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Sunday, August 15, 2010
जोधपुर-जैसलमेर जिलों में भारी बारिश
जोधपुर. जोधपुर सहित संभाग में शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। जोधपुर के सूरपुरा बांध की नहर में एक से डेढ़ फीट तक चादर चली।
शुक्रवार को यहां तीन फीट तक चादर चली थी। बाप में करीब दो घंटे तक बारिश होने से कानासर रोड पर करीब चार फीट तक पानी बहा। शेरगढ़ में सर्वाधिक 43 व फलौदी में 41 एमएम बारिश दर्ज की गई। भोपालगढ़, बिलाड़ा, पिचियाक व ओसियां में भी अच्छी बारिश के समाचार है। जैसलमेर के फूलासर गांव में भारी बारिश से करीब चार फीट पानी भर गया। पाली के जवाई बांध में 24 घंटों में 5 फीट पानी आया।
शाम छह बजे तक बांध का गेज 31.70 फीट हो गया। इसकी पूरी भराव क्षमता 61.25 फीट है। बीते 24 घंटे के दौरान सिरोही में 83, पिंडवाड़ा में 79, बाली में 64 व रानीवाड़ा में 52 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। पाली जिले में शनिवार रुक-रुक कर हुई बरसात से बांधों में पानी की आवक तेज हुई है। उदयपुर के सेई बांध का जल स्तर भी 10.40 मीटर हो गया है।
इसी से जवाई बांध में पानी आता है। बोमादड़ा बांध ओवर फ्लो हो गया। सोजत में लुंडावास गांव का एनीकट फूट गया। जालोर का वणधर बांध ओवर फ्लो हो गया। सुंधा माता क्षेत्र में तेज बरसात से एनीकट टूट गया। जोधपुर में दोपहर करीब 12 बजे कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश होने से कई क्षेत्रों की सड़कों पर फिर से पानी भर गया।
फलौदी में दोपहर में डेढ़ घंटे तक चली बारिश में मलार व रामनाडा तालाब की पाल टूट गई। पीपाड़ में दोपहर साढ़े बारह बजे से एक घंटे तक जमकर बारिश हुई। जैसलमेर जिले के फलसूंड, फूलासर व नोख में सुबह साढ़े दस बजे से डेढ़ घंटे तक मूसलाधार और बाड़मेर सहित जिले में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी हुई।
कहां कितने एमएम बारिश
शेरगढ़- 43
फलौदी- 41
बिलाड़ा- 11
जोधपुर- 1.2
शनिवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान
सिरोही- 83
पिंडवाडा- 79
बाली- 64
रानीवाड़ा- 52
तापमान इस प्रकार रहा
जोधपुर 29.8 व 25.4, ओसियां 32.3 व 24.9, फलौदी 31.5 व 25.0, जैसलमेर 35.1 व 26.8, बाड़मेर 32.0 व 28.0, माउंट आबू 21.0 व 15.0 डिग्री सेल्सियस।
शुक्रवार को यहां तीन फीट तक चादर चली थी। बाप में करीब दो घंटे तक बारिश होने से कानासर रोड पर करीब चार फीट तक पानी बहा। शेरगढ़ में सर्वाधिक 43 व फलौदी में 41 एमएम बारिश दर्ज की गई। भोपालगढ़, बिलाड़ा, पिचियाक व ओसियां में भी अच्छी बारिश के समाचार है। जैसलमेर के फूलासर गांव में भारी बारिश से करीब चार फीट पानी भर गया। पाली के जवाई बांध में 24 घंटों में 5 फीट पानी आया।
शाम छह बजे तक बांध का गेज 31.70 फीट हो गया। इसकी पूरी भराव क्षमता 61.25 फीट है। बीते 24 घंटे के दौरान सिरोही में 83, पिंडवाड़ा में 79, बाली में 64 व रानीवाड़ा में 52 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। पाली जिले में शनिवार रुक-रुक कर हुई बरसात से बांधों में पानी की आवक तेज हुई है। उदयपुर के सेई बांध का जल स्तर भी 10.40 मीटर हो गया है।
इसी से जवाई बांध में पानी आता है। बोमादड़ा बांध ओवर फ्लो हो गया। सोजत में लुंडावास गांव का एनीकट फूट गया। जालोर का वणधर बांध ओवर फ्लो हो गया। सुंधा माता क्षेत्र में तेज बरसात से एनीकट टूट गया। जोधपुर में दोपहर करीब 12 बजे कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश होने से कई क्षेत्रों की सड़कों पर फिर से पानी भर गया।
फलौदी में दोपहर में डेढ़ घंटे तक चली बारिश में मलार व रामनाडा तालाब की पाल टूट गई। पीपाड़ में दोपहर साढ़े बारह बजे से एक घंटे तक जमकर बारिश हुई। जैसलमेर जिले के फलसूंड, फूलासर व नोख में सुबह साढ़े दस बजे से डेढ़ घंटे तक मूसलाधार और बाड़मेर सहित जिले में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी हुई।
कहां कितने एमएम बारिश
शेरगढ़- 43
फलौदी- 41
बिलाड़ा- 11
जोधपुर- 1.2
शनिवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान
सिरोही- 83
पिंडवाडा- 79
बाली- 64
रानीवाड़ा- 52
तापमान इस प्रकार रहा
जोधपुर 29.8 व 25.4, ओसियां 32.3 व 24.9, फलौदी 31.5 व 25.0, जैसलमेर 35.1 व 26.8, बाड़मेर 32.0 व 28.0, माउंट आबू 21.0 व 15.0 डिग्री सेल्सियस।
हमारी आईआईटी में फर्नीचर घोटाला
जोधपुर. सूर्यनगरी में इसी सत्र से शिफ्ट हुई आईआईटी राजस्थान में हॉस्टल व अकादमिक भवन के लिए फर्नीचर खरीद में गड़बड़ी हुई है।
कुछ आइटम की न्यूनतम दरों को दरकिनार कर उससे अधिक कीमत पर माल खरीद लिया गया। इससे संस्थान को करीब तीन लाख रुपए का नुकसान हुआ। पूरा ऑर्डर केवल दो फर्मो को दे दिया गया। टेंडर की कई अन्य शर्तो का भी उल्लंघन हुआ है। आईआईटी हॉस्टल व अकादमिक भवन के लिए पलंग, विभिन्न तरह की टेबल-कुर्सियां व अन्य फर्नीचर खरीदने के लिए हर आइटम की ऑफर प्राइस अलग से मांगी गई थी, ताकि प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त हो सके।
नौ जुलाई को टेंडर खुले तो कुछ आइटम की खरीद का ऑर्डर न्यूनतम दरें कोट करने वाली फर्म की बजाय उन फर्मो को दे दिया गया जिनकी दरें ज्यादा थीं। इन फर्मो ने 31 जुलाई तक फर्नीचर सप्लाई की और किस्तों में भुगतान उठा लिया। टेंडर में यह कहीं नहीं लिखा गया कि अनुमानित कुल कितनी कीमत का फर्नीचर सप्लाई किया जाना है। यह जरूर बताया गया कि अमानत राशि के तौर पर 50 हजार रुपए जमा करवाने हैं।
कहां हुई अनियमितता
आईआईटी में चार तरह के फर्नीचर की खरीद में न्यूनतम दरों की शर्त का उल्लंघन किया गया है। इनमें टू सीटर व थ्री सीटर राइटिंग डेस्क और स्टडी टेबल टाइप ए (600 गुणा 1200 एमएम) व स्टडी टेबल टाइप बी (525 गुणा 1050 एमएम) शामिल हैं।
इन चारों के लिए न्यूनतम दर जयपुर की फर्म खंडेलवाल एंटरप्राइजेज ने कोट की थी, लेकिन आपूर्ति का ठेका जोधपुर की दो फर्मो बसंत हैंडीक्राफ्ट्स व चंद्रा सेल्स को मिला। अन्य फर्नीचर की सप्लाई का ऑर्डर भी केवल इन दोनों फर्मो को ही मिला है। दिल्ली की तीन फर्मो विप्रो, इरबो व डिलाइट ने भी टेंडर भरे थे। खंडेलवाल एंटरप्राइजेज के संचालक ने खरीद में अनियमितता की शिकायत आईआईटी राजस्थान के निदेशक से की है।
‘ओवरऑल कम रेट भरने वालों को ऑर्डर दिया है’
टेंडर में हर आइटम के लिए अलग से दर मांगी गई थी, लेकिन हमने ओवरऑल कम रेट भरने वाली फर्मो को ही ऑर्डर दिया है। दूसरा, हमारे पास समय कम था और नया सत्र शुरू होने वाला था। अलग-अलग फर्मो से फर्नीचर मंगवाते तो समय लग जाता। हमारी मंशा लोकल फर्म को बिजनेस देने की भी थी। इसमें अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है। - प्रो. नीरज गुप्ता, समन्वयक परचेज कमेटी, आईआईटी राजस्थान
हर आइटम की अलग से दर मांगी थी, लेकिन टेंडर ओवरऑल दर के हिसाब से दिया गया है। हमारी फर्म इसमें खरी उतरी। टेंडर भरने से पहले जो शर्ते रखी गई थी, वे हम पूरी करते हैं। बाकी जवाब तो आईआईटी के लोग ही दे सकते हैं। - जितेंद्र कच्छवाह, संचालक चंद्रा सेल्स कॉपरेरेशन
न्यूनतम दर होने के कारण ही हमें ऑर्डर मिला है। जहां तक अनुभव की बात है, हमने कई संस्थानों में ऑर्डर पूरे करने के प्रमाण-पत्र लगाए हैं। - नरेंद्र बोहरा, सेल्स हैड, बसंत हैंडीक्राफ्ट
कुछ आइटम की न्यूनतम दरों को दरकिनार कर उससे अधिक कीमत पर माल खरीद लिया गया। इससे संस्थान को करीब तीन लाख रुपए का नुकसान हुआ। पूरा ऑर्डर केवल दो फर्मो को दे दिया गया। टेंडर की कई अन्य शर्तो का भी उल्लंघन हुआ है। आईआईटी हॉस्टल व अकादमिक भवन के लिए पलंग, विभिन्न तरह की टेबल-कुर्सियां व अन्य फर्नीचर खरीदने के लिए हर आइटम की ऑफर प्राइस अलग से मांगी गई थी, ताकि प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त हो सके।
नौ जुलाई को टेंडर खुले तो कुछ आइटम की खरीद का ऑर्डर न्यूनतम दरें कोट करने वाली फर्म की बजाय उन फर्मो को दे दिया गया जिनकी दरें ज्यादा थीं। इन फर्मो ने 31 जुलाई तक फर्नीचर सप्लाई की और किस्तों में भुगतान उठा लिया। टेंडर में यह कहीं नहीं लिखा गया कि अनुमानित कुल कितनी कीमत का फर्नीचर सप्लाई किया जाना है। यह जरूर बताया गया कि अमानत राशि के तौर पर 50 हजार रुपए जमा करवाने हैं।
कहां हुई अनियमितता
आईआईटी में चार तरह के फर्नीचर की खरीद में न्यूनतम दरों की शर्त का उल्लंघन किया गया है। इनमें टू सीटर व थ्री सीटर राइटिंग डेस्क और स्टडी टेबल टाइप ए (600 गुणा 1200 एमएम) व स्टडी टेबल टाइप बी (525 गुणा 1050 एमएम) शामिल हैं।
इन चारों के लिए न्यूनतम दर जयपुर की फर्म खंडेलवाल एंटरप्राइजेज ने कोट की थी, लेकिन आपूर्ति का ठेका जोधपुर की दो फर्मो बसंत हैंडीक्राफ्ट्स व चंद्रा सेल्स को मिला। अन्य फर्नीचर की सप्लाई का ऑर्डर भी केवल इन दोनों फर्मो को ही मिला है। दिल्ली की तीन फर्मो विप्रो, इरबो व डिलाइट ने भी टेंडर भरे थे। खंडेलवाल एंटरप्राइजेज के संचालक ने खरीद में अनियमितता की शिकायत आईआईटी राजस्थान के निदेशक से की है।
‘ओवरऑल कम रेट भरने वालों को ऑर्डर दिया है’
टेंडर में हर आइटम के लिए अलग से दर मांगी गई थी, लेकिन हमने ओवरऑल कम रेट भरने वाली फर्मो को ही ऑर्डर दिया है। दूसरा, हमारे पास समय कम था और नया सत्र शुरू होने वाला था। अलग-अलग फर्मो से फर्नीचर मंगवाते तो समय लग जाता। हमारी मंशा लोकल फर्म को बिजनेस देने की भी थी। इसमें अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है। - प्रो. नीरज गुप्ता, समन्वयक परचेज कमेटी, आईआईटी राजस्थान
हर आइटम की अलग से दर मांगी थी, लेकिन टेंडर ओवरऑल दर के हिसाब से दिया गया है। हमारी फर्म इसमें खरी उतरी। टेंडर भरने से पहले जो शर्ते रखी गई थी, वे हम पूरी करते हैं। बाकी जवाब तो आईआईटी के लोग ही दे सकते हैं। - जितेंद्र कच्छवाह, संचालक चंद्रा सेल्स कॉपरेरेशन
न्यूनतम दर होने के कारण ही हमें ऑर्डर मिला है। जहां तक अनुभव की बात है, हमने कई संस्थानों में ऑर्डर पूरे करने के प्रमाण-पत्र लगाए हैं। - नरेंद्र बोहरा, सेल्स हैड, बसंत हैंडीक्राफ्ट
अमेरिकी किशोर को बाल सुधार गृह भेजा
जोधपुर/ओसियां. ओसियां कस्बे में अमेरिकी महिला सिंथिया की हत्या के मामले में हिरासत में लिए उसके नाबालिग पुत्र को पुलिस ने शनिवार को न्यायालय में पेश किया। उसे सोमवार तक के लिए बाल सुधार गृह भेजा गया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अहम सबूत जुटाए हैं।
दूसरी ओर, अमेरिकी दूतावास टीम की मौजूदगी में एमजीएच में मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम में मृतका की गर्दन धारदार हथियार से कटी होना पाया गया। बचने के लिए संघर्ष के दौरान दोनों हाथों पर धारदार हथियार के वार के निशान एवं शरीर के दूसरे हिस्सों पर चोट व घसीटने के निशान पाए गए हैं। उसका शव अमेरिकी दूतावास की अधिकृत मोरगन फ्यूनरल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को सुपुर्द किया जाएगा, जो इसे अमेरिका ले जाएगी। दूतावास की चार सदस्यीय टीम ने पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जीएल शर्मा के साथ ओसियां में घटना स्थल का दौरा किया।
आईजी (रेंज) भूपेन्द्रकुमार दक ने बताया कि सिंथिया एल. इयानरेल्ली के साढ़े पन्द्रह वर्षीय पुत्र से हुई पूछताछ के आधार पर शनिवार को उसकी मां का मोबाइल फोन, क्रेेडिट कार्ड, पासपोर्ट, वीजा व अन्य कागजात जोधपुर नागरिक हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन के बाहर कचरा पात्र से बरामद किए गए हैं। चीजें आरोपी ने हत्या के सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से फेंक दी थी।
खून की एफएसएल जांच : मोबाइल एफएसएल टीम की जांच में इस किशोर के शूज पर लगा खून सिंथिया के खून से मिल गया। जांच में अभियुक्त के हाथों पर लगी खरोंच व चोटें सिंथिया से हुए संघर्ष के दौरान आने की पुष्टि हुई है।
14 को अमेरिका जाना था : अमेरिका के ओल्ड आकडेल रोड, मेक डोनाल्ड निवासी सिंथिया (50) अपने बेटे जॉन के साथ 9 अगस्त को भारत आई थी। उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली से अमेरिका की फ्लाइट पकड़नी थी। बुधवार को वे ओसियां में रैजिस कैमल कैंप (धोरा-धरती होटल) पहुंचे थे। गुरुवार रात मां-बेटे में पारिवारिक कलह के चलते झगड़ा हुआ। शुक्रवार सुबह होटल कर्मचारियों को सिंथिया का शव होटल के निकट धोरों में चद्दर से लिपटा मिला। जॉन को बाद में पुलिस ने जोधपुर के हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया।
ये लोग आए अमेरिकी दूतावास से : दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से स्पेशल एजेंट असिस्टेंट रीजनल सिक्योरिटी ऑफिसर फॉर इन्वेस्टीगेशन एनी एम ब्रून के नेतृत्व में स्कॉट ओ कोइंग, संजीव के त्यागी व मेरी बेथ केपनर जोधपुर पहुंचे। यह टीम भी अपने स्तर मामले की जांच करेगी।
दूसरी ओर, अमेरिकी दूतावास टीम की मौजूदगी में एमजीएच में मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम में मृतका की गर्दन धारदार हथियार से कटी होना पाया गया। बचने के लिए संघर्ष के दौरान दोनों हाथों पर धारदार हथियार के वार के निशान एवं शरीर के दूसरे हिस्सों पर चोट व घसीटने के निशान पाए गए हैं। उसका शव अमेरिकी दूतावास की अधिकृत मोरगन फ्यूनरल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को सुपुर्द किया जाएगा, जो इसे अमेरिका ले जाएगी। दूतावास की चार सदस्यीय टीम ने पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जीएल शर्मा के साथ ओसियां में घटना स्थल का दौरा किया।
आईजी (रेंज) भूपेन्द्रकुमार दक ने बताया कि सिंथिया एल. इयानरेल्ली के साढ़े पन्द्रह वर्षीय पुत्र से हुई पूछताछ के आधार पर शनिवार को उसकी मां का मोबाइल फोन, क्रेेडिट कार्ड, पासपोर्ट, वीजा व अन्य कागजात जोधपुर नागरिक हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन के बाहर कचरा पात्र से बरामद किए गए हैं। चीजें आरोपी ने हत्या के सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से फेंक दी थी।
खून की एफएसएल जांच : मोबाइल एफएसएल टीम की जांच में इस किशोर के शूज पर लगा खून सिंथिया के खून से मिल गया। जांच में अभियुक्त के हाथों पर लगी खरोंच व चोटें सिंथिया से हुए संघर्ष के दौरान आने की पुष्टि हुई है।
14 को अमेरिका जाना था : अमेरिका के ओल्ड आकडेल रोड, मेक डोनाल्ड निवासी सिंथिया (50) अपने बेटे जॉन के साथ 9 अगस्त को भारत आई थी। उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली से अमेरिका की फ्लाइट पकड़नी थी। बुधवार को वे ओसियां में रैजिस कैमल कैंप (धोरा-धरती होटल) पहुंचे थे। गुरुवार रात मां-बेटे में पारिवारिक कलह के चलते झगड़ा हुआ। शुक्रवार सुबह होटल कर्मचारियों को सिंथिया का शव होटल के निकट धोरों में चद्दर से लिपटा मिला। जॉन को बाद में पुलिस ने जोधपुर के हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया।
ये लोग आए अमेरिकी दूतावास से : दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से स्पेशल एजेंट असिस्टेंट रीजनल सिक्योरिटी ऑफिसर फॉर इन्वेस्टीगेशन एनी एम ब्रून के नेतृत्व में स्कॉट ओ कोइंग, संजीव के त्यागी व मेरी बेथ केपनर जोधपुर पहुंचे। यह टीम भी अपने स्तर मामले की जांच करेगी।
स्वाइन फ्लू के दो और पॉजिटिव रोगी मिले
जोधपुर. सूर्यनगरी में स्वाइन फ्लू के दो और रोगियों की पुष्टि हुई है। शनिवार को एमजीएच, मथुरादास माथुर और उम्मेद अस्पताल में जांच के बाद स्वाइन फ्लू के लक्षण नजर आने पर बारह रोगियों के नमूने लिए गए थे।
शाम को मिली रिपोर्ट में इनमें से दो के नमूने पॉजिटिव आए हैं। स्वाइन फ्लू कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. अफजल हाकिम के अनुसार 12 रोगियों में से सात रोगी अस्पतालों में भर्ती है। एक महिला रोगी वेंटिलेटर पर है। शेष को घर पर ही रहने के निर्देश दिए हैं। जिन दो लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, उनमें एक पाल रोड निवासी तथा दूसरा लालसागर का रहने वाला है। इन्हें घर पर ही आइसोलेट रखने की सलाह दी गई है।
संदिग्ध रोगियों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है। डॉक्टरों के अनुसार दो दिन से लगातार बारिश के बाद तापमान में कमी आने से जुकाम और खांसी पीड़ित बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को स्वाइन फ्लू से सतर्क रहना बेहद जरूरी है। जोधपुर में अब तक पांच पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से एक रोगी की मौत हो चुकी है। उम्मेद अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शुक्रवार सुबह नवजात को जन्म देने वाली पॉजिटिव महिला के स्वास्थ्य में सुधार है।
शाम को मिली रिपोर्ट में इनमें से दो के नमूने पॉजिटिव आए हैं। स्वाइन फ्लू कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. अफजल हाकिम के अनुसार 12 रोगियों में से सात रोगी अस्पतालों में भर्ती है। एक महिला रोगी वेंटिलेटर पर है। शेष को घर पर ही रहने के निर्देश दिए हैं। जिन दो लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, उनमें एक पाल रोड निवासी तथा दूसरा लालसागर का रहने वाला है। इन्हें घर पर ही आइसोलेट रखने की सलाह दी गई है।
संदिग्ध रोगियों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है। डॉक्टरों के अनुसार दो दिन से लगातार बारिश के बाद तापमान में कमी आने से जुकाम और खांसी पीड़ित बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को स्वाइन फ्लू से सतर्क रहना बेहद जरूरी है। जोधपुर में अब तक पांच पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से एक रोगी की मौत हो चुकी है। उम्मेद अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शुक्रवार सुबह नवजात को जन्म देने वाली पॉजिटिव महिला के स्वास्थ्य में सुधार है।
आयुर्वेद यूनिवर्सिटी की सुनवाई 22 को
जोधपुर. राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के बीएएमएस कोर्स में प्रवेश देने का निर्णय 22 अगस्त के बाद होगा। इस संबंध में आयुष विभाग की ओर से यूनिवर्सिटी में व्याप्त कमियों के संबंध में यूनिवर्सिटी का पक्ष जाना जाएगा।
राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी की ओर से कुछ माह पूर्व प्री आयुर्वेद टेस्ट आयोजित किया गया था। इसमें प्रदेश भर के अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। परीक्षा का परिणाम हाल ही घोषित किया गया था, लेकिन अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है कि राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जो स्वयं परीक्षा आयोजित करवा रही है, वहां बीएएमएस कोर्स में प्रवेश होगा या नहीं। कुलपति प्रो. बनवारी लाल गौड़ ने बताया कि राज्य सरकार के आयुष विभाग की ओर से राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में व्याप्त विभिन्न कमियों के संबंध में जानकारी भेजकर जवाब मांगा गया है।
इनका जवाब आयुष विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होकर 22 अगस्त को देना होगा। सुनवाई के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के बीएएमएस कोर्स में प्रवेश देना है या नहीं। कुलपति प्रो. बनवारी लाल गौड़ ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से सभी कमियों को पूरा कर लिया गया है। केवल शिक्षकों व स्टॉफ की भर्ती का कार्य बाकी है। यह कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी में स्वीकृत 15 एसिस्टेंट प्रोफेसर्स के पदों के लिए 22 अगस्त को ही लिखित परीक्षा है। परीक्षा के बाद इंटरव्यू कर पद भर लिए जाएंगे। एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के स्वीकृत पद सीधे इंटरव्यू कर भरे जाएंगे।
राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी की ओर से कुछ माह पूर्व प्री आयुर्वेद टेस्ट आयोजित किया गया था। इसमें प्रदेश भर के अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। परीक्षा का परिणाम हाल ही घोषित किया गया था, लेकिन अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है कि राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जो स्वयं परीक्षा आयोजित करवा रही है, वहां बीएएमएस कोर्स में प्रवेश होगा या नहीं। कुलपति प्रो. बनवारी लाल गौड़ ने बताया कि राज्य सरकार के आयुष विभाग की ओर से राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में व्याप्त विभिन्न कमियों के संबंध में जानकारी भेजकर जवाब मांगा गया है।
इनका जवाब आयुष विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होकर 22 अगस्त को देना होगा। सुनवाई के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के बीएएमएस कोर्स में प्रवेश देना है या नहीं। कुलपति प्रो. बनवारी लाल गौड़ ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से सभी कमियों को पूरा कर लिया गया है। केवल शिक्षकों व स्टॉफ की भर्ती का कार्य बाकी है। यह कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी में स्वीकृत 15 एसिस्टेंट प्रोफेसर्स के पदों के लिए 22 अगस्त को ही लिखित परीक्षा है। परीक्षा के बाद इंटरव्यू कर पद भर लिए जाएंगे। एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के स्वीकृत पद सीधे इंटरव्यू कर भरे जाएंगे।
Saturday, August 14, 2010
घूमने आई अमेरिकी महिला का बेटे ने गला रेता
जोधपुर के ओसियां में होटल के निकट मिला शव, मां-बेटे के बीच हुआ था रात को झगड़ा, बेटा पुलिस हिरासत में
जोधपुर/ओसियां. एक अमेरिकी महिला और उसके पति के झगड़े में उसका बेटा ही दुश्मन बन गया। बेटे ने मां की गला रेत कर हत्या कर दी। दोनों घूमने-फिरने के लिए जोधपुर (ओसियां) आए थे, लेकिन गुरुवार की रात दोनों का झगड़ा हुआ और बेटे ने धारदार हथियार से गला रेत कर महिला को मार डाला।
एसपी (रूरल) जीएल शर्मा ने बताया कि अमेरिका के सेसल्स निवासी डॉ. सिंडी इनारेली (52) बैंगलुरू में किसी सेमीनार में हिस्सा लेने के लिए अपने बेटे जॉन के साथ भारत आई थीं। बुधवार को वे जोधपुर होते हुए ओसियां में रैजिस कैमल कैंप (धोरा-धरती होटल) पहुंचे। यहां गुरुवार को दोनों ने ओसियां में माताजी के मंदिर के दर्शन किए। रात को दोनों होटल पहुंचे। यहां मां-बेटे के बीच झगड़ा हुआ। शुक्रवार सुबह महिला का शव होटल के निकट धोरों में चद्दर से लिपटा हुआ मिला।
सूचना पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। महिला के शरीर पर कई जगह चोटों के निशान मिले हैं तथा किसी धारदार हथियार से उसका गला काट दिया गया। होटल से बाहर महिला के शव को घसीटने के निशान मिले हैं। पुलिस ने घटना के बारे में अमेरिकी दूतावास और विदेश मंत्रालय को जानकारी दी है।
शुक्रवार की सुबह जॉन दिल्ली भागने की फिराक में था, लेकिन उसे जोधपुर एयरपोर्ट पर पुलिस ने पकड़ लिया। उसने पुलिस को बताया कि उसकी मां, पिता से अलग रहती थी। दोनों के बीच काफी समय से मनमुटाव चल रहा था। इसी बात को लेकर उसका मां से गुरुवार की रात झगड़ा हुआ था।
जोधपुर/ओसियां. एक अमेरिकी महिला और उसके पति के झगड़े में उसका बेटा ही दुश्मन बन गया। बेटे ने मां की गला रेत कर हत्या कर दी। दोनों घूमने-फिरने के लिए जोधपुर (ओसियां) आए थे, लेकिन गुरुवार की रात दोनों का झगड़ा हुआ और बेटे ने धारदार हथियार से गला रेत कर महिला को मार डाला।
एसपी (रूरल) जीएल शर्मा ने बताया कि अमेरिका के सेसल्स निवासी डॉ. सिंडी इनारेली (52) बैंगलुरू में किसी सेमीनार में हिस्सा लेने के लिए अपने बेटे जॉन के साथ भारत आई थीं। बुधवार को वे जोधपुर होते हुए ओसियां में रैजिस कैमल कैंप (धोरा-धरती होटल) पहुंचे। यहां गुरुवार को दोनों ने ओसियां में माताजी के मंदिर के दर्शन किए। रात को दोनों होटल पहुंचे। यहां मां-बेटे के बीच झगड़ा हुआ। शुक्रवार सुबह महिला का शव होटल के निकट धोरों में चद्दर से लिपटा हुआ मिला।
सूचना पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। महिला के शरीर पर कई जगह चोटों के निशान मिले हैं तथा किसी धारदार हथियार से उसका गला काट दिया गया। होटल से बाहर महिला के शव को घसीटने के निशान मिले हैं। पुलिस ने घटना के बारे में अमेरिकी दूतावास और विदेश मंत्रालय को जानकारी दी है।
शुक्रवार की सुबह जॉन दिल्ली भागने की फिराक में था, लेकिन उसे जोधपुर एयरपोर्ट पर पुलिस ने पकड़ लिया। उसने पुलिस को बताया कि उसकी मां, पिता से अलग रहती थी। दोनों के बीच काफी समय से मनमुटाव चल रहा था। इसी बात को लेकर उसका मां से गुरुवार की रात झगड़ा हुआ था।
महिला आर्म्ड बटालियन मैदान में
जोधपुर. आतंकवादियों से मुकाबला हो या वीआईपी की सुरक्षा, इन कार्यो को कुछ समय बाद आधुनिक हथियारों से लैस महिलाएं भी अंजाम देतीं नजर आएंगी।
देश की पहली महिला आर्म्ड बटालियन ने जोधपुर स्थित राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। पांच कंपनियों की सितंबर के पहले सप्ताह में होने वाले दीक्षांत परेड के बाद विधिवत रूप से हाडी रानी बटालियन अस्तित्व में आ जाएगी। इसके बाद बटालियन बीएसएफ और सीआरपीएफ से आतंकवादियों से निपटने की विशेष ट्रेनिंग लेकर मैदान में उतरेगी। आरएसी व पुलिस विभाग में कार्यरत 480 महिला कांस्टेबल को पिछले साल हाडी रानी बटालियन के लिए चयनित किया गया था। नौ महीने पूर्व आरपीटीसी में इनकी ट्रेनिंग शुरू हुई थी।
इस दौरान इन्हें अति आधुनिक हथियारों के संचालन और फायरिंग की ट्रेनिंग दी गई और दंगों व उपद्रव से निपटने, आपदा प्रबंधन, मार्शल आर्ट सहित हर हालात का मुकाबला करने के गुर सिखाए गए। आरपीटीसी के आईजी सुधाकर जौहरी ने बताया कि हाडी रानी बटालियन की ट्रेनिंग पूरी हो गई है। अभी फायरिंग की परीक्षा चल रही है। अगले माह बटालियन की दीक्षांत परेड का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां से महिला बटालियन बीएसएफ से बॉर्डर पर और सीआरपीएफ या किसी अन्य अर्ध सैनिक बल से आतंकवादियों व नक्सलियों से मुकाबला करने की विशेष ट्रेनिंग हासिल करेगी।
किसी भी प्रांत में हो सकेगी तैनातगी
हाडी रानी बटालियन इंडिया रिजर्व बटालियन है। देश भर मंे पुलिस महकमे की इस पहली महिला आम्र्ड बटालियन की तैनातगी किसी भी प्रांत में आतंरिक सुरक्षा के लिए जाएगी।
अजमेर में रहेगा मुख्यालय
हाडी रानी बटालियन का मुख्यालय अजमेर रहेगा। इस मुख्यालय के भवन का निर्माण चल रहा है। अर्ध सैनिक बल से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद इस बटालियन की पांच कंपनियों को अलग-अलग जगह तैनात किया जाएगा।
