जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को रैगिंग से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों की आधी-अधूरी पालना की है। न्यायालय ने सभी मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए थे।
कमेटी में कॉलेज के डॉक्टर्स के साथ-साथ बाहरी सदस्य जिला प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को सदस्य बनाना था। डॉ. एसएन मेडिकल प्रबंधन ने निर्देशों को ताक में रखते हुए केवल कॉलेज के डॉक्टर्स को इसमें शामिल कर कमेटी बना ली। कमेटी की पहली बैठक में बाहरी सदस्यों को शामिल किया गया था, लेकिन जब छात्रों को कमेटी के सदस्यों की सूचना देने की बारी आई तो प्रबंधन ने केवल डॉक्टर्स की सूची इस डर से जारी कर दी कि कहीं किसी छात्र ने रैगिंग की सूचना सीधी पुलिस व मीडिया को दे दी तो प्रबंधन के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।
राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में न्यायालय के निर्देशों की पूरी पालना की है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने तो विभागीय वेबसाइट पर भी कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी सूची मोबाइल नंबर के साथ जारी की है।
बात करूंगा
एंटी रैगिंग कमेटी मैं डील नहीं करता हूं। पुलिस, प्रशासन व अन्य लोगों को शामिल नहीं करने की मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में अतिरिक्त प्राचार्य से बात करूंगा। - डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
क्यों दिए निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल कर बनाई गई कमेटी की सूची कॉलेजों में चस्पा करनी थी। इसमें सदस्यों के नाम के साथ-साथ मोबाइल नंबर प्रदर्शित होने थे। इससे अगर किसी छात्र के साथ अप्रिय वारदात होती है तो किसी भी सदस्य को इसकी सूचना दे सके। खास तौर से पुलिस व मीडिया के लोगों को छात्र से मिली सूचना पर समय रहते कार्रवाई हो सके। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी के सदस्यों की सूची के जारी बैनर में केवल डॉक्टर्स के नाम व फोन नं. चस्पा किए गए हैं।
छात्रों के प्रवेश शुरू
पीएमटी कांउसलिंग के बाद पूरे राज्य में बुधवार से एमबीबीएस के विद्यार्थियों की कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में बुधवार को 61 छात्रों की स्वास्थ्य जांच कर प्रवेश दिया गया। इस दौरान कॉलेज में गठित एंटी रैगिंग स्कावयड पूरे समय तैनात रहा। प्रवेश के बाद प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रैगिंग से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
No comments:
Post a Comment