जोधपुर. जिले के भाचरना गांव में पिछले एक सप्ताह के दौरान भूख और प्यास के चलते 100 से अधिक काले हिरणों ने दम तोड़ दिया। शनिवार को मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों को ग्रामीणों के रोष का सामना करना पड़ा।
उधर, भाचरना के निकटवर्ती गांव धवा-डोली में मरे 25 हिरणों के शवों को लेकर विश्नोई समाज ने शनिवार को यहां कलेक्ट्रेट व वन विभाग कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और वन्यजीवों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने के साथ जोधपुर डीएफओ को हटाने की मांग की। हिरणों की मौत के मामले में राज्य के वन मंत्री रामलाल जाट ने विभाग के अधिकारियों से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। उधर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरएन मेहरोत्रा का कहना है कि 36 हिरण मरे हैं और इनकी मौत गर्मी के कारण हुई है।
हिरणों के मरने की सूचना मिलने पर भास्कर टीम शनिवार को भाचरना गांव पहुंची। वहां देखा कि गांव के कमोबेश हर खेत में मृत काले हिरण पड़े थे। गांव के पूर्व सरपंच मंगलाराम के अनुसार पिछले कुछ ही दिनों में करीब 500 हिरण चारे-पानी के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। शनिवार को ही गांव में पोस्टमार्टम करने वन विभाग के अधिकारियों व पशु चिकित्सकों की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने उनको खरी-खोटी सुनाई।
ग्रामीणों का कहना था कि मूक पशुओं के भूख-प्यास से मरने का सिलसिला पिछले 5-7 दिन से चल रहा है, लेकिन वन विभाग के अफसर बुलाने पर भी नहीं आए। वन विभाग के उड़नदस्ते ने शनिवार को ढेढ़ी नाडी से सटे खेतों से 36 काले हिरणों के शव इकट्ठे किए। इनमंे से पांच का मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया। बाकी हिरणों को दफना दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सोमवार तक आएगी।
हिरणों के शव लेकर कलेक्ट्रेट व वन विभाग पहुंचे
जिले के धवा-डोली व मगरा बाहुल्य क्षेत्रों में चारे व पानी के अभाव में हिरणों की मौत को लेकर विश्नोई समाज सड़कों पर उतर आया। वन्यजीव प्रेमियों ने शनिवार को 25 हिरणों के शवों के साथ कलेक्ट्रेट और वन विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया। समाज के लोग शवों के साथ जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे।
यहां कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडीएम सिटी स्नेहलता पंवार ने उनसे मुलाकात कर वन अधिकारियों से बातचीत करने को कहा। इसके बाद वे वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) मोहनलाल मीणा से मिलकर वन्यजीवों के लिए चारा-पानी जुटाने और उपवन संरक्षक वन्यजीव राजीव जुगतावत को हटाने की मांग की। इस मौके पर पुलिस के आला अधिकारी व आरएसी के जवान भी मौजूद रहे।
इनका कहना है
हिरणों की मौत पर रिपोर्ट मंगवाई है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वन्यजीवों की रक्षा के सभी उपाय किए जाएंगे।- रामलाल जाट, वन मंत्री राजस्थान सरकार
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