देश की पहली महिला आर्म्ड बटालियन ने जोधपुर स्थित राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। पांच कंपनियों की सितंबर के पहले सप्ताह में होने वाले दीक्षांत परेड के बाद विधिवत रूप से हाडी रानी बटालियन अस्तित्व में आ जाएगी। इसके बाद बटालियन बीएसएफ और सीआरपीएफ से आतंकवादियों से निपटने की विशेष ट्रेनिंग लेकर मैदान में उतरेगी। आरएसी व पुलिस विभाग में कार्यरत 480 महिला कांस्टेबल को पिछले साल हाडी रानी बटालियन के लिए चयनित किया गया था। नौ महीने पूर्व आरपीटीसी में इनकी ट्रेनिंग शुरू हुई थी।
इस दौरान इन्हें अति आधुनिक हथियारों के संचालन और फायरिंग की ट्रेनिंग दी गई और दंगों व उपद्रव से निपटने, आपदा प्रबंधन, मार्शल आर्ट सहित हर हालात का मुकाबला करने के गुर सिखाए गए। आरपीटीसी के आईजी सुधाकर जौहरी ने बताया कि हाडी रानी बटालियन की ट्रेनिंग पूरी हो गई है। अभी फायरिंग की परीक्षा चल रही है। अगले माह बटालियन की दीक्षांत परेड का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां से महिला बटालियन बीएसएफ से बॉर्डर पर और सीआरपीएफ या किसी अन्य अर्ध सैनिक बल से आतंकवादियों व नक्सलियों से मुकाबला करने की विशेष ट्रेनिंग हासिल करेगी।
किसी भी प्रांत में हो सकेगी तैनातगी
हाडी रानी बटालियन इंडिया रिजर्व बटालियन है। देश भर मंे पुलिस महकमे की इस पहली महिला आम्र्ड बटालियन की तैनातगी किसी भी प्रांत में आतंरिक सुरक्षा के लिए जाएगी।
अजमेर में रहेगा मुख्यालय
हाडी रानी बटालियन का मुख्यालय अजमेर रहेगा। इस मुख्यालय के भवन का निर्माण चल रहा है। अर्ध सैनिक बल से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद इस बटालियन की पांच कंपनियों को अलग-अलग जगह तैनात किया जाएगा।
गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव पर रोक
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर अनुदानित शिक्षण संस्थाओं में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाते हुए शिक्षा सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्त व मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
यह आदेश न्यायाधीश गोविंद माथुर ने बांसवाड़ा जिले में सज्जनगढ़ स्थित श्री योगेश्वर कॉलेज व दस अन्य निजी कॉलेजों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के तहत दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विनीत कुमार माथुर ने कहा कि बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों के गैर अनुदानित कॉलेज मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से संबद्ध है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 25 जून को एक अधिसूचना जारी कर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के अनुसार छात्रसंघ चुनाव कराने के निर्देश दिए।
माथुर का कहना था कि गैर अनुदानित संस्थाओं को इस अधिसूचना के तहत चुनाव कराने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उच्चतम न्यायालय ने समय-समय पर अपने निर्णयों में कहा है कि चुनाव मौलिक अधिकार नहीं हो कर केवल कानूनी अधिकार है। ये संस्थाएं उन्हीं आदेशों को मानने के लिए बाध्य है जो शिक्षण कार्य से संबंधित हों। चुनाव का अधिकार शिक्षा के अधिकार का हिस्सा नहीं है, इसलिए राज्य सरकार इन संस्थाओं को छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए बाध्य नहीं कर सकती।
यह आदेश न्यायाधीश गोविंद माथुर ने बांसवाड़ा जिले में सज्जनगढ़ स्थित श्री योगेश्वर कॉलेज व दस अन्य निजी कॉलेजों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के तहत दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विनीत कुमार माथुर ने कहा कि बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिलों के गैर अनुदानित कॉलेज मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से संबद्ध है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 25 जून को एक अधिसूचना जारी कर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के अनुसार छात्रसंघ चुनाव कराने के निर्देश दिए।
माथुर का कहना था कि गैर अनुदानित संस्थाओं को इस अधिसूचना के तहत चुनाव कराने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उच्चतम न्यायालय ने समय-समय पर अपने निर्णयों में कहा है कि चुनाव मौलिक अधिकार नहीं हो कर केवल कानूनी अधिकार है। ये संस्थाएं उन्हीं आदेशों को मानने के लिए बाध्य है जो शिक्षण कार्य से संबंधित हों। चुनाव का अधिकार शिक्षा के अधिकार का हिस्सा नहीं है, इसलिए राज्य सरकार इन संस्थाओं को छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए बाध्य नहीं कर सकती।
Thursday, August 12, 2010
यूनिवर्सिटी पर चढऩे लगा चुनावी रंग
छात्र संगठनों की चुनावी रैलियों का दौर जारी
जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर रैलियों का दौर जारी है। बुधवार को भी कुछ छात्रनेताओं ने रैलियां निकाल की अपनी दावेदारी मजबूत की। बुधवार को न्यू कैंपस के सामने से सैंकड़ों दुपहिया व चार पहिया वाहनों के लवाजमे के साथ छात्रनेताओं ने रैली निकाली। छात्रनेता व उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए कई महत्वपूर्ण मार्गों से होते हुए ओल्ड कैंपस पहुंचे। वहां भी उन्होंने जम कर नारेबाजी की।
ओल्ड कैंपस में सभा
जेएनवीयू के एक छात्रनेता ने ओल्ड कैंपस में अधिकारियों से स्वीकृति लेकर एक सभा को संबोधित किया। इस छात्रनेता ने अपनी दावेदारी को साबित करने के लिए विद्यार्थियों के समक्ष अपना पक्ष रखा।
प्रोक्टर्स की बैठक शीघ्र
जेएनवीयू में छात्रसंघ चुनावों के मद्देनजर विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोक्टर्स की बैठक चीफ प्रोक्टर प्रो. एसएस शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित होगी। इस बैठक में चुनाव आचार संहिता व छात्रसंघ चुनाव से जुड़ी व्यवस्थाओं के संबंध में विचार विमर्श होगा।
निजी कॉलेजों को आग्रह पत्र
जेएनवीयू छात्रसंघ चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. देवेंद्र मोहन व अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. नरेश व्यास की ओर से निजी कॉलेजों को पत्र भेजकर छात्रसंघ चुनाव में 5-5 शिक्षक भेजने का आग्रह किया गया है। इन कॉलेजों में लाचू मेमोरियल कॉलेज, महिला पीजी महाविद्यालय, पुष्टिकर महाविद्यालय व व्यास बीएड कॉलेज को शामिल किया गया है।
जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर रैलियों का दौर जारी है। बुधवार को भी कुछ छात्रनेताओं ने रैलियां निकाल की अपनी दावेदारी मजबूत की। बुधवार को न्यू कैंपस के सामने से सैंकड़ों दुपहिया व चार पहिया वाहनों के लवाजमे के साथ छात्रनेताओं ने रैली निकाली। छात्रनेता व उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए कई महत्वपूर्ण मार्गों से होते हुए ओल्ड कैंपस पहुंचे। वहां भी उन्होंने जम कर नारेबाजी की।
ओल्ड कैंपस में सभा
जेएनवीयू के एक छात्रनेता ने ओल्ड कैंपस में अधिकारियों से स्वीकृति लेकर एक सभा को संबोधित किया। इस छात्रनेता ने अपनी दावेदारी को साबित करने के लिए विद्यार्थियों के समक्ष अपना पक्ष रखा।
प्रोक्टर्स की बैठक शीघ्र
जेएनवीयू में छात्रसंघ चुनावों के मद्देनजर विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोक्टर्स की बैठक चीफ प्रोक्टर प्रो. एसएस शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित होगी। इस बैठक में चुनाव आचार संहिता व छात्रसंघ चुनाव से जुड़ी व्यवस्थाओं के संबंध में विचार विमर्श होगा।
निजी कॉलेजों को आग्रह पत्र
जेएनवीयू छात्रसंघ चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. देवेंद्र मोहन व अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. नरेश व्यास की ओर से निजी कॉलेजों को पत्र भेजकर छात्रसंघ चुनाव में 5-5 शिक्षक भेजने का आग्रह किया गया है। इन कॉलेजों में लाचू मेमोरियल कॉलेज, महिला पीजी महाविद्यालय, पुष्टिकर महाविद्यालय व व्यास बीएड कॉलेज को शामिल किया गया है।
मरीज की जान पर भारी मनमानी
जोधपुर. सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिग स्टाफ की मनमानी मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। मंगलवार को निजी ब्लड बैंक से लाया ब्लड पीलिया की एक मरीज को चढ़ाने से मना कर दिया जबकि पहले भी सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंकों से लाया गया ब्लड मरीजों को चढ़ाया जाता रहा है।
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम मौके पर पहुंची तब तक परिजन मरीज कमला चौधरी को डिस्चार्ज करवाकर निजी अस्पताल ले जा चुके थे। टीम निजी अस्पताल पहुंची तो वहां कमला को ब्लड चढ़ाया जा रहा था। ओसियां के खारी गांव की कमला चौधरी को पीलिया होने पर एमडीएम अस्पताल लाया गया था। वार्ड में डॉक्टर्स ने परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड की तीन यूनिट व्यवस्था करने की पर्ची दी। इस ग्रुप का ब्लड अस्पताल की ब्लड बैंक में नहीं था। इस पर परिजनों को अन्य जगह से ब्लड की व्यवस्था करने को कहा गया।
परिजन महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल की ब्लड बैंक पहुंचे। लेकिन वहां भी उन्हें ए नेगेटिव ब्लड नहीं होने का कहते हुए वापस भेज दिया गया। परेशान परिजन निजी क्षेत्र की ब्लड बैंक में गए और एक यूनिट ब्लड लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद डॉक्टर दिनेश सैनी से तुरंत यह ब्लड मरीज को चढ़ाने के लिए कहा। लेकिन सैनी ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें एमडीएम अस्पताल की ब्लड बैंक से वेरीफाई करवाने के लिए भेज दिया। मंगलवार अपराह्न् करीब 4 बजे ब्लड बैंक में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने निजी ब्लड बैंक से लाए ब्लड को वेरीफाई करने से ही इनकार कर दिया।
कर्मचारियों ने परेशान हो चुके परिजनों की एक नहीं सुनी। इधर मरीज की हालत खराब होती जा रही थी। परिजनों ने डॉक्टरों और नर्सिग स्टाफ से हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि मरीज को यह ब्लड चढ़ा दें लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे। इस पर चिंतित परिजन कमला को डिस्चार्ज करवाकर पावटा क्षेत्र के निजी अस्पताल ले गए। वहां वही ब्लड जांच के बाद चढ़ाया गया तब मंगलवार देर रात कमला की तबीयत में सुधार हो पाया। टीम ने तहकीकात को पता चला कि पहले भी सरकारी अस्पतालों में रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंकों से लाया ब्लड चढ़ाया जाता रहा है हालांकि जिम्मेदारों ने कहा कि यह ड्यूटी डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह मरीज को यह ब्लड चढ़ाए या नहीं।
निजी ब्लड बैंक का ब्लड लेने में परेशानी नहीं
रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंक से लाए हुए ब्लड को सरकारी अस्पताल में चढ़ाया जा सकता है। वैसे हम हमारे द्वारा लिए हुए ब्लड को ही ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। ब्लड चढ़ाने का अंतिम निर्णय संबंधित डॉक्टर का होता है। अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज की स्थिति क्रिटिकल है तो वह निजी ब्लड बैंक का ब्लड भी चढ़ाता है। निर्णय परिस्थिति के अनुसार लिया जाता है। - डॉ. एसएन चावला, इंचार्ज, पैथोलॉजी विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
कमला को सोमवार को भर्ती करवाया गया। उसको पीलिया हो गया था। मंगलवार को उनके परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड लाने के लिए कहा गया। वे निजी ब्लड बैंक से ब्लड लेकर सीधे हमारे पास आ गए। हमने उन्हें कहा कि नियमों के अनुसार ब्लड बैंक में ब्लड जमा होने व आवश्यक जांच के बाद ही मरीज को चढ़ाया जा सकता है। इसमें हम क्या कर सकते हैं? - डॉ. दिनेश सैनी, मेडिकल वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर
ड्यूटी डॉक्टर ही तय करता है
ब्लड क्यूं नहीं चढ़ाया, इसकी जानकारी भी वे ही दे पाएंगे। जहां तक होता है, हम अस्पताल में डोनेट हुए ब्लड को ही प्रिफर करते हैं। आप जिस केस की बात कर रहे हैं, उसकी जानकारी मुझे नहीं है। वैसे वार्ड में अगर किसी मरीज को ब्लड चाहिए और वह ग्रुप अस्पताल में नहीं है तो ब्लड लाने का निर्णय वार्ड में ड्यूटी दे रहे डॉक्टर को ही करना होता है। - डॉ. आशा पुरोहित, इंचार्ज, एमडीएम अस्पताल ब्लड बैंक
हम क्रॉसमैच और टेस्टेड ब्लड ही देते हैं
हमारे यहां से सरकारी ब्लड बैंक में ब्लड काफी समय से जाता रहा है और वहां पर चढ़ाया भी जाता है। हम यहां पर क्रॉसमैच और टेस्ट किया हुआ ब्लड ही देते हैं जिसे मरीज को चढ़ाया जा सकता है। - एसआर मेहता, संचालक, पारस ब्लड बैंक
हालत गंभीर हो गई थी
पत्नी की तबीयत गंभीर थी। ए नेगेटिव ब्लड के लिए तीनों अस्पतालों में भटके, लेकिन इस ग्रुप का ब्लड नहीं मिला तब एक निजी ब्लड बैंक में डोनेट करवाकर व्यवस्था की। एमडीएम अस्पताल के कर्मचारियों ने इस ब्लड को लेने से ही मना कर दिया। - मेहराम चौधरी, मरीज कमला के पति
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम मौके पर पहुंची तब तक परिजन मरीज कमला चौधरी को डिस्चार्ज करवाकर निजी अस्पताल ले जा चुके थे। टीम निजी अस्पताल पहुंची तो वहां कमला को ब्लड चढ़ाया जा रहा था। ओसियां के खारी गांव की कमला चौधरी को पीलिया होने पर एमडीएम अस्पताल लाया गया था। वार्ड में डॉक्टर्स ने परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड की तीन यूनिट व्यवस्था करने की पर्ची दी। इस ग्रुप का ब्लड अस्पताल की ब्लड बैंक में नहीं था। इस पर परिजनों को अन्य जगह से ब्लड की व्यवस्था करने को कहा गया।
परिजन महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल की ब्लड बैंक पहुंचे। लेकिन वहां भी उन्हें ए नेगेटिव ब्लड नहीं होने का कहते हुए वापस भेज दिया गया। परेशान परिजन निजी क्षेत्र की ब्लड बैंक में गए और एक यूनिट ब्लड लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद डॉक्टर दिनेश सैनी से तुरंत यह ब्लड मरीज को चढ़ाने के लिए कहा। लेकिन सैनी ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें एमडीएम अस्पताल की ब्लड बैंक से वेरीफाई करवाने के लिए भेज दिया। मंगलवार अपराह्न् करीब 4 बजे ब्लड बैंक में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने निजी ब्लड बैंक से लाए ब्लड को वेरीफाई करने से ही इनकार कर दिया।
कर्मचारियों ने परेशान हो चुके परिजनों की एक नहीं सुनी। इधर मरीज की हालत खराब होती जा रही थी। परिजनों ने डॉक्टरों और नर्सिग स्टाफ से हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि मरीज को यह ब्लड चढ़ा दें लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे। इस पर चिंतित परिजन कमला को डिस्चार्ज करवाकर पावटा क्षेत्र के निजी अस्पताल ले गए। वहां वही ब्लड जांच के बाद चढ़ाया गया तब मंगलवार देर रात कमला की तबीयत में सुधार हो पाया। टीम ने तहकीकात को पता चला कि पहले भी सरकारी अस्पतालों में रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंकों से लाया ब्लड चढ़ाया जाता रहा है हालांकि जिम्मेदारों ने कहा कि यह ड्यूटी डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह मरीज को यह ब्लड चढ़ाए या नहीं।
निजी ब्लड बैंक का ब्लड लेने में परेशानी नहीं
रजिस्टर्ड निजी ब्लड बैंक से लाए हुए ब्लड को सरकारी अस्पताल में चढ़ाया जा सकता है। वैसे हम हमारे द्वारा लिए हुए ब्लड को ही ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। ब्लड चढ़ाने का अंतिम निर्णय संबंधित डॉक्टर का होता है। अगर डॉक्टर को लगता है कि मरीज की स्थिति क्रिटिकल है तो वह निजी ब्लड बैंक का ब्लड भी चढ़ाता है। निर्णय परिस्थिति के अनुसार लिया जाता है। - डॉ. एसएन चावला, इंचार्ज, पैथोलॉजी विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
कमला को सोमवार को भर्ती करवाया गया। उसको पीलिया हो गया था। मंगलवार को उनके परिजनों को ए नेगेटिव ब्लड लाने के लिए कहा गया। वे निजी ब्लड बैंक से ब्लड लेकर सीधे हमारे पास आ गए। हमने उन्हें कहा कि नियमों के अनुसार ब्लड बैंक में ब्लड जमा होने व आवश्यक जांच के बाद ही मरीज को चढ़ाया जा सकता है। इसमें हम क्या कर सकते हैं? - डॉ. दिनेश सैनी, मेडिकल वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर
ड्यूटी डॉक्टर ही तय करता है
ब्लड क्यूं नहीं चढ़ाया, इसकी जानकारी भी वे ही दे पाएंगे। जहां तक होता है, हम अस्पताल में डोनेट हुए ब्लड को ही प्रिफर करते हैं। आप जिस केस की बात कर रहे हैं, उसकी जानकारी मुझे नहीं है। वैसे वार्ड में अगर किसी मरीज को ब्लड चाहिए और वह ग्रुप अस्पताल में नहीं है तो ब्लड लाने का निर्णय वार्ड में ड्यूटी दे रहे डॉक्टर को ही करना होता है। - डॉ. आशा पुरोहित, इंचार्ज, एमडीएम अस्पताल ब्लड बैंक
हम क्रॉसमैच और टेस्टेड ब्लड ही देते हैं
हमारे यहां से सरकारी ब्लड बैंक में ब्लड काफी समय से जाता रहा है और वहां पर चढ़ाया भी जाता है। हम यहां पर क्रॉसमैच और टेस्ट किया हुआ ब्लड ही देते हैं जिसे मरीज को चढ़ाया जा सकता है। - एसआर मेहता, संचालक, पारस ब्लड बैंक
हालत गंभीर हो गई थी
पत्नी की तबीयत गंभीर थी। ए नेगेटिव ब्लड के लिए तीनों अस्पतालों में भटके, लेकिन इस ग्रुप का ब्लड नहीं मिला तब एक निजी ब्लड बैंक में डोनेट करवाकर व्यवस्था की। एमडीएम अस्पताल के कर्मचारियों ने इस ब्लड को लेने से ही मना कर दिया। - मेहराम चौधरी, मरीज कमला के पति
‘गिरधर’ का फैसला जयपुर में
जोधपुर. नई सड़क स्थित गिरधर मंदिर की जमीन का विवाद अब राज्य सरकार ने अपने यहां तलब कर लिया है। सरकार ने इसकी सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं शासन उपसचिव को अधिकृत किया है। इसके अलावा संभाग के 16 अन्य प्रकरणों की सुनवाई भी अब जयपुर में होगी।
इन सभी मामलों की सुनवाई संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी कर रहे थे। सरकार के निर्देश के बाद ये सभी प्रकरण जयपुर भिजवा दिए गए हैं। गिरधर मंदिर सिनेमा हाल की जगह अब मॉल निर्माण का कार्य चल रहा है। विवाद यह है कि यह जमीन सिनेमा हाल संचालकों को वार्षिक रेंट पर आबंटित की गई थी, लेकिन बाद में नगर निगम ने भू-उपयोग परिवर्तन कर दिया। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई अब राज्य स्तर पर होगी।
गौरतलब है कि भू-उपयोग परिवर्तन में कथित अनियमितताओं एवं सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने संबंधी मामले में एसीबी भी अनुसंधान कर रही है। इसमें निगम के कई तत्कालीन अधिकारी घेरे में हैं। राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त कोर्ट में विचाराधीन जोधपुर नगर निगम, पाली, फलौदी, बालोतरा और जैसलमेर निकाय के 17 प्रकरण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 300 के तहत स्वायत शासन विभाग के निदेशक को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसकी पालना में सेठी ने सभी प्रकरण बीते दिनों जयपुर भिजवा दिए।
प्रकरण : जेडीए बनाम नगर निगम, जोधपुर
गिरधर मंदिर सिनेमा की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन एवं वहां मॉल निर्माण का मामला। तत्कालीन नगर सुधार न्यास ने यह भूखंड सिनेमा हाल के लिए उसके संचालकों को वार्षिक रेंट पर दिया था। 29 जनवरी, 2004 में नगर निगम ने जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव पारित कर दिया। निगम को इसका अधिकार ही नहीं था। परिवर्तन में भी निगम को करीब 97 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मालिकों ने सिनेमा हाल को तोड़कर मॉल का निर्माण शुरू कर दिया। तत्कालीन संभागीय आयुक्त संदीप वर्मा ने निर्माण पर रोक लगा थी, लेकिन प्रकरण में अभी सुनवाई जारी थी।
राज्य सरकार के निर्देश पर हमारे यहां विचारधीन 17 मामलों की पत्रावली आगे की सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व उप शासन सचिव, जयपुर को भिजवा दिए हैं। - सुदर्शन सेठी, संभागीय आयुक्त, जोधपुर
इन सभी मामलों की सुनवाई संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी कर रहे थे। सरकार के निर्देश के बाद ये सभी प्रकरण जयपुर भिजवा दिए गए हैं। गिरधर मंदिर सिनेमा हाल की जगह अब मॉल निर्माण का कार्य चल रहा है। विवाद यह है कि यह जमीन सिनेमा हाल संचालकों को वार्षिक रेंट पर आबंटित की गई थी, लेकिन बाद में नगर निगम ने भू-उपयोग परिवर्तन कर दिया। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई अब राज्य स्तर पर होगी।
गौरतलब है कि भू-उपयोग परिवर्तन में कथित अनियमितताओं एवं सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने संबंधी मामले में एसीबी भी अनुसंधान कर रही है। इसमें निगम के कई तत्कालीन अधिकारी घेरे में हैं। राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त कोर्ट में विचाराधीन जोधपुर नगर निगम, पाली, फलौदी, बालोतरा और जैसलमेर निकाय के 17 प्रकरण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 300 के तहत स्वायत शासन विभाग के निदेशक को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसकी पालना में सेठी ने सभी प्रकरण बीते दिनों जयपुर भिजवा दिए।
प्रकरण : जेडीए बनाम नगर निगम, जोधपुर
गिरधर मंदिर सिनेमा की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन एवं वहां मॉल निर्माण का मामला। तत्कालीन नगर सुधार न्यास ने यह भूखंड सिनेमा हाल के लिए उसके संचालकों को वार्षिक रेंट पर दिया था। 29 जनवरी, 2004 में नगर निगम ने जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव पारित कर दिया। निगम को इसका अधिकार ही नहीं था। परिवर्तन में भी निगम को करीब 97 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मालिकों ने सिनेमा हाल को तोड़कर मॉल का निर्माण शुरू कर दिया। तत्कालीन संभागीय आयुक्त संदीप वर्मा ने निर्माण पर रोक लगा थी, लेकिन प्रकरण में अभी सुनवाई जारी थी।
राज्य सरकार के निर्देश पर हमारे यहां विचारधीन 17 मामलों की पत्रावली आगे की सुनवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व उप शासन सचिव, जयपुर को भिजवा दिए हैं। - सुदर्शन सेठी, संभागीय आयुक्त, जोधपुर
प्लास्टिक कैरी बैग प्रतिबंधित, पैकेजिंग नहीं
जोधपुर. राज्य सरकार ने प्लास्टिक के कैरी बैग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है, पैकेजिंग पर नहीं। अगर कोई विक्रेता खाद्य पदाथोर्ं की पैकेजिंग कर देता है तो इस पर रोक नहीं होगी। बीस माइक्रोन तक के प्लास्टिक की बनी पॉलीथिन में विक्रेता स्वनिर्मित खाद्य सामग्री पैकेजिंग कर बेच सकता है।
राज्य प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी बीआर पंवार ने बताया कि सरकार की ओर से 28 जुलाई को जारी किए गए नए आदेश में स्पष्ट है कि खाद्य सामग्री, दूध व नर्सरी में उन्नत पौधों की पैकेजिंग के लिए प्रयुक्त पॉलीथिन कैरी बैग की श्रेणी में नहीं आएगा। जांच कार्य में लगे विभागीय कर्मचारी ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 सहपठित धारा 19 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जा सकेगा।
कैरी बैग की श्रेणी में ये भी
थर्मो प्लास्टिक, हैंडल कटे प्लास्टिक, कैरी बैग व नॉन वूवन प्लास्टिक भी प्लास्टिक कैरी बैग की श्रेणी में आते हैं।
इसका उपयोग करें
कपड़े की थैली, सेल्युलोज से निर्मित थैले, कागज के थैले, कैनवास बैग, जूट बैग अथवाकॉयर सामग्री से बने थैले।
असमंजस की स्थिति
कैरी बैग पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न विभागों की टीम गठित की गई है। टीम में शामिल विभागों के ज्यादातर सदस्यों को कौनसी पॉलीथिन प्रतिबंध में आती है और कौनसी नहीं, इसका पूरा नॉलेज नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अधिसूचना में यह उल्लेख
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के अंतर्गत राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को एक अगस्त से प्रतिबंधित कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं कलेक्टरों को इसकी पालना करने को अधिकृत किया है।
राज्य प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी बीआर पंवार ने बताया कि सरकार की ओर से 28 जुलाई को जारी किए गए नए आदेश में स्पष्ट है कि खाद्य सामग्री, दूध व नर्सरी में उन्नत पौधों की पैकेजिंग के लिए प्रयुक्त पॉलीथिन कैरी बैग की श्रेणी में नहीं आएगा। जांच कार्य में लगे विभागीय कर्मचारी ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 सहपठित धारा 19 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जा सकेगा।
कैरी बैग की श्रेणी में ये भी
थर्मो प्लास्टिक, हैंडल कटे प्लास्टिक, कैरी बैग व नॉन वूवन प्लास्टिक भी प्लास्टिक कैरी बैग की श्रेणी में आते हैं।
इसका उपयोग करें
कपड़े की थैली, सेल्युलोज से निर्मित थैले, कागज के थैले, कैनवास बैग, जूट बैग अथवाकॉयर सामग्री से बने थैले।
असमंजस की स्थिति
कैरी बैग पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न विभागों की टीम गठित की गई है। टीम में शामिल विभागों के ज्यादातर सदस्यों को कौनसी पॉलीथिन प्रतिबंध में आती है और कौनसी नहीं, इसका पूरा नॉलेज नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अधिसूचना में यह उल्लेख
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के अंतर्गत राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय एवं परिवहन को एक अगस्त से प्रतिबंधित कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं कलेक्टरों को इसकी पालना करने को अधिकृत किया है।
विधायक सूर्यकांता व्यास सीसीयू में भर्ती
जोधपुर. सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ‘जीजी’ को बुधवार सुबह तबीयत बिगड़ने पर मथुरादास माथुर अस्पताल के सीसीयू में भर्ती करवाया गया।
यहां हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सांघवी ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। डॉ. सांघवी ने बताया कि उपचार शुरू होने के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार है। दो-तीन दिन आराम की सलाह दी है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फोन कर विधायक के परिजनों से बात कर कुशलक्षेम पूछी। साथ ही उपचार की जानकारी ली।
