जोधपुर. स्वाइन फ्लू के संदेह में सोमवार को मथुरादास माथुर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी प्रयोगशाला भेजे गए संदिग्ध रोगियों के स्वाब के नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इनमें एक महिला रोगी धनकी देवी का नमूना दो दिन पहले लिया गया था, जबकि 65 वर्षीय बिशनाराम का नमूना सोमवार को लिया गया।
बिशनाराम अभी वेंटिलेटर पर है। गौरतलब है कि धनकी देवी की रिश्तेदार भटिंडा गांव निवासी संतोष की यहां उपचार के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि उसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी, लेकिन डर के मारे उसके परिवार के चार सदस्य यहां एमडीएम अस्पताल में भर्ती हो गए। जांच के बाद इन सभी के ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी से ग्रसित होने की आशंका जताई जा रही है।
फिजीशियन डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि ये रोगी सांस की परेशानी के साथ-साथ शरीर में सूजन से पीड़ित हैं। यह संभवतया खाद्य पदार्थो के सेवन से जुड़ा मसला है। इसके चलते इनके घर में उपयोग लिए जा रहे खाद्य तेल की जांच करवाने के लिए सीएमएचओ कार्यालय को सूचना दी है।
क्या है ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी
ऐपेडमिक ड्रॉप्सी खाद्य तेल में मिलावट होने से होती है। इस बीमारी में मरीज को सांस की तकलीफ होती है। खाद्य तेल में आर्जिमॉन (सत्यानाशी) के तेल की मिलावट होने पर यह परेशानी होती है। सामान्यतया यह तेल सरसों के तेल में मिलाया जाता है और इस परिवार के सरसों का तेल काम में लेने की जानकारी मिली है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि खाद्य निरीक्षक को भटिंडा गांव भेज कर पीड़ित परिवार के घर से खाद्य तेल का नमूना लिया गया है।
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