जोधपुर. शहर में कई दिनों से तीन युवक नकली किन्नर बनकर बधाइयां मांग रहे थे। असली किन्नरों ने आखिरकार इनमें से नागौर निवासी सलमान को कुड़ी क्षेत्र में पकड़ लिया।
इस युवक को पकड़कर घंटाघर स्थित किन्नरों की हवेली लाया गया तथा उसके कपड़े उतारकर सिर के बाल बेतरतीब तरीके से काट दिए गए। इस दौरान क्षेत्र में तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई थी। किन्नरों ने उसे जूते की माला पहनाकर घंटाघर बाजार में घुमाया। नई सड़क पर छोड़ दिया व चेतावनी दी कि यदि फिर कभी वह जोधपुर में नजर आ गया तो पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
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Saturday, July 31, 2010
बस पलटने से 15 घायल
जोधपुर.बाड़मेर। जोधपुर-बाड़मेर राजमार्ग पर शुक्रवार सुबह करीब 6.30 बजे जयपुर से सांचौर जा रही एक निजी बस कल्याणपुर के पास चारलाई गांव के पास पलट गई। इससे 15 लोग घायल हो गए। घायलों में बाड़मेर के गुडामालानी निवासी शांति पत्नी ओमप्रकाश अग्रवाल का कोहनी के नीचे से हाथ कट गया। जिससे उसको जोधपुर रैफर किया गया है।
वहीं रूपाराम जाट गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसे भी जोधपुर रैफर किया गया। घायलों में जयपुर निवासी एएनएम निर्मला का कल्याणपुर के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुटटी दे दी गई।
वहीं रूपाराम जाट गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसे भी जोधपुर रैफर किया गया। घायलों में जयपुर निवासी एएनएम निर्मला का कल्याणपुर के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुटटी दे दी गई।
33 साल से महीने में एक दिन काम बंद
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने किया आज न्यायिक कार्यों का बहिष्कार
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के एकीकरण की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेटस एसोसिएशन जोधपुर के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं का यह आंदोलन पिछले 33 साल से चला आ रहा है और इसके तहत महीने के अंतिम कार्यदिवस पर अधिवक्ता अदालतों में उपस्थित नहीं होते। एसोसिएशन के महासचिव करणसिंह राजपुरोहित के अनुसार उच्च न्यायालय को अखण्डित रखने के लिए एसोसिएशन का यह आंदोलन सालों से जारी है।
बार व बैंच में विवाद
राजपुरोहित ने बताया कि माह के अंतिम कार्य दिवस पर दैनिक वाद सूची नहीं बनाई जाती, लेकिन गुरुवार को नियमित वाद सूची बनाई गई। इसके विरोध स्वरुप एसोसिएशन के अध्यक्ष मिलापचंद भूत सहित अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मण्डल मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला से मिला। उन्हें अवगत कराया गया कि यह बार का अभिन्न आंतरिक मामला है और इससे न्याय प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती।
इस पर मुख्य न्यायाधीश भल्ला ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया कि भविष्य में डिफेक्ट केस व सरकारी केस की वाद सूची ही प्रकाशित होगी। किसी भी मामले में पक्षकारों के हितों के विरूद्ध कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाएगा। ताकि बार व बैंच में सामजस्य बना रहे। इस आश्वासन के बाद विवाद शांत हो गया।
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के एकीकरण की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेटस एसोसिएशन जोधपुर के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं का यह आंदोलन पिछले 33 साल से चला आ रहा है और इसके तहत महीने के अंतिम कार्यदिवस पर अधिवक्ता अदालतों में उपस्थित नहीं होते। एसोसिएशन के महासचिव करणसिंह राजपुरोहित के अनुसार उच्च न्यायालय को अखण्डित रखने के लिए एसोसिएशन का यह आंदोलन सालों से जारी है।
बार व बैंच में विवाद
राजपुरोहित ने बताया कि माह के अंतिम कार्य दिवस पर दैनिक वाद सूची नहीं बनाई जाती, लेकिन गुरुवार को नियमित वाद सूची बनाई गई। इसके विरोध स्वरुप एसोसिएशन के अध्यक्ष मिलापचंद भूत सहित अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मण्डल मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला से मिला। उन्हें अवगत कराया गया कि यह बार का अभिन्न आंतरिक मामला है और इससे न्याय प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती।
इस पर मुख्य न्यायाधीश भल्ला ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया कि भविष्य में डिफेक्ट केस व सरकारी केस की वाद सूची ही प्रकाशित होगी। किसी भी मामले में पक्षकारों के हितों के विरूद्ध कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाएगा। ताकि बार व बैंच में सामजस्य बना रहे। इस आश्वासन के बाद विवाद शांत हो गया।
पालिका चुनाव : कांग्रेस पर्यवेक्षक कल आएंगे
जोधपुर. बिलाड़ा व पीपाड़ नगरपालिका के अगले माह हो रहे चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस संबंध में कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक शनिवार को आएंगे। इस बीच बिलाड़ा नगरपालिका के पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री हीरालाल इंदौरा द्वारा स्वास्थ्य कारणों से यह जिम्मेदारी लेने से इनकार के बाद उनके स्थान पर पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसी प्रकार पीपाड़ के लिए चुनाव पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी अब गोपाराम मेघवाल के स्थान पर पाली के अल्पसंख्यक नेता अजीज दर्द को सौंपी गई है।
बिलाड़ा नगरपालिका चुनाव के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक गोपाराम मेघवाल, सांसद बद्रीराम जाखड़, उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल व देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई सहित अन्य प्रमुख नेता शनिवार को सुबह 11 बजे कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से मिलेंगे। वहीं पीपाड़ नगर पालिका चुनाव के लिए दोपहर 3 बजे पर्यवेक्षक अजीज दर्द, सांसद बद्रीराम जाखड़, देहात अध्यक्ष भंवर बलाई व उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल सहित प्रमुख नेता कार्यकर्ताओं व स्थानीय नेताओं से मिलेंगे।
पैनल पर होगी हाईकमान से चर्चा
देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई ने बताया कि पर्यवेक्षक व प्रमुख नेता शनिवार को बिलाड़ा व पीपाड़ में नगरपालिका चेयरमैन व पार्षद पद के उम्मीदवारों का चयन करने के संबंध में क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय जानेंगे। इस दौरान जीतने लायक व सर्वसम्मति वाले उम्मीदवारों सहित पूरा पैनल बनाया जाएगा। इस पैनल पर हाईकमान से सलाह मशविरे के बाद उम्मीदवार तय किए जाएंगे।
भाजपा भी तैयारी में जुटी
पीपाड़ व बिलाड़ा में होने वाले नगरपालिका चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने दोनों ही बोर्डो में दुबारा कब्जा जमाने के लिए चुनाव प्रचार में समय देने वाले कार्यकर्ताओं व नेताओं की टीम तैयार की है। उन्हें आवश्यकता व मांग के अनुरूप प्रचार के लिए भेजा जाएगा।
शहर जिलाध्यक्ष नारायण पंचारिया ने बताया कि जिला स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति के बाद शहर जिला इकाई ने भी पीपाड़ व बिलाड़ा में भाजपा का दुबारा परचम फहराने के लिए कमर कस ली है। भाजपा उन नेताओं व कार्यकर्ताओं को ज्यादा तव्वजो देगी जो अपने-अपने समाज में अच्छी पैठ रखते हैं और संगठन के लिए समय भी देते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं को जरूरत के अनुसार चुनाव प्रचार के लिए तीन-चार दिन के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों की तलाश भी शुरू हो गई है।
इस संबंध में कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक शनिवार को आएंगे। इस बीच बिलाड़ा नगरपालिका के पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री हीरालाल इंदौरा द्वारा स्वास्थ्य कारणों से यह जिम्मेदारी लेने से इनकार के बाद उनके स्थान पर पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसी प्रकार पीपाड़ के लिए चुनाव पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी अब गोपाराम मेघवाल के स्थान पर पाली के अल्पसंख्यक नेता अजीज दर्द को सौंपी गई है।
बिलाड़ा नगरपालिका चुनाव के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक गोपाराम मेघवाल, सांसद बद्रीराम जाखड़, उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल व देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई सहित अन्य प्रमुख नेता शनिवार को सुबह 11 बजे कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से मिलेंगे। वहीं पीपाड़ नगर पालिका चुनाव के लिए दोपहर 3 बजे पर्यवेक्षक अजीज दर्द, सांसद बद्रीराम जाखड़, देहात अध्यक्ष भंवर बलाई व उप प्रमुख हीरालाल मुंडेल सहित प्रमुख नेता कार्यकर्ताओं व स्थानीय नेताओं से मिलेंगे।
पैनल पर होगी हाईकमान से चर्चा
देहात कांग्रेस अध्यक्ष भंवर बलाई ने बताया कि पर्यवेक्षक व प्रमुख नेता शनिवार को बिलाड़ा व पीपाड़ में नगरपालिका चेयरमैन व पार्षद पद के उम्मीदवारों का चयन करने के संबंध में क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की राय जानेंगे। इस दौरान जीतने लायक व सर्वसम्मति वाले उम्मीदवारों सहित पूरा पैनल बनाया जाएगा। इस पैनल पर हाईकमान से सलाह मशविरे के बाद उम्मीदवार तय किए जाएंगे।
भाजपा भी तैयारी में जुटी
पीपाड़ व बिलाड़ा में होने वाले नगरपालिका चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने दोनों ही बोर्डो में दुबारा कब्जा जमाने के लिए चुनाव प्रचार में समय देने वाले कार्यकर्ताओं व नेताओं की टीम तैयार की है। उन्हें आवश्यकता व मांग के अनुरूप प्रचार के लिए भेजा जाएगा।
शहर जिलाध्यक्ष नारायण पंचारिया ने बताया कि जिला स्तर पर प्रभारियों की नियुक्ति के बाद शहर जिला इकाई ने भी पीपाड़ व बिलाड़ा में भाजपा का दुबारा परचम फहराने के लिए कमर कस ली है। भाजपा उन नेताओं व कार्यकर्ताओं को ज्यादा तव्वजो देगी जो अपने-अपने समाज में अच्छी पैठ रखते हैं और संगठन के लिए समय भी देते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं को जरूरत के अनुसार चुनाव प्रचार के लिए तीन-चार दिन के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों की तलाश भी शुरू हो गई है।
छात्रनेता हो गए आमने-सामने
जोधपुर. छात्रसंघ चुनाव की घोषणा के साथ छात्र संगठन सक्रिय हो गए हैं। इसी के साथ आपसी तकरार भी शुरू हो गई है। गुरुवार को दो संगठनों के कार्यक्रम के दौरान दो छात्रनेता आमने-सामने हो गए, हालांकि कुछ ही देर में पुलिस ने वहां पहुंच कर मामला शांत करवा दिया।
गुरुवार को विश्वविद्यालय के ओल्ड कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का समस्या समाधान शिविर चल रहा था। वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई का भी सदस्यता अभियान चल रहा था। छात्रों की कुछ समस्याओं को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य वीरेंद्रसिंह सोढा के नेतृत्व में कार्यवाहक डीन प्रो. ललित गुप्ता से मिलने पहुंचे। वहां डीन कक्ष के बाहर एनएसयूआई कार्यकर्ता कुश गहलोत भी खड़ा था।
डीन कक्ष में नहीं थे। उनको दूर से आते हुए देख कुश उनके पास पहुंचा। कुछ देर बाद कुश व प्रो. गुप्ता के बीच कुछ नोकझोंक होने लगी। वहां मौजूद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मामले में हस्तक्षेप किया, तो कुश व सोढा के बीच तकरार हो गई। दूर खड़े एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और आपस में बहस होने लगी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों गुटों को अलग किया तथा मामला शांत हो गया।
गुरुवार को विश्वविद्यालय के ओल्ड कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का समस्या समाधान शिविर चल रहा था। वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई का भी सदस्यता अभियान चल रहा था। छात्रों की कुछ समस्याओं को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य वीरेंद्रसिंह सोढा के नेतृत्व में कार्यवाहक डीन प्रो. ललित गुप्ता से मिलने पहुंचे। वहां डीन कक्ष के बाहर एनएसयूआई कार्यकर्ता कुश गहलोत भी खड़ा था।
डीन कक्ष में नहीं थे। उनको दूर से आते हुए देख कुश उनके पास पहुंचा। कुछ देर बाद कुश व प्रो. गुप्ता के बीच कुछ नोकझोंक होने लगी। वहां मौजूद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मामले में हस्तक्षेप किया, तो कुश व सोढा के बीच तकरार हो गई। दूर खड़े एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और आपस में बहस होने लगी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों गुटों को अलग किया तथा मामला शांत हो गया।
Friday, July 30, 2010
राजेंद्र सोनी मामले की जांच शुरू
जोधपुर. बीकानेर जेल में दम तोड़ने वाले जोधपुर के राजेंद्र सोनी पर पुलिस की कथित ज्यादती और उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच संभागीय आयुक्त सुदर्शन सेठी ने शुरू कर दी है।
सेठी ने सिटी एसपी से सोनी के खिलाफ दर्ज मुकदमों का रिकॉर्ड मांगा है। गृह विभाग ने 19 जुलाई को इस प्रकरण की जांच संभागीय आयुक्त से कराने के आदेश जारी किए थे। उन्होंने बुधवार को सिटी एसपी महेश कुमार को पत्र भेजकर सोनी के खिलाफ दर्ज मामलों को रिकॉर्ड मांगा है। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गोविंदसिंह चारण ने बताया कि सोनी समाज ने पुलिस द्वारा राजेंद्र को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।
इस बारे में गहन पड़ताल करने के लिए सोनी की गिरफ्तारी और उसे जेल में भेजने तक के बारे में सारा ब्यौरा हासिल किया जाएगा। उसके बाद सेठी संबंधित लोगों के बयान दर्ज करेंगे। उल्लेखनीय है कि रातानाडा पुलिस राजेंद्र को गत दो मई को चोरी का माल खरीदने के मामले मंे गिरफ्तार कर बीकानेर ले गई थी। माल बरामदगी के बाद उसे कोर्ट में पेश करने पर जेल भेज दिया गया था और वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
सेठी ने सिटी एसपी से सोनी के खिलाफ दर्ज मुकदमों का रिकॉर्ड मांगा है। गृह विभाग ने 19 जुलाई को इस प्रकरण की जांच संभागीय आयुक्त से कराने के आदेश जारी किए थे। उन्होंने बुधवार को सिटी एसपी महेश कुमार को पत्र भेजकर सोनी के खिलाफ दर्ज मामलों को रिकॉर्ड मांगा है। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गोविंदसिंह चारण ने बताया कि सोनी समाज ने पुलिस द्वारा राजेंद्र को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।
इस बारे में गहन पड़ताल करने के लिए सोनी की गिरफ्तारी और उसे जेल में भेजने तक के बारे में सारा ब्यौरा हासिल किया जाएगा। उसके बाद सेठी संबंधित लोगों के बयान दर्ज करेंगे। उल्लेखनीय है कि रातानाडा पुलिस राजेंद्र को गत दो मई को चोरी का माल खरीदने के मामले मंे गिरफ्तार कर बीकानेर ले गई थी। माल बरामदगी के बाद उसे कोर्ट में पेश करने पर जेल भेज दिया गया था और वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
सहायक कमांडेंट जमानत पर रिहा
जोधपुर. दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी एक्सप्रेस में सफर कर रही महिला का पर्स चुराने के आरोप में पकड़े गए सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा से जीआरपी ने चुराया गया माल बरामद कर लिया है। न्यायालय में पेश करने पर उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
पुलिस उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि एयरफोर्स के जूनियर वारंट ऑफिसर एमके सिंह की पत्नी का पर्स गत 23 जून, 09 को दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी के एसी कोच से चोरी हो गया था। इसमें करीब दो तोला वजनी सोने की चेन, दो हजार रुपए नकद तथा एक मोबाइल था। इस मामले में जीआरपी ने सिल्चर (आसाम) में तैनात सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा को गिरफ्तार किया था। बुधवार को टीम ने उसकी निशानदेही पर यह माल बरामद कर लिया।
पुलिस उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि एयरफोर्स के जूनियर वारंट ऑफिसर एमके सिंह की पत्नी का पर्स गत 23 जून, 09 को दिल्ली-जैसलमेर इंटरसिटी के एसी कोच से चोरी हो गया था। इसमें करीब दो तोला वजनी सोने की चेन, दो हजार रुपए नकद तथा एक मोबाइल था। इस मामले में जीआरपी ने सिल्चर (आसाम) में तैनात सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट डीके झा को गिरफ्तार किया था। बुधवार को टीम ने उसकी निशानदेही पर यह माल बरामद कर लिया।
मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी का मनमर्जी से गठन
जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को रैगिंग से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों की आधी-अधूरी पालना की है। न्यायालय ने सभी मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए थे।