महापौर रामेश्वर दाधीच भी अस्पताल पहुंचे। विधायक के निजी सहायक ने बताया कि बुधवार अलसुबह घबराहट के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उन्हें एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। विधायक के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिलने पर भाजपा नेता व करयकर्ता अस्पताल पहुंचे
यहां हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सांघवी ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। डॉ. सांघवी ने बताया कि उपचार शुरू होने के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार है। दो-तीन दिन आराम की सलाह दी है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फोन कर विधायक के परिजनों से बात कर कुशलक्षेम पूछी। साथ ही उपचार की जानकारी ली।
महापौर रामेश्वर दाधीच भी अस्पताल पहुंचे। विधायक के निजी सहायक ने बताया कि बुधवार अलसुबह घबराहट के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उन्हें एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया। विधायक के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिलने पर भाजपा नेता व करयकर्ता अस्पताल पहुंचे
जोशी की चुनाव याचिका पर सुनवाई 25 से
जोधपुर. पिछले विधानसभा चुनाव में नाथद्वारा क्षेत्र से एक वोट से हारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सीपी जोशी की चुनाव याचिका पर सुनवाई के तहत 25 अगस्त से हाईकोर्ट में गवाहों के बयान फिर शुरू होंगे।
इससे पहले 3 अगस्त को न्यायाधीश प्रकाश टाटिया के समक्ष प्रार्थी की ओर से गवाही शुरू हुई थी, लेकिन अप्रार्थी नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह के वकील लेखराज मेहता की पत्नी का निधन हो जाने से सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। अब तक याचिकाकर्ता जोशी सहित उनके एक और गवाह के रूप में कोठारिया गांव के बूथ संख्या 40 के मतदान अधिकारी अमरसिंह मीणा की गवाही पूरी हो चुकी है। जोशी की ओर से अब उनके पोलिंग एजेंट रायसिंह व सूर्यवीर सिंह की गवाही होगी। याचिकाकर्ता की ओर से 10 गवाहों की सूची दी हुई है, जबकि अप्रार्थी कल्याणसिंह की ओर से 57 गवाहों की सूची पेश की गई है।
इससे पहले 3 अगस्त को न्यायाधीश प्रकाश टाटिया के समक्ष प्रार्थी की ओर से गवाही शुरू हुई थी, लेकिन अप्रार्थी नाथद्वारा विधायक कल्याणसिंह के वकील लेखराज मेहता की पत्नी का निधन हो जाने से सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। अब तक याचिकाकर्ता जोशी सहित उनके एक और गवाह के रूप में कोठारिया गांव के बूथ संख्या 40 के मतदान अधिकारी अमरसिंह मीणा की गवाही पूरी हो चुकी है। जोशी की ओर से अब उनके पोलिंग एजेंट रायसिंह व सूर्यवीर सिंह की गवाही होगी। याचिकाकर्ता की ओर से 10 गवाहों की सूची दी हुई है, जबकि अप्रार्थी कल्याणसिंह की ओर से 57 गवाहों की सूची पेश की गई है।
आंतकवादियों की घुसपैठ की आशंका
जोधपुर. पाकिस्तान से सटी राजस्थान सीमा से आतंकवादियों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए बीएसएफ के जवानों को अलर्ट किया गया है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि जम्मू-कश्मीर में सख्ती के चलते राजस्थान की सीमा से आतंकवादी देश में प्रवेश कर सकते हैं।
खुफिया एजेंसियों के 15 अगस्त को किसी विध्वंसकारी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए राजस्थान से सटी सीमा पर घुसपैठ की आशंका जताने पर बीएसएफ ने गंगानगर से लेकर बाड़मेर सीमा तक चौकसी बढ़ा दी है। विशेषकर अनूपगढ़ में बरसात का पानी एकत्रित होने और मुनाबाव व शाहगढ़ बल्ज इलाके में भारी बरसात के कारण तारबंदी के नीचे की मिट्टी हटने की वजह से घुसपैठ की आशंका को देखते हुए कड़ी चौकसी की जा रही है। बीएसएफ डीआईजी आरसी ध्यानी ने बताया कि खुफिया एजेंसी के अलर्ट करने पर राजस्थान सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों में विशेष चौकसी की जा रही है।
खुफिया एजेंसियों के 15 अगस्त को किसी विध्वंसकारी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए राजस्थान से सटी सीमा पर घुसपैठ की आशंका जताने पर बीएसएफ ने गंगानगर से लेकर बाड़मेर सीमा तक चौकसी बढ़ा दी है। विशेषकर अनूपगढ़ में बरसात का पानी एकत्रित होने और मुनाबाव व शाहगढ़ बल्ज इलाके में भारी बरसात के कारण तारबंदी के नीचे की मिट्टी हटने की वजह से घुसपैठ की आशंका को देखते हुए कड़ी चौकसी की जा रही है। बीएसएफ डीआईजी आरसी ध्यानी ने बताया कि खुफिया एजेंसी के अलर्ट करने पर राजस्थान सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों में विशेष चौकसी की जा रही है।
Wednesday, August 11, 2010
जोधपुर में कहीं तेज, तो कहीं हल्की बरसात
बारिश होने के बाद उमस में बढ़ोतरी हो गई
जोधपुर। जोधपुर में सुबह से ही बादलों की आवाजाही के बीच बुधवार दोपहर को कहीं हल्की, तो कहंीं मध्यम दर्जे की बरसात हुई। बारिश होने के बाद उमस में बढ़ोतरी हो गई।
मारवाड़ में पिछले दो दिनों से चल रही सूर्य और बादलों की आंख-मिचौनी के बीच गर्मी फिर से लोगों को सताने लगी है। सूर्य की लुकाछिपी के बीच करीब पौने बारह बजे जोधपुर के मधुबन हाउसिंग बोर्ड, कुडी भगतासनी, सांगरिया बाईपास, बासनी, सरस्वती नगर, झालामंड़, डीजल शेड, न्यू कैंपस,शास्त्रीनगर, सरदारपुरा, जलजोग रोटरी सर्किल, भेरुजी चौराहा, पाल रोड़, जालोरी गेट, रेलवे स्टेशन रोड आदि क्षेत्र में कहीं हल्की, तो कहीं तेज बरसात हुई।
15 मिनट तक हुई बारिश से सड़कें भीग गई। काजरी के मौसम वैज्ञानिक एएस राव ने बताया कि अगले चौबीस घंटों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर और जोधपुर जिले में हल्की व मध्यम दर्जे की बरसात हो सकती है।
जोधपुर। जोधपुर में सुबह से ही बादलों की आवाजाही के बीच बुधवार दोपहर को कहीं हल्की, तो कहंीं मध्यम दर्जे की बरसात हुई। बारिश होने के बाद उमस में बढ़ोतरी हो गई।
मारवाड़ में पिछले दो दिनों से चल रही सूर्य और बादलों की आंख-मिचौनी के बीच गर्मी फिर से लोगों को सताने लगी है। सूर्य की लुकाछिपी के बीच करीब पौने बारह बजे जोधपुर के मधुबन हाउसिंग बोर्ड, कुडी भगतासनी, सांगरिया बाईपास, बासनी, सरस्वती नगर, झालामंड़, डीजल शेड, न्यू कैंपस,शास्त्रीनगर, सरदारपुरा, जलजोग रोटरी सर्किल, भेरुजी चौराहा, पाल रोड़, जालोरी गेट, रेलवे स्टेशन रोड आदि क्षेत्र में कहीं हल्की, तो कहीं तेज बरसात हुई।
15 मिनट तक हुई बारिश से सड़कें भीग गई। काजरी के मौसम वैज्ञानिक एएस राव ने बताया कि अगले चौबीस घंटों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर और जोधपुर जिले में हल्की व मध्यम दर्जे की बरसात हो सकती है।
हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में भीषण आग
जोधपुर. पाली रोड स्थित एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में मंगलवार अलसुबह भीषण आग लग गई।
इससे फर्नीचर, कंप्यूटर व अन्य उपकरण राख हो गए। नगर निगम व रीको की करीब आधा दर्जन दमकलों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के अनुसार पाली रोड स्थित विलेज आर्ट एंड क्राफ्ट में मंगलवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे आग लग गई। सूचना मिलने पर बासनी अग्निशमन केंद्र से तीन, शास्त्री नगर से दो तथा नागौरी गेट से एक दमकल के साथ फायरमैन बंशीदास, किशनाराम, प्रशांतसिंह व सांवलदान आदि मौके पर पहुंचे। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
इससे फर्नीचर, कंप्यूटर व अन्य उपकरण राख हो गए। नगर निगम व रीको की करीब आधा दर्जन दमकलों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के अनुसार पाली रोड स्थित विलेज आर्ट एंड क्राफ्ट में मंगलवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे आग लग गई। सूचना मिलने पर बासनी अग्निशमन केंद्र से तीन, शास्त्री नगर से दो तथा नागौरी गेट से एक दमकल के साथ फायरमैन बंशीदास, किशनाराम, प्रशांतसिंह व सांवलदान आदि मौके पर पहुंचे। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
स्वाइन फ्लू का रहा खौफ मास्क लगाए नजर आए लोग
जोधपुर. स्वाइन फ्लू की दस्तक के बाद फिर से लोगों में डर नजर आने लगा है। मथुरादास माथुर अस्पताल में लोग मास्क लगाए नजर आने लगे हैं। मंगलवार को एक पॉजिटिव रोगी की मौत के बाद तो आइसोलेशन वार्ड के बाहर का नजारा ही बदल गया।
डॉक्टरों के निर्देश पर मरीजों के परिजनों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया है। इधर स्वास्थ्य विभाग भी स्वाइन फ्लू से पहली मौत के बाद सजग हो गया है। विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अजरुनसिंह भाटी ने बताया कि संभाग के सभी सीएमएचओ को अपने-अपने क्षेत्र में स्क्रीनिंग सेंटर दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इधर, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने भी मंगलवार को एमडीएम अस्पताल जाकर आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में संचालित स्वाइन फ्लू ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीज दूसरे मरीजों को संक्रमित नहीं करें, इसके लिए ओपीडी के लिए नई जगह तलाश रहे हैं।
तीन दिन जुकाम तो टेमीफ्लू लें
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने के बाद बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। खास तौर से जुखाम हो तो तुरंत उपचार करवाना जरूरी है। तीन दिन में अगर जुकाम में फर्क नहीं आता है तो डॉक्टर से सलाह कर टेमीफ्लू लेनी चाहिए। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी डॉक्टरों को भी इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के लिए टेमीफ्लू ही एक मात्र दवाई है। इसके अलावा बाजार में टीके भी उपलब्ध हैं।
एमजीएच में सीजन डिजीज वार्ड शुरू
इधर एमजीएच में मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल तीन वार्ड में दस पलंग आरक्षित करते हुए विशेष वार्ड शुरू कर दिया है। इसके लिए मंगलवार को इन दस पलंगों पर भर्ती मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर वार्ड तैयार किया गया।
डॉक्टरों के निर्देश पर मरीजों के परिजनों ने मास्क लगाना शुरू कर दिया है। इधर स्वास्थ्य विभाग भी स्वाइन फ्लू से पहली मौत के बाद सजग हो गया है। विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अजरुनसिंह भाटी ने बताया कि संभाग के सभी सीएमएचओ को अपने-अपने क्षेत्र में स्क्रीनिंग सेंटर दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इधर, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने भी मंगलवार को एमडीएम अस्पताल जाकर आइसोलेशन वार्ड का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में संचालित स्वाइन फ्लू ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीज दूसरे मरीजों को संक्रमित नहीं करें, इसके लिए ओपीडी के लिए नई जगह तलाश रहे हैं।
तीन दिन जुकाम तो टेमीफ्लू लें
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने के बाद बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। खास तौर से जुखाम हो तो तुरंत उपचार करवाना जरूरी है। तीन दिन में अगर जुकाम में फर्क नहीं आता है तो डॉक्टर से सलाह कर टेमीफ्लू लेनी चाहिए। डॉ. माथुर ने बताया कि सभी डॉक्टरों को भी इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के लिए टेमीफ्लू ही एक मात्र दवाई है। इसके अलावा बाजार में टीके भी उपलब्ध हैं।
एमजीएच में सीजन डिजीज वार्ड शुरू
इधर एमजीएच में मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल तीन वार्ड में दस पलंग आरक्षित करते हुए विशेष वार्ड शुरू कर दिया है। इसके लिए मंगलवार को इन दस पलंगों पर भर्ती मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर वार्ड तैयार किया गया।
वेतन लेने गए नरेगा श्रमिकों की गैर हाजिरी
चार माह से नहीं किया गया था भुगतान
जोधपुर। बालेसर पंचायत समिति के केतू मदा गांव में चार माह से अटके भुगतान लेने गए नरेगा श्रमिकों की गैर हाजिरी लग गई। कार्यक्रम समंवयक चार माह तक भुगतान रोकने की जांच करवा रहा है।
नरेगा में काम के बदले भुगतान की व्यवस्था है और भुगतान एक माह के भीतर होना चाहिए, मगर केतू मदा गांव के मजदूरों को चार माह से भुगतान नहीं हुआ। सरपंच उगमसिंह ने बताया कि जीएसएस में कर्मचारी नहीं होने के कारण भुगतान अटका रहा। मंगलवार को जीएसएस ने एक स्कूल में भुगतान दिया, तो नरेगा श्रमिक काम छोड़ कर पैसा लेने चले गए। इस बीच जिला कार्यक्रम समंवयक कार्यालय की टीम कार्यों का निरीक्षण करने पहुंच गई। नरेगा श्रमिक भुगतान लेने गए थे, इसलिए निरीक्षण टीम ने साइट पर उनकी गैर हाजिरी लगा दी।
जोधपुर। बालेसर पंचायत समिति के केतू मदा गांव में चार माह से अटके भुगतान लेने गए नरेगा श्रमिकों की गैर हाजिरी लग गई। कार्यक्रम समंवयक चार माह तक भुगतान रोकने की जांच करवा रहा है।
नरेगा में काम के बदले भुगतान की व्यवस्था है और भुगतान एक माह के भीतर होना चाहिए, मगर केतू मदा गांव के मजदूरों को चार माह से भुगतान नहीं हुआ। सरपंच उगमसिंह ने बताया कि जीएसएस में कर्मचारी नहीं होने के कारण भुगतान अटका रहा। मंगलवार को जीएसएस ने एक स्कूल में भुगतान दिया, तो नरेगा श्रमिक काम छोड़ कर पैसा लेने चले गए। इस बीच जिला कार्यक्रम समंवयक कार्यालय की टीम कार्यों का निरीक्षण करने पहुंच गई। नरेगा श्रमिक भुगतान लेने गए थे, इसलिए निरीक्षण टीम ने साइट पर उनकी गैर हाजिरी लगा दी।
Sunday, August 1, 2010
जोधपुर में स्वाइन फ्लू की दस्तक H1N1
जोधपुर। करीब पांच माह बाद जोधपुर शहर में एक बार फिर स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। शहर के महामंदिर निवासी एक युवक की डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की वायररोलोजी प्रयोगशाला से शनिवार दोपहर को पॉजिटिव रिपोर्ट जारी की गई। पॉजिटिव आने की सूचना मिलने के बाद सीएमएचओ खुद अपनी टीम के साथ रोगी के निवास स्थान पर गए ओर सर्वे करवा कर टेमीफ्लू बांटी। गौरतलब है कि जोधपुर में गत सीजन में स्वाइन फ्लू के प्रकोप से अस्सी मौते हो हुई थी।
टैक्सी पर गिरी हाई वोल्टेज लाइन , महिला झुलसी
दो जने बाल-बाल बचे
जोधपुर। चांदपोल क्षेत्र में शनिवार शाम एक सवारी टैक्सी पर हाई वोल्टेज लाइन गिर गई। इससे एक महिला टैक्सी में ही चिपक गई, जबकि दूसरी महिला व टैक्सी चालक बाल-बाल बच गए। गंभीर रूप से झुलसी महिला को एमजीएच में भर्ती करवाया गया है। जानकारी के अनुसार दो महिलाएं टैक्सी में सवार होकर किला रोड से जा रही थी।
क्रिया झालरा के निकट से गुजरते समय अचानक बिजली का तार टूट कर टैक्सी पर जा गिरा। इससे टैक्सी में करंट फैला और इसके टायर धंू-धूं कर जलने लगे। चालक व एक महिला टैक्सी से कूद गए, लेकिन एक महिला उसमें चिपक गई। आसपास के लोगों ने लकड़ी से तार हटाए और गंभीर रूप से घायल महिला को महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया। सूचना पर पुलिस व डिस्कॉम के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। फिलहाल पुलिस तार टूटने व घायल महिला के बारे में जानकारी जुटा रही है।
जोधपुर। चांदपोल क्षेत्र में शनिवार शाम एक सवारी टैक्सी पर हाई वोल्टेज लाइन गिर गई। इससे एक महिला टैक्सी में ही चिपक गई, जबकि दूसरी महिला व टैक्सी चालक बाल-बाल बच गए। गंभीर रूप से झुलसी महिला को एमजीएच में भर्ती करवाया गया है। जानकारी के अनुसार दो महिलाएं टैक्सी में सवार होकर किला रोड से जा रही थी।
क्रिया झालरा के निकट से गुजरते समय अचानक बिजली का तार टूट कर टैक्सी पर जा गिरा। इससे टैक्सी में करंट फैला और इसके टायर धंू-धूं कर जलने लगे। चालक व एक महिला टैक्सी से कूद गए, लेकिन एक महिला उसमें चिपक गई। आसपास के लोगों ने लकड़ी से तार हटाए और गंभीर रूप से घायल महिला को महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया। सूचना पर पुलिस व डिस्कॉम के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। फिलहाल पुलिस तार टूटने व घायल महिला के बारे में जानकारी जुटा रही है।
बारिश से भीगा जोधपुर
जोधपुर में फिर बरसे बदरा
जोधपुर। जोधपुर में बादलों की आवाजाही के बीच शनिवार दोपहर ढाई बजे से तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से सड़कों पर पानी भर गया।
शहर में सुबह से ही बादलों की लुकाछिपी के साथ उमस ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए। दोपहर दो बजे करीब आसमान पर काली घटाएं छा गईं। आधा घंटे तक चली हवाओं के बाद बारिश शुरू हुई। कहीं तेज तो कहीं रुक-रुक कर आ रही बारिश से शहर के भीतरी क्षेत्र की सड़कों पर पानी भर गया।
जोधपुर। जोधपुर में बादलों की आवाजाही के बीच शनिवार दोपहर ढाई बजे से तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से सड़कों पर पानी भर गया।
शहर में सुबह से ही बादलों की लुकाछिपी के साथ उमस ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए। दोपहर दो बजे करीब आसमान पर काली घटाएं छा गईं। आधा घंटे तक चली हवाओं के बाद बारिश शुरू हुई। कहीं तेज तो कहीं रुक-रुक कर आ रही बारिश से शहर के भीतरी क्षेत्र की सड़कों पर पानी भर गया।
मार्केट से लेकर घर तक ‘संशय’
जोधपुर. पॉलीथिन पर प्रतिबंध का मामला अब मार्केट से घर तक सबकी जुबान पर है, लेकिन इसको लेकर मार्केट से घर तक संशय की स्थिति बनी हुई है।
राज्य सरकार के एक अगस्त से प्लास्टिक के कैरी बैग्स पर प्रतिबंध की घोषणा के बावजूद प्रशासन ने सुस्ती की चादर ओढ़े रखी, नतीजतन बाजार में इसका विकल्प तैयार नहीं हो पाया। अगर प्रशासन इसको लेकर एक महीने पहले से लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता तो शायद इसके परिणाम सकारात्मक आने की उम्मीद थी, लेकिन न तो नगर निगम और न ही प्रशासन ने इसको गंभीरता से लिया।
अब तारीख नजदीक आई तो प्रशासन व नगर निगम आनन-फानन में आधी-अधूरी तैयारी के साथ प्रतिबंध लगाने की कवायद में जुटा है। इसके परिणाम क्या आएंगे यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस तरह का संशय बना हुआ है उससे इसकी सफलता को लेकर संदेह है। इधर व्यापारी वर्ग इसके विकल्प व प्रशासनिक कार्रवाई के बारे में सोचकर पसोपेश में है, वहीं गृहिणियों को अब कपड़े के थैले की चिंता सताने लगी है।
दुकानदारों ने पॉलीथिन खरीदना कम कर दिया है और थोक विक्रेता भी अपना स्टॉक खत्म करने लगे हैं। गृहिणियों का मानना है कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद अब उन्हें बाजार से सामान खरीदने में दिक्कतें आएगी। सबसे ज्यादा दिक्कत किराने के सामान व सब्जी खरीदने में आएगी।
लाखों रुपए कर्ज लेकर व्यापार करने वालों का कारोबार ठप हो जाएगा। इसका असर ट्रेडिंग पर भी पड़ेगा। व्यापारी बैंक की किस्त भी नहीं चुका सकेंगे। पॉलीथिन पर प्रतिबंध का फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन इसमें कई विसंगतियां हैं, उन्हें दूर करने के बाद ही इस व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए। इससे इंस्पेक्टर राज को भी बढ़ावा मिलेगा। ठेलाधारकों से लेकर शो-रूम संचालकों तक से चौथ वसूली को बढ़ावा मिलेगा। - जितेंद्रराज लोढ़ा, उद्योगपति व पॉलीथिन विक्रेता
नगर निगम गंभीर नहीं
सीवरेज समस्या के लिए सबसे बड़ी परेशानी बने पॉलीथिन थैलियों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाने को लेकर न तो निगम के अफसर गंभीर हैं और न ही बोर्ड बैठकों में पॉलीथिन पर रोक लगाने की पैरवी करने वाले जनप्रतिनिधि ही गंभीर हैं। शहर में पॉलीथिन थैलियों के कारण सीवरेज सिस्टम की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है। निगम में अलग से सीवरेज विंग स्थापित किया गया है, लेकिन इतने बड़े फैसले को लागू करने के पहले निगम ने अपने ही पार्षदों के साथ चर्चा करना मुनासिब नहीं समझा। निगम इतने बड़े फैसले पर बोर्ड की विशेष बैठक बुलाता, जिससे कई महत्वपूर्ण सुझाव आते और इसका संदेश भी जाता।
राज्य सरकार के एक अगस्त से प्लास्टिक के कैरी बैग्स पर प्रतिबंध की घोषणा के बावजूद प्रशासन ने सुस्ती की चादर ओढ़े रखी, नतीजतन बाजार में इसका विकल्प तैयार नहीं हो पाया। अगर प्रशासन इसको लेकर एक महीने पहले से लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता तो शायद इसके परिणाम सकारात्मक आने की उम्मीद थी, लेकिन न तो नगर निगम और न ही प्रशासन ने इसको गंभीरता से लिया।
अब तारीख नजदीक आई तो प्रशासन व नगर निगम आनन-फानन में आधी-अधूरी तैयारी के साथ प्रतिबंध लगाने की कवायद में जुटा है। इसके परिणाम क्या आएंगे यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस तरह का संशय बना हुआ है उससे इसकी सफलता को लेकर संदेह है। इधर व्यापारी वर्ग इसके विकल्प व प्रशासनिक कार्रवाई के बारे में सोचकर पसोपेश में है, वहीं गृहिणियों को अब कपड़े के थैले की चिंता सताने लगी है।
दुकानदारों ने पॉलीथिन खरीदना कम कर दिया है और थोक विक्रेता भी अपना स्टॉक खत्म करने लगे हैं। गृहिणियों का मानना है कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद अब उन्हें बाजार से सामान खरीदने में दिक्कतें आएगी। सबसे ज्यादा दिक्कत किराने के सामान व सब्जी खरीदने में आएगी।
लाखों रुपए कर्ज लेकर व्यापार करने वालों का कारोबार ठप हो जाएगा। इसका असर ट्रेडिंग पर भी पड़ेगा। व्यापारी बैंक की किस्त भी नहीं चुका सकेंगे। पॉलीथिन पर प्रतिबंध का फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन इसमें कई विसंगतियां हैं, उन्हें दूर करने के बाद ही इस व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए। इससे इंस्पेक्टर राज को भी बढ़ावा मिलेगा। ठेलाधारकों से लेकर शो-रूम संचालकों तक से चौथ वसूली को बढ़ावा मिलेगा। - जितेंद्रराज लोढ़ा, उद्योगपति व पॉलीथिन विक्रेता
नगर निगम गंभीर नहीं
सीवरेज समस्या के लिए सबसे बड़ी परेशानी बने पॉलीथिन थैलियों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाने को लेकर न तो निगम के अफसर गंभीर हैं और न ही बोर्ड बैठकों में पॉलीथिन पर रोक लगाने की पैरवी करने वाले जनप्रतिनिधि ही गंभीर हैं। शहर में पॉलीथिन थैलियों के कारण सीवरेज सिस्टम की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है। निगम में अलग से सीवरेज विंग स्थापित किया गया है, लेकिन इतने बड़े फैसले को लागू करने के पहले निगम ने अपने ही पार्षदों के साथ चर्चा करना मुनासिब नहीं समझा। निगम इतने बड़े फैसले पर बोर्ड की विशेष बैठक बुलाता, जिससे कई महत्वपूर्ण सुझाव आते और इसका संदेश भी जाता।
फीस वृद्धि वापस लेगा जेएनवीयू
जोधपुर. छात्र हितों की दस मांगों को लेकर बीते दो दिन से धरने पर बैठे एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कुलपति के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त कर दिया। अनशन पर बैठे छात्रों का कहना था कि कुलपति प्रो. नवीन माथुर ने स्ववित्त पोषित कोर्स की बढ़ी हुई फीस वापस लेने का आश्वासन दिया है।
अन्य मांगों में से भी ज्यादातर पर सहमति दे दी है। जेएनवीयू में छात्रहित से जुड़ी 10 मांगों को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जिलाध्यक्ष बलदेव बेनिवाल की अगुवाई में केंद्रीय कार्यालय के बाहर बुधवार को अनशन पर बैठे थे। एडीएम सिटी के निर्देश पर गुरुवार शाम को अनशन पर बैठे विद्यार्थियों का मेडिकल करवाया गया था। पुलिस ने पांच छात्रनेताओं को देर रात महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन ये रात को वापस धरने पर आकर बैठ गए। शुक्रवार सुबह भाकरराम विश्नोई और राजेश नैण की तबीयत बिगड़ गई।
इस पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दोपहर को छात्रनेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल कुलपति से मिला व मांगों के संबंध में विचार-विमर्श किया। छात्र नेताओं ने कहा कि इस दौरान फीस कम करने सहित कई मुद्दों पर सहमति बनी। कुलपति के प्रतिनिधि के रूप में सिंडीकेट सदस्य डॉ. एएल जीनगर धरना स्थल पर पहुंचे एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश सचिव पुनित जांगू, जिलाध्यक्ष बलदेव बेनिवाल, जिला प्रवक्ता भाकरराम विश्नोई, जिला महासचिव राजेश नैण व जिला उपाध्यक्ष राजेश धौलिया को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
इन मांगों पर सहमति
60 प्रतिशत से ज्यादा अंक वाले विद्यार्थियों के प्रवेश की व्यवस्था।
स्ववित्त पोषित कोर्स की फीस वापस लेने का आश्वासन।
आवश्यकता और नियमों को देखते हुए सेक्शन बढ़ाए जाएंगे।
आईकार्ड, सिलेबस व पुस्तकें समय पर उपलब्ध होगी।
एमए में सेक्शन बढ़ाने के मामले में विभागाध्यक्षों से चर्चा होगी।
पीटीईटी व शेष परिणाम शीघ्र घोषित होंगे।
पुनर्मूल्यांकन परिणाम शीघ्र घोषित होंगे।
अन्य मांगों में से भी ज्यादातर पर सहमति दे दी है। जेएनवीयू में छात्रहित से जुड़ी 10 मांगों को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जिलाध्यक्ष बलदेव बेनिवाल की अगुवाई में केंद्रीय कार्यालय के बाहर बुधवार को अनशन पर बैठे थे। एडीएम सिटी के निर्देश पर गुरुवार शाम को अनशन पर बैठे विद्यार्थियों का मेडिकल करवाया गया था। पुलिस ने पांच छात्रनेताओं को देर रात महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन ये रात को वापस धरने पर आकर बैठ गए। शुक्रवार सुबह भाकरराम विश्नोई और राजेश नैण की तबीयत बिगड़ गई।
इस पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दोपहर को छात्रनेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल कुलपति से मिला व मांगों के संबंध में विचार-विमर्श किया। छात्र नेताओं ने कहा कि इस दौरान फीस कम करने सहित कई मुद्दों पर सहमति बनी। कुलपति के प्रतिनिधि के रूप में सिंडीकेट सदस्य डॉ. एएल जीनगर धरना स्थल पर पहुंचे एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश सचिव पुनित जांगू, जिलाध्यक्ष बलदेव बेनिवाल, जिला प्रवक्ता भाकरराम विश्नोई, जिला महासचिव राजेश नैण व जिला उपाध्यक्ष राजेश धौलिया को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
इन मांगों पर सहमति
60 प्रतिशत से ज्यादा अंक वाले विद्यार्थियों के प्रवेश की व्यवस्था।
स्ववित्त पोषित कोर्स की फीस वापस लेने का आश्वासन।
आवश्यकता और नियमों को देखते हुए सेक्शन बढ़ाए जाएंगे।
आईकार्ड, सिलेबस व पुस्तकें समय पर उपलब्ध होगी।
एमए में सेक्शन बढ़ाने के मामले में विभागाध्यक्षों से चर्चा होगी।
पीटीईटी व शेष परिणाम शीघ्र घोषित होंगे।
पुनर्मूल्यांकन परिणाम शीघ्र घोषित होंगे।
खुद को एमपी का पीए बता डॉक्टर को धमकाया!
