जोधपुर. नगर निगम के बजट में की गई घोषणाओं को पंख लगने लगे हैं। स्टेट लेवल की कमेटी ने कालीबेरी की योजना के साथ सीवरेज फार्म पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन की इजाजत दे दी है। अब कालीबेरी की 2 सौ बीघा जमीन पर आवासीय कॉलोनी काटने, 3 सौ बीघा जमीन पर पत्थर हस्तशिल्प बाजार विकसित करने के साथ सीवरेज फार्म हाउस की 267 बीघा जमीन पर गोल्फ कोर्स का सपना साकार हो सकेगा।
सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा तो निगम को इस वित्तीय वर्ष में 50 से 100 करोड़ की आय का अनुमान है। प्रमुख शासन सचिव जीएस संधु की अध्यक्षता वाली स्टेट लेवल की कमेटी की बैठक में मुख्य नगर नियोजक, स्थानीय निकाय विभाग निदेशक व जोधपुर नगर निगम की ओर से आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा शामिल थे। महापौर रामेश्वर दाधीच ने दो दिन पूर्व ही इन योजनाओं को सीनियर टाउन प्लानर से स्वीकृत करवाकर अनुमोदन के लिए भेजा था। महापौर के आदेश पर आयुक्त मीणा, अभियंता विनोद व्यास व प्रवीण गहलोत जयपुर गए थे।
5 सौ लोगों को मिलेगी छत : ग्राम बाघा के खसरा नंबर 415/9 की 200 बीघा जमीन पर भू-उपयोग परिवर्तन की इजाजत के बाद यहां आवासीय योजना साकार होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। रिंग रोड से लगती इस जमीन पर बसाई जाने वाली इस आवासीय योजना में करीब 5 सौ भूखंड काटे जा सकेंगे। इसके साथ कुछ भूखंड क्लब हाउस, खेल मैदान और कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। निगम इसको तय सीमा में लांच कर देता है तो मोटी कमाई होने की उम्मीद है। पहले चरण में 50 से 60 करोड़ की आय का अनुमान है। कालीबेरी की यह जमीन राजस्व रिकॉॅर्ड में निगम के नाम दर्ज है।
बजट की घोषणाओं पर काम शुरू
सोलर सिटी व आदर्श सड़क के बाद कुछ दिन पहले ही महापौर ने ग्रीन सिटी विकसित करने के लिए वायुसेना से हेलीकाप्टर मांगा था। उनकी मंशा है कि हेलीकाप्टर से शहर की पहाड़ियों पर बीज गिराए जाएं ताकि सघन हरियाली विकसित की जा सके। निगम ने सिद्धनाथ की पहाड़ियों में रोप-वे लगाने, शास्त्री सर्किल पर बाल रेल का संचालन व जायजा बाजार विकसित करने पर भी काम शुरू कर दिया है।
जोधपुर पत्थर हस्तशिल्प बाजार बनेगा
इसी खसरे की 300 बीघा जमीन पर जोधपुर हस्तशिल्प बाजार बनेगा। इससे सेंड स्टोन की चमक को सात समंदर पार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। निर्यातक एक ही जगह पर सेंड की विशेषताओं को परख सकेंगे।
साकार होगा गोल्फ कोर्स का सपना
ग्राम विनायकिया व भीचड़ली की कुल 267.31 बीघा जमीन पर गोल्फ कोर्स विकसित होगा। वायुसेना क्षेत्र नजदीक होने से यहां व्यावसायिक योजना नहीं काटे जाने के कारण निगम इसे गोल्फ कोर्स के रूप में विकसित कर उसे बड़ी निजी कंपनी को वार्षिक लीज पर किराए पर उपलब्ध करवाएगा। इससे निगम को बड़ी आय होगी।
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