कमेटी में कॉलेज के डॉक्टर्स के साथ-साथ बाहरी सदस्य जिला प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को सदस्य बनाना था। डॉ. एसएन मेडिकल प्रबंधन ने निर्देशों को ताक में रखते हुए केवल कॉलेज के डॉक्टर्स को इसमें शामिल कर कमेटी बना ली। कमेटी की पहली बैठक में बाहरी सदस्यों को शामिल किया गया था, लेकिन जब छात्रों को कमेटी के सदस्यों की सूचना देने की बारी आई तो प्रबंधन ने केवल डॉक्टर्स की सूची इस डर से जारी कर दी कि कहीं किसी छात्र ने रैगिंग की सूचना सीधी पुलिस व मीडिया को दे दी तो प्रबंधन के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।
राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में न्यायालय के निर्देशों की पूरी पालना की है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने तो विभागीय वेबसाइट पर भी कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी सूची मोबाइल नंबर के साथ जारी की है।
बात करूंगा
एंटी रैगिंग कमेटी मैं डील नहीं करता हूं। पुलिस, प्रशासन व अन्य लोगों को शामिल नहीं करने की मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में अतिरिक्त प्राचार्य से बात करूंगा। - डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
क्यों दिए निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल कर बनाई गई कमेटी की सूची कॉलेजों में चस्पा करनी थी। इसमें सदस्यों के नाम के साथ-साथ मोबाइल नंबर प्रदर्शित होने थे। इससे अगर किसी छात्र के साथ अप्रिय वारदात होती है तो किसी भी सदस्य को इसकी सूचना दे सके। खास तौर से पुलिस व मीडिया के लोगों को छात्र से मिली सूचना पर समय रहते कार्रवाई हो सके। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी के सदस्यों की सूची के जारी बैनर में केवल डॉक्टर्स के नाम व फोन नं. चस्पा किए गए हैं।
छात्रों के प्रवेश शुरू
पीएमटी कांउसलिंग के बाद पूरे राज्य में बुधवार से एमबीबीएस के विद्यार्थियों की कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में बुधवार को 61 छात्रों की स्वास्थ्य जांच कर प्रवेश दिया गया। इस दौरान कॉलेज में गठित एंटी रैगिंग स्कावयड पूरे समय तैनात रहा। प्रवेश के बाद प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रैगिंग से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
कमेटी में कॉलेज के डॉक्टर्स के साथ-साथ बाहरी सदस्य जिला प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को सदस्य बनाना था। डॉ. एसएन मेडिकल प्रबंधन ने निर्देशों को ताक में रखते हुए केवल कॉलेज के डॉक्टर्स को इसमें शामिल कर कमेटी बना ली। कमेटी की पहली बैठक में बाहरी सदस्यों को शामिल किया गया था, लेकिन जब छात्रों को कमेटी के सदस्यों की सूचना देने की बारी आई तो प्रबंधन ने केवल डॉक्टर्स की सूची इस डर से जारी कर दी कि कहीं किसी छात्र ने रैगिंग की सूचना सीधी पुलिस व मीडिया को दे दी तो प्रबंधन के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।
राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में न्यायालय के निर्देशों की पूरी पालना की है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने तो विभागीय वेबसाइट पर भी कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी सूची मोबाइल नंबर के साथ जारी की है।
बात करूंगा
एंटी रैगिंग कमेटी मैं डील नहीं करता हूं। पुलिस, प्रशासन व अन्य लोगों को शामिल नहीं करने की मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में अतिरिक्त प्राचार्य से बात करूंगा। - डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
क्यों दिए निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रशासन, पुलिस, मीडिया व गैर सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल कर बनाई गई कमेटी की सूची कॉलेजों में चस्पा करनी थी। इसमें सदस्यों के नाम के साथ-साथ मोबाइल नंबर प्रदर्शित होने थे। इससे अगर किसी छात्र के साथ अप्रिय वारदात होती है तो किसी भी सदस्य को इसकी सूचना दे सके। खास तौर से पुलिस व मीडिया के लोगों को छात्र से मिली सूचना पर समय रहते कार्रवाई हो सके। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कमेटी के सदस्यों की सूची के जारी बैनर में केवल डॉक्टर्स के नाम व फोन नं. चस्पा किए गए हैं।
छात्रों के प्रवेश शुरू
पीएमटी कांउसलिंग के बाद पूरे राज्य में बुधवार से एमबीबीएस के विद्यार्थियों की कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में बुधवार को 61 छात्रों की स्वास्थ्य जांच कर प्रवेश दिया गया। इस दौरान कॉलेज में गठित एंटी रैगिंग स्कावयड पूरे समय तैनात रहा। प्रवेश के बाद प्राचार्य डॉ. आरके आसेरी ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रैगिंग से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कॉलेज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
प्रिंसिपल ने टीचर पर फेंकी जूठी थाली
जोधपुर. इंटरवल में टीचर्स का साथ लंच करना एक सरकारी स्कूल के हैडमास्टर को इतना अखरा कि उसने इंटरवल खत्म होते ही जूठन से भरी थाली लात से महिला टीचर की ओर उछाल दी। इससे महिला टीचर के कपड़े जूठन से भर गए और अचानक हुए इस घटनाक्रम से अन्य टीचर दंग रह गए। देखते ही देखते ग्रामीण इकट्ठे हो गए। हैडमास्टर धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करते हुए वे बच्चों को स्कूल से बाहर ले गए और नारेबाजी की। टीचर्स का कहना था कि अब हैडमास्टर की मनमानियां असहनीय हो रही हैं। मामला नारनाडी के सरकारी सैकंडरी स्कूल का है जहां पहले भी कई बार के प्रिंसिपल पर अभद्र व्यवहार की शिकायतें महिला शिक्षक कर चुकी हैं।
हम पढ़ाने आते हैं, गालियां सुनने नहीं
जोधपुर से 22 किलोमीटर दूर नारनाडी के राजकीय सैकंडरी स्कूल के हैडमास्टर पर महिला टीचर्स के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। बुधवार सुबह एचएम धन्नाराम चौधरी ने टीचर सरस्वती शर्मा पर जूठी थाली उछालते हुए अभद्र भाषा बोली। जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम वहां पहुंची। सुबह करीब 10 बजे छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर चुके थे। टीम पहुंची तब वे भी ग्रामीणों के साथ नारे लगा रहे थे। रोते-रोते सरस्वती शर्मा ने बताया कि इंटरवल में खाना खाने के बाद जब वे थाली रखकर जा रही थीं, चौधरी ने उस जूठी थाली पर लात मारी जिससे उनके कपड़े गंदे हो गए।
अन्य टीचर्स ने इसका विरोध किया तो चौधरी ने उन्हें यहां तक कह दिया कि वे हैडमास्टर हैं और उनकी जैसी मर्जी होगी वैसे ही इस स्कूल को चलाएंगे। इस पर अन्य महिला टीचर्स ने गांव की सरपंच को मामले की जानकारी दी। इतने में कई ग्रामीण स्कूल में जमा हो गए। इसी सत्र में सैकंडरी तक क्रमोन्नत हुए इस स्कूल में फिलहाल 11 का स्टाफ है जिनमें 5 शिक्षिकाएं हैं। इनका आरोप है कि हैडमास्टर अक्सर अभद्र व्यवहार करते हैं जबकि हैडमास्टर का कहना है कि उन्होंने जूठी थाली पर लात मारी थी लेकिन वे सिर्फ शिक्षिकाओं को कक्षाओं में जाकर पढ़ाने के लिए कह रहे थे।
इंटरवल खत्म हो गया था और उन्होंने जो किया वह स्कूल हित में किया। ग्रामीणों ने बताया कि हैडमास्टर स्कूल में मनमानी करते हैं। बच्चों से पिकनिक या अन्य आयोजनों के लिए पैसे मंगवाते हैं लेकिन उसका हिसाब नहीं बताते। हैडमास्टर के रवैये के कारण स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है। टीम की सूचना पर मौके पर पहुंचे लूणी के बीईईओ सोहनराम विश्नोई को गांववालों ने घेर लिया। ये एचएम धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करने लगे। सरस्वती शर्मा ने अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत दी। विश्नोई ने पूरे मामले की सुनवाई की। हालांकि वे कार्रवाई को अधिकृत नहीं हैं लेकिन, फिर भी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देंगे।
मैं हैडमास्टर हूं, जो चाहे करूं
सरकार ने एक शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात से साढ़े बारह बजे तक तय कर रखा है। लेकिन यह स्कूल सुबह 7 बजे ही शुरू हो जाता है। शिक्षकों का कहना है कि पांच मिनट की देरी हो जाए तो हैडमास्टर गालियां देने लगते हैं। एक शिक्षिका ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा कि इनके साथ काम करते हुए वे मेंटल टेंशन में रहती हैं। बुधवार को भी वे बारिश में भीगती-भीगती स्कूल पहुंची। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि हैडमास्टर नवीं में आने वाले बच्चों को एडमिशन भी नहीं दे रहे। स्कूल का माहौल इस कदर खराब है कि कई गांव वाले अपनी बेटियों को तो यहां पढ़ने नहीं भेजते।
हां, मैंने जूठी थाली को लात मारी जिससे कुछ जूठन सरस्वती शर्मा के कपड़ों पर गिर गई होगी। इंटरवल खत्म होने के बाद भी टीचर्स कक्षाओं में नहीं जा रही थीं। मैंने जो कुछ किया वह स्कूल के हित में किया। - धन्नाराम चौधरी, हैडमास्टर, राजकीय सैकंडरी स्कूल, नारनाडी
हैडमास्टर का रवैया इतना खराब है कि हमें अपनी बेटियों को यहां पढ़ने भेजने में संकोच बना रहता है। इन्हें यहां से तत्काल हटाना चाहिए। - देवीसिंह, ग्रामीण
शिक्षिका के ऊपर कोई ऐसे थाली फेंकता है क्या? वह भी बच्चों के सामने। स्कूल है या अखाड़ा? - जोरसिंह, ग्रामीण
मैं खाना खाकर पानी पीने के लिए जा रही थी कि पीछे से आ रहे एचएम धन्नाराम ने मुझे कहा कि यह जूठी थाली उठाने क्या आपके घर से कोई आएगा? ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरी ओर अपने जूते से थाली फेंक दी। मैंने पूछा कि आप अपने घर में ऐसा ही व्यवहार करते हैं तो वे गालियां बोलने लगे। मुझे तो रोना आ गया। - सरस्वती शर्मा, शिक्षिका
यह स्कूल सैकंडरी में क्रमोन्नत हो चुका है इसलिए मैं कार्रवाई नहीं कर सकता। फिर भी पूरे मामले की जानकारी ले ली है। इसकी एक रिपोर्ट डीओ को दूंगा। आगे की कार्रवाई वे ही करेंगे। - सोहनराम विश्नोई, बीईईओ, लूणी
हम पढ़ाने आते हैं, गालियां सुनने नहीं
जोधपुर से 22 किलोमीटर दूर नारनाडी के राजकीय सैकंडरी स्कूल के हैडमास्टर पर महिला टीचर्स के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। बुधवार सुबह एचएम धन्नाराम चौधरी ने टीचर सरस्वती शर्मा पर जूठी थाली उछालते हुए अभद्र भाषा बोली। जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम वहां पहुंची। सुबह करीब 10 बजे छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर चुके थे। टीम पहुंची तब वे भी ग्रामीणों के साथ नारे लगा रहे थे। रोते-रोते सरस्वती शर्मा ने बताया कि इंटरवल में खाना खाने के बाद जब वे थाली रखकर जा रही थीं, चौधरी ने उस जूठी थाली पर लात मारी जिससे उनके कपड़े गंदे हो गए।
अन्य टीचर्स ने इसका विरोध किया तो चौधरी ने उन्हें यहां तक कह दिया कि वे हैडमास्टर हैं और उनकी जैसी मर्जी होगी वैसे ही इस स्कूल को चलाएंगे। इस पर अन्य महिला टीचर्स ने गांव की सरपंच को मामले की जानकारी दी। इतने में कई ग्रामीण स्कूल में जमा हो गए। इसी सत्र में सैकंडरी तक क्रमोन्नत हुए इस स्कूल में फिलहाल 11 का स्टाफ है जिनमें 5 शिक्षिकाएं हैं। इनका आरोप है कि हैडमास्टर अक्सर अभद्र व्यवहार करते हैं जबकि हैडमास्टर का कहना है कि उन्होंने जूठी थाली पर लात मारी थी लेकिन वे सिर्फ शिक्षिकाओं को कक्षाओं में जाकर पढ़ाने के लिए कह रहे थे।
इंटरवल खत्म हो गया था और उन्होंने जो किया वह स्कूल हित में किया। ग्रामीणों ने बताया कि हैडमास्टर स्कूल में मनमानी करते हैं। बच्चों से पिकनिक या अन्य आयोजनों के लिए पैसे मंगवाते हैं लेकिन उसका हिसाब नहीं बताते। हैडमास्टर के रवैये के कारण स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है। टीम की सूचना पर मौके पर पहुंचे लूणी के बीईईओ सोहनराम विश्नोई को गांववालों ने घेर लिया। ये एचएम धन्नाराम चौधरी को हटाने की मांग करने लगे। सरस्वती शर्मा ने अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत दी। विश्नोई ने पूरे मामले की सुनवाई की। हालांकि वे कार्रवाई को अधिकृत नहीं हैं लेकिन, फिर भी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देंगे।
मैं हैडमास्टर हूं, जो चाहे करूं
सरकार ने एक शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों का समय सुबह साढ़े सात से साढ़े बारह बजे तक तय कर रखा है। लेकिन यह स्कूल सुबह 7 बजे ही शुरू हो जाता है। शिक्षकों का कहना है कि पांच मिनट की देरी हो जाए तो हैडमास्टर गालियां देने लगते हैं। एक शिक्षिका ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा कि इनके साथ काम करते हुए वे मेंटल टेंशन में रहती हैं। बुधवार को भी वे बारिश में भीगती-भीगती स्कूल पहुंची। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि हैडमास्टर नवीं में आने वाले बच्चों को एडमिशन भी नहीं दे रहे। स्कूल का माहौल इस कदर खराब है कि कई गांव वाले अपनी बेटियों को तो यहां पढ़ने नहीं भेजते।
हां, मैंने जूठी थाली को लात मारी जिससे कुछ जूठन सरस्वती शर्मा के कपड़ों पर गिर गई होगी। इंटरवल खत्म होने के बाद भी टीचर्स कक्षाओं में नहीं जा रही थीं। मैंने जो कुछ किया वह स्कूल के हित में किया। - धन्नाराम चौधरी, हैडमास्टर, राजकीय सैकंडरी स्कूल, नारनाडी
हैडमास्टर का रवैया इतना खराब है कि हमें अपनी बेटियों को यहां पढ़ने भेजने में संकोच बना रहता है। इन्हें यहां से तत्काल हटाना चाहिए। - देवीसिंह, ग्रामीण
शिक्षिका के ऊपर कोई ऐसे थाली फेंकता है क्या? वह भी बच्चों के सामने। स्कूल है या अखाड़ा? - जोरसिंह, ग्रामीण
मैं खाना खाकर पानी पीने के लिए जा रही थी कि पीछे से आ रहे एचएम धन्नाराम ने मुझे कहा कि यह जूठी थाली उठाने क्या आपके घर से कोई आएगा? ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरी ओर अपने जूते से थाली फेंक दी। मैंने पूछा कि आप अपने घर में ऐसा ही व्यवहार करते हैं तो वे गालियां बोलने लगे। मुझे तो रोना आ गया। - सरस्वती शर्मा, शिक्षिका
यह स्कूल सैकंडरी में क्रमोन्नत हो चुका है इसलिए मैं कार्रवाई नहीं कर सकता। फिर भी पूरे मामले की जानकारी ले ली है। इसकी एक रिपोर्ट डीओ को दूंगा। आगे की कार्रवाई वे ही करेंगे। - सोहनराम विश्नोई, बीईईओ, लूणी
डेढ़ करोड से 16 लाख पर सिमटी घोटाले की राशि
जोधपुर. महात्मा गांधी अस्पताल में जोधपुर होलसेल उपभोक्ता भंडार के दवा काउंटर पर हुए बहुचर्चित गड़बड़झाले की तहकीकात तो 1.40 करोड़ रुपए की दवाइयों के बिलों की जांच से शुरू हुई, लेकिन जांच खत्म होते-होते वसूली की राशि सोलह लाख रुपए रह गई।
पिछले तीन वर्षो में दो फार्मासिस्टों द्वारा बिलों में हेराफेरी करने के मामले की जांच तीन माह में पूरी कर उपरिजस्ट्रार अनिल मेहता ने संयुक्त रजिस्ट्रार को यह रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महात्मा गांधी अस्पताल के काउंटर संख्या तीन पर कार्यरत फार्मासिस्ट नरेंद्र कुमार व मांगीलाल ने अलग-अलग कार्यकाल में दवाइयों की खरीद बिलों की राशि बदल कर भंडार को लाखों के मुनाफे से वंचित कर चपत लगाई है।
दोनों फार्मासिस्टों ने 92 लाख से अधिक की राशि के बिलों में बदलाव किया था। इस हिसाब से भंडार को करीब 15.80 लाख से अधिक की चपत लगी। मामले के खुलासे की शुरूआत में फार्मासिस्टों पर बिलों की पूरी राशि हड़पने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन जांच के बाद यह राशि करीब दस फीसदी रह गई।
सुपरवाइजर भी चपेट में : जांच अधिकारी मेहता ने इस मामले में फार्मासिस्टों के अलावा मेडिकल सुपरवाइजर सुमरेसिंह चंपावत, प्रवीण सबलोक व अमिताभ शर्मा को अपने कार्यकाल के दौरान दोषी फार्मासिस्टों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन नहीं करने, कंप्यूटर में उपलब्ध विवरण का विश्लेषण नहीं करने का दोषी पाया है। इनके विरुद्ध कठोर अनुशानात्मक कार्रवाई करने की अनुशंषा की गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संयुक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) ने सभी को छह अगस्त को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
पिछले तीन वर्षो में दो फार्मासिस्टों द्वारा बिलों में हेराफेरी करने के मामले की जांच तीन माह में पूरी कर उपरिजस्ट्रार अनिल मेहता ने संयुक्त रजिस्ट्रार को यह रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महात्मा गांधी अस्पताल के काउंटर संख्या तीन पर कार्यरत फार्मासिस्ट नरेंद्र कुमार व मांगीलाल ने अलग-अलग कार्यकाल में दवाइयों की खरीद बिलों की राशि बदल कर भंडार को लाखों के मुनाफे से वंचित कर चपत लगाई है।
दोनों फार्मासिस्टों ने 92 लाख से अधिक की राशि के बिलों में बदलाव किया था। इस हिसाब से भंडार को करीब 15.80 लाख से अधिक की चपत लगी। मामले के खुलासे की शुरूआत में फार्मासिस्टों पर बिलों की पूरी राशि हड़पने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन जांच के बाद यह राशि करीब दस फीसदी रह गई।