जोधपुर. महात्मा गांधी अस्पताल की सर्जिकल ओपीडी में एक व्यक्ति द्वारा खुद को पाली सांसद बद्रीराम जाखड़ का पीए बताकर डॉक्टर को धमकाने का मामला सामने आया है। डॉक्टर ने इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए अस्पताल प्रबध्ांन को पूरे मामले की जानकारी सौंपी है।
संभवतया अगले एक-दो दिन में प्रबंधन इस पर निर्णय लेगा। जानकारी के अनुसार सर्जिकल ओपीडी में सोमवार करीब डेढ़ बजे सर्जरी विभाग के सहआचार्य डॉ. अजय मालवीय अपने सहयोगी डॉक्टर डॉ. गणपत चौधरी, भारती सारस्वत व डॉ. एमएल लोहिया के साथ ड्यूटी पर थे। इस दौरान एक व्यक्ति वहां आया और ओपीडी में खून साफ करने की बात को लेकर डॉ. मालवीय से उलझ गया। उसने डॉ. मालवीय से बदसलूकी व गाली-गलौच की।
डॉ. मालवीय ने उसे समझाया कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को अभी-अभी एमओटी में भेजा है। अभी सफाई हो जाएगी, लेकिन वह व्यक्ति नहीं माना और खुद को पाली सांसद बद्रीराम जाखड़ का पीए बताते हुए डॉ. मालवीय से झगड़े पर उतारू हो गया। काफी देर तक हंगामा करने के बाद वह बाहर निकल गया। इस दौरान साथ आई एक महिला अंदर आई और डॉ. गणपत चौधरी से परामर्श लिया। बाद में वह भी डॉ. मालवीय से भिड़ गई। बमुश्किल दोनों अस्पताल से बाहर निकले।
पीटीआई बना पीए
व्यक्ति के नाम-पते की पड़ताल के बाद सामने आया कि वह बिलाड़ा के पास किसी सरकारी स्कूल का पीटीआई बक्साराम था, जो खुद को पाली सांसद का पीए बता रहा था। इस मामले को लेकर डॉक्टरों ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की भी मांग की है। इसके अलावा आरएमसीटीए ने भी इस तरह के मामले का विरोध किया है। गौरतलब है कि अस्पतालों में आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें राजनेताओं के नाम से लोग डॉक्टरों को धमकाते हैं।
संभवतया अगले एक-दो दिन में प्रबंधन इस पर निर्णय लेगा। जानकारी के अनुसार सर्जिकल ओपीडी में सोमवार करीब डेढ़ बजे सर्जरी विभाग के सहआचार्य डॉ. अजय मालवीय अपने सहयोगी डॉक्टर डॉ. गणपत चौधरी, भारती सारस्वत व डॉ. एमएल लोहिया के साथ ड्यूटी पर थे। इस दौरान एक व्यक्ति वहां आया और ओपीडी में खून साफ करने की बात को लेकर डॉ. मालवीय से उलझ गया। उसने डॉ. मालवीय से बदसलूकी व गाली-गलौच की।
डॉ. मालवीय ने उसे समझाया कि सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को अभी-अभी एमओटी में भेजा है। अभी सफाई हो जाएगी, लेकिन वह व्यक्ति नहीं माना और खुद को पाली सांसद बद्रीराम जाखड़ का पीए बताते हुए डॉ. मालवीय से झगड़े पर उतारू हो गया। काफी देर तक हंगामा करने के बाद वह बाहर निकल गया। इस दौरान साथ आई एक महिला अंदर आई और डॉ. गणपत चौधरी से परामर्श लिया। बाद में वह भी डॉ. मालवीय से भिड़ गई। बमुश्किल दोनों अस्पताल से बाहर निकले।
पीटीआई बना पीए
व्यक्ति के नाम-पते की पड़ताल के बाद सामने आया कि वह बिलाड़ा के पास किसी सरकारी स्कूल का पीटीआई बक्साराम था, जो खुद को पाली सांसद का पीए बता रहा था। इस मामले को लेकर डॉक्टरों ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की भी मांग की है। इसके अलावा आरएमसीटीए ने भी इस तरह के मामले का विरोध किया है। गौरतलब है कि अस्पतालों में आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें राजनेताओं के नाम से लोग डॉक्टरों को धमकाते हैं।
बैंड बांध मनाया फ्रेंडशिप डे
जोधपुर. केएन कॉलेज में शनिवार को सीनियर छात्राओं ने नवागंतुक छात्राओं की कलाई पर फ्रेंडशिप बैंड बांधकर फेंड्रशिप-डे मनाया।
इस अवसर पर फ्रेशर्स ने सीनियर्स के साथ खूब एंजॉय किया। कॉलेज खुलने के साथ ही फ्रेंडशिप-डे के आने से नई छात्राएं कॉलेज में पहली बार इसे फ्रेंड्स के साथ मनाने को लेकर विशेष उत्साहित थीं। उधर सीनियर्स ने भी सभी फ्रेशर्स से परिचय करने के बाद उन्हें फेंड्रशिप बैंड बांध कर दोस्ती का आमंत्रण दिया।
इस अवसर पर फ्रेशर्स ने सीनियर्स के साथ खूब एंजॉय किया। कॉलेज खुलने के साथ ही फ्रेंडशिप-डे के आने से नई छात्राएं कॉलेज में पहली बार इसे फ्रेंड्स के साथ मनाने को लेकर विशेष उत्साहित थीं। उधर सीनियर्स ने भी सभी फ्रेशर्स से परिचय करने के बाद उन्हें फेंड्रशिप बैंड बांध कर दोस्ती का आमंत्रण दिया।
थार के चालक-टीटीई पर तस्करी का आरोप
जोधपुर. थार लिंक एक्सप्रेस के दो चालकों व दो टीटीई के नकली नोट व मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त होने की शिकायत मिली है। शिकायत करने वाले व्यक्ति ने जीआरपी को एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि इंजिन के भीतर व ट्रेन स्टाफ की जांच नहीं होने का फायदा उठा कर पाकिस्तानी तस्कर इन्हें अपना कूरियर बना रहे हैं।
शिकायत के बाद रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है। जीआरपी एसपी इस शिकायत की जांच करवा रहे हैं। साथ ही खुफिया एजेंसियां व बाड़मेर-जैसलमेर पुलिस भी छानबीन कर रही है। जीआरपी एसपी एसएन खींची को एक परिवाद मिला है जिसमें लालसागर निवासी आरएन डूडी ने थार लिंक एक्सप्रेस ट्रेन के चालकों व टीटीई पर तस्करी करने का आरोप लगाया है। डूडी ने लिखा कि चालक एमडी चारण और वीरेंद्र सिंह पाकिस्तान के तस्करों की ओर से दी गई मादक पदार्थों व नकली नोट की खेप को इंजिन में छुपा कर लाते हैं।
पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां इंजिन के भीतर व ट्रेन स्टाफ की जांच नहीं करती, इसलिए यह खेल काफी समय से चल रहा है। इन चालकों के साथ दो टीटीई जुगलकिशोर व जगदीश भी मिले हुए हैं। इसमें फार्मासिस्ट लक्ष्मीनारायण शर्मा भी शामिल है। रेलवे कर्मचारियों के तस्करी में लिप्त होने की शिकायत मिलने पर जीआरपी एसपी ने डीएसपी सत्यमणि तिवारी को जांच के निर्देश दिए हैं। कुछ कर्मचारी इसे यूनियन की गुटबाजी भी बता रहे हैं।
शिकायत के बाद रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है। जीआरपी एसपी इस शिकायत की जांच करवा रहे हैं। साथ ही खुफिया एजेंसियां व बाड़मेर-जैसलमेर पुलिस भी छानबीन कर रही है। जीआरपी एसपी एसएन खींची को एक परिवाद मिला है जिसमें लालसागर निवासी आरएन डूडी ने थार लिंक एक्सप्रेस ट्रेन के चालकों व टीटीई पर तस्करी करने का आरोप लगाया है। डूडी ने लिखा कि चालक एमडी चारण और वीरेंद्र सिंह पाकिस्तान के तस्करों की ओर से दी गई मादक पदार्थों व नकली नोट की खेप को इंजिन में छुपा कर लाते हैं।
पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां इंजिन के भीतर व ट्रेन स्टाफ की जांच नहीं करती, इसलिए यह खेल काफी समय से चल रहा है। इन चालकों के साथ दो टीटीई जुगलकिशोर व जगदीश भी मिले हुए हैं। इसमें फार्मासिस्ट लक्ष्मीनारायण शर्मा भी शामिल है। रेलवे कर्मचारियों के तस्करी में लिप्त होने की शिकायत मिलने पर जीआरपी एसपी ने डीएसपी सत्यमणि तिवारी को जांच के निर्देश दिए हैं। कुछ कर्मचारी इसे यूनियन की गुटबाजी भी बता रहे हैं।
Saturday, July 31, 2010
नकली किन्नर को पकड़ बाल काटे
जोधपुर. शहर में कई दिनों से तीन युवक नकली किन्नर बनकर बधाइयां मांग रहे थे। असली किन्नरों ने आखिरकार इनमें से नागौर निवासी सलमान को कुड़ी क्षेत्र में पकड़ लिया।
इस युवक को पकड़कर घंटाघर स्थित किन्नरों की हवेली लाया गया तथा उसके कपड़े उतारकर सिर के बाल बेतरतीब तरीके से काट दिए गए। इस दौरान क्षेत्र में तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई थी। किन्नरों ने उसे जूते की माला पहनाकर घंटाघर बाजार में घुमाया। नई सड़क पर छोड़ दिया व चेतावनी दी कि यदि फिर कभी वह जोधपुर में नजर आ गया तो पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
इस युवक को पकड़कर घंटाघर स्थित किन्नरों की हवेली लाया गया तथा उसके कपड़े उतारकर सिर के बाल बेतरतीब तरीके से काट दिए गए। इस दौरान क्षेत्र में तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई थी। किन्नरों ने उसे जूते की माला पहनाकर घंटाघर बाजार में घुमाया। नई सड़क पर छोड़ दिया व चेतावनी दी कि यदि फिर कभी वह जोधपुर में नजर आ गया तो पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
बस पलटने से 15 घायल
जोधपुर.बाड़मेर। जोधपुर-बाड़मेर राजमार्ग पर शुक्रवार सुबह करीब 6.30 बजे जयपुर से सांचौर जा रही एक निजी बस कल्याणपुर के पास चारलाई गांव के पास पलट गई। इससे 15 लोग घायल हो गए। घायलों में बाड़मेर के गुडामालानी निवासी शांति पत्नी ओमप्रकाश अग्रवाल का कोहनी के नीचे से हाथ कट गया। जिससे उसको जोधपुर रैफर किया गया है।
वहीं रूपाराम जाट गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसे भी जोधपुर रैफर किया गया। घायलों में जयपुर निवासी एएनएम निर्मला का कल्याणपुर के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुटटी दे दी गई।
वहीं रूपाराम जाट गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसे भी जोधपुर रैफर किया गया। घायलों में जयपुर निवासी एएनएम निर्मला का कल्याणपुर के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुटटी दे दी गई।
33 साल से महीने में एक दिन काम बंद
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने किया आज न्यायिक कार्यों का बहिष्कार
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के एकीकरण की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेटस एसोसिएशन जोधपुर के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं का यह आंदोलन पिछले 33 साल से चला आ रहा है और इसके तहत महीने के अंतिम कार्यदिवस पर अधिवक्ता अदालतों में उपस्थित नहीं होते। एसोसिएशन के महासचिव करणसिंह राजपुरोहित के अनुसार उच्च न्यायालय को अखण्डित रखने के लिए एसोसिएशन का यह आंदोलन सालों से जारी है।
बार व बैंच में विवाद
राजपुरोहित ने बताया कि माह के अंतिम कार्य दिवस पर दैनिक वाद सूची नहीं बनाई जाती, लेकिन गुरुवार को नियमित वाद सूची बनाई गई। इसके विरोध स्वरुप एसोसिएशन के अध्यक्ष मिलापचंद भूत सहित अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मण्डल मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला से मिला। उन्हें अवगत कराया गया कि यह बार का अभिन्न आंतरिक मामला है और इससे न्याय प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती।
इस पर मुख्य न्यायाधीश भल्ला ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया कि भविष्य में डिफेक्ट केस व सरकारी केस की वाद सूची ही प्रकाशित होगी। किसी भी मामले में पक्षकारों के हितों के विरूद्ध कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाएगा। ताकि बार व बैंच में सामजस्य बना रहे। इस आश्वासन के बाद विवाद शांत हो गया।
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के एकीकरण की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेटस एसोसिएशन जोधपुर के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं का यह आंदोलन पिछले 33 साल से चला आ रहा है और इसके तहत महीने के अंतिम कार्यदिवस पर अधिवक्ता अदालतों में उपस्थित नहीं होते। एसोसिएशन के महासचिव करणसिंह राजपुरोहित के अनुसार उच्च न्यायालय को अखण्डित रखने के लिए एसोसिएशन का यह आंदोलन सालों से जारी है।
बार व बैंच में विवाद
राजपुरोहित ने बताया कि माह के अंतिम कार्य दिवस पर दैनिक वाद सूची नहीं बनाई जाती, लेकिन गुरुवार को नियमित वाद सूची बनाई गई। इसके विरोध स्वरुप एसोसिएशन के अध्यक्ष मिलापचंद भूत सहित अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मण्डल मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला से मिला। उन्हें अवगत कराया गया कि यह बार का अभिन्न आंतरिक मामला है और इससे न्याय प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती।
इस पर मुख्य न्यायाधीश भल्ला ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया कि भविष्य में डिफेक्ट केस व सरकारी केस की वाद सूची ही प्रकाशित होगी। किसी भी मामले में पक्षकारों के हितों के विरूद्ध कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाएगा। ताकि बार व बैंच में सामजस्य बना रहे। इस आश्वासन के बाद विवाद शांत हो गया।
पालिका चुनाव : कांग्रेस पर्यवेक्षक कल आएंगे
जोधपुर. बिलाड़ा व पीपाड़ नगरपालिका के अगले माह हो रहे चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस संबंध में कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक शनिवार को आएंगे। इस बीच बिलाड़ा नगरपालिका के पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री हीरालाल इंदौरा द्वारा स्वास्थ्य कारणों से यह जिम्मेदारी लेने से इनकार के बाद उनके स्थान पर पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसी प्रकार पीपाड़ के लिए चुनाव पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी अब गोपाराम मेघवाल के स्थान पर पाली के अल्पसंख्यक नेता अजीज दर्द को सौंपी गई है।
बिलाड़ा नगरपालिका चुनाव के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक गोपाराम मेघवाल, सांसद बद्रीराम जाखड़, उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल व देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई सहित अन्य प्रमुख नेता शनिवार को सुबह 11 बजे कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से मिलेंगे। वहीं पीपाड़ नगर पालिका चुनाव के लिए दोपहर 3 बजे पर्यवेक्षक अजीज दर्द, सांसद बद्रीराम जाखड़, देहात अध्यक्ष भंवर बलाई व उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल सहित प्रमुख नेता कार्यकर्ताओं व स्थानीय नेताओं से मिलेंगे।
पैनल पर होगी हाईकमान से चर्चा
देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई ने बताया कि पर्यवेक्षक व प्रमुख नेता शनिवार को बिलाड़ा व पीपाड़ में नगरपालिका चेयरमैन व पार्षद पद के उम्मीदवारों का चयन करने के संबंध में क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय जानेंगे। इस दौरान जीतने लायक व सर्वसम्मति वाले उम्मीदवारों सहित पूरा पैनल बनाया जाएगा। इस पैनल पर हाईकमान से सलाह मशविरे के बाद उम्मीदवार तय किए जाएंगे।
भाजपा भी तैयारी में जुटी
पीपाड़ व बिलाड़ा में होने वाले नगरपालिका चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने दोनों ही बोर्डो में दुबारा कब्जा जमाने के लिए चुनाव प्रचार में समय देने वाले कार्यकर्ताओं व नेताओं की टीम तैयार की है। उन्हें आवश्यकता व मांग के अनुरूप प्रचार के लिए भेजा जाएगा।
शहर जिलाध्यक्ष नारायण पंचारिया ने बताया कि जिला स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति के बाद शहर जिला इकाई ने भी पीपाड़ व बिलाड़ा में भाजपा का दुबारा परचम फहराने के लिए कमर कस ली है। भाजपा उन नेताओं व कार्यकर्ताओं को ज्यादा तव्वजो देगी जो अपने-अपने समाज में अच्छी पैठ रखते हैं और संगठन के लिए समय भी देते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं को जरूरत के अनुसार चुनाव प्रचार के लिए तीन-चार दिन के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों की तलाश भी शुरू हो गई है।
इस संबंध में कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक शनिवार को आएंगे। इस बीच बिलाड़ा नगरपालिका के पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री हीरालाल इंदौरा द्वारा स्वास्थ्य कारणों से यह जिम्मेदारी लेने से इनकार के बाद उनके स्थान पर पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसी प्रकार पीपाड़ के लिए चुनाव पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी अब गोपाराम मेघवाल के स्थान पर पाली के अल्पसंख्यक नेता अजीज दर्द को सौंपी गई है।
बिलाड़ा नगरपालिका चुनाव के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक गोपाराम मेघवाल, सांसद बद्रीराम जाखड़, उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल व देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई सहित अन्य प्रमुख नेता शनिवार को सुबह 11 बजे कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से मिलेंगे। वहीं पीपाड़ नगर पालिका चुनाव के लिए दोपहर 3 बजे पर्यवेक्षक अजीज दर्द, सांसद बद्रीराम जाखड़, देहात अध्यक्ष भंवर बलाई व उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल सहित प्रमुख नेता कार्यकर्ताओं व स्थानीय नेताओं से मिलेंगे।
पैनल पर होगी हाईकमान से चर्चा
देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई ने बताया कि पर्यवेक्षक व प्रमुख नेता शनिवार को बिलाड़ा व पीपाड़ में नगरपालिका चेयरमैन व पार्षद पद के उम्मीदवारों का चयन करने के संबंध में क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय जानेंगे। इस दौरान जीतने लायक व सर्वसम्मति वाले उम्मीदवारों सहित पूरा पैनल बनाया जाएगा। इस पैनल पर हाईकमान से सलाह मशविरे के बाद उम्मीदवार तय किए जाएंगे।
भाजपा भी तैयारी में जुटी
पीपाड़ व बिलाड़ा में होने वाले नगरपालिका चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने दोनों ही बोर्डो में दुबारा कब्जा जमाने के लिए चुनाव प्रचार में समय देने वाले कार्यकर्ताओं व नेताओं की टीम तैयार की है। उन्हें आवश्यकता व मांग के अनुरूप प्रचार के लिए भेजा जाएगा।
शहर जिलाध्यक्ष नारायण पंचारिया ने बताया कि जिला स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति के बाद शहर जिला इकाई ने भी पीपाड़ व बिलाड़ा में भाजपा का दुबारा परचम फहराने के लिए कमर कस ली है। भाजपा उन नेताओं व कार्यकर्ताओं को ज्यादा तव्वजो देगी जो अपने-अपने समाज में अच्छी पैठ रखते हैं और संगठन के लिए समय भी देते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं को जरूरत के अनुसार चुनाव प्रचार के लिए तीन-चार दिन के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों की तलाश भी शुरू हो गई है।
छात्रनेता हो गए आमने-सामने
जोधपुर. छात्रसंघ चुनाव की घोषणा के साथ छात्र संगठन सक्रिय हो गए हैं। इसी के साथ आपसी तकरार भी शुरू हो गई है। गुरुवार को दो संगठनों के कार्यक्रम के दौरान दो छात्रनेता आमने-सामने हो गए, हालांकि कुछ ही देर में पुलिस ने वहां पहुंच कर मामला शांत करवा दिया।
गुरुवार को विश्वविद्यालय के ओल्ड कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का समस्या समाधान शिविर चल रहा था। वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई का भी सदस्यता अभियान चल रहा था। छात्रों की कुछ समस्याओं को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य वीरेंद्रसिंह सोढा के नेतृत्व में कार्यवाहक डीन प्रो. ललित गुप्ता से मिलने पहुंचे। वहां डीन कक्ष के बाहर एनएसयूआई कार्यकर्ता कुश गहलोत भी खड़ा था।
डीन कक्ष में नहीं थे। उनको दूर से आते हुए देख कुश उनके पास पहुंचा। कुछ देर बाद कुश व प्रो. गुप्ता के बीच कुछ नोकझोंक होने लगी। वहां मौजूद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मामले में हस्तक्षेप किया, तो कुश व सोढा के बीच तकरार हो गई। दूर खड़े एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और आपस में बहस होने लगी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों गुटों को अलग किया तथा मामला शांत हो गया।
गुरुवार को विश्वविद्यालय के ओल्ड कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का समस्या समाधान शिविर चल रहा था। वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई का भी सदस्यता अभियान चल रहा था। छात्रों की कुछ समस्याओं को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य वीरेंद्रसिंह सोढा के नेतृत्व में कार्यवाहक डीन प्रो. ललित गुप्ता से मिलने पहुंचे। वहां डीन कक्ष के बाहर एनएसयूआई कार्यकर्ता कुश गहलोत भी खड़ा था।
डीन कक्ष में नहीं थे। उनको दूर से आते हुए देख कुश उनके पास पहुंचा। कुछ देर बाद कुश व प्रो. गुप्ता के बीच कुछ नोकझोंक होने लगी। वहां मौजूद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मामले में हस्तक्षेप किया, तो कुश व सोढा के बीच तकरार हो गई। दूर खड़े एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और आपस में बहस होने लगी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों गुटों को अलग किया तथा मामला शांत हो गया।
Friday, July 30, 2010
राजेंद्र सोनी मामले की जांच शुरू
जोधपुर. बीकानेर जेल में दम तोड़ने वाले जोधपुर के राजेंद्र सोनी पर पुलिस की कथित ज्यादती और उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी ने शुरू कर दी है।
सेठी ने सिटी एसपी से सोनी के खिलाफ दर्ज मुकदमों का रिकॉर्ड मांगा है। गृह विभाग ने 19 जुलाई को इस प्रकरण की जांच संभागीय आयुक्त से कराने के आदेश जारी किए थे। उन्होंने बुधवार को सिटी एसपी महेश कुमार को पत्र भेजकर सोनी के खिलाफ दर्ज मामलों को रिकॉर्ड मांगा है। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गोविंदसिंह चारण ने बताया कि सोनी समाज ने पुलिस द्वारा राजेंद्र को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।
इस बारे में गहन पड़ताल करने के लिए सोनी की गिरफ्तारी और उसे जेल में भेजने तक के बारे में सारा ब्यौरा हासिल किया जाएगा। उसके बाद सेठी संबंधित लोगों के बयान दर्ज करेंगे। उल्लेखनीय है कि रातानाडा पुलिस राजेंद्र को गत दो मई को चोरी का माल खरीदने के मामले मंे गिरफ्तार कर बीकानेर ले गई थी। माल बरामदगी के बाद उसे कोर्ट में पेश करने पर जेल भेज दिया गया था और वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
सेठी ने सिटी एसपी से सोनी के खिलाफ दर्ज मुकदमों का रिकॉर्ड मांगा है। गृह विभाग ने 19 जुलाई को इस प्रकरण की जांच संभागीय आयुक्त से कराने के आदेश जारी किए थे। उन्होंने बुधवार को सिटी एसपी महेश कुमार को पत्र भेजकर सोनी के खिलाफ दर्ज मामलों को रिकॉर्ड मांगा है। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गोविंदसिंह चारण ने बताया कि सोनी समाज ने पुलिस द्वारा राजेंद्र को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।
इस बारे में गहन पड़ताल करने के लिए सोनी की गिरफ्तारी और उसे जेल में भेजने तक के बारे में सारा ब्यौरा हासिल किया जाएगा। उसके बाद सेठी संबंधित लोगों के बयान दर्ज करेंगे। उल्लेखनीय है कि रातानाडा पुलिस राजेंद्र को गत दो मई को चोरी का माल खरीदने के मामले मंे गिरफ्तार कर बीकानेर ले गई थी। माल बरामदगी के बाद उसे कोर्ट में पेश करने पर जेल भेज दिया गया था और वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
सहायक कमांडेंट जमानत पर रिहा
जोधपुर. दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी एक्सप्रेस में सफर कर रही महिला का पर्स चुराने के आरोप में पकड़े गए सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा से जीआरपी ने चुराया गया माल बरामद कर लिया है। न्यायालय में पेश करने पर उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
पुलिस उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि एयरफोर्स के जूनियर वारंट ऑफिसर एमके सिंह की पत्नी का पर्स गत 23 जून, 09 को दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी के एसी कोच से चोरी हो गया था। इसमें करीब दो तोला वजनी सोने की चेन, दो हजार रुपए नकद तथा एक मोबाइल था। इस मामले में जीआरपी ने सिल्चर (आसाम) में तैनात सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा को गिरफ्तार किया था। बुधवार को टीम ने उसकी निशानदेही पर यह माल बरामद कर लिया।
पुलिस उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि एयरफोर्स के जूनियर वारंट ऑफिसर एमके सिंह की पत्नी का पर्स गत 23 जून, 09 को दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी के एसी कोच से चोरी हो गया था। इसमें करीब दो तोला वजनी सोने की चेन, दो हजार रुपए नकद तथा एक मोबाइल था। इस मामले में जीआरपी ने सिल्चर (आसाम) में तैनात सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा को गिरफ्तार किया था। बुधवार को टीम ने उसकी निशानदेही पर यह माल बरामद कर लिया।
मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी का मनमर्जी से गठन
जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को रैगिंग से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों की आधी-अधूरी पालना की है। न्यायालय ने सभी मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए थे।
कमेटी में कॉलेज के डॉक्टर्स के साथ-साथ बाहरी सदस्य जिला प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को सदस्य बनाना था। डॉ. एसएन मेडिकल प्रबंधन ने निर्देशों को ताक में रखते हुए केवल कॉलेज के डॉक्टर्स को इसमें शामिल कर कमेटी बना ली। कमेटी की पहली बैठक में बाहरी सदस्यों को शामिल किया गया था, लेकिन जब छात्रों को कमेटी के सदस्यों की सूचना देने की बारी आई तो प्रबंधन ने केवल डॉक्टर्स की सूची इस डर से जारी कर दी कि कहीं किसी छात्र ने रैगिंग की सूचना सीधी पुलिस व मीडिया को दे दी तो प्रबंधन के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।
राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में न्यायालय के निर्देशों की पूरी पालना की है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने तो विभागीय वेबसाइट पर भी कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी सूची मोबाइल नंबर के साथ जारी की है।
बात करूंगा
एंटी रैगिंग कमेटी मैं डील नहीं करता हूं। पुलिस, प्रशासन व अन्य लोगों को शामिल नहीं करने की मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में अतिरिक्त प्राचार्य से बात करूंगा। - डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
क्यों दिए निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल कर बनाई गई कमेटी की सूची कॉलेजों में चस्पा करनी थी। इसमें सदस्यों के नाम के साथ-साथ मोबाइल नंबर प्रदर्शित होने थे। इससे अगर किसी छात्र के साथ अप्रिय वारदात होती है तो किसी भी सदस्य को इसकी सूचना दे सके। खास तौर से पुलिस व मीडिया के लोगों को छात्र से मिली सूचना पर समय रहते कार्रवाई हो सके। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी के सदस्यों की सूची के जारी बैनर में केवल डॉक्टर्स के नाम व फोन नं. चस्पा किए गए हैं।
छात्रों के प्रवेश शुरू
पीएमटी कांउसलिंग के बाद पूरे राज्य में बुधवार से एमबीबीएस के विद्यार्थियों की कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में बुधवार को 61 छात्रों की स्वास्थ्य जांच कर प्रवेश दिया गया। इस दौरान कॉलेज में गठित एंटी रैगिंग स्कावयड पूरे समय तैनात रहा। प्रवेश के बाद प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रैगिंग से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
कमेटी में कॉलेज के डॉक्टर्स के साथ-साथ बाहरी सदस्य जिला प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को सदस्य बनाना था। डॉ. एसएन मेडिकल प्रबंधन ने निर्देशों को ताक में रखते हुए केवल कॉलेज के डॉक्टर्स को इसमें शामिल कर कमेटी बना ली। कमेटी की पहली बैठक में बाहरी सदस्यों को शामिल किया गया था, लेकिन जब छात्रों को कमेटी के सदस्यों की सूचना देने की बारी आई तो प्रबंधन ने केवल डॉक्टर्स की सूची इस डर से जारी कर दी कि कहीं किसी छात्र ने रैगिंग की सूचना सीधी पुलिस व मीडिया को दे दी तो प्रबंधन के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।
राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में न्यायालय के निर्देशों की पूरी पालना की है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने तो विभागीय वेबसाइट पर भी कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी सूची मोबाइल नंबर के साथ जारी की है।
बात करूंगा
एंटी रैगिंग कमेटी मैं डील नहीं करता हूं। पुलिस, प्रशासन व अन्य लोगों को शामिल नहीं करने की मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में अतिरिक्त प्राचार्य से बात करूंगा। - डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
क्यों दिए निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल कर बनाई गई कमेटी की सूची कॉलेजों में चस्पा करनी थी। इसमें सदस्यों के नाम के साथ-साथ मोबाइल नंबर प्रदर्शित होने थे। इससे अगर किसी छात्र के साथ अप्रिय वारदात होती है तो किसी भी सदस्य को इसकी सूचना दे सके। खास तौर से पुलिस व मीडिया के लोगों को छात्र से मिली सूचना पर समय रहते कार्रवाई हो सके। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी के सदस्यों की सूची के जारी बैनर में केवल डॉक्टर्स के नाम व फोन नं. चस्पा किए गए हैं।
छात्रों के प्रवेश शुरू
पीएमटी कांउसलिंग के बाद पूरे राज्य में बुधवार से एमबीबीएस के विद्यार्थियों की कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में बुधवार को 61 छात्रों की स्वास्थ्य जांच कर प्रवेश दिया गया। इस दौरान कॉलेज में गठित एंटी रैगिंग स्कावयड पूरे समय तैनात रहा। प्रवेश के बाद प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रैगिंग से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
प्रिंसिपल ने टीचर पर फेंकी जूठी थाली
जोधपुर. इंटरवल में टीचर्स का साथ लंच करना एक सरकारी स्कूल के हैडमास्टर को इतना अखरा कि उसने इंटरवल खत्म होते ही जूठन से भरी थाली लात से महिला टीचर की ओर उछाल दी। इससे महिला टीचर के कपड़े जूठन से भर गए और अचानक हुए इस घटनाक्रम से अन्य टीचर दंग रह गए। देखते ही देखते ग्रामीण इकट्ठे हो गए। हैडमास्टर धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करते हुए वे बच्चों को स्कूल से बाहर ले गए और नारेबाजी की। टीचर्स का कहना था कि अब हैडमास्टर की मनमानियां असहनीय हो रही हैं। मामला नारनाडी के सरकारी सैकंडरी स्कूल का है जहां पहले भी कई बार के प्रिंसिपल पर अभद्र व्यवहार की शिकायतें महिला शिक्षक कर चुकी हैं।
हम पढ़ाने आते हैं, गालियां सुनने नहीं
जोधपुर से 22 किलोमीटर दूर नारनाडी के राजकीय सैकंडरी स्कूल के हैडमास्टर पर महिला टीचर्स के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। बुधवार सुबह एचएम धन्नाराम चौधरी ने टीचर सरस्वती शर्मा पर जूठी थाली उछालते हुए अभद्र भाषा बोली। जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम वहां पहुंची। सुबह करीब 10 बजे छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर चुके थे। टीम पहुंची तब वे भी ग्रामीणों के साथ नारे लगा रहे थे। रोते-रोते सरस्वती शर्मा ने बताया कि इंटरवल में खाना खाने के बाद जब वे थाली रखकर जा रही थीं, चौधरी ने उस जूठी थाली पर लात मारी जिससे उनके कपड़े गंदे हो गए।
अन्य टीचर्स ने इसका विरोध किया तो चौधरी ने उन्हें यहां तक कह दिया कि वे हैडमास्टर हैं और उनकी जैसी मर्जी होगी वैसे ही इस स्कूल को चलाएंगे। इस पर अन्य महिला टीचर्स ने गांव की सरपंच को मामले की जानकारी दी। इतने में कई ग्रामीण स्कूल में जमा हो गए। इसी सत्र में सैकंडरी तक क्रमोन्नत हुए इस स्कूल में फिलहाल 11 का स्टाफ है जिनमें 5 शिक्षिकाएं हैं। इनका आरोप है कि हैडमास्टर अक्सर अभद्र व्यवहार करते हैं जबकि हैडमास्टर का कहना है कि उन्होंने जूठी थाली पर लात मारी थी लेकिन वे सिर्फ शिक्षिकाओं को कक्षाओं में जाकर पढ़ाने के लिए कह रहे थे।
