ोधपुर. सरकार पानी बचाने के अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और भवन निर्माण स्वीकृतियों में टांके व रीसाइक्लिंग की शर्ते लागू कर रही है लेकिन जोधपुर में जिम्मेदार अफसर आंखें मूंदे हुए हैं। एक बावड़ी पर तकरीबन पूरा स्नानघर बन चुका है और अब वे कह रहे हैं कि जगह के चयन में मनमर्जी की गई।
डीबी स्टार टीम की पड़ताल में सामने आया कि वर्तमान में भी क्षेत्र के प्रमुख जलस्रोत इस बावड़ी के अस्तित्व पर संकट के लिए पैसे विधायक मद से जारी हुए और टेंडर जेडीए ने निकाला। भीतरी शहर में महिलाओं के लिए स्नानघर और शौचालय बनाने के लिए तत्कालीन शहर विधायक सूर्यकांता व्यास ने 2 लाख 47 हजार 641 रुपए अपने विधायक कोटे से जारी किए थे।
इसके बाद 2009 में जेडीए की ओर से जारी टेंडर में साफ लिखा है कि यह निर्माण मोहल्ले की सार्वजनिक और खाली जमीन पर कराया जाए लेकिन वहां तो बावड़ी पर ही ढांचा खड़ा कर दिया गया। पीएचईडी वर्तमान में भी इसका पानी क्षेत्र में सप्लाई कर रहा है। इस निर्माण के बारे में अफसरों से बात की तो वे भी चौंक गए। हालांकि जालप मोहल्ला ट्रस्ट इस निर्माण के पक्ष में है लेकिन क्षेत्र के कई लोग इस निर्माण के खिलाफ हैं। बुजुर्ग कहते हैं कि रियासतकालीन जालप बावड़ी ने कई वर्षो तक क्षेत्रवासियों की प्यास बुझाई है लेकिन अब उसे तबाह किया जा रहा है।
कौन बचाएगा बावड़ी को
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यह प्राचीन व पारंपरिक जलस्रोत कुछ लोगों के कारण खतरे में है। क्षेत्र के राजेंद्र बिस्सा, वीणा थानवी, यज्ञदत्त कल्ला, बंशीधर पुरोहित, कैलाश, मनमोहन आदि ने बताया कि बावड़ी पर निर्माण का विरोध कर कई शिकायतें की गईं, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।
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