Sunday, June 13, 2010

बैंक अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा

 जोधपुर. आखलिया चौराहे के निकट स्थित आंध्रा बैंक की शाखा में नकली सोना रखकर करीब डेढ़ करोड़ रुपए का लोन उठाने के आरोपियों की ओर से प्रताप नगर थाने में बैंक अधिकारियों के खिलाफ इस्तगासे के जरिए मुकदमा दर्ज करवाया गया है। गत माह बैंक में गिरवी रखा 15 किलो सोना जांच में नकली मिला था।


प्रताप नगर थानाधिकारी दिनेश रोहड़िया ने बताया कि आंध्रा बैंक में सोना गिरवी रखकर लोन उठाने वाले आनंद, ललित, स्वतंत्रकुमार, प्यारेलाल, जसवंतसिंह, सुमनेश, अब्दुल जब्बार, हेमंत, श्रवणकुमार, दर्शनाकुमारी व शेषनारायण ने सामूहिक इस्तगासा दायर किया।

इनका कहना है कि उन्होंने आंध्रा बैंक में अपने-अपने स्तर पर कुल 1 करोड़ 36 लाख 94 हजार 441 रुपए के स्वर्णाभूषण गिरवी रखे और उस पर ऋण लिया। बैंक प्रबंधन ने इसे सुरक्षित रखने का वादा किया था, लेकिन बैंक प्रबंधक प्रेमराज, आंतरिक जांच अधिकारी दिनेश व अन्य ने असली सोने को नकली में बदल दिया।

यह था मामला : चौपासनी रोड स्थित न्यू कोहीनूर सिनेमा के निकट स्थित आंध्रा बैंक से 38 जनों ने करीब 15 किलो सोना गिरवी रखकर 1 करोड़ 36 लाख 94 हजार रुपए का ऋण लिया था। इस सोने की जांच के लिए जयपुर से एक टीम 10 मई को जोधपुर पहुंची। विशेषज्ञों ने यह 15 किलो सोना नकली बताया।

तब बैंक प्रबंधन ने सोने की जांच कर प्रमाणपत्र देने वाले सरदारपुरा बी रोड स्थित सनराइज ज्वैलर्स के संचालक सूरज तथा 38 कर्जदारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया था। इसके बाद से ही नकली सोने को असली बताने वाला मास्टर माइंड ज्वैलर भूमिगत हो गया।

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