सुपरवाइजर भी चपेट में : जांच अधिकारी मेहता ने इस मामले में फार्मासिस्टों के अलावा मेडिकल सुपरवाइजर सुमरेसिंह चंपावत, प्रवीण सबलोक व अमिताभ शर्मा को अपने कार्यकाल के दौरान दोषी फार्मासिस्टों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन नहीं करने, कंप्यूटर में उपलब्ध विवरण का विश्लेषण नहीं करने का दोषी पाया है। इनके विरुद्ध कठोर अनुशानात्मक कार्रवाई करने की अनुशंषा की गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संयुक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) ने सभी को छह अगस्त को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
सीआईडी ने तस्वीरों में ढूंढ़े मुल्जिम
जोधपुर. बाड़मेर के गुड़ामालानी कस्बे में पुलिसकर्मियों से मारपीट, पुलिस जीप जलाने और रास्ता रोकने के आरोपियों को राज्य पुलिस की अपराध शाखा सीआईडी (सीबी) से राहत तो नहीं मिली, अलबत्ता मुल्जिमों की संख्या जरूर 8 से बढ़कर 29 हो गई।
सीआईडी का दावा है कि घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी देखकर मुल्जिमों की पहचान की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीआईडी की जोधपुर ब्रांच ने प्रकरण की फाइल-पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेज दी है। इन आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
अवैध पशु परिवहन की आशंका में पकड़े गए 17 बछड़ों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ दिया था। इससे नाराज लोगों ने गुड़ामालानी कस्बे को बंद करवाकर रास्ता रोक दिया था। इसमें पुलिस की जीप भी जला दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश में 8 जनों को आरोपी माना, लेकिन आरोपियों ने इसे गैरकानूनी बताया और कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
राहत की उम्मीद में आरोपियों ने निष्पक्ष जांच की मांग रखी। इसके बाद मामला सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंपा गया था। अनुसंधान अधिकारी एएसपी प्रतापसिंह ने तफ्तीश में 29 जनों को आरोपी माना। इसमें उन्होंने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की मदद ली।
बछड़े छोड़ने से उपजा था विवाद : बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी पुलिस ने गत साल 10 फरवरी को ट्रक से 17 बछड़ों को पकड़ा था। कोर्ट के आदेश के बाद बछड़े छोड़ने पड़ गए। लोगों का आरोप था इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी मोडसिंह की भूमिका सही नहीं रही। इसी से नाराज लोगों ने गो सेवा संघर्ष समिति की अगुवाई में 21 फरवरी को गुड़ामालानी में आंदोलन छेड़ दिया था।
बाजार बंद करवाकर मेगा हाईवे जाम कर दिया था। इस बीच कुछ अतिउत्साही लोगों ने पुलिस की जीप को जला दिया और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर डाली। हालांकि, थाना प्रभारी को हटाने के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन पुलिस ने लोगों के खिलाफ जीप जलाने, रास्ता रोकने व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया। मामला बाद में सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंप दिया था।
गिरफ्तारी का जिम्मा पुलिस का
गुड़ामालानी थाने की जीप जलाने, रास्ता रोकने एवं मारपीट के मामले में हमने 29 जनों को मुल्जिम माना है। सीआईडी मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रकरण की पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेजी है। आरोपियों की गिरफ्तारी व चार्जशीट का जिम्मा अब जिला पुलिस का है। - प्रतापसिंह, एएसपी, सीआईडी (सीबी), जोधपुर ब्रांच।
सीआईडी का दावा है कि घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी देखकर मुल्जिमों की पहचान की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीआईडी की जोधपुर ब्रांच ने प्रकरण की फाइल-पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेज दी है। इन आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
अवैध पशु परिवहन की आशंका में पकड़े गए 17 बछड़ों को पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद छोड़ दिया था। इससे नाराज लोगों ने गुड़ामालानी कस्बे को बंद करवाकर रास्ता रोक दिया था। इसमें पुलिस की जीप भी जला दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश में 8 जनों को आरोपी माना, लेकिन आरोपियों ने इसे गैरकानूनी बताया और कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
राहत की उम्मीद में आरोपियों ने निष्पक्ष जांच की मांग रखी। इसके बाद मामला सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंपा गया था। अनुसंधान अधिकारी एएसपी प्रतापसिंह ने तफ्तीश में 29 जनों को आरोपी माना। इसमें उन्होंने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की मदद ली।
बछड़े छोड़ने से उपजा था विवाद : बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी पुलिस ने गत साल 10 फरवरी को ट्रक से 17 बछड़ों को पकड़ा था। कोर्ट के आदेश के बाद बछड़े छोड़ने पड़ गए। लोगों का आरोप था इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी मोडसिंह की भूमिका सही नहीं रही। इसी से नाराज लोगों ने गो सेवा संघर्ष समिति की अगुवाई में 21 फरवरी को गुड़ामालानी में आंदोलन छेड़ दिया था।
बाजार बंद करवाकर मेगा हाईवे जाम कर दिया था। इस बीच कुछ अतिउत्साही लोगों ने पुलिस की जीप को जला दिया और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर डाली। हालांकि, थाना प्रभारी को हटाने के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन पुलिस ने लोगों के खिलाफ जीप जलाने, रास्ता रोकने व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया। मामला बाद में सीआईडी की जोधपुर ब्रांच को सौंप दिया था।
गिरफ्तारी का जिम्मा पुलिस का
गुड़ामालानी थाने की जीप जलाने, रास्ता रोकने एवं मारपीट के मामले में हमने 29 जनों को मुल्जिम माना है। सीआईडी मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रकरण की पत्रावली बाड़मेर पुलिस को भेजी है। आरोपियों की गिरफ्तारी व चार्जशीट का जिम्मा अब जिला पुलिस का है। - प्रतापसिंह, एएसपी, सीआईडी (सीबी), जोधपुर ब्रांच।
तीन युवतियों सहित 8 जने पीटा एक्ट में गिरफ्तार
जोधपुर. जीआरपी ने शहर में देह व्यापार करने के इरादे से लाई गई तीन युवतियों, दो दलालों के साथ तीन स्थानीय दलालों को पीटा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया।
उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि मुंबई से आने वाली सूर्यनगरी एक्सप्रेस में दो शख्स पश्चिम बंगाल की लड़कियों को देह व्यापार के लिए जोधपुर लेकर आने वाले है। इस पर जीआरपी थानाधिकारी अनिल पुरोहित की टीम ने युवतियों व दलालों को घेरने की योजना बनाई। सूर्यनगरी एक्सप्रेस से तीन युवतियों के साथ दो युवक उतरे, इनको लेने के लिए तीन दलाल भी स्टेशन पहुंचे।
पुलिस की टीमों ने सभी को दबोच लिया। इनमें पश्चिम बंगाल की पायल उर्फ ज्योत्सना और उसके पति विप्लव सरकार, पिंकी पुत्री युसुफ दास, रितू पुत्री मलिक शेख व मुंबई का दलाल जीवन ठाकर को गिरफ्तार किया। इन्हें स्टेशन लेने पहुंचे दलाल आनंदसिंह कलाल व जोराराम के अलावा आसोप निवासी नरेन्द्र को भी गिरफ्तार किया। थानाधिकारी अनिल पुरोहित के अनुसार आनंदसिंह की कार भी पुलिस ने जब्त कर ली।
उप अधीक्षक (जीआरपी) सत्यमणि तिवाड़ी ने बताया कि शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि मुंबई से आने वाली सूर्यनगरी एक्सप्रेस में दो शख्स पश्चिम बंगाल की लड़कियों को देह व्यापार के लिए जोधपुर लेकर आने वाले है। इस पर जीआरपी थानाधिकारी अनिल पुरोहित की टीम ने युवतियों व दलालों को घेरने की योजना बनाई। सूर्यनगरी एक्सप्रेस से तीन युवतियों के साथ दो युवक उतरे, इनको लेने के लिए तीन दलाल भी स्टेशन पहुंचे।
पुलिस की टीमों ने सभी को दबोच लिया। इनमें पश्चिम बंगाल की पायल उर्फ ज्योत्सना और उसके पति विप्लव सरकार, पिंकी पुत्री युसुफ दास, रितू पुत्री मलिक शेख व मुंबई का दलाल जीवन ठाकर को गिरफ्तार किया। इन्हें स्टेशन लेने पहुंचे दलाल आनंदसिंह कलाल व जोराराम के अलावा आसोप निवासी नरेन्द्र को भी गिरफ्तार किया। थानाधिकारी अनिल पुरोहित के अनुसार आनंदसिंह की कार भी पुलिस ने जब्त कर ली।
Tuesday, July 27, 2010
स्वाइन फ्लू: दो रोगियों की रिपोर्ट नेगेटिव आई
जोधपुर. स्वाइन फ्लू के संदेह में सोमवार को मथुरादास माथुर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी प्रयोगशाला भेजे गए संदिग्ध रोगियों के स्वाब के नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इनमें एक महिला रोगी धनकी देवी का नमूना दो दिन पहले लिया गया था, जबकि 65 वर्षीय बिशनाराम का नमूना सोमवार को लिया गया।
बिशनाराम अभी वेंटिलेटर पर है। गौरतलब है कि धनकी देवी की रिश्तेदार भटिंडा गांव निवासी संतोष की यहां उपचार के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि उसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी, लेकिन डर के मारे उसके परिवार के चार सदस्य यहां एमडीएम अस्पताल में भर्ती हो गए। जांच के बाद इन सभी के ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी से ग्रसित होने की आशंका जताई जा रही है।
फिजीशियन डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि ये रोगी सांस की परेशानी के साथ-साथ शरीर में सूजन से पीड़ित हैं। यह संभवतया खाद्य पदार्थो के सेवन से जुड़ा मसला है। इसके चलते इनके घर में उपयोग लिए जा रहे खाद्य तेल की जांच करवाने के लिए सीएमएचओ कार्यालय को सूचना दी है।
क्या है ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी
ऐपेडमिक ड्रॉप्सी खाद्य तेल में मिलावट होने से होती है। इस बीमारी में मरीज को सांस की तकलीफ होती है। खाद्य तेल में आर्जिमॉन (सत्यानाशी) के तेल की मिलावट होने पर यह परेशानी होती है। सामान्यतया यह तेल सरसों के तेल में मिलाया जाता है और इस परिवार के सरसों का तेल काम में लेने की जानकारी मिली है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि खाद्य निरीक्षक को भटिंडा गांव भेज कर पीड़ित परिवार के घर से खाद्य तेल का नमूना लिया गया है।
बिशनाराम अभी वेंटिलेटर पर है। गौरतलब है कि धनकी देवी की रिश्तेदार भटिंडा गांव निवासी संतोष की यहां उपचार के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि उसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी, लेकिन डर के मारे उसके परिवार के चार सदस्य यहां एमडीएम अस्पताल में भर्ती हो गए। जांच के बाद इन सभी के ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी से ग्रसित होने की आशंका जताई जा रही है।
फिजीशियन डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि ये रोगी सांस की परेशानी के साथ-साथ शरीर में सूजन से पीड़ित हैं। यह संभवतया खाद्य पदार्थो के सेवन से जुड़ा मसला है। इसके चलते इनके घर में उपयोग लिए जा रहे खाद्य तेल की जांच करवाने के लिए सीएमएचओ कार्यालय को सूचना दी है।
क्या है ऐपेडेमिक ड्रॉप्सी
ऐपेडमिक ड्रॉप्सी खाद्य तेल में मिलावट होने से होती है। इस बीमारी में मरीज को सांस की तकलीफ होती है। खाद्य तेल में आर्जिमॉन (सत्यानाशी) के तेल की मिलावट होने पर यह परेशानी होती है। सामान्यतया यह तेल सरसों के तेल में मिलाया जाता है और इस परिवार के सरसों का तेल काम में लेने की जानकारी मिली है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि खाद्य निरीक्षक को भटिंडा गांव भेज कर पीड़ित परिवार के घर से खाद्य तेल का नमूना लिया गया है।
बांधों में बढ़ी पानी की आवक
जोधपुर. मारवाड़ में मानसून की बारिश से संभाग के विभिन्न जिलों में बांधों में पानी की आवक शुरू हो गई है। पाली जिले के 16 बांधों में जल स्तर बढ़ने लगा है, वहीं जोधपुर जिले के पांच में से तीन बांधों में पानी आया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार संभाग के सबसे बड़े जवाई बांध में सोमवार शाम तक जल स्तर 10.5 फीट हो गया।
बड़े बांधों में हेमावास व स्वरूप सागर जैसे बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में अभी अपेक्षानुरूप बारिश नहीं होने से इन बांधों में पानी की पर्याप्त आवक नहीं हुई है। जालोर जिले के बांधों में बीठन बांध में 14 फीट आ चुका है। वहीं इस जिले में बांकली, बांडी में तीन से साढ़े तीन फीट तक पानी आया है। जोधपुर जिले के जसंवतसागर बांध में सोमवार शाम तक 8.80 फीट पानी आ गया।
सूरपुरा में 4.60 तथा बिराई बांध में 6 फीट का गेज लिया गया है। संभाग के पाली जिले में 16 बांधों में जल स्तर बढ़ा है। जोधपुर जिले में 3, जालोर में 5, बाड़मेर में 1 तथा नागौर जिले के 4 बांधों में पानी आने लगा है। बाड़मेर के मेली बांध में 7.30 फीट पानी आ चुका है।
बड़े बांधों में हेमावास व स्वरूप सागर जैसे बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में अभी अपेक्षानुरूप बारिश नहीं होने से इन बांधों में पानी की पर्याप्त आवक नहीं हुई है। जालोर जिले के बांधों में बीठन बांध में 14 फीट आ चुका है। वहीं इस जिले में बांकली, बांडी में तीन से साढ़े तीन फीट तक पानी आया है। जोधपुर जिले के जसंवतसागर बांध में सोमवार शाम तक 8.80 फीट पानी आ गया।
सूरपुरा में 4.60 तथा बिराई बांध में 6 फीट का गेज लिया गया है। संभाग के पाली जिले में 16 बांधों में जल स्तर बढ़ा है। जोधपुर जिले में 3, जालोर में 5, बाड़मेर में 1 तथा नागौर जिले के 4 बांधों में पानी आने लगा है। बाड़मेर के मेली बांध में 7.30 फीट पानी आ चुका है।
पत्नी-पुत्र के हत्यारे को उम्रकैद
जोधपुर. दहेज नहीं मिलने पर अपनी पत्नी व एक वर्षीय बेटे की हत्या के आरोपी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश रेखा शर्मा ने ओसियां थाना क्षेत्र में खारी खुर्द निवासी किशन पुत्र हीराराम को अपनी पत्नी कमला व एक वर्षीय पुत्र की हत्या का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद व दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्त ने अपनी पत्नी को दहेज के लिए परेशान किया तथा उसके साथ मारपीट करता रहा। अंत में उसने क्रूरता की सारी हदों को पार कर दिया और अपनी पत्नी और एक साल के पुत्र को मारकर शव नाडी में फेंक दिया।
अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई व परिवादी आरोपी के ससुर के वकील धर्मेद्र सुराणा ने आरोपी को कड़ी सजा देने का आग्रह किया। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को दहेज हत्या के लिए उम्रकैद व दहेज प्रताड़ना के लिए तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
मां की छाती से बंधा मिला था बच्चा
ओसियां थाना क्षेत्र में मेलाणा निवासी रामपाल ने 25 अगस्त 07 को रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी पुत्री का विवाह 31 मई 2001 को किशन के साथ हुआ था। शादी के बाद से किशन उसकी पुत्री को दहेज के लिए परेशान करता रहा।
विवाह के सात साल के भीतर ही 21 अगस्त 08 को आरोपी ने उसकी पुत्री व दोहिते की हत्या कर दी और पीहर वालों के पहुंचने से पहले ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुनवाई के दौरान एक गवाह मोटाराम ने बताया कि मृतका व उसके पुत्र का शव नाडी में मिला था। बच्चे का शव उसकी मां की छाती से ओढ़नी से बंधा हुआ था।
दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार
ग्रामीण पुलिस ने 11 माह से फरार आरोपी को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया। उप अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल ने बताया कि गत 27 नवंबर, 09 को मथानिया निवासी एक महिला मजदूर ने फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ ज्यादती करने का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने आरोपी शिकारगढ़ की शिव कॉलोनी निवासी रामनिवास पुत्र सुखराम को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्त ने अपनी पत्नी को दहेज के लिए परेशान किया तथा उसके साथ मारपीट करता रहा। अंत में उसने क्रूरता की सारी हदों को पार कर दिया और अपनी पत्नी और एक साल के पुत्र को मारकर शव नाडी में फेंक दिया।
अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई व परिवादी आरोपी के ससुर के वकील धर्मेद्र सुराणा ने आरोपी को कड़ी सजा देने का आग्रह किया। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को दहेज हत्या के लिए उम्रकैद व दहेज प्रताड़ना के लिए तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
मां की छाती से बंधा मिला था बच्चा
ओसियां थाना क्षेत्र में मेलाणा निवासी रामपाल ने 25 अगस्त 07 को रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी पुत्री का विवाह 31 मई 2001 को किशन के साथ हुआ था। शादी के बाद से किशन उसकी पुत्री को दहेज के लिए परेशान करता रहा।
