की 2000 रुपए की बीमा पॉलिसी करवाई थी। वर्ष 1991 में पॉलिसी मेच्योर हो गई। क्लेम करने पर एलआईसी ने यह कहते हुए भुगतान रोक दिया कि उनके खाते की किश्तें मिसिंग हैं। जांच के बाद एलआईसी ने अपनी गलती मानते हुए वर्ष 2009 में परिपक्व राशि का 3640 रु. का चेक जोशी को भेजा।
प्रार्थी ने यह कहते हुए इसे अस्वीकार कर दिया कि उन्हें वर्ष 1991 से इस राशि पर ब्याज दिया जाए। इसके खिलाफ उन्होंने जिला उपभोक्ता मंच में वाद दर्ज कराया और 2 लाख रु. क्षतिपूर्ति व 10 हजार रुपए वाद खर्च दिलाने का दावा किया। सुनवाई के बाद मंच ने एलआईसी को परिपक्व राशि पर वर्ष 1991 से 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का आदेश दिया।
No comments:
Post a Comment