जोधपुर। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने भारतीय रेलवे में रेलवे बोर्ड से मण्डल स्तर तक संचालित होने वाली महिला कल्याण समितियों की पडताल शुरू कर दी है। सभी 16 क्षेत्रीय रेलों और उनके मण्डलों से इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जानकारों का कहना है कि रेल सम्पत्ति और रेल निधि का उपयोग करने वाली इन संस्थाओं के हिसाब-किताब का कहीं पर भी सत्यापन नहीं होता है, इसलिए सीएजी ने अब यह बीडा उठाया है।
लाखों का लेखा-जोखा
रेलवे बोर्ड से मण्डल स्तर पर इन समितियों का गठन हो रखा है। बोर्ड स्तर पर रेलवे बोर्ड अध्यक्ष, जोन स्तर पर महाप्रबंधक व मण्डल स्तर पर मण्डल रेल प्रबंधक की पत्नी इस समिति की अध्यक्ष होती है। समिति क्षेत्र के ही एक वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी को सचिव बनाया जाता है। इस समिति को अधिकारियों के वेतन से प्रतिमाह तय राशि मिलती है तो कर्मचारी कल्याण कोष का उपयोग भी होता है। समितियों की ओर से रेलवे की जमीन, भवन व टेलीफोन आदि का उपभोग भी किया जाता है, जिसके पेटे रेलवे को कुछ नहीं मिलता। समितियां मेले, त्योहार व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करती हैं और स्मारिका आदि प्रकाशित कर विज्ञापन भी जुटाती हैं। कई जगह इन समितियों को कैंटीन व दुकानें भी सौंपी हुई हैं, जिन्हें ये आगे आवंटित कर राशि हासिल करती हैं।
चार सवालों से होगी पडताल
सीएजी ने सभी क्षेत्रीय रेलों और मण्डल स्तर पर अपने अधिकारियों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। इस पत्र में चार बिन्दु तय किए गए हैं। इनके जवाब के आधार पर सीएजी इन समितियों को खंगालेगा। पहले सवाल में पूछा गया है कि क्या महिला कल्याण समिति नामक संस्था कार्यरत है, यदि हां तो क्या उसमें कोई रेलकर्मी भी जुडा है जिसका वेतन व अन्य खर्च रेलवे वहन करती है। दूसरा सवाल है कि क्या समिति का कार्यालय रेलवे की जमीन या भवन में है। यदि हां तो उसका पानी, बिजली, किराया, टेलीफोन आदि का खर्च कौन वहन करता है। तीसरा सवाल है कि समिति की व्यवस्थाओं पर होने वाले खर्च की वसूली कौन व किस तरह करता है। चौथा सवाल महाप्रबंधक स्तर पर पूछा गया है। इसमें जानकारी मांगी गई है कि क्या महाप्रबंधक स्तर पर भी ऎसी कोई संस्था है, यदि हां तो उसके भवन व जगह आवंटित करने का पूरा ब्योरा दिया जाए।
Jodhpur,. India's Comptroller and Auditor General (CAG), the Indian Railway Board level from the Railway Board to operate the Women's Welfare Committees have begun screening. All 16 regional railways and their divisions this information is being collected. Experts say that the railway property and railway fund these institutions use the reckoning of the trail is not anywhere, so now Bda raised by CAG.
Of millions of accounts - keeping
Railway Board have formed such committees at the board level are kept. Board Chairman Railway Board level, zone level and board-level general manager, wife of Railway Board is the committee chairman. The wife of a senior officer of the area committee secretary is made. The Committee fixed amount per month to pay executives receive if the employee would use the welfare fund. Committees from the railway land, buildings and telephone, etc. are also consumed, which do not get Pete railways. Committees fairs, festivals and organizes cultural events and have harnessed souvenir etc by publishing ads. Many places on these Committees have been assigned canteen and shops, which they have gained further funds allocated.
Four screening questions will be
CAG on all Zonal Railways and Board level executives sent letters to the information sought. Four points have been fixed in this paper. Based on their answers to these committees Khangalaga CAG. First question asked whether the agency called Women Welfare Society is working, if so, is there any Railwaymen whose salaries and other expenses associated railway also carries. The second question is whether the committee's office in railway land or buildings. If so, its water, electricity, rent, telephone, etc. Who pays the cost. The third question that the committee spent on the recovery of systems and how does what. The fourth question asked is the general manager level. It sought information on whether the general level Such an institution, if so, full details of its buildings and space should be allocated.
No comments:
Post a Comment