विवाह के सात साल के भीतर ही 21 अगस्त 08 को आरोपी ने उसकी पुत्री व दोहिते की हत्या कर दी और पीहर वालों के पहुंचने से पहले ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुनवाई के दौरान एक गवाह मोटाराम ने बताया कि मृतका व उसके पुत्र का शव नाडी में मिला था। बच्चे का शव उसकी मां की छाती से ओढ़नी से बंधा हुआ था।
दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार
ग्रामीण पुलिस ने 11 माह से फरार आरोपी को सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया। उप अधीक्षक रामेश्वर मेघवाल ने बताया कि गत 27 नवंबर, 09 को मथानिया निवासी एक महिला मजदूर ने फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ ज्यादती करने का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने आरोपी शिकारगढ़ की शिव कॉलोनी निवासी रामनिवास पुत्र सुखराम को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
छह मौतों से सदमे में रही सूर्यनगरी
जोधपुर. दो हादसों में शनिवार को मारे गए शहर के तीन युवाओं, दो मासूम बच्चों के साथ उनकी मां का अंतिम संस्कार रविवार को गमगीन माहौल में किया गया। इनकी शव यात्रा में बड़ी संख्या में शहर के लोग शामिल हुए। इन हादसों से शहरवासी सदमे में रहे।
गुरु पूर्णिमा को हुए इन हादसों ने शहर को झकझोर कर रख दिया, वहीं श्रावण के पहले सोमवार की सुबह इनकी अंत्येष्टि में शामिल लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। हर किसी की आंखें नम हो गई। रातानाडा पंचवटी कॉलोनी निवासी बैंक कर्मचारी नेता एवं अग्रवाल समाज की प्रमुख हस्ती एलएन जालानी के पुत्र अमित पत्नी ज्योति, बेटी अविना तथा बेटे हर्षिल को लेकर शनिवार को जयपुर जा रहे थे।
डांगियावास के निकट सामने से आई एक जीप की टक्कर से ज्योति, अविना व हर्षिल की मौत हो गई। सोमवार को सिवांची गेट स्थित अग्रवाल स्वर्गाश्रम में इनकी अंत्येष्टि की गई। ओसियां के निकटवर्ती गांव भीकमकोर निवासी शंकरलाल राठी का बेटा पप्पू अपने ममेरे भाई केरू हाल महामंदिर निवासी ताराचंद माहेश्वरी तथा महावीर पुत्र ओमप्रकाश राठी के साथ चित्तौड़गढ़ के पछमता गांव में लड़की देखने गया था।
वहां रविवार को मातृकुंडिया में घाट पर तीनों नहाने कुंड में उतरे और गहरे पानी में डूब गए। सोमवार को इन तीनों का भी अंतिम संस्कार किया गया। इधर जालानी परिवार की गाड़ी को टक्कर मारने वाली गाड़ी के चालक कापरड़ा निवासी भंवरसिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गुरु पूर्णिमा को हुए इन हादसों ने शहर को झकझोर कर रख दिया, वहीं श्रावण के पहले सोमवार की सुबह इनकी अंत्येष्टि में शामिल लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। हर किसी की आंखें नम हो गई। रातानाडा पंचवटी कॉलोनी निवासी बैंक कर्मचारी नेता एवं अग्रवाल समाज की प्रमुख हस्ती एलएन जालानी के पुत्र अमित पत्नी ज्योति, बेटी अविना तथा बेटे हर्षिल को लेकर शनिवार को जयपुर जा रहे थे।
डांगियावास के निकट सामने से आई एक जीप की टक्कर से ज्योति, अविना व हर्षिल की मौत हो गई। सोमवार को सिवांची गेट स्थित अग्रवाल स्वर्गाश्रम में इनकी अंत्येष्टि की गई। ओसियां के निकटवर्ती गांव भीकमकोर निवासी शंकरलाल राठी का बेटा पप्पू अपने ममेरे भाई केरू हाल महामंदिर निवासी ताराचंद माहेश्वरी तथा महावीर पुत्र ओमप्रकाश राठी के साथ चित्तौड़गढ़ के पछमता गांव में लड़की देखने गया था।
वहां रविवार को मातृकुंडिया में घाट पर तीनों नहाने कुंड में उतरे और गहरे पानी में डूब गए। सोमवार को इन तीनों का भी अंतिम संस्कार किया गया। इधर जालानी परिवार की गाड़ी को टक्कर मारने वाली गाड़ी के चालक कापरड़ा निवासी भंवरसिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मूर्ति तस्कर घीया की जमानत खारिज
जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने मूर्ति तस्कर वामन नारायण घीया को जमानत पर छोड़ने से इनकार कर दिया। न्यायाधीश ने यह आदेश अभियुक्त की ओर से न्यायालय में दायर प्रार्थना पत्र की सुनवाई में जारी किए।
अभियुक्त की ओर से उसके अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर तर्क दिया कि वर्ष 1997 में उसके विरुद्ध दायर मुकदमे में लंबे समय से सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए अभियुक्त को जमानत का लाभ दिया जाए। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अनिल जोशी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त पर देश की दुर्लभ व दार्शनिक मूर्तियों की तस्करी का गंभीर आरोप है।
अभियुक्त की ओर से उसके अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर तर्क दिया कि वर्ष 1997 में उसके विरुद्ध दायर मुकदमे में लंबे समय से सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए अभियुक्त को जमानत का लाभ दिया जाए। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अनिल जोशी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त पर देश की दुर्लभ व दार्शनिक मूर्तियों की तस्करी का गंभीर आरोप है।
गंगलाव के 90 मकानों की नींव पानी में
जोधपुर. जिला प्रशासन व नगर निगम अतिवृष्टि जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के भले ही लाख दावे करें, लेकिन हालात इसके उलट है। पारंपरिक जलस्रोत गंगलाव तालाब के दायरे में आबाद 5 सौ से ज्यादा लोग खतरे की जद में हैं। इस तालाब में बने अधिकांश मकान जर्जर हो चुके हैं।
फिर भी इनमें लोग रह रहे हैं। भास्कर ने मूसलाधार बारिश के बाद सोमवार को गंगलाव तालाब की हकीकत जानी तो ऐसे ही हालात दिखे। करीब 9क् मकानों की नींव पानी में डूबी रहने से कमजोर हो चुकी है। कुछ मकानों में सीलन पहली मंजिल तक पहुंच गई है। प्रशासन और यहां रहने वालों ने समय रहते कोई सही फैसला नहीं किया तो ये घर किसी दिन तालाब में डूब सकते हैं।
तालाब में बने जर्जर मकानों के बारे में सख्त कदम नहीं उठाया गया तो ये मकान हादसों की वजह बन सकते हैं। दो साल पहले गंगलाव तालाब में बने जर्जर मकान ध्वस्त होने से मलबे में तीन लोग जिंदा दफन हो गए थे। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन फिर इन पर समय की धूल छा गई। हाईकोर्ट के आदेश की पालना में नगर निगम ने दो साल पहले तालाब के किनारे बने आधा दर्जन निर्माण पर बुलडोजर चलाया था, लेकिन लोग अब भी बेखौफ निर्माण कर रहे हैं।
रोक के बावजूद बना दिए पट्टे
राज्य सरकार की घोषणा के बाद 8-9 लोगों ने निगम कार्मिकों की मिलीभगत से गुपचुप पट्टे जारी करवा लिए, लेकिन 70-80 कब्जों के नियमन का अटका हुआ है। ये अवैध मकान तालाब की दलदली जमीन पर बने हैं, जो एक मूसलाधार बारिश में मलबा बन सकते हैं। निगम ने चार वर्ष पूर्व सर्वे कर कुछ अवैध निर्माण तोड़े थे, मगर बाद में चुप्पी साध ली थी। निगम प्रशासन ने सिंचाई विभाग से इसका मूल पट्टा निकलवाने की कोशिश की, लेकिन यह काम भी अंजाम तक नहीं पहुंचा।
चुपचाप निर्माण करवा लेते हैं लोग
प्रशासन शहरों के अभियान में कुछ लोगों ने गुपचुप नियमन करवा लिया था, लेकिन बाकी का नियमन रोक दिया गया। अवैध निर्माण रोकने के लिए कई बार अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौके पर भेजा जाता है, लेकिन लोग गुपचुप निर्माण पूरा कर लेते हैं। कैचमेंट इलाके में बनाए कुछ निर्माण हटाए भी गए, लेकिन ऐसे निर्माण हटाने पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का अंदेशा भी रहता है। - ताराचंद गोसाई, सूरसागर आयुक्त
फिर भी इनमें लोग रह रहे हैं। भास्कर ने मूसलाधार बारिश के बाद सोमवार को गंगलाव तालाब की हकीकत जानी तो ऐसे ही हालात दिखे। करीब 9क् मकानों की नींव पानी में डूबी रहने से कमजोर हो चुकी है। कुछ मकानों में सीलन पहली मंजिल तक पहुंच गई है। प्रशासन और यहां रहने वालों ने समय रहते कोई सही फैसला नहीं किया तो ये घर किसी दिन तालाब में डूब सकते हैं।
तालाब में बने जर्जर मकानों के बारे में सख्त कदम नहीं उठाया गया तो ये मकान हादसों की वजह बन सकते हैं। दो साल पहले गंगलाव तालाब में बने जर्जर मकान ध्वस्त होने से मलबे में तीन लोग जिंदा दफन हो गए थे। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन फिर इन पर समय की धूल छा गई। हाईकोर्ट के आदेश की पालना में नगर निगम ने दो साल पहले तालाब के किनारे बने आधा दर्जन निर्माण पर बुलडोजर चलाया था, लेकिन लोग अब भी बेखौफ निर्माण कर रहे हैं।
रोक के बावजूद बना दिए पट्टे
राज्य सरकार की घोषणा के बाद 8-9 लोगों ने निगम कार्मिकों की मिलीभगत से गुपचुप पट्टे जारी करवा लिए, लेकिन 70-80 कब्जों के नियमन का अटका हुआ है। ये अवैध मकान तालाब की दलदली जमीन पर बने हैं, जो एक मूसलाधार बारिश में मलबा बन सकते हैं। निगम ने चार वर्ष पूर्व सर्वे कर कुछ अवैध निर्माण तोड़े थे, मगर बाद में चुप्पी साध ली थी। निगम प्रशासन ने सिंचाई विभाग से इसका मूल पट्टा निकलवाने की कोशिश की, लेकिन यह काम भी अंजाम तक नहीं पहुंचा।
चुपचाप निर्माण करवा लेते हैं लोग
प्रशासन शहरों के अभियान में कुछ लोगों ने गुपचुप नियमन करवा लिया था, लेकिन बाकी का नियमन रोक दिया गया। अवैध निर्माण रोकने के लिए कई बार अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौके पर भेजा जाता है, लेकिन लोग गुपचुप निर्माण पूरा कर लेते हैं। कैचमेंट इलाके में बनाए कुछ निर्माण हटाए भी गए, लेकिन ऐसे निर्माण हटाने पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का अंदेशा भी रहता है। - ताराचंद गोसाई, सूरसागर आयुक्त
भारत-पाक सीमा पर बाढ़ की आशंका
घग्घर नदी का पानी बार्डर पर पहुंचा
जोधपुर। भारी बरसात होने और पंजाब से पानी की आवक जारी रहने पर अनूपगढ़ स्थित पाकिस्तान से सटी सीमा पर बाढ़ आने की आशंका बन आई है। बीएसएफ ने सतर्कता बरतते हुए जवानों को अलर्ट कर दिया है।
बीएसएफ राजस्थान सीमांत के डीआईजी आर सी ध्यानी ने बताया कि अनूपगढ़ इलाके में चार सीमा चौकियां ढलान पर हैं, जिसके कारण घग्घर नदी का पानी तेजी से बार्डर की तरफ बढ़ रहा है। वहां जिप्सम के भंडार होने की वजह से पानी एकत्रित हो गया है। सर्तकता बरतते हुए जोधपुर मुख्यायल से नाव और बाढ़ बचाव टीम को अनूपगढ़ भेज दिया गया है। साथ ही जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है और इस तरह व्यवस्था की जा रही है बाढ़ आने की स्थिति में सीमा की चौकसी प्रभावित नहीं हो। गौरतलब है कि चार साल पहले बाड़मेर में बाढ़ की वजह से सीमा चौकियों और तारबंदी को भारी नुकसान पहुंचा था।
जोधपुर। भारी बरसात होने और पंजाब से पानी की आवक जारी रहने पर अनूपगढ़ स्थित पाकिस्तान से सटी सीमा पर बाढ़ आने की आशंका बन आई है। बीएसएफ ने सतर्कता बरतते हुए जवानों को अलर्ट कर दिया है।
बीएसएफ राजस्थान सीमांत के डीआईजी आर सी ध्यानी ने बताया कि अनूपगढ़ इलाके में चार सीमा चौकियां ढलान पर हैं, जिसके कारण घग्घर नदी का पानी तेजी से बार्डर की तरफ बढ़ रहा है। वहां जिप्सम के भंडार होने की वजह से पानी एकत्रित हो गया है। सर्तकता बरतते हुए जोधपुर मुख्यायल से नाव और बाढ़ बचाव टीम को अनूपगढ़ भेज दिया गया है। साथ ही जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है और इस तरह व्यवस्था की जा रही है बाढ़ आने की स्थिति में सीमा की चौकसी प्रभावित नहीं हो। गौरतलब है कि चार साल पहले बाड़मेर में बाढ़ की वजह से सीमा चौकियों और तारबंदी को भारी नुकसान पहुंचा था।
Monday, July 26, 2010
सूर्यनगरी पर मेहरबान रहा मानसून
जोधपुर. मारवाड़ में रविवार को लगातार तीसरे दिन भी मानसून मेहरबान रहा। जोधपुर में दिनभर चली फुहारों के बाद शाम को करीब पौन घंटे तक अलग-अलग स्थानों पर बारिश हुई। शाम साढ़े आठ बजे तक करीब 14 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
शाम करीब साढ़े पांच बजे काली घटाएं आकाश पर छा गई और बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगीं। थोड़ी ही देर में मूसलाधार बारिश होने लगी। यह क्रम करीब सात बजे तक चला। शहर में अनेक स्थानों पर पानी भर गया। शनिवार को जोरदार बारिश से कई बस्तियों में भरा पानी रविवार को भी पूरी तरह नहीं निकाला जा सका। बाड़मेर में भी शनिवार को हुई बारिश के बाद जिन गांवों में पानी भरा था, वहां रविवार को हालात सामान्य हो गए। इधर, भारी बारिश की चेतावनी के चलते अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।
सूर्यनगरी में रविवार को तीसरे दिन भी ‘मेहबाबा’ मेहरबान रहे। बारिश से मौसम सुहाना हो गया। शहर में रात 8.30 बजे तक करीब 14 मिमी बारिश दर्ज की गई। शाम को करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर बारिश हुई। बारिश से पांच नाले उफान पर रहे, जबकि आठ बस्तियों में पानी भर गया। खतरनाक पुलिया पर पानी भर गया,इससे यातायात बाधित हुआ।
उधर, बारिश की वजह से पर्यटन स्थलों पर सुबह से शाम तक रौनक रही। शाम तक शहर के प्रमुख पिकनिक स्थल कायलाना झील, मंडोर उद्यान, उम्मेद उद्यान, नेहरू पार्क, अशोक उद्यान, भूतनाथ में लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। कदमकंडी और अरना-झरना में भी पिकनिक मनाने वालों की भीड़ थी। कायलाना झील पर लोगों ने बोटिंग का मजा उठाया।
सुबह लोग अपने परिवार व मित्रों को लेकर मंडोर व गुरों का तालाब पहुंचे, लेकिन लोगों ने पहले ही अपना डेरा जमा रखा था। कुछ लोगों ने मंडोर की छतरियों व आसपास के इलाके में ही ‘गोठ’ का आनंद उठाया। कुछ लोग तो कायलाना, मंडोर व भोगिशैल की पहाड़ियों में ही पत्थर के अस्थाई चूल्हे बनाकर खाना पकाया।
चेहरे खिले, जमाने की उम्मीद जागी
मानसून की अच्छी वर्षा से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। किसान बीज खरीद कर बुवाई में जुट गए हैं। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि इस बार अच्छे जमाने की पूरी उम्मीद बनी है। जिले में मानसून की लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही चारा-पानी की उपलब्धता होने की खुशी किसानों के चेहरों पर स्पष्ट दिखाई दे रही है। जिन किसानों ने अब तक किसी कारण बुवाई नहीं की थी, वे भी रविवार को बीज-खाद की दुकानों पर खरीदारी करते दिखाई दिए।
किसानों ने बताया कि दो-दिन से हो रही लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही पशुधन के लिए चारा तथा पीने के पानी की व्यवस्था हो गई है। सरकारी बीज की दुकान नेशनल सीड्स कारपोरेशन के संभागीय व्यवस्थापक राजेंद्रसिंह के अनुसार किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन बीज से 60 से 80 दिन में दलहनी फसल तैयार होगी। किसानों को अनुदानित दर पर मोठ का आरएमओ-40, मूंग का 851 किस्म का बीज, ग्वार का आरजीसी-1002 तथा तिल्ली का जी-1 बीज कारपोरेशन व सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
शाम करीब साढ़े पांच बजे काली घटाएं आकाश पर छा गई और बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगीं। थोड़ी ही देर में मूसलाधार बारिश होने लगी। यह क्रम करीब सात बजे तक चला। शहर में अनेक स्थानों पर पानी भर गया। शनिवार को जोरदार बारिश से कई बस्तियों में भरा पानी रविवार को भी पूरी तरह नहीं निकाला जा सका। बाड़मेर में भी शनिवार को हुई बारिश के बाद जिन गांवों में पानी भरा था, वहां रविवार को हालात सामान्य हो गए। इधर, भारी बारिश की चेतावनी के चलते अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।
सूर्यनगरी में रविवार को तीसरे दिन भी ‘मेहबाबा’ मेहरबान रहे। बारिश से मौसम सुहाना हो गया। शहर में रात 8.30 बजे तक करीब 14 मिमी बारिश दर्ज की गई। शाम को करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर बारिश हुई। बारिश से पांच नाले उफान पर रहे, जबकि आठ बस्तियों में पानी भर गया। खतरनाक पुलिया पर पानी भर गया,इससे यातायात बाधित हुआ।
उधर, बारिश की वजह से पर्यटन स्थलों पर सुबह से शाम तक रौनक रही। शाम तक शहर के प्रमुख पिकनिक स्थल कायलाना झील, मंडोर उद्यान, उम्मेद उद्यान, नेहरू पार्क, अशोक उद्यान, भूतनाथ में लोगों की खासी भीड़ उमड़ी। कदमकंडी और अरना-झरना में भी पिकनिक मनाने वालों की भीड़ थी। कायलाना झील पर लोगों ने बोटिंग का मजा उठाया।
सुबह लोग अपने परिवार व मित्रों को लेकर मंडोर व गुरों का तालाब पहुंचे, लेकिन लोगों ने पहले ही अपना डेरा जमा रखा था। कुछ लोगों ने मंडोर की छतरियों व आसपास के इलाके में ही ‘गोठ’ का आनंद उठाया। कुछ लोग तो कायलाना, मंडोर व भोगिशैल की पहाड़ियों में ही पत्थर के अस्थाई चूल्हे बनाकर खाना पकाया।
चेहरे खिले, जमाने की उम्मीद जागी
मानसून की अच्छी वर्षा से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। किसान बीज खरीद कर बुवाई में जुट गए हैं। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि इस बार अच्छे जमाने की पूरी उम्मीद बनी है। जिले में मानसून की लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही चारा-पानी की उपलब्धता होने की खुशी किसानों के चेहरों पर स्पष्ट दिखाई दे रही है। जिन किसानों ने अब तक किसी कारण बुवाई नहीं की थी, वे भी रविवार को बीज-खाद की दुकानों पर खरीदारी करते दिखाई दिए।
