जोधपुर. दस लाख या इससे अधिक लागत से भवन निर्माण करवाने वाले बिल्डरों, मकान मालिकों, सरकारी एवं निजी संस्थानों को अब निर्माण से पहले श्रम विभाग में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा।
यदि निर्माण कार्य पर दस या इससे अधिक श्रमिक हैं, तो उन्हें भी रजिस्ट्रेशन करा अपना पहचान पत्र प्राप्त करना होगा। इस बारे में केंद्र व राज्य सरकार ने श्रम विभाग को भवन एवं अन्य सह निर्माण कर्मकार नियोजन एवं सेवारत विनियम एक्ट की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए हैं। एक्ट के तहत भवन निर्माता को निर्माण लागत की एक प्रतिशत राशि सेस के रूप में श्रम विभाग में जमा करवानी होगी।
श्रमिकों के बनेंगे आई कार्ड
भवन निर्माण में लगे ऐसे श्रमिक जिन्हें कार्य करते 90 दिन या इससे अधिक समय हो गया है, उन्हें श्रम विभाग में 25 रुपए नकद देकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। विभाग उन्हें परिचय पत्र देगा। इससे कई फायदे होंगे।
ये आएंगे दायरे में
भवन, सड़क, रेलवे, हवाई क्षेत्र, सिंचाई, बिजली, परिवहन, पानी व पुल संबंधित निर्माण, मरम्मत व रखरखाव कार्य। रेडियो, टीवी, टेलीफोन जैसे संचार माध्यम व पाइप लाइन जैसे कार्यो का निर्माण, परिवर्तन, मरम्मत, रखरखाव संबंधित कार्य।
बैठक में विचार-विमर्श
जिला प्रशासन व श्रम विभाग ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में संयुक्त बैठक आयोजित कर इस एक्ट को लागू करवाने पर चर्चा की। अपर कलेक्टर द्वितीय हरजीलाल अटल की अध्यक्षता में हुई बैठक में संभागीय सहायक श्रम आयुक्त राकेश थानवीने कहा कि इसे लागू नहीं करने पर बिल्डर व भवन मालिक को दंडित किया जा सकता है।
क्या फायदा होगा
श्रमिक के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल सहायता मिलेगी। श्रमिक की 60 वर्ष या इससे अधिक आयु होने पर पेंशन, स्वयं की मृत्यु होने पर पत्नी को पेंशन, आवास ऋण, बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता।
जेडीए, निगम को दिए निर्देश
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