जोधपुर. जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के विधि संकाय ने इस शैक्षणिक सत्र से बीए-एलएलबी व बीबीए-एलएलबी के कोर्स तो शुरू तो कर दिए, लेकिन इसके लिए बार कांउसिल ऑफ इंडिया से स्वीकृति ही नहीं ली।
अब बार काउंसिल के सचिव एमडी जोशी ने जेएनवीयू की कुलसचिव निर्मला मीणा को साफ शब्दों में कह दिया है कि यदि कोर्स चलाना है तो बार काउंसिल से स्वीकृति लेनी होगी। उधर विधि संकाय ने दोनों कोर्स के लिए आवेदन स्वीकार कर कटऑफ लिस्ट भी जारी कर दी है।
विधि संकाय के डीन प्रो. रामनिवास शर्मा का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के आधार पर जेएनवीयू को स्वीकृति की कोई आवश्यकता नहीं है। जेएनवीयू के विधि संकाय में पहले पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रम चलाया जाता था, लेकिन पूर्व में इसे बंद कर दिया गया था। इसे फिर से शुरू करने के लिए विधि संकाय की ओर से बार काउंसिल से स्वीकृति ही नहीं ली गई तथा कोर्स शुरू कर दिया गया। हालांकि पूर्व में चल रहे कोर्स व इस बार शुरू किए गए कोर्स में फर्क था। इस बार जो कोर्स शुरू किए गए, उनमें एलएलबी के साथ बीबीए अथवा बीए का संयुक्त पाठ्यक्रम था।
इस संबंध में जब कुलपति प्रो. नवीन माथुर को पता चला तो उन्होंने बार काउंसिल की विधि शिक्षा प्रकोष्ठ के एक्टिंग सेकेट्ररी इंचार्ज एमडी जोशी को पत्र भेजा तथा कुलसचिव निर्मला मीणा को इस संबंध में बात करने के निर्देश दिए। कुलसचिव मीणा ने जब जोशी से बात की तो उन्होंने मीणा से कहा कि कोर्स शुरू करना है तो स्वीकृति तो लेनी ही होगी। उन्होंने यह भी पूछा कि कोर्स शुरू करने से पहले राज्य सरकार से स्वीकृति ली गई है या नहीं? इसका भी मीणा के पास कोई जवाब नहीं था। अब, जब तक कोर्स चलाने की स्वीकृति नहीं मिल जाती, जेएनवीयू कोर्स नहीं चला सकता।
कटऑफ जारी, फीस जमा होना शुरू
बीए-एलएलबी व बीबीए-एलएलबी कोर्स की 30-30 सीटों में से 27-27 सीटों की कटऑफ लिस्ट जारी कर दी गई है। कई विद्यार्थियों ने तो फीस भी भर दी है।
‘हम प्रयास करेंगे, स्वीकृति मिल ही जाएगी’
कुलपति के निर्देश पर बार काउंसिल की विधि शिक्षा के एक्टिंग सेकेट्ररी इंचार्ज एमडी जोशी से बात की है। उन्होंने कोर्स शुरू करने की स्वीकृति लेने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय प्रयास कर स्वीकृति ले लेगा। - निर्मला मीणा, कुलसचिव जेएनवीयू
‘जेएनवीयू स्वीकृति के लिए बाध्य नहीं’
सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश में कहा गया है कि विश्वविद्यालय व बार काउंसिल स्वायत्त संस्थाएं है। इन्हें कोई कार्य करने के लिए एक-दूसरे से स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं है। इसी निर्णय के आधार पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने एलएलबी कोर्स शुरू करने के मामले में बैंगलोर विश्वविद्यालय के पक्ष में फैसला दिया था। इसलिए इन दोनों कोर्स को शुरू करने के लिए जेएनवीयू बार काउंसिल से स्वीकृती लेने के लिए बाध्य नहीं है। - प्रो.रामनिवास शर्मा, डीन विधि संकाय
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