किसानों ने बताया कि दो-दिन से हो रही लगातार वर्षा से दलहन की खेती के साथ ही पशुधन के लिए चारा तथा पीने के पानी की व्यवस्था हो गई है। सरकारी बीज की दुकान नेशनल सीड्स कारपोरेशन के संभागीय व्यवस्थापक राजेंद्रसिंह के अनुसार किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन बीज से 60 से 80 दिन में दलहनी फसल तैयार होगी। किसानों को अनुदानित दर पर मोठ का आरएमओ-40, मूंग का 851 किस्म का बीज, ग्वार का आरजीसी-1002 तथा तिल्ली का जी-1 बीज कारपोरेशन व सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
लापरवाही बरती तो कर दूंगा सस्पेंड : पी रमेश
जोधपुर. बाढ़ नियंत्रण कक्ष के गठन की तैयारियों को लेकर रविवार को हुई बैठक में नगर निगम सीईओ पी रमेश ने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने सफाई प्रभारियों समेत सभी कर्मचारियों को बारिश के दौरान मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
किसी कार्मिक ने लापरवाही बरती तो सस्पेंड कर दूंगा। सीईओ ने बिना सूचना गैरहाजिर रहे सरदारपुरा आयुक्त प्रेमाराम परमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एक मुख्य सफाई निरीक्षक को भी सस्पेंड करने की चेतावनी दी। निगम मुख्यालय के कांफ्रेस कक्ष में हुई बैठक में सीईओ के अलावा सिटी मजिस्ट्रेट स्नेहलता पंवार, एएसपी (यातायात) प्रदीप मोहन शर्मा, गोताखोर दाउलाल मालवीय, आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा, सूरसागर आयुक्त ताराचंद गोसाई समेत मुख्य सफाई निरीक्षक मौजूद थे।
सीईओ ने कहा कि बारिश के दौरान कहीं रास्ते प्रभावित होने का अंदेशा हो तो तुरंत इसकी सूचना देंवे और निस्तारण करवाए। शहर की सीवरेज व ड्रेनेज व्यवस्था सुचारू करने के लिए एईएन सुखराम चौधरी को इस काम में आने वाले सभी संसाधनों का प्रभारी बनाया गया। राजस्व अधिकारी भगवानसिंह को बाढ़ नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी का दायित्व सौपा है।
नालों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं
सीईओ ने नालों पर अतिक्रमण के कारण लोगों को हो रही परेशानी को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि निगम ऐसे अतिक्रमण बिना नोटिस तोड़ देगा। कहीं बारिश का पानी जमा होता है तो ऐसे निर्माण भी हटाए जाएंगे।
ट्रैफिक डाइवर्ट करेंगे
बारिश के दौरान खतरनाक पुलिया पर पानी जमा होने की समस्या के समाधान को लेकर सीईओ ने कहा कि उस दौरान पुलिया से होकर गुजरने वाला ट्रैफिक अन्य मार्ग पर डाइवर्ट किया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया कि निगम बारिश के दौरान एफएम रेडियो पर सूचना प्रसारित कर लोगों को भराव वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी देगा ताकि लोग ऐसे इलाकों में जाने से बचें।
किसी कार्मिक ने लापरवाही बरती तो सस्पेंड कर दूंगा। सीईओ ने बिना सूचना गैरहाजिर रहे सरदारपुरा आयुक्त प्रेमाराम परमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। एक मुख्य सफाई निरीक्षक को भी सस्पेंड करने की चेतावनी दी। निगम मुख्यालय के कांफ्रेस कक्ष में हुई बैठक में सीईओ के अलावा सिटी मजिस्ट्रेट स्नेहलता पंवार, एएसपी (यातायात) प्रदीप मोहन शर्मा, गोताखोर दाउलाल मालवीय, आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा, सूरसागर आयुक्त ताराचंद गोसाई समेत मुख्य सफाई निरीक्षक मौजूद थे।
सीईओ ने कहा कि बारिश के दौरान कहीं रास्ते प्रभावित होने का अंदेशा हो तो तुरंत इसकी सूचना देंवे और निस्तारण करवाए। शहर की सीवरेज व ड्रेनेज व्यवस्था सुचारू करने के लिए एईएन सुखराम चौधरी को इस काम में आने वाले सभी संसाधनों का प्रभारी बनाया गया। राजस्व अधिकारी भगवानसिंह को बाढ़ नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी का दायित्व सौपा है।
नालों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं
सीईओ ने नालों पर अतिक्रमण के कारण लोगों को हो रही परेशानी को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि निगम ऐसे अतिक्रमण बिना नोटिस तोड़ देगा। कहीं बारिश का पानी जमा होता है तो ऐसे निर्माण भी हटाए जाएंगे।
ट्रैफिक डाइवर्ट करेंगे
बारिश के दौरान खतरनाक पुलिया पर पानी जमा होने की समस्या के समाधान को लेकर सीईओ ने कहा कि उस दौरान पुलिया से होकर गुजरने वाला ट्रैफिक अन्य मार्ग पर डाइवर्ट किया जाएगा। बैठक में फैसला लिया गया कि निगम बारिश के दौरान एफएम रेडियो पर सूचना प्रसारित कर लोगों को भराव वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी देगा ताकि लोग ऐसे इलाकों में जाने से बचें।
जल चेतना आंदोलन शुरू करें : जस्टिस सिंघवी
जोधपुर. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश गणपतसिंह सिंघवी ने कहा कि रोटरी क्लब को जल चेतना आंदोलन शुरू करना चाहिए। पानी की जरूरत कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। ऐसा न हो कि पानी के लिए तीसरा विश्व युद्ध हो। हर घर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना चाहिए।
जस्टिस सिंघवी रविवार को रोटरी क्लब में शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परोपकार की भावना से काम करना चाहिए। अहंकार रहित दान ही फलीभूत होता है। दान की सार्थकता तभी है जब पब्लिसिटी न की जाए। सत्य, अहिंसा व अपरिग्रह ही शांति का मूल है। चरित्र, गुण व कार्यशैली को इतना ऊंचा बनाएं कि संपूर्ण संसार आपका अनुसरण करे। पर्यावरण के प्रति चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इसके संरक्षण की जरूरत है क्योंकि प्रकृति कभी किसी को माफ नहीं करती। प्रकृति का शोषण करने की बजाय उसे मित्र समझें।
इन्होंने ली शपथ
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद भाटिया ने छगनराज सुराणा को अध्यक्ष, सुरेंद्र बाफना को उपाध्यक्ष, मनोज मेहता को सचिव, घनश्याम अग्रवाल को सह सचिव, निरखचंद मेहता को कोषाध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। अनुराग मेहता, त्रिभुवनराज भंडारी, अशोक मेहता, सौरभ राठी, सुबोध मिन्नी, प्रो. सुशील भंडारी, सुशील कालानी को कार्यकारिणी सदस्य व निर्मल सिंघवी को सार्जेट एट आर्म की शपथ दिलाई गई। आरंभ में पूर्व अध्यक्ष प्रो. सुशील भंडारी ने अतिथियों का स्वागत किया। पूर्व सचिव अजीतराज मेहता ने गत वर्ष की गतिविधियां प्रस्तुत की।
गोल्ड मेडल दिए
समारोह में जस्टिस गणपतसिंह सिंघवी ने ई एंड टी टॉपर चारू गर्ग को डॉ. रेखा मेमोरियल, एमबीबीएस टॉपर दैन्य कुमार को पुरुषोत्तम हिसारिया, एमए हिंदी टॉपर पूजा जैन को डॉ. मोहनलाल जिज्ञासु गोल्ड मेडल प्रदान किए। रोटरी स्कूल को 11 हजार रुपए का चेक, सेवाधाम स्कूल को एक बच्चे की पढ़ाई के लिए विजय चौपड़ा की स्मृति में 8500 रुपए का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर सहायक प्रांतपाल राहुल सिंघवी, दिनेश मेहता आदि मौजूद थे।
जस्टिस सिंघवी रविवार को रोटरी क्लब में शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परोपकार की भावना से काम करना चाहिए। अहंकार रहित दान ही फलीभूत होता है। दान की सार्थकता तभी है जब पब्लिसिटी न की जाए। सत्य, अहिंसा व अपरिग्रह ही शांति का मूल है। चरित्र, गुण व कार्यशैली को इतना ऊंचा बनाएं कि संपूर्ण संसार आपका अनुसरण करे। पर्यावरण के प्रति चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इसके संरक्षण की जरूरत है क्योंकि प्रकृति कभी किसी को माफ नहीं करती। प्रकृति का शोषण करने की बजाय उसे मित्र समझें।
इन्होंने ली शपथ
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद भाटिया ने छगनराज सुराणा को अध्यक्ष, सुरेंद्र बाफना को उपाध्यक्ष, मनोज मेहता को सचिव, घनश्याम अग्रवाल को सह सचिव, निरखचंद मेहता को कोषाध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। अनुराग मेहता, त्रिभुवनराज भंडारी, अशोक मेहता, सौरभ राठी, सुबोध मिन्नी, प्रो. सुशील भंडारी, सुशील कालानी को कार्यकारिणी सदस्य व निर्मल सिंघवी को सार्जेट एट आर्म की शपथ दिलाई गई। आरंभ में पूर्व अध्यक्ष प्रो. सुशील भंडारी ने अतिथियों का स्वागत किया। पूर्व सचिव अजीतराज मेहता ने गत वर्ष की गतिविधियां प्रस्तुत की।
गोल्ड मेडल दिए
समारोह में जस्टिस गणपतसिंह सिंघवी ने ई एंड टी टॉपर चारू गर्ग को डॉ. रेखा मेमोरियल, एमबीबीएस टॉपर दैन्य कुमार को पुरुषोत्तम हिसारिया, एमए हिंदी टॉपर पूजा जैन को डॉ. मोहनलाल जिज्ञासु गोल्ड मेडल प्रदान किए। रोटरी स्कूल को 11 हजार रुपए का चेक, सेवाधाम स्कूल को एक बच्चे की पढ़ाई के लिए विजय चौपड़ा की स्मृति में 8500 रुपए का चेक प्रदान किया गया। इस अवसर पर सहायक प्रांतपाल राहुल सिंघवी, दिनेश मेहता आदि मौजूद थे।
फुटपाथ से हटेंगे अतिक्रमण
जोधपुर. नगर निगम ने शहर की मुख्य सड़कों व फुटपाथ पर सामान सजाने वाले दुकानदारों को अंतिम हिदायत देते हुए फुटपाथ खाली रखने को कहा है। निगम का दस्ता सोमवार को ऐसे दुकानदारों से सामान हटाने का आग्रह करेगा और हिदायत के बावजूद सामान नहीं हटाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सामान जब्त करेगा। राजस्व व अतिक्रमण आयुक्त दलवीरसिंह ने बताया कि सोमवार से निगम यातायात में बाधक बने फुटपाथी अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू करेगा। इस दौरान सड़क सीमा में किया गया पक्का निर्माण भी हटाया जाएगा।
दुकानों की नीलामी आज
निगम सोमवार को आनंद सिनेमा के सामने नाले की दुकानों की नीलामी करेगा। दो दिन पहले नीलामी में किसी के हिस्सा नहीं लेने के बाद इसको अगली तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस नाले पर कुल 15 दुकानों के भूखंडों की नीलामी प्रस्तावित है। निगम ने सोमवार को पांच दुकानों के भूखंडों की नीलामी फिर से रखी है।
दुकानों की नीलामी आज
निगम सोमवार को आनंद सिनेमा के सामने नाले की दुकानों की नीलामी करेगा। दो दिन पहले नीलामी में किसी के हिस्सा नहीं लेने के बाद इसको अगली तिथि तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस नाले पर कुल 15 दुकानों के भूखंडों की नीलामी प्रस्तावित है। निगम ने सोमवार को पांच दुकानों के भूखंडों की नीलामी फिर से रखी है।
जोधपुर में 41.6 मिमी पानी बरसा
जोधपुर. लंबे इंतजार के बाद पिछले दो दिनों से इंद्रदेव मारवाड़ पर मेहरबान हैं। शनिवार शाम शुरू हुई बारिश का दौर रविवार सुबह 10 बजे तक जारी रहा। बारिश होने से लोग मौसम का आनंद उठाने पिकनिक स्पॉट की तरफ निकल पड़े हैं। मौसम विभाग के अनुसार सुबह 8.30 बजे तक जोधपुर में 41.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
बीती रात रुक-रुक कर बारिश आने का सिलसिला रविवार सुबह तक जारी रहा। सुबह 10 बजे तेज बारिश होने के बाद लोग छुट्टी के दिन मौसम का आनंद उठाने के लिए मंडोर, उम्मेद उद्यान, अशोक उद्यान, कायलाना, नेहरु पार्क आदि पिकनिक स्थलों की तरफ निकल पड़े हैं।
बीती रात रुक-रुक कर बारिश आने का सिलसिला रविवार सुबह तक जारी रहा। सुबह 10 बजे तेज बारिश होने के बाद लोग छुट्टी के दिन मौसम का आनंद उठाने के लिए मंडोर, उम्मेद उद्यान, अशोक उद्यान, कायलाना, नेहरु पार्क आदि पिकनिक स्थलों की तरफ निकल पड़े हैं।
महिला कांस्टेबल ने जहर खाया
जोधपुर. राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले रही एक युवती ने शुक्रवार रात विषाक्त पदार्थ खाकर खुदकशी का प्रयास किया। गंभीर हालत में उसे एमजीएच अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां आईसीयू में उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
आरपीटीसी कमांडेंट सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर में इन दिनों हाडी रानी बटालियन की 480 महिला प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रही हैं। इनमें से अलवर निवासी आत्माराम की अविवाहित पुत्री मुकेश कुमारी (19) ने शुक्रवार रात करीब साढ़े बारह बजे उल्टियां होने की शिकायत की। अन्य प्रशिक्षणार्थियों ने वार्डन को इसकी सूचना दी और उसे तत्काल एमजीएच भेजा। उसे आईसीयू में भर्ती किया।
आरपीटीसी अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को भी इसकी सूचना दी। अभी तक उसके बयान नहीं हो पाए हैं। इस बीच अधिकारियों की सूचना पर युवती के परिजन भी जोधपुर पहुंच गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संभवत: विषाक्त पदार्थ खाने की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई। उसके मोबाइल पर एक युवक का फोन भी आया था। पुलिस ने इस प्रकरण को प्रेम-प्रसंग की परिणति होने की संभावना जताई है।
आरपीटीसी कमांडेंट सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर में इन दिनों हाडी रानी बटालियन की 480 महिला प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रही हैं। इनमें से अलवर निवासी आत्माराम की अविवाहित पुत्री मुकेश कुमारी (19) ने शुक्रवार रात करीब साढ़े बारह बजे उल्टियां होने की शिकायत की। अन्य प्रशिक्षणार्थियों ने वार्डन को इसकी सूचना दी और उसे तत्काल एमजीएच भेजा। उसे आईसीयू में भर्ती किया।
आरपीटीसी अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को भी इसकी सूचना दी। अभी तक उसके बयान नहीं हो पाए हैं। इस बीच अधिकारियों की सूचना पर युवती के परिजन भी जोधपुर पहुंच गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संभवत: विषाक्त पदार्थ खाने की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई। उसके मोबाइल पर एक युवक का फोन भी आया था। पुलिस ने इस प्रकरण को प्रेम-प्रसंग की परिणति होने की संभावना जताई है।
Sunday, July 25, 2010
एक बारिश से ही बेहाल हुआ शहर, दो दर्जन इलाकों में भरा पानी
जोधपुर. खूब इंतजार करवाने के बाद शनिवार को फिर इंद्रदेव ने सूर्यनगरी को पानी से सराबोर कर दिया। करीब दो घंटे तक एक सी गति से बादलों ने 31.5 मिलीमीटर पानी बरसाया। इसके बाद भी बारिश का दौर रिमझिम करके देर रात तक चलता रहा।
लगातार दूसरे दिन भी बादलों ने जो राहत बरसाई उससे शहर में कई तरह की परेशानियां भी खड़ी हो गई। प्रशासन की ओर से बारिश पूर्व की गई आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खुल गई। मूसलाधार बारिश के दौरान करीब दो दर्जन इलाकों में पानी भर गया। देर रात तक पानी नहीं उतरा। कुछ स्थानों पर पानी में फंसे वाहन निकालने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ गई। बारिश के कारण कई इलाकों में दीवारें ढह गई। सांगरिया के समीप स्थित सारणों की ढाणी में 11 केवी की लाइन टूट गई, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ।
आधा दर्जन स्थानों पर बिजली के पोल भरभरा कर गिर गए। शोभावतों की ढाणी इलाके में जमीन में गड्ढा हो गया जिससे लोग भयभीत हो गए। शहर के लगभग सभी बरसाती नाले व नहरें ओवर फ्लो हो गए और पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया। शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम के कारण कई इलाके तालाब बन गए।
मूसलाधार बारिश के कारण मुख्य सड़कों पर पानी तेज बहाव से बहने लगा। कई प्रमुख सड़कों व चौराहों पर जाम लग गया। गुरों का तालाब क्षेत्र में आने वाला नाला बारिश में अवरुद्ध हो गया। यह पानी हुडको क्वाटर्स व आसपास की बस्ती में घुस गया। लोगों ने पानी निकासी के लिए दीवार ही तोड़ डाली। इसी तरह, आरपीटीसी के सामने भैरूसिंह हवेली के पचास घरों में भी पानी भर गया।
पाबूपुरा में पानी ही पानी, लोग भड़के
एयरपोर्ट के पास स्थित पाबूपुरा बस्ती में पानी की निकासी की राह न होने से घरों में चार-चार फीट तक पानी भर गया था। क्षेत्रीय पार्षद लक्ष्मण नायक ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पानी निकासी की 1000 फीट जगह पर दीवार बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। आक्रोशित लोगों ने वहां प्रदर्शन किया। इस पर पुलिस व जेडीए तथा निगम के अधिकारी वहां पहुंचे। बाद में बुलडोजर से दीवार को तोड़कर पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया गया।
लगातार दूसरे दिन भी बादलों ने जो राहत बरसाई उससे शहर में कई तरह की परेशानियां भी खड़ी हो गई। प्रशासन की ओर से बारिश पूर्व की गई आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खुल गई। मूसलाधार बारिश के दौरान करीब दो दर्जन इलाकों में पानी भर गया। देर रात तक पानी नहीं उतरा। कुछ स्थानों पर पानी में फंसे वाहन निकालने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ गई। बारिश के कारण कई इलाकों में दीवारें ढह गई। सांगरिया के समीप स्थित सारणों की ढाणी में 11 केवी की लाइन टूट गई, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ।
आधा दर्जन स्थानों पर बिजली के पोल भरभरा कर गिर गए। शोभावतों की ढाणी इलाके में जमीन में गड्ढा हो गया जिससे लोग भयभीत हो गए। शहर के लगभग सभी बरसाती नाले व नहरें ओवर फ्लो हो गए और पानी आसपास की बस्तियों में घुस गया। शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम के कारण कई इलाके तालाब बन गए।
