जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति की मानें तो जेएनवीयू प्रदेश का एकमात्र ऑलराउंडर विश्वविद्यालय है। उन्होंने गुरुवार को कुलाधिपति व राज्यपाल शिवराज पाटिल की अध्यक्षता में जयपुर में आयोजित कुलपति समन्वय कमेटी की बैठक में जेएनवीयू का पक्ष रखा।
इस बैठक में प्रदेश के सभी 11 विश्वविद्यालयों के कुलपति के अलावा उच्च शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, कृषि शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, तकनीकी शिक्षा के प्रमुख शिक्षा सचिव व कॉलेज एजुकेशन के आयुक्त भी मौजूद थे। बैठक में सभी कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालय की विशेषताओं के संबंध में रिपोर्ट पेश की। जेएनवीयू के कुलपति प्रो. नवीन माथुर ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि प्रदेश का एकमात्र आवासीय विश्वविद्यालय होने के कारण जेएनवीयू सबसे आगे है। उन्होंने संकायवार विशेषताओं का भी उल्लेख किया। प्रो. माथुर ने जेएनवीयू की जो तस्वीर पेश की, वह इस प्रकार है-
सीए व एमबीए की खास पहचान
वाणिज्य संकाय ने अपनी खास पहचान बनाई है। यहां से पढ़े कई विद्यार्थी सीए बने। जोधपुर को सीए की मंडी के रूप में जाना जाता है। वहीं यहां से एमबीए करने वाले विद्यार्थियों ने भी देश-विदेश में अपना नाम रोशन किया है। वे स्वयं भी यहां के एमबीए कोर्स के पहले बैच के स्टूडेंट रह चुके हैं।
खुद राष्ट्रपति ने दिया प्रोजेक्ट
जेएनवीयू के विज्ञान संकाय ने भी कई क्षेत्रों में अच्छा कार्य किया है। खुद राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने विश्वविद्यालय के भू-गर्भ विज्ञान विभाग को रेगिस्तान में यूरेनियम की खोज करने का प्रोजेक्ट सौंपा है। यह विभाग ऑयल इंडिया के सलाहकार की भूमिका भी निभा रहा है। यहां की फिश लैब में भी अच्छा कार्य किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा से जगमगाएगा परिसर
अभियांत्रिकी संकाय ने हाल ही में सोलर एनर्जी के एक प्रोजेक्ट पर कार्य करना शुरू किया है। इसमें करीब 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूर्ण किया जाएगा। पहले चरण में विद्यार्थियों को शोध के लिए सुविधाएं दी जाएंगी। दूसरे व तीसरे चरण में क्रमश: अभियांत्रिकी संकाय व पूरे जेएनवीयू को सौर ऊर्जा से रोशन करने पर कार्य होगा।
राज्य में केवल जेएनवीयू में मिल्रिटी साइंस कोर्स
जेएनवीयू प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय है जहां कला संकाय में मिल्रिटी साइंस में स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स चलाए जा रहे हैं। ये कोर्स पिछले दो वर्ष से चलाए जा रहे हैं। जेएनवीयू की ओर से कला संकाय में इसी तर्ज पर कुछ और कोर्स भी खोलने की कवायद चल रही है। कोशिश है कि ये कोर्स रोजगारोन्मुखी हों।
सर्वोच्च व उच्च न्यायालय में हमारे स्टूडेंट जज
जेएनवीयू के विधि संकाय ने भी विधि क्षेत्र में अपना खास योगदान दिया है। संकाय से शिक्षा प्राप्त कर चुके कई पूर्व विद्यार्थी न केवल हाईकोर्ट, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी न्यायाधीश हैं। हाल ही में पांचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम शुरू किए गए है। इनमें बीए-एलएलबी व बीबीए-एलएलबी शामिल हैं। इन दोनों कोर्स की 30-30 सीटें हैं।
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