इंटरवल खत्म हो गया था और उन्होंने जो किया वह स्कूल हित में किया। ग्रामीणों ने बताया कि हैडमास्टर स्कूल में मनमानी करते हैं। बच्चों से पिकनिक या अन्य आयोजनों के लिए पैसे मंगवाते हैं लेकिन उसका हिसाब नहीं बताते। हैडमास्टर के रवैये के कारण स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है। टीम की सूचना पर मौके पर पहुंचे लूणी के बीईईओ सोहनराम विश्नोई को गांववालों ने घेर लिया। ये एचएम धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करने लगे। सरस्वती शर्मा ने अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत दी। विश्नोई ने पूरे मामले की सुनवाई की। हालांकि वे कार्रवाई को अधिकृत नहीं हैं लेकिन, फिर भी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देंगे।
मैं हैडमास्टर हूं, जो चाहे करूं
सरकार ने एक शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात से साढ़े बारह बजे तक तय कर रखा है। लेकिन यह स्कूल सुबह 7 बजे ही शुरू हो जाता है। शिक्षकों का कहना है कि पांच मिनट की देरी हो जाए तो हैडमास्टर गालियां देने लगते हैं। एक शिक्षिका ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा कि इनके साथ काम करते हुए वे मेंटल टेंशन में रहती हैं। बुधवार को भी वे बारिश में भीगती-भीगती स्कूल पहुंची। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि हैडमास्टर नवीं में आने वाले बच्चों को एडमिशन भी नहीं दे रहे। स्कूल का माहौल इस कदर खराब है कि कई गांव वाले अपनी बेटियों को तो यहां पढ़ने नहीं भेजते।
हां, मैंने जूठी थाली को लात मारी जिससे कुछ जूठन सरस्वती शर्मा के कपड़ों पर गिर गई होगी। इंटरवल खत्म होने के बाद भी टीचर्स कक्षाओं में नहीं जा रही थीं। मैंने जो कुछ किया वह स्कूल के हित में किया। - धन्नाराम चौधरी, हैडमास्टर, राजकीय सैकंडरी स्कूल, नारनाडी
हैडमास्टर का रवैया इतना खराब है कि हमें अपनी बेटियों को यहां पढ़ने भेजने में संकोच बना रहता है। इन्हें यहां से तत्काल हटाना चाहिए। - देवीसिंह, ग्रामीण
शिक्षिका के ऊपर कोई ऐसे थाली फेंकता है क्या? वह भी बच्चों के सामने। स्कूल है या अखाड़ा? - जोरसिंह, ग्रामीण
मैं खाना खाकर पानी पीने के लिए जा रही थी कि पीछे से आ रहे एचएम धन्नाराम ने मुझे कहा कि यह जूठी थाली उठाने क्या आपके घर से कोई आएगा? ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरी ओर अपने जूते से थाली फेंक दी। मैंने पूछा कि आप अपने घर में ऐसा ही व्यवहार करते हैं तो वे गालियां बोलने लगे। मुझे तो रोना आ गया। - सरस्वती शर्मा, शिक्षिका
यह स्कूल सैकंडरी में क्रमोन्नत हो चुका है इसलिए मैं कार्रवाई नहीं कर सकता। फिर भी पूरे मामले की जानकारी ले ली है। इसकी एक रिपोर्ट डीओ को दूंगा। आगे की कार्रवाई वे ही करेंगे। - सोहनराम विश्नोई, बीईईओ, लूणी
हम पढ़ाने आते हैं, गालियां सुनने नहीं
जोधपुर से 22 किलोमीटर दूर नारनाडी के राजकीय सैकंडरी स्कूल के हैडमास्टर पर महिला टीचर्स के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। बुधवार सुबह एचएम धन्नाराम चौधरी ने टीचर सरस्वती शर्मा पर जूठी थाली उछालते हुए अभद्र भाषा बोली। जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम वहां पहुंची। सुबह करीब 10 बजे छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर चुके थे। टीम पहुंची तब वे भी ग्रामीणों के साथ नारे लगा रहे थे। रोते-रोते सरस्वती शर्मा ने बताया कि इंटरवल में खाना खाने के बाद जब वे थाली रखकर जा रही थीं, चौधरी ने उस जूठी थाली पर लात मारी जिससे उनके कपड़े गंदे हो गए।
अन्य टीचर्स ने इसका विरोध किया तो चौधरी ने उन्हें यहां तक कह दिया कि वे हैडमास्टर हैं और उनकी जैसी मर्जी होगी वैसे ही इस स्कूल को चलाएंगे। इस पर अन्य महिला टीचर्स ने गांव की सरपंच को मामले की जानकारी दी। इतने में कई ग्रामीण स्कूल में जमा हो गए। इसी सत्र में सैकंडरी तक क्रमोन्नत हुए इस स्कूल में फिलहाल 11 का स्टाफ है जिनमें 5 शिक्षिकाएं हैं। इनका आरोप है कि हैडमास्टर अक्सर अभद्र व्यवहार करते हैं जबकि हैडमास्टर का कहना है कि उन्होंने जूठी थाली पर लात मारी थी लेकिन वे सिर्फ शिक्षिकाओं को कक्षाओं में जाकर पढ़ाने के लिए कह रहे थे।
इंटरवल खत्म हो गया था और उन्होंने जो किया वह स्कूल हित में किया। ग्रामीणों ने बताया कि हैडमास्टर स्कूल में मनमानी करते हैं। बच्चों से पिकनिक या अन्य आयोजनों के लिए पैसे मंगवाते हैं लेकिन उसका हिसाब नहीं बताते। हैडमास्टर के रवैये के कारण स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है। टीम की सूचना पर मौके पर पहुंचे लूणी के बीईईओ सोहनराम विश्नोई को गांववालों ने घेर लिया। ये एचएम धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करने लगे। सरस्वती शर्मा ने अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत दी। विश्नोई ने पूरे मामले की सुनवाई की। हालांकि वे कार्रवाई को अधिकृत नहीं हैं लेकिन, फिर भी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देंगे।
मैं हैडमास्टर हूं, जो चाहे करूं
सरकार ने एक शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात से साढ़े बारह बजे तक तय कर रखा है। लेकिन यह स्कूल सुबह 7 बजे ही शुरू हो जाता है। शिक्षकों का कहना है कि पांच मिनट की देरी हो जाए तो हैडमास्टर गालियां देने लगते हैं। एक शिक्षिका ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा कि इनके साथ काम करते हुए वे मेंटल टेंशन में रहती हैं। बुधवार को भी वे बारिश में भीगती-भीगती स्कूल पहुंची। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि हैडमास्टर नवीं में आने वाले बच्चों को एडमिशन भी नहीं दे रहे। स्कूल का माहौल इस कदर खराब है कि कई गांव वाले अपनी बेटियों को तो यहां पढ़ने नहीं भेजते।
हां, मैंने जूठी थाली को लात मारी जिससे कुछ जूठन सरस्वती शर्मा के कपड़ों पर गिर गई होगी। इंटरवल खत्म होने के बाद भी टीचर्स कक्षाओं में नहीं जा रही थीं। मैंने जो कुछ किया वह स्कूल के हित में किया। - धन्नाराम चौधरी, हैडमास्टर, राजकीय सैकंडरी स्कूल, नारनाडी
हैडमास्टर का रवैया इतना खराब है कि हमें अपनी बेटियों को यहां पढ़ने भेजने में संकोच बना रहता है। इन्हें यहां से तत्काल हटाना चाहिए। - देवीसिंह, ग्रामीण
शिक्षिका के ऊपर कोई ऐसे थाली फेंकता है क्या? वह भी बच्चों के सामने। स्कूल है या अखाड़ा? - जोरसिंह, ग्रामीण
मैं खाना खाकर पानी पीने के लिए जा रही थी कि पीछे से आ रहे एचएम धन्नाराम ने मुझे कहा कि यह जूठी थाली उठाने क्या आपके घर से कोई आएगा? ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरी ओर अपने जूते से थाली फेंक दी। मैंने पूछा कि आप अपने घर में ऐसा ही व्यवहार करते हैं तो वे गालियां बोलने लगे। मुझे तो रोना आ गया। - सरस्वती शर्मा, शिक्षिका
यह स्कूल सैकंडरी में क्रमोन्नत हो चुका है इसलिए मैं कार्रवाई नहीं कर सकता। फिर भी पूरे मामले की जानकारी ले ली है। इसकी एक रिपोर्ट डीओ को दूंगा। आगे की कार्रवाई वे ही करेंगे। - सोहनराम विश्नोई, बीईईओ, लूणी
डेढ़ करोड से 16 लाख पर सिमटी घोटाले की राशि
जोधपुर. महात्मा गांधी अस्पताल में जोधपुर होलसेल उपभोक्ता भंडार के दवा काउंटर पर हुए बहुचर्चित गड़बड़झाले की तहकीकात तो 1.40 करोड़ रुपए की दवाइयों के बिलों की जांच से शुरू हुई, लेकिन जांच खत्म होते-होते वसूली की राशि सोलह लाख रुपए रह गई।
पिछले तीन वर्षो में दो फार्मासिस्टों द्वारा बिलों में हेराफेरी करने के मामले की जांच तीन माह में पूरी कर उपरिजस्ट्रार अनिल मेहता ने संयुक्त रजिस्ट्रार को यह रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महात्मा गांधी अस्पताल के काउंटर संख्या तीन पर कार्यरत फार्मासिस्ट नरेंद्र कुमार व मांगीलाल ने अलग-अलग कार्यकाल में दवाइयों की खरीद बिलों की राशि बदल कर भंडार को लाखों के मुनाफे से वंचित कर चपत लगाई है।
दोनों फार्मासिस्टों ने 92 लाख से अधिक की राशि के बिलों में बदलाव किया था। इस हिसाब से भंडार को करीब 15.80 लाख से अधिक की चपत लगी। मामले के खुलासे की शुरूआत में फार्मासिस्टों पर बिलों की पूरी राशि हड़पने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन जांच के बाद यह राशि करीब दस फीसदी रह गई।
सुपरवाइजर भी चपेट में : जांच अधिकारी मेहता ने इस मामले में फार्मासिस्टों के अलावा मेडिकल सुपरवाइजर सुमरेसिंह चंपावत, प्रवीण सबलोक व अमिताभ शर्मा को अपने कार्यकाल के दौरान दोषी फार्मासिस्टों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन नहीं करने, कंप्यूटर में उपलब्ध विवरण का विश्लेषण नहीं करने का दोषी पाया है। इनके विरुद्ध कठोर अनुशानात्मक कार्रवाई करने की अनुशंषा की गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संयुक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) ने सभी को छह अगस्त को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
पिछले तीन वर्षो में दो फार्मासिस्टों द्वारा बिलों में हेराफेरी करने के मामले की जांच तीन माह में पूरी कर उपरिजस्ट्रार अनिल मेहता ने संयुक्त रजिस्ट्रार को यह रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महात्मा गांधी अस्पताल के काउंटर संख्या तीन पर कार्यरत फार्मासिस्ट नरेंद्र कुमार व मांगीलाल ने अलग-अलग कार्यकाल में दवाइयों की खरीद बिलों की राशि बदल कर भंडार को लाखों के मुनाफे से वंचित कर चपत लगाई है।
दोनों फार्मासिस्टों ने 92 लाख से अधिक की राशि के बिलों में बदलाव किया था। इस हिसाब से भंडार को करीब 15.80 लाख से अधिक की चपत लगी। मामले के खुलासे की शुरूआत में फार्मासिस्टों पर बिलों की पूरी राशि हड़पने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन जांच के बाद यह राशि करीब दस फीसदी रह गई।
सुपरवाइजर भी चपेट में : जांच अधिकारी मेहता ने इस मामले में फार्मासिस्टों के अलावा मेडिकल सुपरवाइजर सुमरेसिंह चंपावत, प्रवीण सबलोक व अमिताभ शर्मा को अपने कार्यकाल के दौरान दोषी फार्मासिस्टों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन नहीं करने, कंप्यूटर में उपलब्ध विवरण का विश्लेषण नहीं करने का दोषी पाया है। इनके विरुद्ध कठोर अनुशानात्मक कार्रवाई करने की अनुशंषा की गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संयुक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) ने सभी को छह अगस्त को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
सीआईडी ने तस्वीरों में ढूंढ़े मुल्जिम
जोधपुर. बाड़मेर के गुड़ामालानी कस्बे में पुलिसकर्मियों से मारपीट, पुलिस जीप जलाने और रास्ता रोकने के आरोपियों को राज्य पुलिस की अपराध शाखा सीआईडी (सीबी) से राहत तो नहीं मिली, अलबत्ता मुल्जिमों की संख्या जरूर 8 से बढ़कर 29 हो गई।
सीआईडी का दावा है कि घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी देखकर मुल्जिमों की पहचान की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीआईडी की जोधपुर ब्रांच ने प्रकरण की फाइल-पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेज दी है। इन आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
अवैध पशु परिवहन की आशंका में पकड़े गए 17 बछड़ों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ दिया था। इससे नाराज लोगों ने गुड़ामालानी कस्बे को बंद करवाकर रास्ता रोक दिया था। इसमें पुलिस की जीप भी जला दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश में 8 जनों को आरोपी माना, लेकिन आरोपियों ने इसे गैरकानूनी बताया और कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
राहत की उम्मीद में आरोपियों ने निष्पक्ष जांच की मांग रखी। इसके बाद मामला सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंपा गया था। अनुसंधान अधिकारी एएसपी प्रतापसिंह ने तफ्तीश में 29 जनों को आरोपी माना। इसमें उन्होंने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की मदद ली।
बछड़े छोड़ने से उपजा था विवाद : बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी पुलिस ने गत साल 10 फरवरी को ट्रक से 17 बछड़ों को पकड़ा था। कोर्ट के आदेश के बाद बछड़े छोड़ने पड़ गए। लोगों का आरोप था इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी मोडसिंह की भूमिका सही नहीं रही। इसी से नाराज लोगों ने गो सेवा संघर्ष समिति की अगुवाई में 21 फरवरी को गुड़ामालानी में आंदोलन छेड़ दिया था।
बाजार बंद करवाकर मेगा हाईवे जाम कर दिया था। इस बीच कुछ अतिउत्साही लोगों ने पुलिस की जीप को जला दिया और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर डाली। हालांकि, थाना प्रभारी को हटाने के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन पुलिस ने लोगों के खिलाफ जीप जलाने, रास्ता रोकने व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया। मामला बाद में सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंप दिया था।
गिरफ्तारी का जिम्मा पुलिस का
गुड़ामालानी थाने की जीप जलाने, रास्ता रोकने एवं मारपीट के मामले में हमने 29 जनों को मुल्जिम माना है। सीआईडी मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रकरण की पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेजी है। आरोपियों की गिरफ्तारी व चार्जशीट का जिम्मा अब जिला पुलिस का है। - प्रतापसिंह, एएसपी, सीआईडी (सीबी), जोधपुर ब्रांच।
सीआईडी का दावा है कि घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी देखकर मुल्जिमों की पहचान की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीआईडी की जोधपुर ब्रांच ने प्रकरण की फाइल-पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेज दी है। इन आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
अवैध पशु परिवहन की आशंका में पकड़े गए 17 बछड़ों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ दिया था। इससे नाराज लोगों ने गुड़ामालानी कस्बे को बंद करवाकर रास्ता रोक दिया था। इसमें पुलिस की जीप भी जला दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश में 8 जनों को आरोपी माना, लेकिन आरोपियों ने इसे गैरकानूनी बताया और कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
राहत की उम्मीद में आरोपियों ने निष्पक्ष जांच की मांग रखी। इसके बाद मामला सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंपा गया था। अनुसंधान अधिकारी एएसपी प्रतापसिंह ने तफ्तीश में 29 जनों को आरोपी माना। इसमें उन्होंने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की मदद ली।
बछड़े छोड़ने से उपजा था विवाद : बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी पुलिस ने गत साल 10 फरवरी को ट्रक से 17 बछड़ों को पकड़ा था। कोर्ट के आदेश के बाद बछड़े छोड़ने पड़ गए। लोगों का आरोप था इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी मोडसिंह की भूमिका सही नहीं रही। इसी से नाराज लोगों ने गो सेवा संघर्ष समिति की अगुवाई में 21 फरवरी को गुड़ामालानी में आंदोलन छेड़ दिया था।
बाजार बंद करवाकर मेगा हाईवे जाम कर दिया था। इस बीच कुछ अतिउत्साही लोगों ने पुलिस की जीप को जला दिया और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर डाली। हालांकि, थाना प्रभारी को हटाने के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन पुलिस ने लोगों के खिलाफ जीप जलाने, रास्ता रोकने व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया। मामला बाद में सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंप दिया था।
गिरफ्तारी का जिम्मा पुलिस का
गुड़ामालानी थाने की जीप जलाने, रास्ता रोकने एवं मारपीट के मामले में हमने 29 जनों को मुल्जिम माना है। सीआईडी मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रकरण की पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेजी है। आरोपियों की गिरफ्तारी व चार्जशीट का जिम्मा अब जिला पुलिस का है। - प्रतापसिंह, एएसपी, सीआईडी (सीबी), जोधपुर ब्रांच।
तीन युवतियों सहित 8 जने पीटा एक्ट में गिरफ्तार
जोधपुर. जीआरपी ने शहर में देह व्यापार करने के इरादे से लाई गई तीन युवतियों, दो दलालों के साथ तीन स्थानीय दलालों को पीटा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया।
उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि मुंबई से आने वाली सूर्यनगरी एक्सप्रेस में दो शख्स पश्चिम बंगाल की लड़कियों को देह व्यापार के लिए जोधपुर लेकर आने वाले है। इस पर जीआरपी थानाधिकारी अनिल पुरोहित की टीम ने युवतियों व दलालों को घेरने की योजना बनाई। सूर्यनगरी एक्सप्रेस से तीन युवतियों के साथ दो युवक उतरे, इनको लेने के लिए तीन दलाल भी स्टेशन पहुंचे।
पुलिस की टीमों ने सभी को दबोच लिया। इनमें पश्चिम बंगाल की पायल उर्फ ज्योत्सना और उसके पति विप्लव सरकार, पिंकी पुत्री युसुफ दास, रितू पुत्री मलिक शेख व मुंबई का दलाल जीवन ठाकर को गिरफ्तार किया। इन्हें स्टेशन लेने पहुंचे दलाल आनंदसिंह कलाल व जोराराम के अलावा आसोप निवासी नरेन्द्र को भी गिरफ्तार किया। थानाधिकारी अनिल पुरोहित के अनुसार आनंदसिंह की कार भी पुलिस ने जब्त कर ली।
उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि मुंबई से आने वाली सूर्यनगरी एक्सप्रेस में दो शख्स पश्चिम बंगाल की लड़कियों को देह व्यापार के लिए जोधपुर लेकर आने वाले है। इस पर जीआरपी थानाधिकारी अनिल पुरोहित की टीम ने युवतियों व दलालों को घेरने की योजना बनाई। सूर्यनगरी एक्सप्रेस से तीन युवतियों के साथ दो युवक उतरे, इनको लेने के लिए तीन दलाल भी स्टेशन पहुंचे।
पुलिस की टीमों ने सभी को दबोच लिया। इनमें पश्चिम बंगाल की पायल उर्फ ज्योत्सना और उसके पति विप्लव सरकार, पिंकी पुत्री युसुफ दास, रितू पुत्री मलिक शेख व मुंबई का दलाल जीवन ठाकर को गिरफ्तार किया। इन्हें स्टेशन लेने पहुंचे दलाल आनंदसिंह कलाल व जोराराम के अलावा आसोप निवासी नरेन्द्र को भी गिरफ्तार किया। थानाधिकारी अनिल पुरोहित के अनुसार आनंदसिंह की कार भी पुलिस ने जब्त कर ली।
Tuesday, July 27, 2010
स्वाइन फ्लू: दो रोगियों की रिपोर्ट नेगेटिव आई
जोधपुर. स्वाइन फ्लू के संदेह में सोमवार को मथुरादास माथुर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी प्रयोगशाला भेजे गए संदिग्ध रोगियों के स्वाब के नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इनमें एक महिला रोगी धनकी देवी का नमूना दो दिन पहले लिया गया था, जबकि 65 वर्षीय बिशनाराम का नमूना सोमवार को लिया गया।
बिशनाराम अभी वेंटिलेटर पर है। गौरतलब है कि धनकी देवी की रिश्तेदार भटिंडा गांव निवासी संतोष की यहां उपचार के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि उसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी, लेकिन डर के मारे उसके परिवार के चार सदस्य यहां एमडीएम अस्पताल में भर्ती हो गए। जांच के बाद इन सभी के ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी से ग्रसित होने की आशंका जताई जा रही है।
फिजीशियन डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि ये रोगी सांस की परेशानी के साथ-साथ शरीर में सूजन से पीड़ित हैं। यह संभवतया खाद्य पदार्थो के सेवन से जुड़ा मसला है। इसके चलते इनके घर में उपयोग लिए जा रहे खाद्य तेल की जांच करवाने के लिए सीएमएचओ कार्यालय को सूचना दी है।
क्या है ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी
ऐपेडमिक ड्रॉप्सी खाद्य तेल में मिलावट होने से होती है। इस बीमारी में मरीज को सांस की तकलीफ होती है। खाद्य तेल में आर्जिमॉन (सत्यानाशी) के तेल की मिलावट होने पर यह परेशानी होती है। सामान्यतया यह तेल सरसों के तेल में मिलाया जाता है और इस परिवार के सरसों का तेल काम में लेने की जानकारी मिली है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि खाद्य निरीक्षक को भटिंडा गांव भेज कर पीड़ित परिवार के घर से खाद्य तेल का नमूना लिया गया है।
बिशनाराम अभी वेंटिलेटर पर है। गौरतलब है कि धनकी देवी की रिश्तेदार भटिंडा गांव निवासी संतोष की यहां उपचार के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि उसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी, लेकिन डर के मारे उसके परिवार के चार सदस्य यहां एमडीएम अस्पताल में भर्ती हो गए। जांच के बाद इन सभी के ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी से ग्रसित होने की आशंका जताई जा रही है।
फिजीशियन डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि ये रोगी सांस की परेशानी के साथ-साथ शरीर में सूजन से पीड़ित हैं। यह संभवतया खाद्य पदार्थो के सेवन से जुड़ा मसला है। इसके चलते इनके घर में उपयोग लिए जा रहे खाद्य तेल की जांच करवाने के लिए सीएमएचओ कार्यालय को सूचना दी है।
क्या है ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी
ऐपेडमिक ड्रॉप्सी खाद्य तेल में मिलावट होने से होती है। इस बीमारी में मरीज को सांस की तकलीफ होती है। खाद्य तेल में आर्जिमॉन (सत्यानाशी) के तेल की मिलावट होने पर यह परेशानी होती है। सामान्यतया यह तेल सरसों के तेल में मिलाया जाता है और इस परिवार के सरसों का तेल काम में लेने की जानकारी मिली है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि खाद्य निरीक्षक को भटिंडा गांव भेज कर पीड़ित परिवार के घर से खाद्य तेल का नमूना लिया गया है।
बांधों में बढ़ी पानी की आवक
जोधपुर. मारवाड़ में मानसून की बारिश से संभाग के विभिन्न जिलों में बांधों में पानी की आवक शुरू हो गई है। पाली जिले के 16 बांधों में जल स्तर बढ़ने लगा है, वहीं जोधपुर जिले के पांच में से तीन बांधों में पानी आया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार संभाग के सबसे बड़े जवाई बांध में सोमवार शाम तक जल स्तर 10.5 फीट हो गया।
बड़े बांधों में हेमावास व स्वरूप सागर जैसे बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में अभी अपेक्षानुरूप बारिश नहीं होने से इन बांधों में पानी की पर्याप्त आवक नहीं हुई है। जालोर जिले के बांधों में बीठन बांध में 14 फीट आ चुका है। वहीं इस जिले में बांकली, बांडी में तीन से साढ़े तीन फीट तक पानी आया है। जोधपुर जिले के जसंवतसागर बांध में सोमवार शाम तक 8.80 फीट पानी आ गया।
सूरपुरा में 4.60 तथा बिराई बांध में 6 फीट का गेज लिया गया है। संभाग के पाली जिले में 16 बांधों में जल स्तर बढ़ा है। जोधपुर जिले में 3, जालोर में 5, बाड़मेर में 1 तथा नागौर जिले के 4 बांधों में पानी आने लगा है। बाड़मेर के मेली बांध में 7.30 फीट पानी आ चुका है।
बड़े बांधों में हेमावास व स्वरूप सागर जैसे बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में अभी अपेक्षानुरूप बारिश नहीं होने से इन बांधों में पानी की पर्याप्त आवक नहीं हुई है। जालोर जिले के बांधों में बीठन बांध में 14 फीट आ चुका है। वहीं इस जिले में बांकली, बांडी में तीन से साढ़े तीन फीट तक पानी आया है। जोधपुर जिले के जसंवतसागर बांध में सोमवार शाम तक 8.80 फीट पानी आ गया।
सूरपुरा में 4.60 तथा बिराई बांध में 6 फीट का गेज लिया गया है। संभाग के पाली जिले में 16 बांधों में जल स्तर बढ़ा है। जोधपुर जिले में 3, जालोर में 5, बाड़मेर में 1 तथा नागौर जिले के 4 बांधों में पानी आने लगा है। बाड़मेर के मेली बांध में 7.30 फीट पानी आ चुका है।
पत्नी-पुत्र के हत्यारे को उम्रकैद
जोधपुर. दहेज नहीं मिलने पर अपनी पत्नी व एक वर्षीय बेटे की हत्या के आरोपी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश रेखा शर्मा ने ओसियां थाना क्षेत्र में खारी खुर्द निवासी किशन पुत्र हीराराम को अपनी पत्नी कमला व एक वर्षीय पुत्र की हत्या का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद व दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्त ने अपनी पत्नी को दहेज के लिए परेशान किया तथा उसके साथ मारपीट करता रहा। अंत में उसने क्रूरता की सारी हदों को पार कर दिया और अपनी पत्नी और एक साल के पुत्र को मारकर शव नाडी में फेंक दिया।
अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई व परिवादी आरोपी के ससुर के वकील धर्मेद्र सुराणा ने आरोपी को कड़ी सजा देने का आग्रह किया। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को दहेज हत्या के लिए उम्रकैद व दहेज प्रताड़ना के लिए तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
मां की छाती से बंधा मिला था बच्चा
ओसियां थाना क्षेत्र में मेलाणा निवासी रामपाल ने 25 अगस्त 07 को रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी पुत्री का विवाह 31 मई 2001 को किशन के साथ हुआ था। शादी के बाद से किशन उसकी पुत्री को दहेज के लिए परेशान करता रहा।
विवाह के सात साल के भीतर ही 21 अगस्त 08 को आरोपी ने उसकी पुत्री व दोहिते की हत्या कर दी और पीहर वालों के पहुंचने से पहले ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुनवाई के दौरान एक गवाह मोटाराम ने बताया कि मृतका व उसके पुत्र का शव नाडी में मिला था। बच्चे का शव उसकी मां की छाती से ओढ़नी से बंधा हुआ था।
दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार
ग्रामीण पुलिस ने 11 माह से फरार आरोपी को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया। उप अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल ने बताया कि गत 27 नवंबर, 09 को मथानिया निवासी एक महिला मजदूर ने फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ ज्यादती करने का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने आरोपी शिकारगढ़ की शिव कॉलोनी निवासी रामनिवास पुत्र सुखराम को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्त ने अपनी पत्नी को दहेज के लिए परेशान किया तथा उसके साथ मारपीट करता रहा। अंत में उसने क्रूरता की सारी हदों को पार कर दिया और अपनी पत्नी और एक साल के पुत्र को मारकर शव नाडी में फेंक दिया।
अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई व परिवादी आरोपी के ससुर के वकील धर्मेद्र सुराणा ने आरोपी को कड़ी सजा देने का आग्रह किया। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को दहेज हत्या के लिए उम्रकैद व दहेज प्रताड़ना के लिए तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
मां की छाती से बंधा मिला था बच्चा
ओसियां थाना क्षेत्र में मेलाणा निवासी रामपाल ने 25 अगस्त 07 को रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी पुत्री का विवाह 31 मई 2001 को किशन के साथ हुआ था। शादी के बाद से किशन उसकी पुत्री को दहेज के लिए परेशान करता रहा।
विवाह के सात साल के भीतर ही 21 अगस्त 08 को आरोपी ने उसकी पुत्री व दोहिते की हत्या कर दी और पीहर वालों के पहुंचने से पहले ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुनवाई के दौरान एक गवाह मोटाराम ने बताया कि मृतका व उसके पुत्र का शव नाडी में मिला था। बच्चे का शव उसकी मां की छाती से ओढ़नी से बंधा हुआ था।
दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार
ग्रामीण पुलिस ने 11 माह से फरार आरोपी को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया। उप अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल ने बताया कि गत 27 नवंबर, 09 को मथानिया निवासी एक महिला मजदूर ने फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ ज्यादती करने का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने आरोपी शिकारगढ़ की शिव कॉलोनी निवासी रामनिवास पुत्र सुखराम को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
छह मौतों से सदमे में रही सूर्यनगरी
जोधपुर. दो हादसों में शनिवार को मारे गए शहर के तीन युवाओं, दो मासूम बच्चों के साथ उनकी मां का अंतिम संस्कार रविवार को गमगीन माहौल में किया गया। इनकी शव यात्रा में बड़ी संख्या में शहर के लोग शामिल हुए। इन हादसों से शहरवासी सदमे में रहे।
गुरु पूर्णिमा को हुए इन हादसों ने शहर को झकझोर कर रख दिया, वहीं श्रावण के पहले सोमवार की सुबह इनकी अंत्येष्टि में शामिल लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। हर किसी की आंखें नम हो गई। रातानाडा पंचवटी कॉलोनी निवासी बैंक कर्मचारी नेता एवं अग्रवाल समाज की प्रमुख हस्ती एलएन जालानी के पुत्र अमित पत्नी ज्योति, बेटी अविना तथा बेटे हर्षिल को लेकर शनिवार को जयपुर जा रहे थे।
डांगियावास के निकट सामने से आई एक जीप की टक्कर से ज्योति, अविना व हर्षिल की मौत हो गई। सोमवार को सिवांची गेट स्थित अग्रवाल स्वर्गाश्रम में इनकी अंत्येष्टि की गई। ओसियां के निकटवर्ती गांव भीकमकोर निवासी शंकरलाल राठी का बेटा पप्पू अपने ममेरे भाई केरू हाल महामंदिर निवासी ताराचंद माहेश्वरी तथा महावीर पुत्र ओमप्रकाश राठी के साथ चित्तौड़गढ़ के पछमता गांव में लड़की देखने गया था।
वहां रविवार को मातृकुंडिया में घाट पर तीनों नहाने कुंड में उतरे और गहरे पानी में डूब गए। सोमवार को इन तीनों का भी अंतिम संस्कार किया गया। इधर जालानी परिवार की गाड़ी को टक्कर मारने वाली गाड़ी के चालक कापरड़ा निवासी भंवरसिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गुरु पूर्णिमा को हुए इन हादसों ने शहर को झकझोर कर रख दिया, वहीं श्रावण के पहले सोमवार की सुबह इनकी अंत्येष्टि में शामिल लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। हर किसी की आंखें नम हो गई। रातानाडा पंचवटी कॉलोनी निवासी बैंक कर्मचारी नेता एवं अग्रवाल समाज की प्रमुख हस्ती एलएन जालानी के पुत्र अमित पत्नी ज्योति, बेटी अविना तथा बेटे हर्षिल को लेकर शनिवार को जयपुर जा रहे थे।
डांगियावास के निकट सामने से आई एक जीप की टक्कर से ज्योति, अविना व हर्षिल की मौत हो गई। सोमवार को सिवांची गेट स्थित अग्रवाल स्वर्गाश्रम में इनकी अंत्येष्टि की गई। ओसियां के निकटवर्ती गांव भीकमकोर निवासी शंकरलाल राठी का बेटा पप्पू अपने ममेरे भाई केरू हाल महामंदिर निवासी ताराचंद माहेश्वरी तथा महावीर पुत्र ओमप्रकाश राठी के साथ चित्तौड़गढ़ के पछमता गांव में लड़की देखने गया था।
वहां रविवार को मातृकुंडिया में घाट पर तीनों नहाने कुंड में उतरे और गहरे पानी में डूब गए। सोमवार को इन तीनों का भी अंतिम संस्कार किया गया। इधर जालानी परिवार की गाड़ी को टक्कर मारने वाली गाड़ी के चालक कापरड़ा निवासी भंवरसिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मूर्ति तस्कर घीया की जमानत खारिज
जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने मूर्ति तस्कर वामन नारायण घीया को जमानत पर छोड़ने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश ने यह आदेश अभियुक्त की ओर से न्यायालय में दायर प्रार्थना पत्र की सुनवाई में जारी किए।