मूसलाधार बारिश के कारण मुख्य सड़कों पर पानी तेज बहाव से बहने लगा। कई प्रमुख सड़कों व चौराहों पर जाम लग गया। गुरों का तालाब क्षेत्र में आने वाला नाला बारिश में अवरुद्ध हो गया। यह पानी हुडको क्वाटर्स व आसपास की बस्ती में घुस गया। लोगों ने पानी निकासी के लिए दीवार ही तोड़ डाली। इसी तरह, आरपीटीसी के सामने भैरूसिंह हवेली के पचास घरों में भी पानी भर गया।
पाबूपुरा में पानी ही पानी, लोग भड़के
एयरपोर्ट के पास स्थित पाबूपुरा बस्ती में पानी की निकासी की राह न होने से घरों में चार-चार फीट तक पानी भर गया था। क्षेत्रीय पार्षद लक्ष्मण नायक ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पानी निकासी की 1000 फीट जगह पर दीवार बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। आक्रोशित लोगों ने वहां प्रदर्शन किया। इस पर पुलिस व जेडीए तथा निगम के अधिकारी वहां पहुंचे। बाद में बुलडोजर से दीवार को तोड़कर पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया गया।
18 हिरण बने कुत्तों का निवाला
6 ने दम तोड़ा 12 का उपचार जारी
जोधपुर। मारवाड़ में मेघ बरसने के साथ ही बाहुल्य क्षेत्रों में विचरण करने वाले हिरणों पर कुत्तों ने एक बार फिर कहर ढा दिया है। बीती शाम बारिश आने के बाद से जंतुआलय में शनिवार दोपहर तक उपचार के लिए 18 घायल हिरणों को लाया गया। इसमें से 6 ने मार्ग में ही दम तोड़ दिया जबकि 12 हिरणों का उपचार जारी है।
पशुचिकित्सक डॉ. श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि बारिश आने से ग्रामीण क्षेत्रों में हिरणों के घायल होने की घटनाएं बढ़ जाती है। बारिश से मिट्टी नरम पडऩे की वजह से हिरण दौड़ नहीं पाते और कुत्तें इन पर हमला कर देते है।
23 हिरणों को सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा
पिछले दिनों घायल होकर रेस्क्यू सेंटर पहुंचे दर्जनों हिरणों में से 23 हिरणों को स्वस्थ होने के बाद शनिवार को बाहुल्य क्षेत्रों में छोड़ दिया गया। इसमें काला हिरण और चिंकारा दोनों शामिल है। वन्यजीव प्रभाग से मिली जानकारी के अनुसार बारिश के दौरान पिछले दिनों काफी संख्या में कुत्तों से घायल हुए थे। जिनमें से 23 हिरणों के बिल्कुल स्वस्थ होने के बाद उन्हें गुड़ा-विश्नोइयां, रुड़कली क्षेत्रों में छोड़ दिया गया है। इनमें 3 काला हिरण और 20 चिंकारा है।
जोधपुर। मारवाड़ में मेघ बरसने के साथ ही बाहुल्य क्षेत्रों में विचरण करने वाले हिरणों पर कुत्तों ने एक बार फिर कहर ढा दिया है। बीती शाम बारिश आने के बाद से जंतुआलय में शनिवार दोपहर तक उपचार के लिए 18 घायल हिरणों को लाया गया। इसमें से 6 ने मार्ग में ही दम तोड़ दिया जबकि 12 हिरणों का उपचार जारी है।
पशुचिकित्सक डॉ. श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि बारिश आने से ग्रामीण क्षेत्रों में हिरणों के घायल होने की घटनाएं बढ़ जाती है। बारिश से मिट्टी नरम पडऩे की वजह से हिरण दौड़ नहीं पाते और कुत्तें इन पर हमला कर देते है।
23 हिरणों को सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा
पिछले दिनों घायल होकर रेस्क्यू सेंटर पहुंचे दर्जनों हिरणों में से 23 हिरणों को स्वस्थ होने के बाद शनिवार को बाहुल्य क्षेत्रों में छोड़ दिया गया। इसमें काला हिरण और चिंकारा दोनों शामिल है। वन्यजीव प्रभाग से मिली जानकारी के अनुसार बारिश के दौरान पिछले दिनों काफी संख्या में कुत्तों से घायल हुए थे। जिनमें से 23 हिरणों के बिल्कुल स्वस्थ होने के बाद उन्हें गुड़ा-विश्नोइयां, रुड़कली क्षेत्रों में छोड़ दिया गया है। इनमें 3 काला हिरण और 20 चिंकारा है।
जोधपुर में बनेगा सिविल एयरपोर्ट
जयपुर/जोधपुर. राज्य सरकार ने जोधपुर में ग्रीनफील्ड सिविल एयरपोर्ट बनाने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी। नागौर रोड पर मेलावास गंगाणी में बनने वाले इस एयरपोर्ट के लिए अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से विस्तृत सर्वे कराया जाएगा।
जोधपुर में आईआईटी की स्थापना के लिए भी सिविल एयरपोर्ट की आवश्यकता महसूस की जा रहा थी। हालांकि यहां पहले से एयर फोर्स का हवाई अड्डा है। इसके भार को कम करने और हवाई सेवाओं का विस्तार करने के लिए इसका प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे नगरीय विकास विभाग ने परीक्षण के बाद उपयुक्त माना। अब इसे केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
कहां बनेगा : एयरपोर्ट नागौर रोड पर शहर से 28 किमी दूर स्टेट हाईवे से 3 किमी अंदर मेलावास और गंगाणी गांव के बीच बनाया जाएगा। जोधपुर विकास प्राधिकरण ने इसके लिए मेलावास थबूकड़ा में 2531.30 और गंगाणी में 2589.07 बीघा भूमि चिन्हित की है।
ये होगा फायदा :
पर्यटकों को विशेष सुविधा मिलेगी। निर्यातकों को कार्गों भेजने में आसानी रहेगी। उद्योग लगाने वालों को आसानी होगी। इस मार्ग पर आयुर्वेद-विधि विश्वविद्यालय है। एनआरआई कॉलोनी, आईआईटी संस्थान और अन्य विकास की योजनाएं भी प्रस्तावित हैं।
जोधपुर में आईआईटी की स्थापना के लिए भी सिविल एयरपोर्ट की आवश्यकता महसूस की जा रहा थी। हालांकि यहां पहले से एयर फोर्स का हवाई अड्डा है। इसके भार को कम करने और हवाई सेवाओं का विस्तार करने के लिए इसका प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे नगरीय विकास विभाग ने परीक्षण के बाद उपयुक्त माना। अब इसे केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
कहां बनेगा : एयरपोर्ट नागौर रोड पर शहर से 28 किमी दूर स्टेट हाईवे से 3 किमी अंदर मेलावास और गंगाणी गांव के बीच बनाया जाएगा। जोधपुर विकास प्राधिकरण ने इसके लिए मेलावास थबूकड़ा में 2531.30 और गंगाणी में 2589.07 बीघा भूमि चिन्हित की है।
ये होगा फायदा :
पर्यटकों को विशेष सुविधा मिलेगी। निर्यातकों को कार्गों भेजने में आसानी रहेगी। उद्योग लगाने वालों को आसानी होगी। इस मार्ग पर आयुर्वेद-विधि विश्वविद्यालय है। एनआरआई कॉलोनी, आईआईटी संस्थान और अन्य विकास की योजनाएं भी प्रस्तावित हैं।
Saturday, July 24, 2010
करंट लगने से सास-बहू की मौत
बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिरने से दीवारों में करंट आ गया था
जोधपुर.बालोतरा। बालोतरा शहर के खेड़ गांव में शुक्रवार सुबह मकान की दीवार में करंट बहने से सास व बहू की मौत हो गई। घटना के अनुसार गुरुवार की रात आई बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिर गई, जिससे कमरे की दीवारों से अर्थिंग शुरू हो गई।
सुबह करीब छह बजे सास ने जब कमरे की खूंटी पर लटक रही भरनी उतारने के लिए उसे छूआ, तो वह उससे चिपक गई। इतने में पास ही बकरियां दूह रही उसकी बहू सुंदरदेवी ने जब अपनी सास को जूझते हुए देखा, तो वह समझी कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा है और उसने उसको छू लिया, जिससे वह भी उससे चिपक गई। करंट लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
जोधपुर.बालोतरा। बालोतरा शहर के खेड़ गांव में शुक्रवार सुबह मकान की दीवार में करंट बहने से सास व बहू की मौत हो गई। घटना के अनुसार गुरुवार की रात आई बरसात से मकान की छत पर बिजली की तार गिर गई, जिससे कमरे की दीवारों से अर्थिंग शुरू हो गई।
सुबह करीब छह बजे सास ने जब कमरे की खूंटी पर लटक रही भरनी उतारने के लिए उसे छूआ, तो वह उससे चिपक गई। इतने में पास ही बकरियां दूह रही उसकी बहू सुंदरदेवी ने जब अपनी सास को जूझते हुए देखा, तो वह समझी कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा है और उसने उसको छू लिया, जिससे वह भी उससे चिपक गई। करंट लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
जोधपुर में बारिश बाड़मेर बारिश का पानी खेतों में घुसा
जोधपुर. जोधपुर में बादलों की आवाजाही के बीच शुक्रवार सुबह 11.30 बजे करीब बारिश हुई। बारिश शहर के कुछ क्षेत्रों में तेज हुई, तो कहीं बूंदाबांदी से संतोष करना पड़ा।
सूर्यनगरी में सुबह धूप निकलने के बाद एक बार तो उमस के साम्राज्य ने लोगों को पसीने से भीगो दिया। 11 बजे बादलों की आवाजाही शुरू होने के बाद हुई बारिश ने सड़कों को भिगो दिया। शहर की हाईकार्ट कॉलोनी, पीडब्ल्यूडी चौराहा, भास्कर चौराहा, सेनापति भवन, गौरव पथ पर तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से निजात दिलाई, जबकि शहर के भीतरी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी रही, जिससे लोगों को सूरज की तपिश से राहत मिली।
बाड़मेर शहर से करीब तीस किलोमीटर दूर रानी गांव में गुरूवार रात दस बजे से शुरू हुई बरसात देर रात तक बरसती रही, जिससे बारिश का पानी रपट पर बहने के बाद सड़कों को तोड़कर पास ही के खेतों में जा घुसा।
इसके अलावा करीब चालीस ढाणियां पानी से भर गईं। मौके पर मौजूद संवाददाता के अनुसार पहाड़ी के पीछे बसे इस गांव में पानी से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। अलबत्ता गांव की सड़कें पानी से जरूर जगह-जगह से टूट गई हैं।
सूर्यनगरी में सुबह धूप निकलने के बाद एक बार तो उमस के साम्राज्य ने लोगों को पसीने से भीगो दिया। 11 बजे बादलों की आवाजाही शुरू होने के बाद हुई बारिश ने सड़कों को भिगो दिया। शहर की हाईकार्ट कॉलोनी, पीडब्ल्यूडी चौराहा, भास्कर चौराहा, सेनापति भवन, गौरव पथ पर तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से निजात दिलाई, जबकि शहर के भीतरी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी रही, जिससे लोगों को सूरज की तपिश से राहत मिली।
बाड़मेर शहर से करीब तीस किलोमीटर दूर रानी गांव में गुरूवार रात दस बजे से शुरू हुई बरसात देर रात तक बरसती रही, जिससे बारिश का पानी रपट पर बहने के बाद सड़कों को तोड़कर पास ही के खेतों में जा घुसा।
इसके अलावा करीब चालीस ढाणियां पानी से भर गईं। मौके पर मौजूद संवाददाता के अनुसार पहाड़ी के पीछे बसे इस गांव में पानी से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। अलबत्ता गांव की सड़कें पानी से जरूर जगह-जगह से टूट गई हैं।
आखिर जीत गया नगर निगम
जोधपुर. जेडीए खुद की विकसित हुई आधा दर्जन पॉश कॉलोनियां नगर निगम को हस्तांतरित करने पर राजी हो गया है। इसके साथ ही एक अगस्त से सभी 65 वार्डो की संपूर्ण रोड लाइटों का जिम्मा भी निगम को सौंप देगा। हालांकि रोड लाइटों के तकनीकी पहलुओं पर दोनों में सहमति नहीं बनने के बाद अंतिम फैसला कमेटी पर छोड़ दिया गया है।
जेडीए ने गुरुवार को सुभाष नगर व मिल्कमैन कॉलोनी की समस्त दस्तावेज की पत्रावलियां निगम को भेज दी है। भगत की कोठी व भगत की कोठी (विस्तार), सरस्वती नगर व संपूर्ण कच्ची बस्तियों की पत्रावलियां शुक्रवार को सौंपी जाएंगी। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद जेडीए के अफसर लंबे समय से इस मसले को अटकाकर बैठे थे। इसके चलते जेडीए के क्षेत्राधिकार वाली आधा दर्जन से ज्यादा विकसित आवासीय कॉलोनियां और 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें निगम में हस्तांतरित नहीं हो पा रही थीं।
दोनों निकायों के बीच समझौता नहीं होने से जहां अवैध निर्माणों की संख्या में इजाफा हो रहा था, तो स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव करने वाले जेडीए के ठेकेदार भी ‘यह लाइटें हमारी नहीं, निगम की हैं’ की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भागने लगे थे। नगर निगम में नए बोर्ड के गठन के बाद निगम की आय बढ़ाने के लिए महापौर ने जेडीए की कुछ विकसित कॉलोनियों को निगम में शिफ्ट करने की बात उठाई थी, इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति भी दे दी थी।
लगभग पांच माह पूर्व कलेक्टर ने जेडीए व निगम के अफसरों के साथ बैठक कर ऐसी कॉलोनियों को चिह्न्ति करने को कहा था। जेडीए अफसरों ने आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय कॉलोनियां को निगम को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया, मगर अफसरों के अड़ियल रवैये के कारण इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
इन कॉलोनियों पर हुआ था विचार
दोनों के बीच हुए समझौते में पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, मानजी का हत्था सहित कमला नेहरू नगर, कीर्तिनगर, सरस्वती नगर व अन्य विकसित कॉलोनियां शामिल हैं, लेकिन जेडीए खुद की कंगाली मिटाने के लिए विकसित कॉलोनियों से होने वाली मोटी आय का मोह नहीं छोड़ पा रहा है।
जेडीए आज भी शहर की पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, कमला नेहरू नगर, मानजी का हत्था समेत अन्य विकसित हो चुकी कॉलोनियों की पत्रावलियां निगम को सौंपने का राजी नहीं हो रहा है। हाउसिंग बोर्ड व निगम के बीच जुलाई, 2000 में हुए समझौते के तहत हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 10 से 25 निगम को पहले ही सौंपे जा चुके हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार के फैसले के बाद हाउसिंग बोर्ड अपनी शेष आवासीय कॉलोनियों सहित खाली भूखंड व दुकानें भी निगम को हस्तांतरित करने की कवायद में जुटा है।
यह होगा फायदा
जेडीए की कॉलोनियों के निगम में शिफ्ट होने से वह इनका मालिक बन जाएगा। इसके बाद इन कॉलोनियों में भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड सहित भूखंडों का विक्रय भी निगम कर सकेगा। पांच फीसदी हस्तांतरण शुल्क (रिजर्व प्राइस का) से भी निगम को बड़ी आय होगी। इससे मुफलिसी के दौर से गुजर रहे निगम का खाली खजाना भरने में काफी मदद मिलेगी।
हालांकि इन कॉलोनियों में निगम के सफाई कर्मचारी ही सफाई करते हैं, लेकिन इन कॉलोनियों का स्वामित्व जेडीए के अधीन होने से वह न तो भवन निर्माण की इजाजत दे पाता है और न ही भूखंडों का बेचान कर पाता है। इस फैसले से अब निगम को इन कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण व अतिक्रमण को भी रोकने का अधिकार मिल जाएगा।
जेडीए ने गुरुवार को सुभाष नगर व मिल्कमैन कॉलोनी की समस्त दस्तावेज की पत्रावलियां निगम को भेज दी है। भगत की कोठी व भगत की कोठी (विस्तार), सरस्वती नगर व संपूर्ण कच्ची बस्तियों की पत्रावलियां शुक्रवार को सौंपी जाएंगी। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद जेडीए के अफसर लंबे समय से इस मसले को अटकाकर बैठे थे। इसके चलते जेडीए के क्षेत्राधिकार वाली आधा दर्जन से ज्यादा विकसित आवासीय कॉलोनियां और 18 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें निगम में हस्तांतरित नहीं हो पा रही थीं।
दोनों निकायों के बीच समझौता नहीं होने से जहां अवैध निर्माणों की संख्या में इजाफा हो रहा था, तो स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव करने वाले जेडीए के ठेकेदार भी ‘यह लाइटें हमारी नहीं, निगम की हैं’ की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भागने लगे थे। नगर निगम में नए बोर्ड के गठन के बाद निगम की आय बढ़ाने के लिए महापौर ने जेडीए की कुछ विकसित कॉलोनियों को निगम में शिफ्ट करने की बात उठाई थी, इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति भी दे दी थी।
लगभग पांच माह पूर्व कलेक्टर ने जेडीए व निगम के अफसरों के साथ बैठक कर ऐसी कॉलोनियों को चिह्न्ति करने को कहा था। जेडीए अफसरों ने आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय कॉलोनियां को निगम को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया, मगर अफसरों के अड़ियल रवैये के कारण इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
इन कॉलोनियों पर हुआ था विचार
दोनों के बीच हुए समझौते में पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, मानजी का हत्था सहित कमला नेहरू नगर, कीर्तिनगर, सरस्वती नगर व अन्य विकसित कॉलोनियां शामिल हैं, लेकिन जेडीए खुद की कंगाली मिटाने के लिए विकसित कॉलोनियों से होने वाली मोटी आय का मोह नहीं छोड़ पा रहा है।
जेडीए आज भी शहर की पॉश कॉलोनी शास्त्रीनगर, कमला नेहरू नगर, मानजी का हत्था समेत अन्य विकसित हो चुकी कॉलोनियों की पत्रावलियां निगम को सौंपने का राजी नहीं हो रहा है। हाउसिंग बोर्ड व निगम के बीच जुलाई, 2000 में हुए समझौते के तहत हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 10 से 25 निगम को पहले ही सौंपे जा चुके हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार के फैसले के बाद हाउसिंग बोर्ड अपनी शेष आवासीय कॉलोनियों सहित खाली भूखंड व दुकानें भी निगम को हस्तांतरित करने की कवायद में जुटा है।
यह होगा फायदा
जेडीए की कॉलोनियों के निगम में शिफ्ट होने से वह इनका मालिक बन जाएगा। इसके बाद इन कॉलोनियों में भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड सहित भूखंडों का विक्रय भी निगम कर सकेगा। पांच फीसदी हस्तांतरण शुल्क (रिजर्व प्राइस का) से भी निगम को बड़ी आय होगी। इससे मुफलिसी के दौर से गुजर रहे निगम का खाली खजाना भरने में काफी मदद मिलेगी।
हालांकि इन कॉलोनियों में निगम के सफाई कर्मचारी ही सफाई करते हैं, लेकिन इन कॉलोनियों का स्वामित्व जेडीए के अधीन होने से वह न तो भवन निर्माण की इजाजत दे पाता है और न ही भूखंडों का बेचान कर पाता है। इस फैसले से अब निगम को इन कॉलोनियों में होने वाले अवैध निर्माण व अतिक्रमण को भी रोकने का अधिकार मिल जाएगा।
