जोधपुर। राज्य सरकार ने जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला को सिविल कार्य के नाम पर बजट में एक पैसा भी नहीं दिया है। इससे प्रयोगशाला में बन रहे हॉल का निर्माण अटक गया है। साथ ही जन विश्लेषक के लिए अलग से दफ्तर, स्वागत कक्ष और सिक्यूरिटी गार्ड के प्वाइंट बनाने की योजना भी ठण्डे बस्ते में चली गई है।
मुख्यमंत्री ने अपने बजट में जोधपुर की जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला के लिए 90 लाख रूपए स्वीकृत किए थे, लेकिन सप्ताह भर पहले ही राज्य सरकार से मिले बजट में केवल 25 लाख रूपए की ही वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। इस बजट में सिविल कार्य के नाम पर एक भी पैसा नहीं दिया गया है, जबकि प्रयोगशाला का काम अभी अधूरा पडा है। स्वीकृत बजट में 14 लाख रूपए प्रयोगशाला उपकरण के लिए, दो लाख फर्नीचर, डेढ लाख ग्लासवेयर वगैरह और दो लाख रोजमर्रा में काम आने वाले रासायनिक पदार्थो के लिए मिले हैं।
इसकी तुलना में जयपुर स्थित प्रयोगशाला को एक करोड पांच लाख रूपए का बजट मिला है, जिसमें 50 लाख निर्माण कार्य के दिए गए हैं।
कैसे मिलेगा एनएबी मानक
जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला को पूरी तरीके से व्यवस्थित करने के बाद इसके नेशनल एक्रीडिएशन ब्यूरो (एनएबी) का मानक मिलने की उम्मीद अटक गई है। यह मानक अब तक राज्य की किसी भी जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला को नहीं मिला है। मिलावटी खाद्य पदार्थ की बेहतर जांच और प्रयोगशाला में समस्त सुविधाओं के आधार पर यह मानक दिया जाता है।
Jodhpur. State government public health laboratory in the name of civil works budget has never made a dime. The halls were constructed in the laboratory became stuck. Mass analyzer with a separate office, reception and security plans for the point guard has gone into cold storage.
Chief Minister in his Budget of the Public Health Laboratory, Jodhpur for Rs 90 lakh was sanctioned, but a week ago only 25 million rupees from the state budget to meet the financial sanction was issued. The name of civil works budget was not a single penny, while laboratory work is still lying incomplete. 14 lakhs in the budget approved for laboratory equipment, furniture, two million, half million and two million daily work in the coming Glassware etc. for chemical substances are met.
In comparison, a Jaipur-based laboratory million budget has got half a million rupees, of which 50 million have been construction.
How will NAB standard
Public Health Laboratory to organize the whole way after the National Ckreedieashne Bureau (NAB) is stuck to the standard expected. The standard state so far have not found any public health laboratory. Better investigation of adulterated foods and laboratory standard is based on all facilities.
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