अभियुक्त की ओर से उसके अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर तर्क दिया कि वर्ष 1997 में उसके विरुद्ध दायर मुकदमे में लंबे समय से सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए अभियुक्त को जमानत का लाभ दिया जाए। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अनिल जोशी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त पर देश की दुर्लभ व दार्शनिक मूर्तियों की तस्करी का गंभीर आरोप है।
अभियुक्त की ओर से उसके अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर तर्क दिया कि वर्ष 1997 में उसके विरुद्ध दायर मुकदमे में लंबे समय से सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए अभियुक्त को जमानत का लाभ दिया जाए। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अनिल जोशी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त पर देश की दुर्लभ व दार्शनिक मूर्तियों की तस्करी का गंभीर आरोप है।
गंगलाव के 90 मकानों की नींव पानी में
जोधपुर. जिला प्रशासन व नगर निगम अतिवृष्टि जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के भले ही लाख दावे करें, लेकिन हालात इसके उलट है। पारंपरिक जलस्रोत गंगलाव तालाब के दायरे में आबाद 5 सौ से ज्यादा लोग खतरे की जद में हैं। इस तालाब में बने अधिकांश मकान जर्जर हो चुके हैं।
फिर भी इनमें लोग रह रहे हैं। भास्कर ने मूसलाधार बारिश के बाद सोमवार को गंगलाव तालाब की हकीकत जानी तो ऐसे ही हालात दिखे। करीब 9क् मकानों की नींव पानी में डूबी रहने से कमजोर हो चुकी है। कुछ मकानों में सीलन पहली मंजिल तक पहुंच गई है। प्रशासन और यहां रहने वालों ने समय रहते कोई सही फैसला नहीं किया तो ये घर किसी दिन तालाब में डूब सकते हैं।
तालाब में बने जर्जर मकानों के बारे में सख्त कदम नहीं उठाया गया तो ये मकान हादसों की वजह बन सकते हैं। दो साल पहले गंगलाव तालाब में बने जर्जर मकान ध्वस्त होने से मलबे में तीन लोग जिंदा दफन हो गए थे। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन फिर इन पर समय की धूल छा गई। हाईकोर्ट के आदेश की पालना में नगर निगम ने दो साल पहले तालाब के किनारे बने आधा दर्जन निर्माण पर बुलडोजर चलाया था, लेकिन लोग अब भी बेखौफ निर्माण कर रहे हैं।
रोक के बावजूद बना दिए पट्टे
राज्य सरकार की घोषणा के बाद 8-9 लोगों ने निगम कार्मिकों की मिलीभगत से गुपचुप पट्टे जारी करवा लिए, लेकिन 70-80 कब्जों के नियमन का अटका हुआ है। ये अवैध मकान तालाब की दलदली जमीन पर बने हैं, जो एक मूसलाधार बारिश में मलबा बन सकते हैं। निगम ने चार वर्ष पूर्व सर्वे कर कुछ अवैध निर्माण तोड़े थे, मगर बाद में चुप्पी साध ली थी। निगम प्रशासन ने सिंचाई विभाग से इसका मूल पट्टा निकलवाने की कोशिश की, लेकिन यह काम भी अंजाम तक नहीं पहुंचा।
चुपचाप निर्माण करवा लेते हैं लोग
प्रशासन शहरों के अभियान में कुछ लोगों ने गुपचुप नियमन करवा लिया था, लेकिन बाकी का नियमन रोक दिया गया। अवैध निर्माण रोकने के लिए कई बार अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौके पर भेजा जाता है, लेकिन लोग गुपचुप निर्माण पूरा कर लेते हैं। कैचमेंट इलाके में बनाए कुछ निर्माण हटाए भी गए, लेकिन ऐसे निर्माण हटाने पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का अंदेशा भी रहता है। - ताराचंद गोसाई, सूरसागर आयुक्त
फिर भी इनमें लोग रह रहे हैं। भास्कर ने मूसलाधार बारिश के बाद सोमवार को गंगलाव तालाब की हकीकत जानी तो ऐसे ही हालात दिखे। करीब 9क् मकानों की नींव पानी में डूबी रहने से कमजोर हो चुकी है। कुछ मकानों में सीलन पहली मंजिल तक पहुंच गई है। प्रशासन और यहां रहने वालों ने समय रहते कोई सही फैसला नहीं किया तो ये घर किसी दिन तालाब में डूब सकते हैं।
तालाब में बने जर्जर मकानों के बारे में सख्त कदम नहीं उठाया गया तो ये मकान हादसों की वजह बन सकते हैं। दो साल पहले गंगलाव तालाब में बने जर्जर मकान ध्वस्त होने से मलबे में तीन लोग जिंदा दफन हो गए थे। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन फिर इन पर समय की धूल छा गई। हाईकोर्ट के आदेश की पालना में नगर निगम ने दो साल पहले तालाब के किनारे बने आधा दर्जन निर्माण पर बुलडोजर चलाया था, लेकिन लोग अब भी बेखौफ निर्माण कर रहे हैं।
रोक के बावजूद बना दिए पट्टे
राज्य सरकार की घोषणा के बाद 8-9 लोगों ने निगम कार्मिकों की मिलीभगत से गुपचुप पट्टे जारी करवा लिए, लेकिन 70-80 कब्जों के नियमन का अटका हुआ है। ये अवैध मकान तालाब की दलदली जमीन पर बने हैं, जो एक मूसलाधार बारिश में मलबा बन सकते हैं। निगम ने चार वर्ष पूर्व सर्वे कर कुछ अवैध निर्माण तोड़े थे, मगर बाद में चुप्पी साध ली थी। निगम प्रशासन ने सिंचाई विभाग से इसका मूल पट्टा निकलवाने की कोशिश की, लेकिन यह काम भी अंजाम तक नहीं पहुंचा।
चुपचाप निर्माण करवा लेते हैं लोग
प्रशासन शहरों के अभियान में कुछ लोगों ने गुपचुप नियमन करवा लिया था, लेकिन बाकी का नियमन रोक दिया गया। अवैध निर्माण रोकने के लिए कई बार अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौके पर भेजा जाता है, लेकिन लोग गुपचुप निर्माण पूरा कर लेते हैं। कैचमेंट इलाके में बनाए कुछ निर्माण हटाए भी गए, लेकिन ऐसे निर्माण हटाने पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का अंदेशा भी रहता है। - ताराचंद गोसाई, सूरसागर आयुक्त
भारत-पाक सीमा पर बाढ़ की आशंका
घग्घर नदी का पानी बार्डर पर पहुंचा
जोधपुर। भारी बरसात होने और पंजाब से पानी की आवक जारी रहने पर अनूपगढ़ स्थित पाकिस्तान से सटी सीमा पर बाढ़ आने की आशंका बन आई है। बीएसएफ ने सतर्कता बरतते हुए जवानों को अलर्ट कर दिया है।
बीएसएफ राजस्थान सीमांत के डीआईजी आर सी ध्यानी ने बताया कि अनूपगढ़ इलाके में चार सीमा चौकियां ढलान पर हैं, जिसके कारण घग्घर नदी का पानी तेजी से बार्डर की तरफ बढ़ रहा है। वहां जिप्सम के भंडार होने की वजह से पानी एकत्रित हो गया है। सर्तकता बरतते हुए जोधपुर मुख्यायल से नाव और बाढ़ बचाव टीम को अनूपगढ़ भेज दिया गया है। साथ ही जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है और इस तरह व्यवस्था की जा रही है बाढ़ आने की स्थिति में सीमा की चौकसी प्रभावित नहीं हो। गौरतलब है कि चार साल पहले बाड़मेर में बाढ़ की वजह से सीमा चौकियों और तारबंदी को भारी नुकसान पहुंचा था।
जोधपुर। भारी बरसात होने और पंजाब से पानी की आवक जारी रहने पर अनूपगढ़ स्थित पाकिस्तान से सटी सीमा पर बाढ़ आने की आशंका बन आई है। बीएसएफ ने सतर्कता बरतते हुए जवानों को अलर्ट कर दिया है।
बीएसएफ राजस्थान सीमांत के डीआईजी आर सी ध्यानी ने बताया कि अनूपगढ़ इलाके में चार सीमा चौकियां ढलान पर हैं, जिसके कारण घग्घर नदी का पानी तेजी से बार्डर की तरफ बढ़ रहा है। वहां जिप्सम के भंडार होने की वजह से पानी एकत्रित हो गया है। सर्तकता बरतते हुए जोधपुर मुख्यायल से नाव और बाढ़ बचाव टीम को अनूपगढ़ भेज दिया गया है। साथ ही जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है और इस तरह व्यवस्था की जा रही है बाढ़ आने की स्थिति में सीमा की चौकसी प्रभावित नहीं हो। गौरतलब है कि चार साल पहले बाड़मेर में बाढ़ की वजह से सीमा चौकियों और तारबंदी को भारी नुकसान पहुंचा था।
Monday, July 26, 2010
सूर्यनगरी पर मेहरबान रहा मानसून
जोधपुर. मारवाड़ में रविवार को लगातार तीसरे दिन भी मानसून मेहरबान रहा। जोधपुर में दिनभर चली फुहारों के बाद शाम को करीब पौन घंटे तक अलग-अलग स्थानों पर बारिश हुई। शाम साढ़े आठ बजे तक करीब 14 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
शाम करीब साढ़े पांच बजे काली घटाएं आकाश पर छा गई और बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगीं। थोड़ी ही देर में मूसलाधार बारिश होने लगी। यह क्रम करीब सात बजे तक चला। शहर में अनेक स्थानों पर पानी भर गया। शनिवार को जोरदार बारिश से कई बस्तियों में भरा पानी रविवार को भी पूरी तरह नहीं निकाला जा सका। बाड़मेर में भी शनिवार को हुई बारिश के बाद जिन गांवों में पानी भरा था, वहां रविवार को हालात सामान्य हो गए। इधर, भारी बारिश की चेतावनी के चलते अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।
सूर्यनगरी में रविवार को तीसरे दिन भी ‘मेहबाबा’ मेहरबान रहे। बारिश से मौसम सुहाना हो गया। शहर में रात 8.30 बजे तक करीब 14 मिमी बारिश दर्ज की गई। शाम को करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर बारिश हुई। बारिश से पांच नाले उफान पर रहे, जबकि आठ बस्तियों में पानी भर गया। खतरनाक पुलिया पर पानी भर गया,इससे यातायात बाधित हुआ।
उधर, बारिश की वजह से पर्यटन स्थलों पर सुबह से शाम तक रौनक रही। शाम तक शहर के प्रमुख पिकनिक स्थल कायलाना झील, मंडोर उद्यान, उम्मेद उद्यान, नेहरू पार्क, अशोक उद्यान, भूतनाथ में लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। कदमकंडी और अरना-झरना में भी पिकनिक मनाने वालों की भीड़ थी। कायलाना झील पर लोगों ने बोटिंग का मजा उठाया।
सुबह लोग अपने परिवार व मित्रों को लेकर मंडोर व गुरों का तालाब पहुंचे, लेकिन लोगों ने पहले ही अपना डेरा जमा रखा था। कुछ लोगों ने मंडोर की छतरियों व आसपास के इलाके में ही ‘गोठ’ का आनंद उठाया। कुछ लोग तो कायलाना, मंडोर व भोगिशैल की पहाड़ियों में ही पत्थर के अस्थाई चूल्हे बनाकर खाना पकाया।
चेहरे खिले, जमाने की उम्मीद जागी
मानसून की अच्छी वर्षा से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। किसान बीज खरीद कर बुवाई में जुट गए हैं। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि इस बार अच्छे जमाने की पूरी उम्मीद बनी है। जिले में मानसून की लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही चारा-पानी की उपलब्धता होने की खुशी किसानों के चेहरों पर स्पष्ट दिखाई दे रही है। जिन किसानों ने अब तक किसी कारण बुवाई नहीं की थी, वे भी रविवार को बीज-खाद की दुकानों पर खरीदारी करते दिखाई दिए।
किसानों ने बताया कि दो-दिन से हो रही लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही पशुधन के लिए चारा तथा पीने के पानी की व्यवस्था हो गई है। सरकारी बीज की दुकान नेशनल सीड्स कारपोरेशन के संभागीय व्यवस्थापक राजेंद्रसिंह के अनुसार किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन बीज से 60 से 80 दिन में दलहनी फसल तैयार होगी। किसानों को अनुदानित दर पर मोठ का आरएमओ-40, मूंग का 851 किस्म का बीज, ग्वार का आरजीसी-1002 तथा तिल्ली का जी-1 बीज कारपोरेशन व सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
शाम करीब साढ़े पांच बजे काली घटाएं आकाश पर छा गई और बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगीं। थोड़ी ही देर में मूसलाधार बारिश होने लगी। यह क्रम करीब सात बजे तक चला। शहर में अनेक स्थानों पर पानी भर गया। शनिवार को जोरदार बारिश से कई बस्तियों में भरा पानी रविवार को भी पूरी तरह नहीं निकाला जा सका। बाड़मेर में भी शनिवार को हुई बारिश के बाद जिन गांवों में पानी भरा था, वहां रविवार को हालात सामान्य हो गए। इधर, भारी बारिश की चेतावनी के चलते अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।
सूर्यनगरी में रविवार को तीसरे दिन भी ‘मेहबाबा’ मेहरबान रहे। बारिश से मौसम सुहाना हो गया। शहर में रात 8.30 बजे तक करीब 14 मिमी बारिश दर्ज की गई। शाम को करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर बारिश हुई। बारिश से पांच नाले उफान पर रहे, जबकि आठ बस्तियों में पानी भर गया। खतरनाक पुलिया पर पानी भर गया,इससे यातायात बाधित हुआ।
उधर, बारिश की वजह से पर्यटन स्थलों पर सुबह से शाम तक रौनक रही। शाम तक शहर के प्रमुख पिकनिक स्थल कायलाना झील, मंडोर उद्यान, उम्मेद उद्यान, नेहरू पार्क, अशोक उद्यान, भूतनाथ में लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। कदमकंडी और अरना-झरना में भी पिकनिक मनाने वालों की भीड़ थी। कायलाना झील पर लोगों ने बोटिंग का मजा उठाया।
सुबह लोग अपने परिवार व मित्रों को लेकर मंडोर व गुरों का तालाब पहुंचे, लेकिन लोगों ने पहले ही अपना डेरा जमा रखा था। कुछ लोगों ने मंडोर की छतरियों व आसपास के इलाके में ही ‘गोठ’ का आनंद उठाया। कुछ लोग तो कायलाना, मंडोर व भोगिशैल की पहाड़ियों में ही पत्थर के अस्थाई चूल्हे बनाकर खाना पकाया।
चेहरे खिले, जमाने की उम्मीद जागी
मानसून की अच्छी वर्षा से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। किसान बीज खरीद कर बुवाई में जुट गए हैं। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि इस बार अच्छे जमाने की पूरी उम्मीद बनी है। जिले में मानसून की लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही चारा-पानी की उपलब्धता होने की खुशी किसानों के चेहरों पर स्पष्ट दिखाई दे रही है। जिन किसानों ने अब तक किसी कारण बुवाई नहीं की थी, वे भी रविवार को बीज-खाद की दुकानों पर खरीदारी करते दिखाई दिए।
किसानों ने बताया कि दो-दिन से हो रही लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही पशुधन के लिए चारा तथा पीने के पानी की व्यवस्था हो गई है। सरकारी बीज की दुकान नेशनल सीड्स कारपोरेशन के संभागीय व्यवस्थापक राजेंद्रसिंह के अनुसार किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन बीज से 60 से 80 दिन में दलहनी फसल तैयार होगी। किसानों को अनुदानित दर पर मोठ का आरएमओ-40, मूंग का 851 किस्म का बीज, ग्वार का आरजीसी-1002 तथा तिल्ली का जी-1 बीज कारपोरेशन व सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
लापरवाही बरती तो कर दूंगा सस्पेंड : पी रमेश
जोधपुर. बाढ़ नियंत्रण कक्ष के गठन की तैयारियों को लेकर रविवार को हुई बैठक में नगर निगम सीईओ पी रमेश ने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने सफाई प्रभारियों समेत सभी कर्मचारियों को बारिश के दौरान मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
किसी कार्मिक ने लापरवाही बरती तो सस्पेंड कर दूंगा। सीईओ ने बिना सूचना गैरहाजिर रहे सरदारपुरा आयुक्त प्रेमाराम परमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एक मुख्य सफाई निरीक्षक को भी सस्पेंड करने की चेतावनी दी। निगम मुख्यालय के कांफ्रेस कक्ष में हुई बैठक में सीईओ के अलावा सिटी मजिस्ट्रेट स्नेहलता पंवार, एएसपी (यातायात) प्रदीप मोहन शर्मा, गोताखोर दाउलाल मालवीय, आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा, सूरसागर आयुक्त ताराचंद गोसाई समेत मुख्य सफाई निरीक्षक मौजूद थे।
सीईओ ने कहा कि बारिश के दौरान कहीं रास्ते प्रभावित होने का अंदेशा हो तो तुरंत इसकी सूचना देंवे और निस्तारण करवाए। शहर की सीवरेज व ड्रेनेज व्यवस्था सुचारू करने के लिए एईएन सुखराम चौधरी को इस काम में आने वाले सभी संसाधनों का प्रभारी बनाया गया। राजस्व अधिकारी भगवानसिंह को बाढ़ नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी का दायित्व सौपा है।
नालों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं
सीईओ ने नालों पर अतिक्रमण के कारण लोगों को हो रही परेशानी को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि निगम ऐसे अतिक्रमण बिना नोटिस तोड़ देगा। कहीं बारिश का पानी जमा होता है तो ऐसे निर्माण भी हटाए जाएंगे।
ट्रैफिक डाइवर्ट करेंगे
बारिश के दौरान खतरनाक पुलिया पर पानी जमा होने की समस्या के समाधान को लेकर सीईओ ने कहा कि उस दौरान पुलिया से होकर गुजरने वाला ट्रैफिक अन्य मार्ग पर डाइवर्ट किया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया कि निगम बारिश के दौरान एफएम रेडियो पर सूचना प्रसारित कर लोगों को भराव वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी देगा ताकि लोग ऐसे इलाकों में जाने से बचें।
किसी कार्मिक ने लापरवाही बरती तो सस्पेंड कर दूंगा। सीईओ ने बिना सूचना गैरहाजिर रहे सरदारपुरा आयुक्त प्रेमाराम परमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एक मुख्य सफाई निरीक्षक को भी सस्पेंड करने की चेतावनी दी। निगम मुख्यालय के कांफ्रेस कक्ष में हुई बैठक में सीईओ के अलावा सिटी मजिस्ट्रेट स्नेहलता पंवार, एएसपी (यातायात) प्रदीप मोहन शर्मा, गोताखोर दाउलाल मालवीय, आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा, सूरसागर आयुक्त ताराचंद गोसाई समेत मुख्य सफाई निरीक्षक मौजूद थे।
सीईओ ने कहा कि बारिश के दौरान कहीं रास्ते प्रभावित होने का अंदेशा हो तो तुरंत इसकी सूचना देंवे और निस्तारण करवाए। शहर की सीवरेज व ड्रेनेज व्यवस्था सुचारू करने के लिए एईएन सुखराम चौधरी को इस काम में आने वाले सभी संसाधनों का प्रभारी बनाया गया। राजस्व अधिकारी भगवानसिंह को बाढ़ नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी का दायित्व सौपा है।
नालों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं
सीईओ ने नालों पर अतिक्रमण के कारण लोगों को हो रही परेशानी को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि निगम ऐसे अतिक्रमण बिना नोटिस तोड़ देगा। कहीं बारिश का पानी जमा होता है तो ऐसे निर्माण भी हटाए जाएंगे।
ट्रैफिक डाइवर्ट करेंगे
बारिश के दौरान खतरनाक पुलिया पर पानी जमा होने की समस्या के समाधान को लेकर सीईओ ने कहा कि उस दौरान पुलिया से होकर गुजरने वाला ट्रैफिक अन्य मार्ग पर डाइवर्ट किया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया कि निगम बारिश के दौरान एफएम रेडियो पर सूचना प्रसारित कर लोगों को भराव वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी देगा ताकि लोग ऐसे इलाकों में जाने से बचें।
जल चेतना आंदोलन शुरू करें : जस्टिस सिंघवी
जोधपुर. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश गणपतसिंह सिंघवी ने कहा कि रोटरी क्लब को जल चेतना आंदोलन शुरू करना चाहिए। पानी की जरूरत कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। ऐसा न हो कि पानी के लिए तीसरा विश्व युद्ध हो। हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना चाहिए।
जस्टिस सिंघवी रविवार को रोटरी क्लब में शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परोपकार की भावना से काम करना चाहिए। अहंकार रहित दान ही फलीभूत होता है। दान की सार्थकता तभी है जब पब्लिसिटी न की जाए। सत्य, अहिंसा व अपरिग्रह ही शांति का मूल है। चरित्र, गुण व कार्यशैली को इतना ऊंचा बनाएं कि संपूर्ण संसार आपका अनुसरण करे। पर्यावरण के प्रति चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इसके संरक्षण की जरूरत है क्योंकि प्रकृति कभी किसी को माफ नहीं करती। प्रकृति का शोषण करने की बजाय उसे मित्र समझें।
इन्होंने ली शपथ
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद भाटिया ने छगनराज सुराणा को अध्यक्ष, सुरेंद्र बाफना को उपाध्यक्ष, मनोज मेहता को सचिव, घनश्याम अग्रवाल को सह सचिव, निरखचंद मेहता को कोषाध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। अनुराग मेहता, त्रिभुवनराज भंडारी, अशोक मेहता, सौरभ राठी, सुबोध मिन्नी, प्रो. सुशील भंडारी, सुशील कालानी को कार्यकारिणी सदस्य व निर्मल सिंघवी को सार्जेट एट आर्म की शपथ दिलाई गई। आरंभ में पूर्व अध्यक्ष प्रो. सुशील भंडारी ने अतिथियों का स्वागत किया। पूर्व सचिव अजीतराज मेहता ने गत वर्ष की गतिविधियां प्रस्तुत की।
गोल्ड मेडल दिए
समारोह में जस्टिस गणपतसिंह सिंघवी ने ई एंड टी टॉपर चारू गर्ग को डॉ. रेखा मेमोरियल, एमबीबीएस टॉपर दैन्य कुमार को पुरुषोत्तम हिसारिया, एमए हिंदी टॉपर पूजा जैन को डॉ. मोहनलाल जिज्ञासु गोल्ड मेडल प्रदान किए। रोटरी स्कूल को 11 हजार रुपए का चेक, सेवाधाम स्कूल को एक बच्चे की पढ़ाई के लिए विजय चौपड़ा की स्मृति में 8500 रुपए का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर सहायक प्रांतपाल राहुल सिंघवी, दिनेश मेहता आदि मौजूद थे।
जस्टिस सिंघवी रविवार को रोटरी क्लब में शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परोपकार की भावना से काम करना चाहिए। अहंकार रहित दान ही फलीभूत होता है। दान की सार्थकता तभी है जब पब्लिसिटी न की जाए। सत्य, अहिंसा व अपरिग्रह ही शांति का मूल है। चरित्र, गुण व कार्यशैली को इतना ऊंचा बनाएं कि संपूर्ण संसार आपका अनुसरण करे। पर्यावरण के प्रति चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इसके संरक्षण की जरूरत है क्योंकि प्रकृति कभी किसी को माफ नहीं करती। प्रकृति का शोषण करने की बजाय उसे मित्र समझें।
इन्होंने ली शपथ
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद भाटिया ने छगनराज सुराणा को अध्यक्ष, सुरेंद्र बाफना को उपाध्यक्ष, मनोज मेहता को सचिव, घनश्याम अग्रवाल को सह सचिव, निरखचंद मेहता को कोषाध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। अनुराग मेहता, त्रिभुवनराज भंडारी, अशोक मेहता, सौरभ राठी, सुबोध मिन्नी, प्रो. सुशील भंडारी, सुशील कालानी को कार्यकारिणी सदस्य व निर्मल सिंघवी को सार्जेट एट आर्म की शपथ दिलाई गई। आरंभ में पूर्व अध्यक्ष प्रो. सुशील भंडारी ने अतिथियों का स्वागत किया। पूर्व सचिव अजीतराज मेहता ने गत वर्ष की गतिविधियां प्रस्तुत की।
गोल्ड मेडल दिए
समारोह में जस्टिस गणपतसिंह सिंघवी ने ई एंड टी टॉपर चारू गर्ग को डॉ. रेखा मेमोरियल, एमबीबीएस टॉपर दैन्य कुमार को पुरुषोत्तम हिसारिया, एमए हिंदी टॉपर पूजा जैन को डॉ. मोहनलाल जिज्ञासु गोल्ड मेडल प्रदान किए। रोटरी स्कूल को 11 हजार रुपए का चेक, सेवाधाम स्कूल को एक बच्चे की पढ़ाई के लिए विजय चौपड़ा की स्मृति में 8500 रुपए का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर सहायक प्रांतपाल राहुल सिंघवी, दिनेश मेहता आदि मौजूद थे।
फुटपाथ से हटेंगे अतिक्रमण
जोधपुर. नगर निगम ने शहर की मुख्य सड़कों व फुटपाथ पर सामान सजाने वाले दुकानदारों को अंतिम हिदायत देते हुए फुटपाथ खाली रखने को कहा है। निगम का दस्ता सोमवार को ऐसे दुकानदारों से सामान हटाने का आग्रह करेगा और हिदायत के बावजूद सामान नहीं हटाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सामान जब्त करेगा। राजस्व व अतिक्रमण आयुक्त दलवीरसिंह ने बताया कि सोमवार से निगम यातायात में बाधक बने फुटपाथी अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू करेगा। इस दौरान सड़क सीमा में किया गया पक्का निर्माण भी हटाया जाएगा।
दुकानों की नीलामी आज
निगम सोमवार को आनंद सिनेमा के सामने नाले की दुकानों की नीलामी करेगा। दो दिन पहले नीलामी में किसी के हिस्सा नहीं लेने के बाद इसको अगली तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस नाले पर कुल 15 दुकानों के भूखंडों की नीलामी प्रस्तावित है। निगम ने सोमवार को पांच दुकानों के भूखंडों की नीलामी फिर से रखी है।
दुकानों की नीलामी आज
निगम सोमवार को आनंद सिनेमा के सामने नाले की दुकानों की नीलामी करेगा। दो दिन पहले नीलामी में किसी के हिस्सा नहीं लेने के बाद इसको अगली तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस नाले पर कुल 15 दुकानों के भूखंडों की नीलामी प्रस्तावित है। निगम ने सोमवार को पांच दुकानों के भूखंडों की नीलामी फिर से रखी है।
जोधपुर में 41.6 मिमी पानी बरसा
जोधपुर. लंबे इंतजार के बाद पिछले दो दिनों से इंद्रदेव मारवाड़ पर मेहरबान हैं। शनिवार शाम शुरू हुई बारिश का दौर रविवार सुबह 10 बजे तक जारी रहा। बारिश होने से लोग मौसम का आनंद उठाने पिकनिक स्पॉट की तरफ निकल पड़े हैं। मौसम विभाग के अनुसार सुबह 8.30 बजे तक जोधपुर में 41.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
बीती रात रुक-रुक कर बारिश आने का सिलसिला रविवार सुबह तक जारी रहा। सुबह 10 बजे तेज बारिश होने के बाद लोग छुट्टी के दिन मौसम का आनंद उठाने के लिए मंडोर, उम्मेद उद्यान, अशोक उद्यान, कायलाना, नेहरु पार्क आदि पिकनिक स्थलों की तरफ निकल पड़े हैं।
बीती रात रुक-रुक कर बारिश आने का सिलसिला रविवार सुबह तक जारी रहा। सुबह 10 बजे तेज बारिश होने के बाद लोग छुट्टी के दिन मौसम का आनंद उठाने के लिए मंडोर, उम्मेद उद्यान, अशोक उद्यान, कायलाना, नेहरु पार्क आदि पिकनिक स्थलों की तरफ निकल पड़े हैं।
महिला कांस्टेबल ने जहर खाया
जोधपुर. राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले रही एक युवती ने शुक्रवार रात विषाक्त पदार्थ खाकर खुदकशी का प्रयास किया। गंभीर हालत में उसे एमजीएच अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां आईसीयू में उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
आरपीटीसी कमांडेंट सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर में इन दिनों हाडी रानी बटालियन की 480 महिला प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रही हैं। इनमें से अलवर निवासी आत्माराम की अविवाहित पुत्री मुकेश कुमारी (19) ने शुक्रवार रात करीब साढ़े बारह बजे उल्टियां होने की शिकायत की। अन्य प्रशिक्षणार्थियों ने वार्डन को इसकी सूचना दी और उसे तत्काल एमजीएच भेजा। उसे आईसीयू में भर्ती किया।
आरपीटीसी अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को भी इसकी सूचना दी। अभी तक उसके बयान नहीं हो पाए हैं। इस बीच अधिकारियों की सूचना पर युवती के परिजन भी जोधपुर पहुंच गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संभवत: विषाक्त पदार्थ खाने की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई। उसके मोबाइल पर एक युवक का फोन भी आया था। पुलिस ने इस प्रकरण को प्रेम-प्रसंग की परिणति होने की संभावना जताई है।
आरपीटीसी कमांडेंट सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर में इन दिनों हाडी रानी बटालियन की 480 महिला प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रही हैं। इनमें से अलवर निवासी आत्माराम की अविवाहित पुत्री मुकेश कुमारी (19) ने शुक्रवार रात करीब साढ़े बारह बजे उल्टियां होने की शिकायत की। अन्य प्रशिक्षणार्थियों ने वार्डन को इसकी सूचना दी और उसे तत्काल एमजीएच भेजा। उसे आईसीयू में भर्ती किया।
आरपीटीसी अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को भी इसकी सूचना दी। अभी तक उसके बयान नहीं हो पाए हैं। इस बीच अधिकारियों की सूचना पर युवती के परिजन भी जोधपुर पहुंच गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संभवत: विषाक्त पदार्थ खाने की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई। उसके मोबाइल पर एक युवक का फोन भी आया था। पुलिस ने इस प्रकरण को प्रेम-प्रसंग की परिणति होने की संभावना जताई है।
Sunday, July 25, 2010
एक बारिश से ही बेहाल हुआ शहर, दो दर्जन इलाकों में भरा पानी
जोधपुर. खूब इंतजार करवाने के बाद शनिवार को फिर इंद्रदेव ने सूर्यनगरी को पानी से सराबोर कर दिया। करीब दो घंटे तक एक सी गति से बादलों ने 31.5 मिलीमीटर पानी बरसाया। इसके बाद भी बारिश का दौर रिमझिम करके देर रात तक चलता रहा।
लगातार दूसरे दिन भी बादलों ने जो राहत बरसाई उससे शहर में कई तरह की परेशानियां भी खड़ी हो गई। प्रशासन की ओर से बारिश पूर्व की गई आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खुल गई। मूसलाधार बारिश के दौरान करीब दो दर्जन इलाकों में पानी भर गया। देर रात तक पानी नहीं उतरा। कुछ स्थानों पर पानी में फंसे वाहन निकालने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ गई। बारिश के कारण कई इलाकों में दीवारें ढह गई। सांगरिया के समीप स्थित सारणों की ढाणी में 11 केवी की लाइन टूट गई, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ।
आधा दर्जन स्थानों पर बिजली के पोल भरभरा कर गिर गए। शोभावतों की ढाणी इलाके में जमीन में गड्ढा हो गया जिससे लोग भयभीत हो गए। शहर के लगभग सभी बरसाती नाले व नहरें ओवर फ्लो हो गए और पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया। शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम के कारण कई इलाके तालाब बन गए।
मूसलाधार बारिश के कारण मुख्य सड़कों पर पानी तेज बहाव से बहने लगा। कई प्रमुख सड़कों व चौराहों पर जाम लग गया। गुरों का तालाब क्षेत्र में आने वाला नाला बारिश में अवरुद्ध हो गया। यह पानी हुडको क्वाटर्स व आसपास की बस्ती में घुस गया। लोगों ने पानी निकासी के लिए दीवार ही तोड़ डाली। इसी तरह, आरपीटीसी के सामने भैरूसिंह हवेली के पचास घरों में भी पानी भर गया।
पाबूपुरा में पानी ही पानी, लोग भड़के
एयरपोर्ट के पास स्थित पाबूपुरा बस्ती में पानी की निकासी की राह न होने से घरों में चार-चार फीट तक पानी भर गया था। क्षेत्रीय पार्षद लक्ष्मण नायक ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पानी निकासी की 1000 फीट जगह पर दीवार बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। आक्रोशित लोगों ने वहां प्रदर्शन किया। इस पर पुलिस व जेडीए तथा निगम के अधिकारी वहां पहुंचे। बाद में बुलडोजर से दीवार को तोड़कर पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया गया।
लगातार दूसरे दिन भी बादलों ने जो राहत बरसाई उससे शहर में कई तरह की परेशानियां भी खड़ी हो गई। प्रशासन की ओर से बारिश पूर्व की गई आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खुल गई। मूसलाधार बारिश के दौरान करीब दो दर्जन इलाकों में पानी भर गया। देर रात तक पानी नहीं उतरा। कुछ स्थानों पर पानी में फंसे वाहन निकालने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ गई। बारिश के कारण कई इलाकों में दीवारें ढह गई। सांगरिया के समीप स्थित सारणों की ढाणी में 11 केवी की लाइन टूट गई, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ।
आधा दर्जन स्थानों पर बिजली के पोल भरभरा कर गिर गए। शोभावतों की ढाणी इलाके में जमीन में गड्ढा हो गया जिससे लोग भयभीत हो गए। शहर के लगभग सभी बरसाती नाले व नहरें ओवर फ्लो हो गए और पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया। शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम के कारण कई इलाके तालाब बन गए।
मूसलाधार बारिश के कारण मुख्य सड़कों पर पानी तेज बहाव से बहने लगा। कई प्रमुख सड़कों व चौराहों पर जाम लग गया। गुरों का तालाब क्षेत्र में आने वाला नाला बारिश में अवरुद्ध हो गया। यह पानी हुडको क्वाटर्स व आसपास की बस्ती में घुस गया। लोगों ने पानी निकासी के लिए दीवार ही तोड़ डाली। इसी तरह, आरपीटीसी के सामने भैरूसिंह हवेली के पचास घरों में भी पानी भर गया।
पाबूपुरा में पानी ही पानी, लोग भड़के
एयरपोर्ट के पास स्थित पाबूपुरा बस्ती में पानी की निकासी की राह न होने से घरों में चार-चार फीट तक पानी भर गया था। क्षेत्रीय पार्षद लक्ष्मण नायक ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पानी निकासी की 1000 फीट जगह पर दीवार बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। आक्रोशित लोगों ने वहां प्रदर्शन किया। इस पर पुलिस व जेडीए तथा निगम के अधिकारी वहां पहुंचे। बाद में बुलडोजर से दीवार को तोड़कर पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया गया।
18 हिरण बने कुत्तों का निवाला