सोनोग्राफी मशीन सीज
जोधपुर. स्वास्थ्य विभाग के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए महात्मा गांधी अस्पताल के नजदीक स्थित एसडी डायग्नोसिस केंद्र की बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन सीज कर ली।
डॉ. शेखावत ने बताया कि केंद्र के सोनोग्राफी जांच लाइसेंस की अवधि 2007 में समाप्त हो गई थी, लेकिन संचालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। ऐसे में इस अवधि में भ्रूण लिंग जांच का अंदेशा बना रहता है। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले दिनों पीसीपीएनडीटी एक्ट की स्टेट सेल ने शहर में बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद स्थानीय विभाग ने लाइसेंस की जांच व मशीनें सीज करने की कार्रवाई शुरू की है।
बंद मशीन रखना भी नियम विरुद्ध
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अंतर्गत लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद तुरंत नया लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। अगर कोई संचालक केंद्र बंद करना चाहे तो एक्ट के नियमानुसार संचालक को मशीन कंपनी को सुपुर्द करनी पड़ती है। इसके अभाव में पांच पेनल्टी लग सकती है।
निदेशक लेंगे ट्रैकिंग सिस्टम का जायजा
सुरक्षित संस्थागत प्रसव, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए जिले में अप्रेल से लागू हुई ‘प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग सिस्टम’ के नाम से नई व्यवस्था का शुक्रवार को डॉ. आरएनडी पुरोहित, निदेशक (एड्स) जायजा लेंगे। योजना के तहत पूरे जिले की प्रसूताओं का ब्लॉकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा में प्रसूता के प्रथम एएनसी चैकअप से लेकर टीकाकरण तक का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
ऑनलाइन तैयार होने वाले इस डाटा बेस में प्रसूता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, फोन नंबर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी के अलावा प्रसव पूर्व होने वाली जांचों का ब्यौरा, गर्भ की स्थिति, प्रसव की संभावित दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। गुरुवार को जोधपुर पहुंचे डॉ. पुरोहित ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की बैठक ली। शुक्रवार को वे सालावास में योजना का निरीक्षण करेंगे।
डॉ. शेखावत ने बताया कि केंद्र के सोनोग्राफी जांच लाइसेंस की अवधि 2007 में समाप्त हो गई थी, लेकिन संचालक ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया। ऐसे में इस अवधि में भ्रूण लिंग जांच का अंदेशा बना रहता है। गौरतलब है कि जोधपुर में पिछले दिनों पीसीपीएनडीटी एक्ट की स्टेट सेल ने शहर में बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद स्थानीय विभाग ने लाइसेंस की जांच व मशीनें सीज करने की कार्रवाई शुरू की है।
बंद मशीन रखना भी नियम विरुद्ध
पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों के अंतर्गत लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद तुरंत नया लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। अगर कोई संचालक केंद्र बंद करना चाहे तो एक्ट के नियमानुसार संचालक को मशीन कंपनी को सुपुर्द करनी पड़ती है। इसके अभाव में पांच पेनल्टी लग सकती है।
निदेशक लेंगे ट्रैकिंग सिस्टम का जायजा
सुरक्षित संस्थागत प्रसव, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए जिले में अप्रेल से लागू हुई ‘प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग सिस्टम’ के नाम से नई व्यवस्था का शुक्रवार को डॉ. आरएनडी पुरोहित, निदेशक (एड्स) जायजा लेंगे। योजना के तहत पूरे जिले की प्रसूताओं का ब्लॉकवार डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा में प्रसूता के प्रथम एएनसी चैकअप से लेकर टीकाकरण तक का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
ऑनलाइन तैयार होने वाले इस डाटा बेस में प्रसूता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, फोन नंबर, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी के अलावा प्रसव पूर्व होने वाली जांचों का ब्यौरा, गर्भ की स्थिति, प्रसव की संभावित दिनांक की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। गुरुवार को जोधपुर पहुंचे डॉ. पुरोहित ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की बैठक ली। शुक्रवार को वे सालावास में योजना का निरीक्षण करेंगे।
टुकलिया को कोटा भेजा
जोधपुर. जोधपुर विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ नगर नियोजक रतनलाल टुकलिया को सरकार ने हटा दिया है। उनका तबादला जोधपुर से कोटा कर दिया गया है। दैनिक भास्कर के 19 जुलाई के अंक में टुकलिया ने की जमीन भू-माफिया के हवाले शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे गंभीरता से लिया। गहलोत ने मंगलवार की रात ही अपने निवास पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल व विभाग के आला अफसरों को बुलाया। उन्होंने भास्कर में 19 व 20 जुलाई को प्रकाशित दोनों समाचारों के साथ ही इस मामले में जोधपुर कलेक्टर नवीन महाजन का राज्य सरकार व सीएमओ को भेजे पत्र सहित संपूर्ण पत्रावलियां देखी। इसके बाद टुकलिया को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने 22 जुलाई को ही एक आदेश जारी कर 9 अधिकारियों का तबादला किया। इस आदेश में टुकलिया को जोधपुर से हटा कर कोटा भेज दिया है। उनके खिलाफ जोधपुर में और भी मामले विचाराधीन हैं, जिनकी जांच चल रही है।
टुकलिया के खिलाफ मंडोर निवासी रामेश्वर सिंह गहलोत ने जिला स्तरीय भू-माफिया नियंत्रण प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि टुकलिया ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मंडोर ग्राम के खसरा नंबर 787 का ले-आउट प्लान स्वीकृत कर दिया। इसका खुलासा होने पर जोधपुर जिला कलेक्टर ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
जाखड़ जोधपुर के नए एसटीपी
राज्य सरकार ने बीकानेर के वरिष्ठ नगर नियोजक जेबी जाखड़ को जोधपुर जोन का वरिष्ष्ठ नगर नियोजक एवं निदेशक नगर आयोजना जेडीए जोधपुर का कार्यभार सौंपा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे गंभीरता से लिया। गहलोत ने मंगलवार की रात ही अपने निवास पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल व विभाग के आला अफसरों को बुलाया। उन्होंने भास्कर में 19 व 20 जुलाई को प्रकाशित दोनों समाचारों के साथ ही इस मामले में जोधपुर कलेक्टर नवीन महाजन का राज्य सरकार व सीएमओ को भेजे पत्र सहित संपूर्ण पत्रावलियां देखी। इसके बाद टुकलिया को तत्काल हटाने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार ने 22 जुलाई को ही एक आदेश जारी कर 9 अधिकारियों का तबादला किया। इस आदेश में टुकलिया को जोधपुर से हटा कर कोटा भेज दिया है। उनके खिलाफ जोधपुर में और भी मामले विचाराधीन हैं, जिनकी जांच चल रही है।
टुकलिया के खिलाफ मंडोर निवासी रामेश्वर सिंह गहलोत ने जिला स्तरीय भू-माफिया नियंत्रण प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि टुकलिया ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मंडोर ग्राम के खसरा नंबर 787 का ले-आउट प्लान स्वीकृत कर दिया। इसका खुलासा होने पर जोधपुर जिला कलेक्टर ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
जाखड़ जोधपुर के नए एसटीपी
राज्य सरकार ने बीकानेर के वरिष्ठ नगर नियोजक जेबी जाखड़ को जोधपुर जोन का वरिष्ष्ठ नगर नियोजक एवं निदेशक नगर आयोजना जेडीए जोधपुर का कार्यभार सौंपा है।
विद्यार्थी मित्रों को रखें नियमित : हाईकोर्ट
जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने विद्यार्थी मित्रों को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में नियमित रखने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने यह आदेश गुरुवार को करीब डेढ़ सौ याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि वे काफी समय से इन पदों पर कार्यरत हैं और ये पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।
पूर्व में भी उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ऐसी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को आरपीएससी के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी कर नई नियुक्ति होने तक नियमित रूप से कार्य करने के आदेश किए थे। इस पर कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार के पास अभी भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और आदेश दिए कि याचिकाकर्ताओं को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में पद से नहीं हटाएं।
पूर्व में भी उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ऐसी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ताओं को आरपीएससी के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी कर नई नियुक्ति होने तक नियमित रूप से कार्य करने के आदेश किए थे। इस पर कोर्ट ने माना कि राज्य सरकार के पास अभी भी बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और आदेश दिए कि याचिकाकर्ताओं को शैक्षणिक सत्र 2010-11 में पद से नहीं हटाएं।
ई-मेल के जरिए धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार
जोधपुर. शहर पुलिस ने इंटरनेट के जरिए धोखाधड़ी करने के संबंध में गत वर्ष दर्ज एक प्रकरण में गुरुवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। एएसपी राजेशसिंह ने बताया कि कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर छह निवासी सत्येंद्र प्रताप ने रिपोर्ट देकर बताया कि गत 23 सितंबर, 09 को उसे एक ई-मेल मिला जिसमें 1.5 मिलियन पाउंड की लॉटरी उसके नाम निकलने की सूचना दी गई थी।
उसके मोबाइल पर एक एसएमएस मिला, जिसमें एचके इन्फोटेक के बैंक खाते में 32 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। सत्येन्द्र ने बताए गए खाते में 26 सितंबर को यह राशि जमा करवा दी। कुछ समय बाद उसे मुंबई, यूके व अन्य शहर के आईडी से तीन ई-मेल मिले और उसी एकाउंट में 77 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। तब सत्येन्द्र को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
साइबर क्राइम के इस मामले का निस्तारण करने के लिए एसपी (सिटी) के निर्देश पर वृत्ताधिकारी (पश्चिम) नरपतसिंह के नेतृत्व में बासनी थानाधिकारी राजवीरसिंह व एएसआई हेमसिंह की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने आईटी विशेषज्ञों की मदद ली और सत्येन्द्र के बताए बैंक से खाताधारक का रिकार्ड हासिल किया। इसी आधार पर टीम ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 23 निवासी पवन कुमार पुत्र रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी हुई है
उसके मोबाइल पर एक एसएमएस मिला, जिसमें एचके इन्फोटेक के बैंक खाते में 32 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। सत्येन्द्र ने बताए गए खाते में 26 सितंबर को यह राशि जमा करवा दी। कुछ समय बाद उसे मुंबई, यूके व अन्य शहर के आईडी से तीन ई-मेल मिले और उसी एकाउंट में 77 हजार 5 सौ रुपए जमा करवाने को कहा गया। तब सत्येन्द्र को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
साइबर क्राइम के इस मामले का निस्तारण करने के लिए एसपी (सिटी) के निर्देश पर वृत्ताधिकारी (पश्चिम) नरपतसिंह के नेतृत्व में बासनी थानाधिकारी राजवीरसिंह व एएसआई हेमसिंह की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने आईटी विशेषज्ञों की मदद ली और सत्येन्द्र के बताए बैंक से खाताधारक का रिकार्ड हासिल किया। इसी आधार पर टीम ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 23 निवासी पवन कुमार पुत्र रघुवीर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी हुई है
Friday, July 23, 2010
अब अंग्रेजों का रह गया घंटाघर
जोधपुर. रियासत काल में परकोटे को अपनी आवाज के साथ जगाने वाला घंटाघर हाल के वर्षों में विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों की चहल-पहल ज्यादा दिखाई देती है।
घंटाघर की दुकानों में धीरे-धीरे अंग्रेजों की डिमांड वाले आयटम भी इफरात से रखे जाने लगे हैं। परंपरागत रूप से खरीदारी करने आने वाले स्थानीय लोगों के साथ गोरे भी दिखते हैं। जोधपुर के प्रमुख स्थलों में इसे भी शुमार कर लिया गया है। घंटाघर लोनली प्लेनेट में स्थान पा चुका है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि यहां के व्यापारी भी अंग्रेजों को ही ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। यह दर्द है 76 वर्षीय भवंरलाल भंडारी का। तेरह वर्ष की उम्र से पिता की पेढ़ी पर व्यवसाय शुरू करने वाले भंडारी साठ वर्ष पहले के घंटाघर की बात को छेड़ते हैं तो उनके जेहन में उस जमाने के चमकते घंटाघर की तस्वीर उभरती है।
उनका कहना था कि उस समय यहां हर वर्ग के परिवार की जरूरतें पूरी होती थी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की, जो आज भी परंपरागत रूप से शादी-ब्याह या त्योहारी खरीद करने घंटाघर आते हैं। कपड़े का व्यवसाय करने वाले भवंरलाल बीती बातें याद कर कहते हैं, बींद-बींदणी के शादी का बेस 250 रुपए तक आ जाता था। बाकी लोगों के लिए कपड़े की गांठ खरीदते थे, जो 25 रुपए में आती थी। इसमें छोटी-बड़ी कम से कम दस ड्रैस होती थी।
अलग-अलग समय में अलग-अलग मंडियां लगती थीं। सवेरे चार बजे सब्जी मंडी लगती। उसके बाद सात बजे दुकानें खुल जाती थी। गांवों से आने वाले लघु व्यापारी यहां से रोजमर्रा की चीजें खरीदते थे। आज महंगी हो चुकी शिक्षा को लेकर व्यथित भंडारी बताते हैं कि कैसे उस जमाने में स्कूली फीस से लेकर ड्रैस तक पांच रुपए में पूरी हो जाती थी। मगर आज बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर हजारों रुपए खर्च होने लगे हैं।
घंटाघर की दुकानों में धीरे-धीरे अंग्रेजों की डिमांड वाले आयटम भी इफरात से रखे जाने लगे हैं। परंपरागत रूप से खरीदारी करने आने वाले स्थानीय लोगों के साथ गोरे भी दिखते हैं। जोधपुर के प्रमुख स्थलों में इसे भी शुमार कर लिया गया है। घंटाघर लोनली प्लेनेट में स्थान पा चुका है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि यहां के व्यापारी भी अंग्रेजों को ही ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। यह दर्द है 76 वर्षीय भवंरलाल भंडारी का। तेरह वर्ष की उम्र से पिता की पेढ़ी पर व्यवसाय शुरू करने वाले भंडारी साठ वर्ष पहले के घंटाघर की बात को छेड़ते हैं तो उनके जेहन में उस जमाने के चमकते घंटाघर की तस्वीर उभरती है।
उनका कहना था कि उस समय यहां हर वर्ग के परिवार की जरूरतें पूरी होती थी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की, जो आज भी परंपरागत रूप से शादी-ब्याह या त्योहारी खरीद करने घंटाघर आते हैं। कपड़े का व्यवसाय करने वाले भवंरलाल बीती बातें याद कर कहते हैं, बींद-बींदणी के शादी का बेस 250 रुपए तक आ जाता था। बाकी लोगों के लिए कपड़े की गांठ खरीदते थे, जो 25 रुपए में आती थी। इसमें छोटी-बड़ी कम से कम दस ड्रैस होती थी।
अलग-अलग समय में अलग-अलग मंडियां लगती थीं। सवेरे चार बजे सब्जी मंडी लगती। उसके बाद सात बजे दुकानें खुल जाती थी। गांवों से आने वाले लघु व्यापारी यहां से रोजमर्रा की चीजें खरीदते थे। आज महंगी हो चुकी शिक्षा को लेकर व्यथित भंडारी बताते हैं कि कैसे उस जमाने में स्कूली फीस से लेकर ड्रैस तक पांच रुपए में पूरी हो जाती थी। मगर आज बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर हजारों रुपए खर्च होने लगे हैं।
अरबन हाट: दुकानों का पैसा ही वसूल नहीं
जोधपुर. अरबन हाट बनाने के पीछे मंशा यह थी कि शहरवासियों को एक ही जगह शॉपिंग की बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें। पाली रोड पर एक करोड़ रुपए खर्च करके पहले चरण में कई दुकानें बनाईं भी लेकिन सुविधाएं नहीं होने के कारण लोगों ने इस ओर रुख ही नहीं किया।
जिला उद्योग केंद्र ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई मेले भी लगाए और आने-जाने की सुविधा भी की लेकिन इतनी दूर खान-पान की व्यवस्था न कर पाने से ग्राहकों का आकर्षण नहीं रह पाया। यहां की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी रहती हैं। जो कुछ खुलती भी हैं तो व्यापारी बेकार बैठे रहते हैं।
दो करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ अरबन हाट के पहले चरण में एक करोड़ तीन लाख रुपए खर्च हुए। दूसरे चरण में म्यूजियम के साथ फास्ट फूड स्टॉल भी लगानी थीं लेकिन सरकार ने इसके लिए राशि आवंटित नहीं की। अब इनके नहीं बनने से यहां पर स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों के पैर कम ही पड़ते हैं।
