जोधपुर। जम्मू-कश्मीर से पकडे गए दहशतगर्दी के बारह आरोपियों को गुरूवार को जिला अदालत में पेश किया जाएगा। जेल प्रशासन एवं पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं। आरोपियों को हर बार की तरह बख्तरबंद गाडी में जेल से अदालत लाया जाएगा तथा सुनवाई के दौरान परिसर में कडी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। पुलिस के आला अधिकारी भी अदालत परिसर में तैनात रहेंगे।
हाजिर हो सकते हैं गवाह
पिछली सुनवाई पर जिला अदालत ने जम्मू-कश्मीर सरकार के लोक अभियोजक सलीम वानी को आरोपियों के विरूद्ध गवाह पेश करने के आदेश दिए थे। लिहाजा गुरूवार को संभवत: गवाह पेश किए जा सकते हैं। गवाह पेश नहीं होने की स्थिति में सुनवाई आगे बढा पाना भी कठिन होगा।
इनकी होगी पेशी
अफगानिस्तान के मजारे-शरीफ निवासी तजा सरबाज खान, अब्दुल हमीद, अब्दुल गैर, खैरदीन, जोहराब खान, मोहम्मद अयूब खान, मोहम्मद हमजा व बाज मोहम्मद, पाक अधिकृत कश्मीर निवासी शाहनवाज मलिक, शहजाद अहमद मलिक उर्फ बुलंद खान व दिलावर खान तथा लाहौर निवासी मुबश्शर खान।
एक साल का वक्त
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर करीब डेढ साल पहले इन आरोपियों के मुकदमे जोधपुर स्थानांतरित किए गए थे, लेकिन पत्रावली कश्मीरी भाषा (डोगरी) एवं उर्दू में होने से कार्यवाही अटक गई। बाद में अदालत के आदेश पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने पत्रावलियों के अनुवाद पेश किया और गत 16 अप्रेल को सुनवाई शुरू हो पार्ई थी।
Jodhpur. Jammu - Kashmir were caught twelve accused of terrorism would be introduced in district court Thursday. Prison administration and police for security arrangements are full. Like every time the accused will be brought to court from prison in armored car and strict security will be on campus during the hearing. Top police officers will be posted in the court premises.
May present witnesses
The district court hearing last Jammu - Kashmir government accused the public prosecutor against Salim Wani were ordered to present witnesses. So on Thursday probably witness can be present. Hearing postponed in case of a witness not present would be even harder to achieve.
Have their muscle
Afghanistan Maazare - Resident Hza Sarbaj Sharif Khan, Abdul Hameed, Abdul non Akardin, Johrab Khan, Mohammad Ayub Khan, Muhammad Hamza and Baz Mohammad, resident of Pakistan-occupied Kashmir Malik Nawaz, Malik Shahzad Ahmed alias Khan and Dilawar Khan and Lahore resident elevated Mubssara Khan.
A year's time
Roughly half years before the Supreme Court ordered the trial of these accused were transferred Jodhpur, but Patraaolly Kashmiri Language (Dogri) and proceedings from being stuck in Urdu. Later on the order of the court of Jammu - Kashmir Government Patraaolioan translated and introduced last April 16 to begin hearing was Pare.
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