6 ने दम तोड़ा 12 का उपचार जारी
जोधपुर। मारवाड़ में मेघ बरसने के साथ ही बाहुल्य क्षेत्रों में विचरण करने वाले हिरणों पर कुत्तों ने एक बार फिर कहर ढा दिया है। बीती शाम बारिश आने के बाद से जंतुआलय में शनिवार दोपहर तक उपचार के लिए 18 घायल हिरणों को लाया गया। इसमें से 6 ने मार्ग में ही दम तोड़ दिया जबकि 12 हिरणों का उपचार जारी है।
पशुचिकित्सक डॉ. श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि बारिश आने से ग्रामीण क्षेत्रों में हिरणों के घायल होने की घटनाएं बढ़ जाती है। बारिश से मिट्टी नरम पडऩे की वजह से हिरण दौड़ नहीं पाते और कुत्तें इन पर हमला कर देते है।
23 हिरणों को सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा
पिछले दिनों घायल होकर रेस्क्यू सेंटर पहुंचे दर्जनों हिरणों में से 23 हिरणों को स्वस्थ होने के बाद शनिवार को बाहुल्य क्षेत्रों में छोड़ दिया गया। इसमें काला हिरण और चिंकारा दोनों शामिल है। वन्यजीव प्रभाग से मिली जानकारी के अनुसार बारिश के दौरान पिछले दिनों काफी संख्या में कुत्तों से घायल हुए थे। जिनमें से 23 हिरणों के बिल्कुल स्वस्थ होने के बाद उन्हें गुड़ा-विश्नोइयां, रुड़कली क्षेत्रों में छोड़ दिया गया है। इनमें 3 काला हिरण और 20 चिंकारा है।
जोधपुर। मारवाड़ में मेघ बरसने के साथ ही बाहुल्य क्षेत्रों में विचरण करने वाले हिरणों पर कुत्तों ने एक बार फिर कहर ढा दिया है। बीती शाम बारिश आने के बाद से जंतुआलय में शनिवार दोपहर तक उपचार के लिए 18 घायल हिरणों को लाया गया। इसमें से 6 ने मार्ग में ही दम तोड़ दिया जबकि 12 हिरणों का उपचार जारी है।
पशुचिकित्सक डॉ. श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि बारिश आने से ग्रामीण क्षेत्रों में हिरणों के घायल होने की घटनाएं बढ़ जाती है। बारिश से मिट्टी नरम पडऩे की वजह से हिरण दौड़ नहीं पाते और कुत्तें इन पर हमला कर देते है।
23 हिरणों को सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा
पिछले दिनों घायल होकर रेस्क्यू सेंटर पहुंचे दर्जनों हिरणों में से 23 हिरणों को स्वस्थ होने के बाद शनिवार को बाहुल्य क्षेत्रों में छोड़ दिया गया। इसमें काला हिरण और चिंकारा दोनों शामिल है। वन्यजीव प्रभाग से मिली जानकारी के अनुसार बारिश के दौरान पिछले दिनों काफी संख्या में कुत्तों से घायल हुए थे। जिनमें से 23 हिरणों के बिल्कुल स्वस्थ होने के बाद उन्हें गुड़ा-विश्नोइयां, रुड़कली क्षेत्रों में छोड़ दिया गया है। इनमें 3 काला हिरण और 20 चिंकारा है।
जोधपुर में बनेगा सिविल एयरपोर्ट
जयपुर/जोधपुर. राज्य सरकार ने जोधपुर में ग्रीनफील्ड सिविल एयरपोर्ट बनाने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी। नागौर रोड पर मेलावास गंगाणी में बनने वाले इस एयरपोर्ट के लिए अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से विस्तृत सर्वे कराया जाएगा।
जोधपुर में आईआईटी की स्थापना के लिए भी सिविल एयरपोर्ट की आवश्यकता महसूस की जा रहा थी। हालांकि यहां पहले से एयर फोर्स का हवाई अड्डा है। इसके भार को कम करने और हवाई सेवाओं का विस्तार करने के लिए इसका प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे नगरीय विकास विभाग ने परीक्षण के बाद उपयुक्त माना। अब इसे केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
कहां बनेगा : एयरपोर्ट नागौर रोड पर शहर से 28 किमी दूर स्टेट हाईवे से 3 किमी अंदर मेलावास और गंगाणी गांव के बीच बनाया जाएगा। जोधपुर विकास प्राधिकरण ने इसके लिए मेलावास थबूकड़ा में 2531.30 और गंगाणी में 2589.07 बीघा भूमि चिन्हित की है।
ये होगा फायदा :
पर्यटकों को विशेष सुविधा मिलेगी। निर्यातकों को कार्गों भेजने में आसानी रहेगी। उद्योग लगाने वालों को आसानी होगी। इस मार्ग पर आयुर्वेद-विधि विश्वविद्यालय है। एनआरआई कॉलोनी, आईआईटी संस्थान और अन्य विकास की योजनाएं भी प्रस्तावित हैं।
जोधपुर में आईआईटी की स्थापना के लिए भी सिविल एयरपोर्ट की आवश्यकता महसूस की जा रहा थी। हालांकि यहां पहले से एयर फोर्स का हवाई अड्डा है। इसके भार को कम करने और हवाई सेवाओं का विस्तार करने के लिए इसका प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे नगरीय विकास विभाग ने परीक्षण के बाद उपयुक्त माना। अब इसे केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
कहां बनेगा : एयरपोर्ट नागौर रोड पर शहर से 28 किमी दूर स्टेट हाईवे से 3 किमी अंदर मेलावास और गंगाणी गांव के बीच बनाया जाएगा। जोधपुर विकास प्राधिकरण ने इसके लिए मेलावास थबूकड़ा में 2531.30 और गंगाणी में 2589.07 बीघा भूमि चिन्हित की है।
ये होगा फायदा :
पर्यटकों को विशेष सुविधा मिलेगी। निर्यातकों को कार्गों भेजने में आसानी रहेगी। उद्योग लगाने वालों को आसानी होगी। इस मार्ग पर आयुर्वेद-विधि विश्वविद्यालय है। एनआरआई कॉलोनी, आईआईटी संस्थान और अन्य विकास की योजनाएं भी प्रस्तावित हैं।
Saturday, July 24, 2010
करंट लगने से सास-बहू की मौत
बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिरने से दीवारों में करंट आ गया था
जोधपुर.बालोतरा। बालोतरा शहर के खेड़ गांव में शुक्रवार सुबह मकान की दीवार में करंट बहने से सास व बहू की मौत हो गई। घटना के अनुसार गुरुवार की रात आई बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिर गई, जिससे कमरे की दीवारों से अर्थिंग शुरू हो गई।
सुबह करीब छह बजे सास ने जब कमरे की खूंटी पर लटक रही भरनी उतारने के लिए उसे छूआ, तो वह उससे चिपक गई। इतने में पास ही बकरियां दूह रही उसकी बहू सुंदरदेवी ने जब अपनी सास को जूझते हुए देखा, तो वह समझी कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा है और उसने उसको छू लिया, जिससे वह भी उससे चिपक गई। करंट लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
जोधपुर.बालोतरा। बालोतरा शहर के खेड़ गांव में शुक्रवार सुबह मकान की दीवार में करंट बहने से सास व बहू की मौत हो गई। घटना के अनुसार गुरुवार की रात आई बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिर गई, जिससे कमरे की दीवारों से अर्थिंग शुरू हो गई।
सुबह करीब छह बजे सास ने जब कमरे की खूंटी पर लटक रही भरनी उतारने के लिए उसे छूआ, तो वह उससे चिपक गई। इतने में पास ही बकरियां दूह रही उसकी बहू सुंदरदेवी ने जब अपनी सास को जूझते हुए देखा, तो वह समझी कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा है और उसने उसको छू लिया, जिससे वह भी उससे चिपक गई। करंट लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
जोधपुर में बारिश बाड़मेर बारिश का पानी खेतों में घुसा
जोधपुर. जोधपुर में बादलों की आवाजाही के बीच शुक्रवार सुबह 11.30 बजे करीब बारिश हुई। बारिश शहर के कुछ क्षेत्रों में तेज हुई, तो कहीं बूंदाबांदी से संतोष करना पड़ा।
सूर्यनगरी में सुबह धूप निकलने के बाद एक बार तो उमस के साम्राज्य ने लोगों को पसीने से भीगो दिया। 11 बजे बादलों की आवाजाही शुरू होने के बाद हुई बारिश ने सड़कों को भिगो दिया। शहर की हाईकार्ट कॉलोनी, पीडब्ल्यूडी चौराहा, भास्कर चौराहा, सेनापति भवन, गौरव पथ पर तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से निजात दिलाई, जबकि शहर के भीतरी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी रही, जिससे लोगों को सूरज की तपिश से राहत मिली।
बाड़मेर शहर से करीब तीस किलोमीटर दूर रानी गांव में गुरूवार रात दस बजे से शुरू हुई बरसात देर रात तक बरसती रही, जिससे बारिश का पानी रपट पर बहने के बाद सड़कों को तोड़कर पास ही के खेतों में जा घुसा।
इसके अलावा करीब चालीस ढाणियां पानी से भर गईं। मौके पर मौजूद संवाददाता के अनुसार पहाड़ी के पीछे बसे इस गांव में पानी से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। अलबत्ता गांव की सड़कें पानी से जरूर जगह-जगह से टूट गई हैं।
सूर्यनगरी में सुबह धूप निकलने के बाद एक बार तो उमस के साम्राज्य ने लोगों को पसीने से भीगो दिया। 11 बजे बादलों की आवाजाही शुरू होने के बाद हुई बारिश ने सड़कों को भिगो दिया। शहर की हाईकार्ट कॉलोनी, पीडब्ल्यूडी चौराहा, भास्कर चौराहा, सेनापति भवन, गौरव पथ पर तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से निजात दिलाई, जबकि शहर के भीतरी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी रही, जिससे लोगों को सूरज की तपिश से राहत मिली।
बाड़मेर शहर से करीब तीस किलोमीटर दूर रानी गांव में गुरूवार रात दस बजे से शुरू हुई बरसात देर रात तक बरसती रही, जिससे बारिश का पानी रपट पर बहने के बाद सड़कों को तोड़कर पास ही के खेतों में जा घुसा।
इसके अलावा करीब चालीस ढाणियां पानी से भर गईं। मौके पर मौजूद संवाददाता के अनुसार पहाड़ी के पीछे बसे इस गांव में पानी से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। अलबत्ता गांव की सड़कें पानी से जरूर जगह-जगह से टूट गई हैं।
आखिर जीत गया नगर निगम
जोधपुर. जेडीए खुद की विकसित हुई आधा दर्जन पॉश कॉलोनियां नगर निगम को हस्तांतरित करने पर राजी हो गया है। इसके साथ ही एक अगस्त से सभी 65 वार्डो की संपूर्ण रोड लाइटों का जिम्मा भी निगम को सौंप देगा। हालांकि रोड लाइटों के तकनीकी पहलुओं पर दोनों में सहमति नहीं बनने के बाद अंतिम फैसला कमेटी पर छोड़ दिया गया है।
जेडीए ने गुरुवार को सुभाष नगर व मिल्कमैन कॉलोनी की समस्त दस्तावेज की पत्रावलियां निगम को भेज दी है। भगत की कोठी व भगत की कोठी (विस्तार), सरस्वती नगर व संपूर्ण कच्ची बस्तियों की पत्रावलियां शुक्रवार को सौंपी जाएंगी। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद जेडीए के अफसर लंबे समय से इस मसले को अटकाकर बैठे थे। इसके चलते जेडीए के क्षेत्राधिकार वाली आधा दर्जन से ज्यादा विकसित आवासीय कॉलोनियां और 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें निगम में हस्तांतरित नहीं हो पा रही थीं।
दोनों निकायों के बीच समझौता नहीं होने से जहां अवैध निर्माणों की संख्या में इजाफा हो रहा था, तो स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव करने वाले जेडीए के ठेकेदार भी ‘यह लाइटें हमारी नहीं, निगम की हैं’ की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भागने लगे थे। नगर निगम में नए बोर्ड के गठन के बाद निगम की आय बढ़ाने के लिए महापौर ने जेडीए की कुछ विकसित कॉलोनियों को निगम में शिफ्ट करने की बात उठाई थी, इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति भी दे दी थी।
लगभग पांच माह पूर्व कलेक्टर ने जेडीए व निगम के अफसरों के साथ बैठक कर ऐसी कॉलोनियों को चिह्न्ति करने को कहा था। जेडीए अफसरों ने आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय कॉलोनियां को निगम को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया, मगर अफसरों के अड़ियल रवैये के कारण इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
इन कॉलोनियों पर हुआ था विचार
दोनों के बीच हुए समझौते में पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, मानजी का हत्था सहित कमला नेहरू नगर, कीर्तिनगर, सरस्वती नगर व अन्य विकसित कॉलोनियां शामिल हैं, लेकिन जेडीए खुद की कंगाली मिटाने के लिए विकसित कॉलोनियों से होने वाली मोटी आय का मोह नहीं छोड़ पा रहा है।
जेडीए आज भी शहर की पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, कमला नेहरू नगर, मानजी का हत्था समेत अन्य विकसित हो चुकी कॉलोनियों की पत्रावलियां निगम को सौंपने का राजी नहीं हो रहा है। हाउसिंग बोर्ड व निगम के बीच जुलाई, 2000 में हुए समझौते के तहत हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 10 से 25 निगम को पहले ही सौंपे जा चुके हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार के फैसले के बाद हाउसिंग बोर्ड अपनी शेष आवासीय कॉलोनियों सहित खाली भूखंड व दुकानें भी निगम को हस्तांतरित करने की कवायद में जुटा है।
यह होगा फायदा
जेडीए की कॉलोनियों के निगम में शिफ्ट होने से वह इनका मालिक बन जाएगा। इसके बाद इन कॉलोनियों में भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड सहित भूखंडों का विक्रय भी निगम कर सकेगा। पांच फीसदी हस्तांतरण शुल्क (रिजर्व प्राइस का) से भी निगम को बड़ी आय होगी। इससे मुफलिसी के दौर से गुजर रहे निगम का खाली खजाना भरने में काफी मदद मिलेगी।
हालांकि इन कॉलोनियों में निगम के सफाई कर्मचारी ही सफाई करते हैं, लेकिन इन कॉलोनियों का स्वामित्व जेडीए के अधीन होने से वह न तो भवन निर्माण की इजाजत दे पाता है और न ही भूखंडों का बेचान कर पाता है। इस फैसले से अब निगम को इन कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण व अतिक्रमण को भी रोकने का अधिकार मिल जाएगा।
जेडीए ने गुरुवार को सुभाष नगर व मिल्कमैन कॉलोनी की समस्त दस्तावेज की पत्रावलियां निगम को भेज दी है। भगत की कोठी व भगत की कोठी (विस्तार), सरस्वती नगर व संपूर्ण कच्ची बस्तियों की पत्रावलियां शुक्रवार को सौंपी जाएंगी। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद जेडीए के अफसर लंबे समय से इस मसले को अटकाकर बैठे थे। इसके चलते जेडीए के क्षेत्राधिकार वाली आधा दर्जन से ज्यादा विकसित आवासीय कॉलोनियां और 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें निगम में हस्तांतरित नहीं हो पा रही थीं।
दोनों निकायों के बीच समझौता नहीं होने से जहां अवैध निर्माणों की संख्या में इजाफा हो रहा था, तो स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव करने वाले जेडीए के ठेकेदार भी ‘यह लाइटें हमारी नहीं, निगम की हैं’ की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भागने लगे थे। नगर निगम में नए बोर्ड के गठन के बाद निगम की आय बढ़ाने के लिए महापौर ने जेडीए की कुछ विकसित कॉलोनियों को निगम में शिफ्ट करने की बात उठाई थी, इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति भी दे दी थी।
लगभग पांच माह पूर्व कलेक्टर ने जेडीए व निगम के अफसरों के साथ बैठक कर ऐसी कॉलोनियों को चिह्न्ति करने को कहा था। जेडीए अफसरों ने आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय कॉलोनियां को निगम को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया, मगर अफसरों के अड़ियल रवैये के कारण इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
इन कॉलोनियों पर हुआ था विचार
दोनों के बीच हुए समझौते में पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, मानजी का हत्था सहित कमला नेहरू नगर, कीर्तिनगर, सरस्वती नगर व अन्य विकसित कॉलोनियां शामिल हैं, लेकिन जेडीए खुद की कंगाली मिटाने के लिए विकसित कॉलोनियों से होने वाली मोटी आय का मोह नहीं छोड़ पा रहा है।
जेडीए आज भी शहर की पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, कमला नेहरू नगर, मानजी का हत्था समेत अन्य विकसित हो चुकी कॉलोनियों की पत्रावलियां निगम को सौंपने का राजी नहीं हो रहा है। हाउसिंग बोर्ड व निगम के बीच जुलाई, 2000 में हुए समझौते के तहत हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 10 से 25 निगम को पहले ही सौंपे जा चुके हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार के फैसले के बाद हाउसिंग बोर्ड अपनी शेष आवासीय कॉलोनियों सहित खाली भूखंड व दुकानें भी निगम को हस्तांतरित करने की कवायद में जुटा है।
यह होगा फायदा
जेडीए की कॉलोनियों के निगम में शिफ्ट होने से वह इनका मालिक बन जाएगा। इसके बाद इन कॉलोनियों में भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड सहित भूखंडों का विक्रय भी निगम कर सकेगा। पांच फीसदी हस्तांतरण शुल्क (रिजर्व प्राइस का) से भी निगम को बड़ी आय होगी। इससे मुफलिसी के दौर से गुजर रहे निगम का खाली खजाना भरने में काफी मदद मिलेगी।
हालांकि इन कॉलोनियों में निगम के सफाई कर्मचारी ही सफाई करते हैं, लेकिन इन कॉलोनियों का स्वामित्व जेडीए के अधीन होने से वह न तो भवन निर्माण की इजाजत दे पाता है और न ही भूखंडों का बेचान कर पाता है। इस फैसले से अब निगम को इन कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण व अतिक्रमण को भी रोकने का अधिकार मिल जाएगा।
सोनोग्राफी मशीन सीज
जोधपुर. स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए महात्मा गांधी अस्पताल के नजदीक स्थित एसडी डायग्नोसिस केंद्र की बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन सीज कर ली।
डॉ. शेखावत ने बताया कि केंद्र के सोनोग्राफी जांच लाइसेंस की अवधि 2007 में समाप्त हो गई थी, लेकिन संचालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। ऐसे में इस अवधि में भ्रूण लिंग जांच का अंदेशा बना रहता है। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले दिनों पीसीपीएनडीटी एक्ट की स्टेट सेल ने शहर में बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद स्थानीय विभाग ने लाइसेंस की जांच व मशीनें सीज करने की कार्रवाई शुरू की है।
बंद मशीन रखना भी नियम विरुद्ध
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अंतर्गत लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद तुरंत नया लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। अगर कोई संचालक केंद्र बंद करना चाहे तो एक्ट के नियमानुसार संचालक को मशीन कंपनी को सुपुर्द करनी पड़ती है। इसके अभाव में पांच पेनल्टी लग सकती है।
निदेशक लेंगे ट्रैकिंग सिस्टम का जायजा
सुरक्षित संस्थागत प्रसव, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए जिले में अप्रेल से लागू हुई ‘प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग सिस्टम’ के नाम से नई व्यवस्था का शुक्रवार को डॉ. आरएनडी पुरोहित, निदेशक (एड्स) जायजा लेंगे। योजना के तहत पूरे जिले की प्रसूताओं का ब्लॉकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा में प्रसूता के प्रथम एएनसी चैकअप से लेकर टीकाकरण तक का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
ऑनलाइन तैयार होने वाले इस डाटा बेस में प्रसूता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, फोन नंबर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी के अलावा प्रसव पूर्व होने वाली जांचों का ब्यौरा, गर्भ की स्थिति, प्रसव की संभावित दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। गुरुवार को जोधपुर पहुंचे डॉ. पुरोहित ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की बैठक ली। शुक्रवार को वे सालावास में योजना का निरीक्षण करेंगे।
डॉ. शेखावत ने बताया कि केंद्र के सोनोग्राफी जांच लाइसेंस की अवधि 2007 में समाप्त हो गई थी, लेकिन संचालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। ऐसे में इस अवधि में भ्रूण लिंग जांच का अंदेशा बना रहता है। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले दिनों पीसीपीएनडीटी एक्ट की स्टेट सेल ने शहर में बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद स्थानीय विभाग ने लाइसेंस की जांच व मशीनें सीज करने की कार्रवाई शुरू की है।
बंद मशीन रखना भी नियम विरुद्ध
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अंतर्गत लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद तुरंत नया लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। अगर कोई संचालक केंद्र बंद करना चाहे तो एक्ट के नियमानुसार संचालक को मशीन कंपनी को सुपुर्द करनी पड़ती है। इसके अभाव में पांच पेनल्टी लग सकती है।
निदेशक लेंगे ट्रैकिंग सिस्टम का जायजा
सुरक्षित संस्थागत प्रसव, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए जिले में अप्रेल से लागू हुई ‘प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग सिस्टम’ के नाम से नई व्यवस्था का शुक्रवार को डॉ. आरएनडी पुरोहित, निदेशक (एड्स) जायजा लेंगे। योजना के तहत पूरे जिले की प्रसूताओं का ब्लॉकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा में प्रसूता के प्रथम एएनसी चैकअप से लेकर टीकाकरण तक का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
ऑनलाइन तैयार होने वाले इस डाटा बेस में प्रसूता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, फोन नंबर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी के अलावा प्रसव पूर्व होने वाली जांचों का ब्यौरा, गर्भ की स्थिति, प्रसव की संभावित दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। गुरुवार को जोधपुर पहुंचे डॉ. पुरोहित ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की बैठक ली। शुक्रवार को वे सालावास में योजना का निरीक्षण करेंगे।
टुकलिया को कोटा भेजा
जोधपुर. जोधपुर विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ नगर नियोजक रतनलाल टुकलिया को सरकार ने हटा दिया है। उनका तबादला जोधपुर से कोटा कर दिया गया है। दैनिक भास्कर के 19 जुलाई के अंक में टुकलिया ने की जमीन भू-माफिया के हवाले शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे गंभीरता से लिया। गहलोत ने मंगलवार की रात ही अपने निवास पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल व विभाग के आला अफसरों को बुलाया। उन्होंने भास्कर में 19 व 20 जुलाई को प्रकाशित दोनों समाचारों के साथ ही इस मामले में जोधपुर कलेक्टर नवीन महाजन का राज्य सरकार व सीएमओ को भेजे पत्र सहित संपूर्ण पत्रावलियां देखी। इसके बाद टुकलिया को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने 22 जुलाई को ही एक आदेश जारी कर 9 अधिकारियों का तबादला किया। इस आदेश में टुकलिया को जोधपुर से हटा कर कोटा भेज दिया है। उनके खिलाफ जोधपुर में और भी मामले विचाराधीन हैं, जिनकी जांच चल रही है।
टुकलिया के खिलाफ मंडोर निवासी रामेश्वर सिंह गहलोत ने जिला स्तरीय भू-माफिया नियंत्रण प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि टुकलिया ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मंडोर ग्राम के खसरा नंबर 787 का ले-आउट प्लान स्वीकृत कर दिया। इसका खुलासा होने पर जोधपुर जिला कलेक्टर ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
जाखड़ जोधपुर के नए एसटीपी
राज्य सरकार ने बीकानेर के वरिष्ठ नगर नियोजक जेबी जाखड़ को जोधपुर जोन का वरिष्ष्ठ नगर नियोजक एवं निदेशक नगर आयोजना जेडीए जोधपुर का कार्यभार सौंपा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे गंभीरता से लिया। गहलोत ने मंगलवार की रात ही अपने निवास पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल व विभाग के आला अफसरों को बुलाया। उन्होंने भास्कर में 19 व 20 जुलाई को प्रकाशित दोनों समाचारों के साथ ही इस मामले में जोधपुर कलेक्टर नवीन महाजन का राज्य सरकार व सीएमओ को भेजे पत्र सहित संपूर्ण पत्रावलियां देखी। इसके बाद टुकलिया को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने 22 जुलाई को ही एक आदेश जारी कर 9 अधिकारियों का तबादला किया। इस आदेश में टुकलिया को जोधपुर से हटा कर कोटा भेज दिया है। उनके खिलाफ जोधपुर में और भी मामले विचाराधीन हैं, जिनकी जांच चल रही है।
टुकलिया के खिलाफ मंडोर निवासी रामेश्वर सिंह गहलोत ने जिला स्तरीय भू-माफिया नियंत्रण प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि टुकलिया ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मंडोर ग्राम के खसरा नंबर 787 का ले-आउट प्लान स्वीकृत कर दिया। इसका खुलासा होने पर जोधपुर जिला कलेक्टर ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
जाखड़ जोधपुर के नए एसटीपी
राज्य सरकार ने बीकानेर के वरिष्ठ नगर नियोजक जेबी जाखड़ को जोधपुर जोन का वरिष्ष्ठ नगर नियोजक एवं निदेशक नगर आयोजना जेडीए जोधपुर का कार्यभार सौंपा है।
विद्यार्थी मित्रों को रखें नियमित : हाईकोर्ट
जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने विद्यार्थी मित्रों को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में नियमित रखने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने यह आदेश गुरुवार को करीब डेढ़ सौ याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि वे काफी समय से इन पदों पर कार्यरत हैं और ये पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।
पूर्व में भी उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ऐसी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को आरपीएससी के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी कर नई नियुक्ति होने तक नियमित रूप से कार्य करने के आदेश किए थे। इस पर कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार के पास अभी भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और आदेश दिए कि याचिकाकर्ताओं को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में पद से नहीं हटाएं।
पूर्व में भी उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ऐसी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को आरपीएससी के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी कर नई नियुक्ति होने तक नियमित रूप से कार्य करने के आदेश किए थे। इस पर कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार के पास अभी भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और आदेश दिए कि याचिकाकर्ताओं को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में पद से नहीं हटाएं।
ई-मेल के जरिए धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार
जोधपुर. शहर पुलिस ने इंटरनेट के जरिए धोखाधड़ी करने के संबंध में गत वर्ष दर्ज एक प्रकरण में गुरुवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। एएसपी राजेशसिंह ने बताया कि कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर छह निवासी सत्येंद्र प्रताप ने रिपोर्ट देकर बताया कि गत 23 सितंबर, 09 को उसे एक ई-मेल मिला जिसमें 1.5 मिलियन पाउंड की लॉटरी उसके नाम निकलने की सूचना दी गई थी।
उसके मोबाइल पर एक एसएमएस मिला, जिसमें एचके इन्फोटेक के बैंक खाते में 32 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। सत्येन्द्र ने बताए गए खाते में 26 सितंबर को यह राशि जमा करवा दी। कुछ समय बाद उसे मुंबई, यूके व अन्य शहर के आईडी से तीन ई-मेल मिले और उसी एकाउंट में 77 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। तब सत्येन्द्र को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
साइबर क्राइम के इस मामले का निस्तारण करने के लिए एसपी (सिटी) के निर्देश पर वृत्ताधिकारी (पश्चिम) नरपतसिंह के नेतृत्व में बासनी थानाधिकारी राजवीरसिंह व एएसआई हेमसिंह की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने आईटी विशेषज्ञों की मदद ली और सत्येन्द्र के बताए बैंक से खाताधारक का रिकार्ड हासिल किया। इसी आधार पर टीम ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 23 निवासी पवन कुमार पुत्र रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी हुई है
उसके मोबाइल पर एक एसएमएस मिला, जिसमें एचके इन्फोटेक के बैंक खाते में 32 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। सत्येन्द्र ने बताए गए खाते में 26 सितंबर को यह राशि जमा करवा दी। कुछ समय बाद उसे मुंबई, यूके व अन्य शहर के आईडी से तीन ई-मेल मिले और उसी एकाउंट में 77 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। तब सत्येन्द्र को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
साइबर क्राइम के इस मामले का निस्तारण करने के लिए एसपी (सिटी) के निर्देश पर वृत्ताधिकारी (पश्चिम) नरपतसिंह के नेतृत्व में बासनी थानाधिकारी राजवीरसिंह व एएसआई हेमसिंह की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने आईटी विशेषज्ञों की मदद ली और सत्येन्द्र के बताए बैंक से खाताधारक का रिकार्ड हासिल किया। इसी आधार पर टीम ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 23 निवासी पवन कुमार पुत्र रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी हुई है
Friday, July 23, 2010
अब अंग्रेजों का रह गया घंटाघर
जोधपुर. रियासत काल में परकोटे को अपनी आवाज के साथ जगाने वाला घंटाघर हाल के वर्षों में विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों की चहल-पहल ज्यादा दिखाई देती है।
घंटाघर की दुकानों में धीरे-धीरे अंग्रेजों की डिमांड वाले आयटम भी इफरात से रखे जाने लगे हैं। परंपरागत रूप से खरीदारी करने आने वाले स्थानीय लोगों के साथ गोरे भी दिखते हैं। जोधपुर के प्रमुख स्थलों में इसे भी शुमार कर लिया गया है। घंटाघर लोनली प्लेनेट में स्थान पा चुका है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि यहां के व्यापारी भी अंग्रेजों को ही ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। यह दर्द है 76 वर्षीय भवंरलाल भंडारी का। तेरह वर्ष की उम्र से पिता की पेढ़ी पर व्यवसाय शुरू करने वाले भंडारी साठ वर्ष पहले के घंटाघर की बात को छेड़ते हैं तो उनके जेहन में उस जमाने के चमकते घंटाघर की तस्वीर उभरती है।
उनका कहना था कि उस समय यहां हर वर्ग के परिवार की जरूरतें पूरी होती थी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की, जो आज भी परंपरागत रूप से शादी-ब्याह या त्योहारी खरीद करने घंटाघर आते हैं। कपड़े का व्यवसाय करने वाले भवंरलाल बीती बातें याद कर कहते हैं, बींद-बींदणी के शादी का बेस 250 रुपए तक आ जाता था। बाकी लोगों के लिए कपड़े की गांठ खरीदते थे, जो 25 रुपए में आती थी। इसमें छोटी-बड़ी कम से कम दस ड्रैस होती थी।
अलग-अलग समय में अलग-अलग मंडियां लगती थीं। सवेरे चार बजे सब्जी मंडी लगती। उसके बाद सात बजे दुकानें खुल जाती थी। गांवों से आने वाले लघु व्यापारी यहां से रोजमर्रा की चीजें खरीदते थे। आज महंगी हो चुकी शिक्षा को लेकर व्यथित भंडारी बताते हैं कि कैसे उस जमाने में स्कूली फीस से लेकर ड्रैस तक पांच रुपए में पूरी हो जाती थी। मगर आज बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर हजारों रुपए खर्च होने लगे हैं।
घंटाघर की दुकानों में धीरे-धीरे अंग्रेजों की डिमांड वाले आयटम भी इफरात से रखे जाने लगे हैं। परंपरागत रूप से खरीदारी करने आने वाले स्थानीय लोगों के साथ गोरे भी दिखते हैं। जोधपुर के प्रमुख स्थलों में इसे भी शुमार कर लिया गया है। घंटाघर लोनली प्लेनेट में स्थान पा चुका है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि यहां के व्यापारी भी अंग्रेजों को ही ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। यह दर्द है 76 वर्षीय भवंरलाल भंडारी का। तेरह वर्ष की उम्र से पिता की पेढ़ी पर व्यवसाय शुरू करने वाले भंडारी साठ वर्ष पहले के घंटाघर की बात को छेड़ते हैं तो उनके जेहन में उस जमाने के चमकते घंटाघर की तस्वीर उभरती है।
