Jodhpur or suncity all top news are here.Jodhpur's Today top news are only there.Jodhpur is India’s first city or starting of Thar desert. The area near the Jodhpur and western part of Rajasthan is know as Marwar and people is called Marwari and there language is Marwari. you can find all about jodhpur and rajasthan. Today jodhpur online news paper. E news paper epaper jodhpur online news. news at jodhpurnews
Monday, June 14, 2010
हर रूट पर 'कब्जा'
जोधपुर। जोधपुर से चलने वाली रोडवेज बसों के हर रूट पर धडल्ले से निजी बसों की बढती रेलमपेल ने 'समानान्तर रोडवेज' प्रणाली खडी कर दी है। इनमें नियमों की परवाह नहीं करते हुए क्षमता से अधिक सवारियां भरी जाती हैं और धडल्ले से सामान (पार्सल) भी ढोया जा रहा है। आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिम्मेदार विभागों के अफसर आंखों पर 'चांदी' की पट्टी बांधे बैठे हैं।
जोधपुर जिले में निजी बसों का संचालन साठ के दशक में शुरू हुआ था। रोडवेज के गठन के बाद जिले में प्रमुख मार्गो पर तो रोडवेज की बसें चलने लगीं, लेकिन भोपालगढ जैसे क्षेत्र में राजनीतिक दखल की वजह के रोडवेज की सेवाएं शुरू नहीं हो सकीं। आखिरकार उच्च न्यायालय के निर्देश पर करीब चार साल पहले रोडवेज बसों का संचालन शुरू हो पाया। अब भी जिले के कई दूर-दराज क्षेत्रों पर निजी बसों का ही राज है। परिवहन विभाग ने निजी बसों के लिए प्रति किमी किराया तय कर रखा है। निजी के मुकाबले रोडवेज का किराया कम है, लेकिन जोधपुर से पाली, नागौर, जैसलमेर और बाडमेर के मार्ग पर प्रतिस्पर्द्धा के कारण निजी बस संचालक रोडवेज से कम किराया वसूलते हैं। जोधपुर से संचालित लम्बी दूरी तक चलने वाली निजी बसों में मनमाना किराया वसूला जाता है।
सुविधाओं के नाम पर निजी बसों में यात्रियों के साथ छलावा ही होता है। स्टेट कैरिज की बसों में तो यात्रियों को भेड-बकरियों की तरह ठंूसा जाता है। लम्बी दूरी पर चलनी वाली बसों में यात्रियों को स्टूल पर भी सफर करना पडता है। इन बसों की लापरवाही की वजह से इस साल जनवरी से अब तक दस व्यक्ति काल के ग्रास बन चुके हैं। निजी बस संचालन के कारोबार में जिले के हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। ग्रामीण अंचल के बेरोजगार युवा इन बसों में चालक, परिचालक और खलासी का काम कर रहे है, तो थोडे शिक्षित बुकिंग पर बैठकर टिकट काटते हैं।
परमिट का खुला उल्लंघन
परिवहन विभाग निजी बस संचालकों को दो तरह के परमिट जारी करता है। जिले में ग्राम पंचायत मुख्यालयों को जोडने वाली बसों को स्टेट कैरेज के परमिट दिए जाते है। अंतरराज्यीय शहर तक जाने वाली बसों को ऑल इंडिया के फ्लिट ऑनर परमिट जारी होते हंै। स्टेट कैरिज परमिट में निर्घारित मार्ग पर ही बसों का संचालन करना होता है, लेकिन प्राइवेट बस वाले नियमों का खुला उल्लंघन कर रोडवेज के हर मार्ग पर बसें चला रहे है। इसके अलावा ऑल इंडिया परमिट की बसों का एक शहर से दूसरे शहर के बीच नॉन स्टॉप संचालन करने की अनुमति है, लेकिन यहां भी नियमों की धçज्ायां उडाकर बीच रास्ते में पडने वाले शहरों की सवारियां चढाई जाती हंै।
सांसद की भी बसें
पाली से सांसद बद्रीराम जाखड की पहले करीब सौ बसें विभिन्न मार्गो पर संचालित होती थीं, लेकिन बसें और परमिट बेचने के कारण इनकी संख्या काफी कम हो गई है। जोधपुर शहर में जाखड की बीआरटीएस बसें संचालित हो रही हंै। पूर्व एआरटीओ जसवंत सिंह भाटी और रोडवेज के पूर्व प्रबंधक मांगीलाल पारासरिया की करीब डेढ दर्जन बसें चल रही हैं।
अफसर परेशान, नहीं होती कार्रवाई
जोधपुर में निजी बसों का कदम-कदम पर आतंक है, लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। दो महीने पहले एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक निजी बस संचालक के खिलाफ चालान काटे, तो निजी बस संचालक विरोध पर उतार आए और एक
पुलिस उपनिरीक्षक के साथ मारपीट तक कर डाली। जोधपुर आगार के मुख्य प्रबंधक महावीर प्रसाद दाधीच के मुताबिक रोडवेज के सभी मार्गो पर निजी बसों का संचालन हो रहा है। इनके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार हमारे पास नहीं है। कई बार कहने के बावजूद परिवहन विभाग और पुलिस वाले इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment