जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर जिले के पिथासिया गांव के प्राथमिक विद्यालय को बंद कर सालवां गांव स्थानांतरित करने पर अंतरिम रोक लगा दी है।
साथ ही अनार्थिक घोषित कर 7 उच्च प्राथमिक तथा 114 प्राथमिक स्कूलों को बंद किए जाने के मामले में शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने शुक्रवार को प्रार्थी हरसुख की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अविनाश आचार्य और पप्पू सांगवा ने याचिका की सुनवाई के दौरान यह तर्क दिया कि एक ओर केंद्र सरकार ने वर्ष 2002 में संविधान की धारा 21ए के जरिए देश भर के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का अधिकार दिया है, वहीं संविधान की भावना के विपरीत नागौर जिले में शिक्षा विभाग ने 4 जून 2010 को 7 उप्रा तथा 114 प्राथमिक स्कूलों को अनार्थिक बता कर बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
याचिकाकर्ता ग्राम पिथासिया का जागरूक युवक है तथा उसने अपने गांव के स्कूल को बंद कर वहां से 6 किमी दूर सालवा गांव के स्कूल में मर्ज किए जाने का विरोध किया है। शिक्षा विभाग के निर्णय से पिथासिया के बच्चों को दूसरे गांव तक जाना पड़ेगा। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए व पिथासिया स्कूल को बंद करने पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश जारी किए।
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