उनका कहना था कि उस समय यहां हर वर्ग के परिवार की जरूरतें पूरी होती थी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की, जो आज भी परंपरागत रूप से शादी-ब्याह या त्योहारी खरीद करने घंटाघर आते हैं। कपड़े का व्यवसाय करने वाले भवंरलाल बीती बातें याद कर कहते हैं, बींद-बींदणी के शादी का बेस 250 रुपए तक आ जाता था। बाकी लोगों के लिए कपड़े की गांठ खरीदते थे, जो 25 रुपए में आती थी। इसमें छोटी-बड़ी कम से कम दस ड्रैस होती थी।
अलग-अलग समय में अलग-अलग मंडियां लगती थीं। सवेरे चार बजे सब्जी मंडी लगती। उसके बाद सात बजे दुकानें खुल जाती थी। गांवों से आने वाले लघु व्यापारी यहां से रोजमर्रा की चीजें खरीदते थे। आज महंगी हो चुकी शिक्षा को लेकर व्यथित भंडारी बताते हैं कि कैसे उस जमाने में स्कूली फीस से लेकर ड्रैस तक पांच रुपए में पूरी हो जाती थी। मगर आज बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर हजारों रुपए खर्च होने लगे हैं।
अरबन हाट: दुकानों का पैसा ही वसूल नहीं
जोधपुर. अरबन हाट बनाने के पीछे मंशा यह थी कि शहरवासियों को एक ही जगह शॉपिंग की बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें। पाली रोड पर एक करोड़ रुपए खर्च करके पहले चरण में कई दुकानें बनाईं भी लेकिन सुविधाएं नहीं होने के कारण लोगों ने इस ओर रुख ही नहीं किया।
जिला उद्योग केंद्र ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई मेले भी लगाए और आने-जाने की सुविधा भी की लेकिन इतनी दूर खान-पान की व्यवस्था न कर पाने से ग्राहकों का आकर्षण नहीं रह पाया। यहां की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी रहती हैं। जो कुछ खुलती भी हैं तो व्यापारी बेकार बैठे रहते हैं।
दो करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ अरबन हाट के पहले चरण में एक करोड़ तीन लाख रुपए खर्च हुए। दूसरे चरण में म्यूजियम के साथ फास्ट फूड स्टॉल भी लगानी थीं लेकिन सरकार ने इसके लिए राशि आवंटित नहीं की। अब इनके नहीं बनने से यहां पर स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों के पैर कम ही पड़ते हैं।
बरसों से हो रहा है ग्राहकों का इंतजार
अरबन हाट शिल्पकारों के लिए सुनहरा ख्वाब है लेकिन आमजन के लिए यह फ्लॉप शो साबित हुआ। यहां पर उन्हें न तो हस्तनिर्मित वस्तुएं मिलती हैं और न ही मनोरजंन के साधन। जोधपुर में अरबन हाट बनाने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने जिला उद्योग केंद्र को 9 बीघा से ज्यादा भूमि निशुल्क दी और केन्द्र सरकार ने बजट।
16 अगस्त 2002 को हाट का शिलान्यास किया और 13 फरवरी 2004 को 92 स्टॉल सहित उद्घाटन किया गया। लोगों को आकर्षित करने के लिए यहां पर म्यूजियम और फास्ट फूड सेंटर बनाना था ताकि आमजन यहां आएं और शिल्प वस्तुओं का अवलोकन कर खरीदारी करें। लेकिन लोगों के यहां नहीं आने से यह योजना मूर्त रूप में नहीं ले सकी। जिला उद्योग केंद्र भी दुकान लेने वालों का इंतजार कर रहा है और जिन शिल्पकारों ने यहां दुकानें ली हैं वे खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं।
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम ने एक सप्ताह तक इस अरबन हाट पर नजर रखी। दोपहर, शाम कोई दुकान खुली नहीं दिखी। सरकार ने 200 लाख का अनुमानित बजट तय किया था और अब तक इस पर 103.70 लाख रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। पहले चरण में यहां पर उनके लिए पक्की स्टॉल्स बनाई गईं।
डेयरी बूथ था आकर्षण
स्कीम के तहत यहां दो फूड प्लाजा बनने थे, लेकिन वहां पर किसी ने भी फूड प्लाजा नहीं लगाया। इसलिए डेयरी बूथ ही आकर्षण का केन्द्र था। अगर कोई भूले-भटके यहां आ भी जाता तो उसे इस बूथ से खाने-पीने की वस्तुएं मिल जाती थीं। लेकिन अब डेयरी का बूथ भी यहां नहीं है, क्योंकि घाटे के कारण वह भी अधिक समय तक नहीं चल पाया।
पसरा रहता है सन्नाटा
अरबन हाट बनाने का उद्देश्य था कि प्रदेश और देश के विभिन्न क्षेत्रों की शिल्प एवं हस्तकलाओं को एक ही छत के नीचे लाया जा सके लेकिन यहां स्टॉल्स नहीं खुलने से यह उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। अरबन हाट में बनी 50 दुकानों में से अधिकांश हर वक्त बंद रहती हैं।
पाली रोड पर झालामण्ड चौराहे से पहले बने अरबन हाट में दुकानें नहीं खुलने से खरीदार या पर्यटक न के बराबर आते हैं। ऐसे में कई दुकानों के शटर तो टूट भी गए हैं। जहां पर म्यूजियम बनना था वहां पर झाड़ियां उग आई हैं और जहां दो फूड कॉर्नर बनने थे वहां ईंट तक नहीं लगी।
लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं
अरबन हाट को विकसित होने में थोड़ा समय लग सकता है। एक बार केन्द्र सरकार इसे अपने कैलेण्डर में शामिल कर ले तो यह अपने मकसद में कामयाब हो सकता है। पर, कैलेण्डर में शामिल होने के लिए अरबन हाट को अपने पूरे स्वरूप में आना आवश्यक है। इसमें एक चरण का काम होना बाकी है। इसके अलावा यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के मनोरजंन और खाने-पीने की सुविधा के इंतजाम भी करने होंगे। ताकि न केवल वहां लोगों के पांव पड़े बल्कि रुके भी। फिलहाल वर्ष में कई तरह के मेले लगाकर इसे लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। - एसएल पालीवाल, संयुक्त निदेशक, जिला उद्योग केन्द्र
जिला उद्योग केंद्र ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई मेले भी लगाए और आने-जाने की सुविधा भी की लेकिन इतनी दूर खान-पान की व्यवस्था न कर पाने से ग्राहकों का आकर्षण नहीं रह पाया। यहां की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी रहती हैं। जो कुछ खुलती भी हैं तो व्यापारी बेकार बैठे रहते हैं।
दो करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ अरबन हाट के पहले चरण में एक करोड़ तीन लाख रुपए खर्च हुए। दूसरे चरण में म्यूजियम के साथ फास्ट फूड स्टॉल भी लगानी थीं लेकिन सरकार ने इसके लिए राशि आवंटित नहीं की। अब इनके नहीं बनने से यहां पर स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों के पैर कम ही पड़ते हैं।
बरसों से हो रहा है ग्राहकों का इंतजार
अरबन हाट शिल्पकारों के लिए सुनहरा ख्वाब है लेकिन आमजन के लिए यह फ्लॉप शो साबित हुआ। यहां पर उन्हें न तो हस्तनिर्मित वस्तुएं मिलती हैं और न ही मनोरजंन के साधन। जोधपुर में अरबन हाट बनाने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने जिला उद्योग केंद्र को 9 बीघा से ज्यादा भूमि निशुल्क दी और केन्द्र सरकार ने बजट।
16 अगस्त 2002 को हाट का शिलान्यास किया और 13 फरवरी 2004 को 92 स्टॉल सहित उद्घाटन किया गया। लोगों को आकर्षित करने के लिए यहां पर म्यूजियम और फास्ट फूड सेंटर बनाना था ताकि आमजन यहां आएं और शिल्प वस्तुओं का अवलोकन कर खरीदारी करें। लेकिन लोगों के यहां नहीं आने से यह योजना मूर्त रूप में नहीं ले सकी। जिला उद्योग केंद्र भी दुकान लेने वालों का इंतजार कर रहा है और जिन शिल्पकारों ने यहां दुकानें ली हैं वे खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं।
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम ने एक सप्ताह तक इस अरबन हाट पर नजर रखी। दोपहर, शाम कोई दुकान खुली नहीं दिखी। सरकार ने 200 लाख का अनुमानित बजट तय किया था और अब तक इस पर 103.70 लाख रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। पहले चरण में यहां पर उनके लिए पक्की स्टॉल्स बनाई गईं।
डेयरी बूथ था आकर्षण
स्कीम के तहत यहां दो फूड प्लाजा बनने थे, लेकिन वहां पर किसी ने भी फूड प्लाजा नहीं लगाया। इसलिए डेयरी बूथ ही आकर्षण का केन्द्र था। अगर कोई भूले-भटके यहां आ भी जाता तो उसे इस बूथ से खाने-पीने की वस्तुएं मिल जाती थीं। लेकिन अब डेयरी का बूथ भी यहां नहीं है, क्योंकि घाटे के कारण वह भी अधिक समय तक नहीं चल पाया।
पसरा रहता है सन्नाटा
अरबन हाट बनाने का उद्देश्य था कि प्रदेश और देश के विभिन्न क्षेत्रों की शिल्प एवं हस्तकलाओं को एक ही छत के नीचे लाया जा सके लेकिन यहां स्टॉल्स नहीं खुलने से यह उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। अरबन हाट में बनी 50 दुकानों में से अधिकांश हर वक्त बंद रहती हैं।
पाली रोड पर झालामण्ड चौराहे से पहले बने अरबन हाट में दुकानें नहीं खुलने से खरीदार या पर्यटक न के बराबर आते हैं। ऐसे में कई दुकानों के शटर तो टूट भी गए हैं। जहां पर म्यूजियम बनना था वहां पर झाड़ियां उग आई हैं और जहां दो फूड कॉर्नर बनने थे वहां ईंट तक नहीं लगी।
लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं
अरबन हाट को विकसित होने में थोड़ा समय लग सकता है। एक बार केन्द्र सरकार इसे अपने कैलेण्डर में शामिल कर ले तो यह अपने मकसद में कामयाब हो सकता है। पर, कैलेण्डर में शामिल होने के लिए अरबन हाट को अपने पूरे स्वरूप में आना आवश्यक है। इसमें एक चरण का काम होना बाकी है। इसके अलावा यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के मनोरजंन और खाने-पीने की सुविधा के इंतजाम भी करने होंगे। ताकि न केवल वहां लोगों के पांव पड़े बल्कि रुके भी। फिलहाल वर्ष में कई तरह के मेले लगाकर इसे लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। - एसएल पालीवाल, संयुक्त निदेशक, जिला उद्योग केन्द्र
जोधपुर :स्वाइन फ्लू- दो नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई
जोधपुर. स्वाइन फ्लू के संदेह के चलते मंगलवार को महात्मा गांधी और मथुरादास माथुर अस्पताल से भेजे गए दो महिला रोगियों के स्वाब के नमूनों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने से डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है। बीते दो दिन में तीन रोगियों के स्वाब के नमूने लिए जाने से स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को भेजे गए नमूनों में एक महिला जालोर और दूसरी जोधपुर शहर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड की निवासी है।
जेब पर भारी होगी जांच
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयलोजी विभाग में बुधवार से शुरू हुई वायरालॉजी लेब में जांच के स्वाइन फ्लू के वायरस एएच1एन1 की जांच के लिए मरीज के परिजनों को जेब ढीली करनी पड़ेगी।
शुल्क को लेकर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि जयपुर एसएमएस कॉलेज की तर्ज पर यहां भी जांच के लिए एक हजार से पंद्रह सौ रुपए वसूले जाएंगे, जबकि वर्तमान में डीएमआरसी से निशुल्क जांच होती है। परिजनों को नाममात्र शुल्क दो सौ रुपए अदा करने होता है।
जेब पर भारी होगी जांच
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयलोजी विभाग में बुधवार से शुरू हुई वायरालॉजी लेब में जांच के स्वाइन फ्लू के वायरस एएच1एन1 की जांच के लिए मरीज के परिजनों को जेब ढीली करनी पड़ेगी।
शुल्क को लेकर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि जयपुर एसएमएस कॉलेज की तर्ज पर यहां भी जांच के लिए एक हजार से पंद्रह सौ रुपए वसूले जाएंगे, जबकि वर्तमान में डीएमआरसी से निशुल्क जांच होती है। परिजनों को नाममात्र शुल्क दो सौ रुपए अदा करने होता है।
190 लोग उल्टी-दस्त के शिकार
नागौर. बासनी गांव में पिछले तीन दिनों में अज्ञात कारणों से उल्टी, दस्त और पेट दर्द से पीड़ित 190 लोग अस्पताल में भर्ती हुए है। कलेक्टर डा. समित शर्मा ने स्वास्थ्य एवं जलदाय अधिकारियों को तत्काल मौके पर भेजा और हालात पर नियंत्रण के निर्देश दिए।
फिलहाल विभाग के अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यकायक उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या इतनी कैसे बढ़ गई। मरीजों में अधिकतर महिलाएं हैं। इन मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
सीएमएचओ अखिलेश नारायण माथुर ने बताया कि सोमवार को उल्टी दस्त के 47, मंगलवार को 67 और बुधवार को दोपहर तक 75 मरीज यहां पहुंचे। विगत दो दिनों से कुल 95 मरीजों को यहां भर्ती किया गया है जिसमें 74 महिलाएं तथा 22 पुरूष शामिल है। पीएचईडी की टीम ने क्षेत्र के घरों से पानी के सैंपल लिए।
फिलहाल विभाग के अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यकायक उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या इतनी कैसे बढ़ गई। मरीजों में अधिकतर महिलाएं हैं। इन मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
सीएमएचओ अखिलेश नारायण माथुर ने बताया कि सोमवार को उल्टी दस्त के 47, मंगलवार को 67 और बुधवार को दोपहर तक 75 मरीज यहां पहुंचे। विगत दो दिनों से कुल 95 मरीजों को यहां भर्ती किया गया है जिसमें 74 महिलाएं तथा 22 पुरूष शामिल है। पीएचईडी की टीम ने क्षेत्र के घरों से पानी के सैंपल लिए।
कलेक्टर का आदेश रद्दी की टोकरी में डाला
जोधपुर. बासनी तंबोलिया के लोगों का दुर्भाग्य है कि पेयजल के वर्षो पुराने संकट से मुक्ति पाने की उनकी कोशिश एक बार फिर पीएचईडी के अफसरों की मनमानी के कारण धरी रह गई। इस क्षेत्र के लिए स्वीकृत वाटर टैंक राजनीति की भेंट चढ़ गया। लोग अपने क्षेत्र में वाटर टैंक बनने का इंतजार ही करते रहे और उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगी कि अब यह कहीं और जगह बनेगा।
जब वाटर टैंक के दूसरी जगह बनने की सूचना मिली तो इन्हें ऐसा लगा कि मानो मुंह में आया निवाला छीन लिया गया। अपने मोहल्ले में पानी का टैंक बनवाने के लिए इन्होंने न जाने कितने जतन किए थे। ये लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं। जब पानी की आपूर्ति समय पर नहीं होती तो इन्हें महंगे दामों पर पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। वार्ड 61 व 62 के बासनी तंबोलिया, भील व जाटाबास क्षेत्र के लोगों ने 4 जून को कलेक्टर को एक प्रार्थना-पत्र दिया।
कलेक्टर ने जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, नगर खण्ड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता को पत्र क्रमांक विकास /पेयजल 2010/2813 में कहा कि उक्त क्षेत्र में एक माह से पानी की आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है, अत: प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का निदान करवाएं। इसे एक माह से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक संकट जस का तस है। इस समस्या का निदान न होने पर क्षेत्रवासी दुबारा कलेक्टर कार्यालय गए। वहां से एक बार फिर 4 जून के पत्र का हवाला देते हुए पत्र क्रमांक: विकास /2010/3228 से दुबारा पीएचईडी के अफसरों को आदेश दिया, लेकिन यह आदेश भी रद्दी में डाल दिया गया।
पीएचईडी के अफसरों ने कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेशों की प्रतियों को टेबलों पर रखी फाइलों में दबा दिया और इधर लोगों के कंठ सूखे हुए हैं। अब वे कलेक्टर कार्यालय के आदेशों की कॉपी लिए हुए कभी कलेक्टर कार्यालय तो कभी पीएचईडी के अफसरों के आगे-पीछे घूम रहे हैं। जाटाबास व भील बस्ती में करीब सौ घर हैं। इनमें से कुछ घर ऊंचाई वाले इलाके में स्थित होने के कारण वहां पानी पहुंच नहीं पाता।
जब वाटर टैंक के दूसरी जगह बनने की सूचना मिली तो इन्हें ऐसा लगा कि मानो मुंह में आया निवाला छीन लिया गया। अपने मोहल्ले में पानी का टैंक बनवाने के लिए इन्होंने न जाने कितने जतन किए थे। ये लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं। जब पानी की आपूर्ति समय पर नहीं होती तो इन्हें महंगे दामों पर पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। वार्ड 61 व 62 के बासनी तंबोलिया, भील व जाटाबास क्षेत्र के लोगों ने 4 जून को कलेक्टर को एक प्रार्थना-पत्र दिया।
कलेक्टर ने जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, नगर खण्ड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता को पत्र क्रमांक विकास /पेयजल 2010/2813 में कहा कि उक्त क्षेत्र में एक माह से पानी की आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है, अत: प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का निदान करवाएं। इसे एक माह से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक संकट जस का तस है। इस समस्या का निदान न होने पर क्षेत्रवासी दुबारा कलेक्टर कार्यालय गए। वहां से एक बार फिर 4 जून के पत्र का हवाला देते हुए पत्र क्रमांक: विकास /2010/3228 से दुबारा पीएचईडी के अफसरों को आदेश दिया, लेकिन यह आदेश भी रद्दी में डाल दिया गया।
पीएचईडी के अफसरों ने कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेशों की प्रतियों को टेबलों पर रखी फाइलों में दबा दिया और इधर लोगों के कंठ सूखे हुए हैं। अब वे कलेक्टर कार्यालय के आदेशों की कॉपी लिए हुए कभी कलेक्टर कार्यालय तो कभी पीएचईडी के अफसरों के आगे-पीछे घूम रहे हैं। जाटाबास व भील बस्ती में करीब सौ घर हैं। इनमें से कुछ घर ऊंचाई वाले इलाके में स्थित होने के कारण वहां पानी पहुंच नहीं पाता।
Thursday, July 22, 2010
थाने में पुलिस की धुनाई
जोधपुर. शहरवासियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले पुलिसकर्मियों को बुधवार शाम उस समय खुद की सुरक्षा के ही लाले पड़ गए जब एक व्यक्ति ने थाने में ही उनकी धुनाई कर दी।
पुलिस लाइन रोड स्थित महिला पुलिस थाने में इस व्यक्ति ने एएसआई और कांस्टेबल के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने फिलहाल उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मामले की जांच चल रही है। रातानाडा पुलिस के अनुसार महिला थाने में किसी महिला के साथ आए मगरा पूंजला निवासी आदित्य सिंह पुत्र ब्रह्मसिंह की एएसआई बिरमाराम और कांस्टेबल मजीद खां के साथ किसी बात को लेकर बहस हो गई।
इस दौरान गुस्से में आकर आदित्य सिंह ने उन दोनों की थाने में ही धुनाई करनी शुरू कर दी। बीचबचाव करने आईं थाने की महिला कांस्टेबल ने उन्हें छुड़ाया। रातानाडा थानाधिकारी कृष्णचंद्र ने बताया कि आदित्य सिंह को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति किस काम से महिला के साथ थाने में आया था इसे बारे में अभी पता नहीं चला है।
पुलिस लाइन रोड स्थित महिला पुलिस थाने में इस व्यक्ति ने एएसआई और कांस्टेबल के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने फिलहाल उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मामले की जांच चल रही है। रातानाडा पुलिस के अनुसार महिला थाने में किसी महिला के साथ आए मगरा पूंजला निवासी आदित्य सिंह पुत्र ब्रह्मसिंह की एएसआई बिरमाराम और कांस्टेबल मजीद खां के साथ किसी बात को लेकर बहस हो गई।
इस दौरान गुस्से में आकर आदित्य सिंह ने उन दोनों की थाने में ही धुनाई करनी शुरू कर दी। बीचबचाव करने आईं थाने की महिला कांस्टेबल ने उन्हें छुड़ाया। रातानाडा थानाधिकारी कृष्णचंद्र ने बताया कि आदित्य सिंह को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति किस काम से महिला के साथ थाने में आया था इसे बारे में अभी पता नहीं चला है।
भाई सा’ब बंदूक किकर चलावै..
जोधपुर. ‘अरे भाई सा’ब इण नकली बंदूक ने किकर चलावे, थोड़ो बतावो नीं.. म्हने भी बंदूक चलावणी है..।’ इसके साथ ही कट की आवाज और सीन ओके।
यह नजारा था बुधवार को सूरपुरा महल के बाहर चल रही टीवी सीरियल ‘बालिका वधू’ की शूटिंग का। इस दौरान सीरियल के कुछ छोटे-छोटे शॉट्स फिल्माए गए। शहर के निकट सूरपुरा महल के बाहर बुधवार को चौथे दिन भी ‘बालिका वधू’ की शूटिंग मेले के सेट पर ही हुई।
असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि दोपहर बाद जगदीशिया और आनंदी के बीच मेले में कुछ शॉट्स फिल्माए गए। इसके साथ ही सूरपुरा में शूटिंग का दौर पूरा हो गया। जोधपुर से पैक-अप होने के बाद गुरुवार को आनंदी का रोल कर रही प्रत्याशू बनर्जी और जगदीशिया का किरदार निभा रहे शशांक व्यास मुंबई के लिए रवाना होंगे।
यह नजारा था बुधवार को सूरपुरा महल के बाहर चल रही टीवी सीरियल ‘बालिका वधू’ की शूटिंग का। इस दौरान सीरियल के कुछ छोटे-छोटे शॉट्स फिल्माए गए। शहर के निकट सूरपुरा महल के बाहर बुधवार को चौथे दिन भी ‘बालिका वधू’ की शूटिंग मेले के सेट पर ही हुई।
असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि दोपहर बाद जगदीशिया और आनंदी के बीच मेले में कुछ शॉट्स फिल्माए गए। इसके साथ ही सूरपुरा में शूटिंग का दौर पूरा हो गया। जोधपुर से पैक-अप होने के बाद गुरुवार को आनंदी का रोल कर रही प्रत्याशू बनर्जी और जगदीशिया का किरदार निभा रहे शशांक व्यास मुंबई के लिए रवाना होंगे।
हेमा और ईशा आईं जोधपुर
जोधपुर. ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और ईशा देओल बुधवार को जोधपुर पहुंचीं। ईशा यहां ‘टेल मी ओ खुदा’ फिल्म की शूटिंग में भाग लेंगी।
हेमा मालिनी की होम प्रोडक्शन वाली इस फिल्म में विनोद खन्ना, सुधांशु पांडे, रिचा शर्मा, मधु जैसे कई कलाकार भूमिका निभा रहे हैं। इससे पूर्व इस वर्ष जनवरी में एक सप्ताह तक इस फिल्म की शूटिंग जोधपुर में हो चुकी है। लोकल असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के लिए हेमा मालिनी और ईशा देओल ने शहर के चौपासनी और अन्य क्षेत्रों में लोकेशन देखी।
हेमा मालिनी की होम प्रोडक्शन वाली इस फिल्म में विनोद खन्ना, सुधांशु पांडे, रिचा शर्मा, मधु जैसे कई कलाकार भूमिका निभा रहे हैं। इससे पूर्व इस वर्ष जनवरी में एक सप्ताह तक इस फिल्म की शूटिंग जोधपुर में हो चुकी है। लोकल असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के लिए हेमा मालिनी और ईशा देओल ने शहर के चौपासनी और अन्य क्षेत्रों में लोकेशन देखी।
Wednesday, July 21, 2010
चुनाव लड़ने की आयु सीमा तय
जोधपुर. छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए जेएनवीयू प्रशासन की ओर से गठित कमेटी ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट कुलपति प्रो. नवीन माथुर को सौंप दी है। इसमें 25 अगस्त को प्रस्तावित छात्रसंघ चुनावों के मापदंड तय कर दिए। साथ ही चुनाव लड़ने की आयु सीमा भी तय की गई। विज्ञान संकाय डीन प्रो. जीसी टिक्कीवाल के संयोजन में गठित कमेटी को छात्रसंघ चुनाव के मापदंड व चुनाव प्रक्रिया तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कमेटी ने एक उप कमेटी बनाकर विधि संकाय डीन प्रो. रामनिवास शर्मा को संयोजक बनाया। इस कमेटी ने आयु वर्ग के संबंध में अनुशंसा कर दी। मंगलवार को कमेटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पूरी रिपोर्ट सौंप दी। अब छात्रसंघ चुनाव की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी। जेएनवीयू के विद्यार्थी प्रत्यक्ष मतदान से छात्रसंघ अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव के अलावा संकाय सचिव, संकाय उपाध्यक्ष व संकाय सदस्य तथा कक्षा प्रतिनिधि चुनेंगे।
उपस्थिति की अनिवार्यता
शैक्षणिक सत्र शुरू होने तथा प्रवेश के बाद नामांकन की तिथि तक प्रत्याशी की उपस्थिति 75 फीसदी होना अनिवार्य है। जेएनवीयू में कला, वाणिज्य, विज्ञान व विधि संकाय का शैक्षणिक सत्र 5 जुलाई से तथा एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज का 17 जुलाई से शुरू हुआ। जेएनवीयू में अभी तक सामान्य संकाय की तो अधिकतर कक्षाएं शुरू ही नहीं हुई हैं। इंजीनिरिंग में तो काउंसलिंग से प्रवेश प्रक्रिया ही 26 जुलाई से शुरू होगी। वहीं एमई के प्रवेश अगस्त में होंगे।
आयु के मापदंड में संशोधन
कमेटी ने अनुशंसा की है कि बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए व बीए के वे विद्यार्थी जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उनकी उम्र 17 से 22 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बीई अथवा बीटेक वाले के लिए आयु 17 से 23 वर्ष निर्धारित की है। पीजी, एलएलबी, बीबीए एलएलबी व बीए एलएलबी वाले विद्यार्थियों की आयु 25 वर्ष तक होनी चाहिए। 28 वर्ष तक के रिसर्च स्कॉलर भी चुनाव लड़ सकेंगे। सभी के लिए निर्धारित उम्र 30 जून को इससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
एकेडमिक एरियर नहीं हो
विश्वविद्यालय की ओर से गठित कमेटी ने यह भी अनुशंसा की है कि चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी के नामांकन भरने के दिन कोई भी एकेडमिक एरियर नहीं होना चाहिए। विद्यार्थी के गत परीक्षा में रेग्यूलर कोर्स में पूरक नहीं होनी चाहिए तथा सेमेस्टर परीक्षा में पढ़ने वाले प्रत्याशी के एटीकेटी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उस विद्यार्थी का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए तथा विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कमेटी ने अनुशंसा की है कि संभव हो तथा जिला प्रशासन स्वीकृति दें तो ईवीएम से मतदान करवाए जाएं।
चुनाव कार्यक्रम तय
विश्वविद्यालय को 16 अगस्त तक मतदान सूचियों का प्रकाशन करना होगा। इन सूचियों पर आपत्तियां 17 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक प्राप्त कर 18 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उम्मीदवार 19 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन भर सकेगा तथा 20 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक उम्मीदवारी वापस ले सकेगा। 21 अगस्त को दोपहर 3 बजे उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 25 अगस्त को सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक मतदान होगा। मतगणना व चुनाव परिणाम की घोषणा के अलावा शपथ ग्रहण भी उसी दिन दोपहर दो बजे के बाद होगा।
कमेटी ने एक उप कमेटी बनाकर विधि संकाय डीन प्रो. रामनिवास शर्मा को संयोजक बनाया। इस कमेटी ने आयु वर्ग के संबंध में अनुशंसा कर दी। मंगलवार को कमेटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पूरी रिपोर्ट सौंप दी। अब छात्रसंघ चुनाव की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी। जेएनवीयू के विद्यार्थी प्रत्यक्ष मतदान से छात्रसंघ अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव के अलावा संकाय सचिव, संकाय उपाध्यक्ष व संकाय सदस्य तथा कक्षा प्रतिनिधि चुनेंगे।
उपस्थिति की अनिवार्यता
शैक्षणिक सत्र शुरू होने तथा प्रवेश के बाद नामांकन की तिथि तक प्रत्याशी की उपस्थिति 75 फीसदी होना अनिवार्य है। जेएनवीयू में कला, वाणिज्य, विज्ञान व विधि संकाय का शैक्षणिक सत्र 5 जुलाई से तथा एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज का 17 जुलाई से शुरू हुआ। जेएनवीयू में अभी तक सामान्य संकाय की तो अधिकतर कक्षाएं शुरू ही नहीं हुई हैं। इंजीनिरिंग में तो काउंसलिंग से प्रवेश प्रक्रिया ही 26 जुलाई से शुरू होगी। वहीं एमई के प्रवेश अगस्त में होंगे।
आयु के मापदंड में संशोधन
कमेटी ने अनुशंसा की है कि बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए व बीए के वे विद्यार्थी जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उनकी उम्र 17 से 22 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बीई अथवा बीटेक वाले के लिए आयु 17 से 23 वर्ष निर्धारित की है। पीजी, एलएलबी, बीबीए एलएलबी व बीए एलएलबी वाले विद्यार्थियों की आयु 25 वर्ष तक होनी चाहिए। 28 वर्ष तक के रिसर्च स्कॉलर भी चुनाव लड़ सकेंगे। सभी के लिए निर्धारित उम्र 30 जून को इससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
एकेडमिक एरियर नहीं हो
विश्वविद्यालय की ओर से गठित कमेटी ने यह भी अनुशंसा की है कि चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी के नामांकन भरने के दिन कोई भी एकेडमिक एरियर नहीं होना चाहिए। विद्यार्थी के गत परीक्षा में रेग्यूलर कोर्स में पूरक नहीं होनी चाहिए तथा सेमेस्टर परीक्षा में पढ़ने वाले प्रत्याशी के एटीकेटी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उस विद्यार्थी का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए तथा विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कमेटी ने अनुशंसा की है कि संभव हो तथा जिला प्रशासन स्वीकृति दें तो ईवीएम से मतदान करवाए जाएं।
चुनाव कार्यक्रम तय
विश्वविद्यालय को 16 अगस्त तक मतदान सूचियों का प्रकाशन करना होगा। इन सूचियों पर आपत्तियां 17 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक प्राप्त कर 18 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उम्मीदवार 19 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन भर सकेगा तथा 20 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक उम्मीदवारी वापस ले सकेगा। 21 अगस्त को दोपहर 3 बजे उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 25 अगस्त को सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक मतदान होगा। मतगणना व चुनाव परिणाम की घोषणा के अलावा शपथ ग्रहण भी उसी दिन दोपहर दो बजे के बाद होगा।
छात्राओं के अपहर्ता शिक्षक को सजा
जोधपुर. दो नाबालिग बहनों को बहला फुसलाकर उनका अपहरण करने वाले एक शिक्षक को फास्ट ट्रेक कोर्ट ने तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश रेखा शर्मा ने बीजेएस गजसिंह कॉलोनी निवासी अध्यापक शक्तिसिंह पुत्र भगवतसिंह को अपनी दो छात्राओं को बहला फुसलाकर अपहरण करने का दोषी ठहराया।
कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपी नाबालिग छात्राओं का अध्यापक था। इस नाते उसका दायित्व माता-पिता के समान ही बढ़ जाता है। वह गुरु होते हुए भी अपनी शिष्याओं को उनके माता-पिता की अनुमति बिना अपने साथ ले गया। आरोपी शिक्षक की ओर से तर्क दिया गया कि वह नवयुवक है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसलिए नरमी का रुख अपनाया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उसे तीन साल के कारावास व पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
एक वायु सैनिक की दोनों पुत्रियों, जिनकी उम्र 11 व 14 वर्ष थीं, को आरोपी पढ़ाता था। दोनों लड़कियां 18 जून 09 को रात्रि एक बजे अपने घर से गायब हो गई। बाद में पता चला कि आरोपी उन्हें पढ़ाई व नौकरी के बहाने उड़ीसा ले गया। वहां दो माह तक अपने पास रखा। लड़कियों के पिता ने रातानाडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई ने व परिवादी की ओर से अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी ने पैरवी की।
कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपी नाबालिग छात्राओं का अध्यापक था। इस नाते उसका दायित्व माता-पिता के समान ही बढ़ जाता है। वह गुरु होते हुए भी अपनी शिष्याओं को उनके माता-पिता की अनुमति बिना अपने साथ ले गया। आरोपी शिक्षक की ओर से तर्क दिया गया कि वह नवयुवक है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसलिए नरमी का रुख अपनाया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उसे तीन साल के कारावास व पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
एक वायु सैनिक की दोनों पुत्रियों, जिनकी उम्र 11 व 14 वर्ष थीं, को आरोपी पढ़ाता था। दोनों लड़कियां 18 जून 09 को रात्रि एक बजे अपने घर से गायब हो गई। बाद में पता चला कि आरोपी उन्हें पढ़ाई व नौकरी के बहाने उड़ीसा ले गया। वहां दो माह तक अपने पास रखा। लड़कियों के पिता ने रातानाडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई ने व परिवादी की ओर से अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी ने पैरवी की।
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