बरसों से हो रहा है ग्राहकों का इंतजार
अरबन हाट शिल्पकारों के लिए सुनहरा ख्वाब है लेकिन आमजन के लिए यह फ्लॉप शो साबित हुआ। यहां पर उन्हें न तो हस्तनिर्मित वस्तुएं मिलती हैं और न ही मनोरजंन के साधन। जोधपुर में अरबन हाट बनाने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने जिला उद्योग केंद्र को 9 बीघा से ज्यादा भूमि निशुल्क दी और केन्द्र सरकार ने बजट।
16 अगस्त 2002 को हाट का शिलान्यास किया और 13 फरवरी 2004 को 92 स्टॉल सहित उद्घाटन किया गया। लोगों को आकर्षित करने के लिए यहां पर म्यूजियम और फास्ट फूड सेंटर बनाना था ताकि आमजन यहां आएं और शिल्प वस्तुओं का अवलोकन कर खरीदारी करें। लेकिन लोगों के यहां नहीं आने से यह योजना मूर्त रूप में नहीं ले सकी। जिला उद्योग केंद्र भी दुकान लेने वालों का इंतजार कर रहा है और जिन शिल्पकारों ने यहां दुकानें ली हैं वे खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं।
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम ने एक सप्ताह तक इस अरबन हाट पर नजर रखी। दोपहर, शाम कोई दुकान खुली नहीं दिखी। सरकार ने 200 लाख का अनुमानित बजट तय किया था और अब तक इस पर 103.70 लाख रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। पहले चरण में यहां पर उनके लिए पक्की स्टॉल्स बनाई गईं।
डेयरी बूथ था आकर्षण
स्कीम के तहत यहां दो फूड प्लाजा बनने थे, लेकिन वहां पर किसी ने भी फूड प्लाजा नहीं लगाया। इसलिए डेयरी बूथ ही आकर्षण का केन्द्र था। अगर कोई भूले-भटके यहां आ भी जाता तो उसे इस बूथ से खाने-पीने की वस्तुएं मिल जाती थीं। लेकिन अब डेयरी का बूथ भी यहां नहीं है, क्योंकि घाटे के कारण वह भी अधिक समय तक नहीं चल पाया।
पसरा रहता है सन्नाटा
अरबन हाट बनाने का उद्देश्य था कि प्रदेश और देश के विभिन्न क्षेत्रों की शिल्प एवं हस्तकलाओं को एक ही छत के नीचे लाया जा सके लेकिन यहां स्टॉल्स नहीं खुलने से यह उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। अरबन हाट में बनी 50 दुकानों में से अधिकांश हर वक्त बंद रहती हैं।
पाली रोड पर झालामण्ड चौराहे से पहले बने अरबन हाट में दुकानें नहीं खुलने से खरीदार या पर्यटक न के बराबर आते हैं। ऐसे में कई दुकानों के शटर तो टूट भी गए हैं। जहां पर म्यूजियम बनना था वहां पर झाड़ियां उग आई हैं और जहां दो फूड कॉर्नर बनने थे वहां ईंट तक नहीं लगी।
लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं
अरबन हाट को विकसित होने में थोड़ा समय लग सकता है। एक बार केन्द्र सरकार इसे अपने कैलेण्डर में शामिल कर ले तो यह अपने मकसद में कामयाब हो सकता है। पर, कैलेण्डर में शामिल होने के लिए अरबन हाट को अपने पूरे स्वरूप में आना आवश्यक है। इसमें एक चरण का काम होना बाकी है। इसके अलावा यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के मनोरजंन और खाने-पीने की सुविधा के इंतजाम भी करने होंगे। ताकि न केवल वहां लोगों के पांव पड़े बल्कि रुके भी। फिलहाल वर्ष में कई तरह के मेले लगाकर इसे लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। - एसएल पालीवाल, संयुक्त निदेशक, जिला उद्योग केन्द्र
जिला उद्योग केंद्र ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई मेले भी लगाए और आने-जाने की सुविधा भी की लेकिन इतनी दूर खान-पान की व्यवस्था न कर पाने से ग्राहकों का आकर्षण नहीं रह पाया। यहां की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी रहती हैं। जो कुछ खुलती भी हैं तो व्यापारी बेकार बैठे रहते हैं।
दो करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ अरबन हाट के पहले चरण में एक करोड़ तीन लाख रुपए खर्च हुए। दूसरे चरण में म्यूजियम के साथ फास्ट फूड स्टॉल भी लगानी थीं लेकिन सरकार ने इसके लिए राशि आवंटित नहीं की। अब इनके नहीं बनने से यहां पर स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों के पैर कम ही पड़ते हैं।
बरसों से हो रहा है ग्राहकों का इंतजार
अरबन हाट शिल्पकारों के लिए सुनहरा ख्वाब है लेकिन आमजन के लिए यह फ्लॉप शो साबित हुआ। यहां पर उन्हें न तो हस्तनिर्मित वस्तुएं मिलती हैं और न ही मनोरजंन के साधन। जोधपुर में अरबन हाट बनाने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने जिला उद्योग केंद्र को 9 बीघा से ज्यादा भूमि निशुल्क दी और केन्द्र सरकार ने बजट।
16 अगस्त 2002 को हाट का शिलान्यास किया और 13 फरवरी 2004 को 92 स्टॉल सहित उद्घाटन किया गया। लोगों को आकर्षित करने के लिए यहां पर म्यूजियम और फास्ट फूड सेंटर बनाना था ताकि आमजन यहां आएं और शिल्प वस्तुओं का अवलोकन कर खरीदारी करें। लेकिन लोगों के यहां नहीं आने से यह योजना मूर्त रूप में नहीं ले सकी। जिला उद्योग केंद्र भी दुकान लेने वालों का इंतजार कर रहा है और जिन शिल्पकारों ने यहां दुकानें ली हैं वे खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं।
जागरूक पाठक की सूचना पर डीबी स्टार टीम ने एक सप्ताह तक इस अरबन हाट पर नजर रखी। दोपहर, शाम कोई दुकान खुली नहीं दिखी। सरकार ने 200 लाख का अनुमानित बजट तय किया था और अब तक इस पर 103.70 लाख रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। पहले चरण में यहां पर उनके लिए पक्की स्टॉल्स बनाई गईं।
डेयरी बूथ था आकर्षण
स्कीम के तहत यहां दो फूड प्लाजा बनने थे, लेकिन वहां पर किसी ने भी फूड प्लाजा नहीं लगाया। इसलिए डेयरी बूथ ही आकर्षण का केन्द्र था। अगर कोई भूले-भटके यहां आ भी जाता तो उसे इस बूथ से खाने-पीने की वस्तुएं मिल जाती थीं। लेकिन अब डेयरी का बूथ भी यहां नहीं है, क्योंकि घाटे के कारण वह भी अधिक समय तक नहीं चल पाया।
पसरा रहता है सन्नाटा
अरबन हाट बनाने का उद्देश्य था कि प्रदेश और देश के विभिन्न क्षेत्रों की शिल्प एवं हस्तकलाओं को एक ही छत के नीचे लाया जा सके लेकिन यहां स्टॉल्स नहीं खुलने से यह उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। अरबन हाट में बनी 50 दुकानों में से अधिकांश हर वक्त बंद रहती हैं।
पाली रोड पर झालामण्ड चौराहे से पहले बने अरबन हाट में दुकानें नहीं खुलने से खरीदार या पर्यटक न के बराबर आते हैं। ऐसे में कई दुकानों के शटर तो टूट भी गए हैं। जहां पर म्यूजियम बनना था वहां पर झाड़ियां उग आई हैं और जहां दो फूड कॉर्नर बनने थे वहां ईंट तक नहीं लगी।
लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं
अरबन हाट को विकसित होने में थोड़ा समय लग सकता है। एक बार केन्द्र सरकार इसे अपने कैलेण्डर में शामिल कर ले तो यह अपने मकसद में कामयाब हो सकता है। पर, कैलेण्डर में शामिल होने के लिए अरबन हाट को अपने पूरे स्वरूप में आना आवश्यक है। इसमें एक चरण का काम होना बाकी है। इसके अलावा यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के मनोरजंन और खाने-पीने की सुविधा के इंतजाम भी करने होंगे। ताकि न केवल वहां लोगों के पांव पड़े बल्कि रुके भी। फिलहाल वर्ष में कई तरह के मेले लगाकर इसे लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। - एसएल पालीवाल, संयुक्त निदेशक, जिला उद्योग केन्द्र
जोधपुर :स्वाइन फ्लू- दो नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई
जोधपुर. स्वाइन फ्लू के संदेह के चलते मंगलवार को महात्मा गांधी और मथुरादास माथुर अस्पताल से भेजे गए दो महिला रोगियों के स्वाब के नमूनों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने से डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है। बीते दो दिन में तीन रोगियों के स्वाब के नमूने लिए जाने से स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को भेजे गए नमूनों में एक महिला जालोर और दूसरी जोधपुर शहर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड की निवासी है।
जेब पर भारी होगी जांच
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयलोजी विभाग में बुधवार से शुरू हुई वायरालॉजी लेब में जांच के स्वाइन फ्लू के वायरस एएच1एन1 की जांच के लिए मरीज के परिजनों को जेब ढीली करनी पड़ेगी।
शुल्क को लेकर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि जयपुर एसएमएस कॉलेज की तर्ज पर यहां भी जांच के लिए एक हजार से पंद्रह सौ रुपए वसूले जाएंगे, जबकि वर्तमान में डीएमआरसी से निशुल्क जांच होती है। परिजनों को नाममात्र शुल्क दो सौ रुपए अदा करने होता है।
जेब पर भारी होगी जांच
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयलोजी विभाग में बुधवार से शुरू हुई वायरालॉजी लेब में जांच के स्वाइन फ्लू के वायरस एएच1एन1 की जांच के लिए मरीज के परिजनों को जेब ढीली करनी पड़ेगी।
शुल्क को लेकर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि जयपुर एसएमएस कॉलेज की तर्ज पर यहां भी जांच के लिए एक हजार से पंद्रह सौ रुपए वसूले जाएंगे, जबकि वर्तमान में डीएमआरसी से निशुल्क जांच होती है। परिजनों को नाममात्र शुल्क दो सौ रुपए अदा करने होता है।
190 लोग उल्टी-दस्त के शिकार
नागौर. बासनी गांव में पिछले तीन दिनों में अज्ञात कारणों से उल्टी, दस्त और पेट दर्द से पीड़ित 190 लोग अस्पताल में भर्ती हुए है। कलेक्टर डा. समित शर्मा ने स्वास्थ्य एवं जलदाय अधिकारियों को तत्काल मौके पर भेजा और हालात पर नियंत्रण के निर्देश दिए।
फिलहाल विभाग के अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यकायक उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या इतनी कैसे बढ़ गई। मरीजों में अधिकतर महिलाएं हैं। इन मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
सीएमएचओ अखिलेश नारायण माथुर ने बताया कि सोमवार को उल्टी दस्त के 47, मंगलवार को 67 और बुधवार को दोपहर तक 75 मरीज यहां पहुंचे। विगत दो दिनों से कुल 95 मरीजों को यहां भर्ती किया गया है जिसमें 74 महिलाएं तथा 22 पुरूष शामिल है। पीएचईडी की टीम ने क्षेत्र के घरों से पानी के सैंपल लिए।
फिलहाल विभाग के अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यकायक उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या इतनी कैसे बढ़ गई। मरीजों में अधिकतर महिलाएं हैं। इन मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
सीएमएचओ अखिलेश नारायण माथुर ने बताया कि सोमवार को उल्टी दस्त के 47, मंगलवार को 67 और बुधवार को दोपहर तक 75 मरीज यहां पहुंचे। विगत दो दिनों से कुल 95 मरीजों को यहां भर्ती किया गया है जिसमें 74 महिलाएं तथा 22 पुरूष शामिल है। पीएचईडी की टीम ने क्षेत्र के घरों से पानी के सैंपल लिए।
कलेक्टर का आदेश रद्दी की टोकरी में डाला
जोधपुर. बासनी तंबोलिया के लोगों का दुर्भाग्य है कि पेयजल के वर्षो पुराने संकट से मुक्ति पाने की उनकी कोशिश एक बार फिर पीएचईडी के अफसरों की मनमानी के कारण धरी रह गई। इस क्षेत्र के लिए स्वीकृत वाटर टैंक राजनीति की भेंट चढ़ गया। लोग अपने क्षेत्र में वाटर टैंक बनने का इंतजार ही करते रहे और उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगी कि अब यह कहीं और जगह बनेगा।
जब वाटर टैंक के दूसरी जगह बनने की सूचना मिली तो इन्हें ऐसा लगा कि मानो मुंह में आया निवाला छीन लिया गया। अपने मोहल्ले में पानी का टैंक बनवाने के लिए इन्होंने न जाने कितने जतन किए थे। ये लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं। जब पानी की आपूर्ति समय पर नहीं होती तो इन्हें महंगे दामों पर पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। वार्ड 61 व 62 के बासनी तंबोलिया, भील व जाटाबास क्षेत्र के लोगों ने 4 जून को कलेक्टर को एक प्रार्थना-पत्र दिया।
कलेक्टर ने जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, नगर खण्ड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता को पत्र क्रमांक विकास /पेयजल 2010/2813 में कहा कि उक्त क्षेत्र में एक माह से पानी की आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है, अत: प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का निदान करवाएं। इसे एक माह से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक संकट जस का तस है। इस समस्या का निदान न होने पर क्षेत्रवासी दुबारा कलेक्टर कार्यालय गए। वहां से एक बार फिर 4 जून के पत्र का हवाला देते हुए पत्र क्रमांक: विकास /2010/3228 से दुबारा पीएचईडी के अफसरों को आदेश दिया, लेकिन यह आदेश भी रद्दी में डाल दिया गया।
पीएचईडी के अफसरों ने कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेशों की प्रतियों को टेबलों पर रखी फाइलों में दबा दिया और इधर लोगों के कंठ सूखे हुए हैं। अब वे कलेक्टर कार्यालय के आदेशों की कॉपी लिए हुए कभी कलेक्टर कार्यालय तो कभी पीएचईडी के अफसरों के आगे-पीछे घूम रहे हैं। जाटाबास व भील बस्ती में करीब सौ घर हैं। इनमें से कुछ घर ऊंचाई वाले इलाके में स्थित होने के कारण वहां पानी पहुंच नहीं पाता।
जब वाटर टैंक के दूसरी जगह बनने की सूचना मिली तो इन्हें ऐसा लगा कि मानो मुंह में आया निवाला छीन लिया गया। अपने मोहल्ले में पानी का टैंक बनवाने के लिए इन्होंने न जाने कितने जतन किए थे। ये लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं। जब पानी की आपूर्ति समय पर नहीं होती तो इन्हें महंगे दामों पर पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। वार्ड 61 व 62 के बासनी तंबोलिया, भील व जाटाबास क्षेत्र के लोगों ने 4 जून को कलेक्टर को एक प्रार्थना-पत्र दिया।
कलेक्टर ने जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, नगर खण्ड द्वितीय के अधिशाषी अभियंता को पत्र क्रमांक विकास /पेयजल 2010/2813 में कहा कि उक्त क्षेत्र में एक माह से पानी की आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है, अत: प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का निदान करवाएं। इसे एक माह से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक संकट जस का तस है। इस समस्या का निदान न होने पर क्षेत्रवासी दुबारा कलेक्टर कार्यालय गए। वहां से एक बार फिर 4 जून के पत्र का हवाला देते हुए पत्र क्रमांक: विकास /2010/3228 से दुबारा पीएचईडी के अफसरों को आदेश दिया, लेकिन यह आदेश भी रद्दी में डाल दिया गया।
पीएचईडी के अफसरों ने कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेशों की प्रतियों को टेबलों पर रखी फाइलों में दबा दिया और इधर लोगों के कंठ सूखे हुए हैं। अब वे कलेक्टर कार्यालय के आदेशों की कॉपी लिए हुए कभी कलेक्टर कार्यालय तो कभी पीएचईडी के अफसरों के आगे-पीछे घूम रहे हैं। जाटाबास व भील बस्ती में करीब सौ घर हैं। इनमें से कुछ घर ऊंचाई वाले इलाके में स्थित होने के कारण वहां पानी पहुंच नहीं पाता।
Thursday, July 22, 2010
थाने में पुलिस की धुनाई
जोधपुर. शहरवासियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले पुलिसकर्मियों को बुधवार शाम उस समय खुद की सुरक्षा के ही लाले पड़ गए जब एक व्यक्ति ने थाने में ही उनकी धुनाई कर दी।
पुलिस लाइन रोड स्थित महिला पुलिस थाने में इस व्यक्ति ने एएसआई और कांस्टेबल के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने फिलहाल उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मामले की जांच चल रही है। रातानाडा पुलिस के अनुसार महिला थाने में किसी महिला के साथ आए मगरा पूंजला निवासी आदित्य सिंह पुत्र ब्रह्मसिंह की एएसआई बिरमाराम और कांस्टेबल मजीद खां के साथ किसी बात को लेकर बहस हो गई।
इस दौरान गुस्से में आकर आदित्य सिंह ने उन दोनों की थाने में ही धुनाई करनी शुरू कर दी। बीचबचाव करने आईं थाने की महिला कांस्टेबल ने उन्हें छुड़ाया। रातानाडा थानाधिकारी कृष्णचंद्र ने बताया कि आदित्य सिंह को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति किस काम से महिला के साथ थाने में आया था इसे बारे में अभी पता नहीं चला है।
पुलिस लाइन रोड स्थित महिला पुलिस थाने में इस व्यक्ति ने एएसआई और कांस्टेबल के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने फिलहाल उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मामले की जांच चल रही है। रातानाडा पुलिस के अनुसार महिला थाने में किसी महिला के साथ आए मगरा पूंजला निवासी आदित्य सिंह पुत्र ब्रह्मसिंह की एएसआई बिरमाराम और कांस्टेबल मजीद खां के साथ किसी बात को लेकर बहस हो गई।
इस दौरान गुस्से में आकर आदित्य सिंह ने उन दोनों की थाने में ही धुनाई करनी शुरू कर दी। बीचबचाव करने आईं थाने की महिला कांस्टेबल ने उन्हें छुड़ाया। रातानाडा थानाधिकारी कृष्णचंद्र ने बताया कि आदित्य सिंह को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति किस काम से महिला के साथ थाने में आया था इसे बारे में अभी पता नहीं चला है।
भाई सा’ब बंदूक किकर चलावै..
जोधपुर. ‘अरे भाई सा’ब इण नकली बंदूक ने किकर चलावे, थोड़ो बतावो नीं.. म्हने भी बंदूक चलावणी है..।’ इसके साथ ही कट की आवाज और सीन ओके।
यह नजारा था बुधवार को सूरपुरा महल के बाहर चल रही टीवी सीरियल ‘बालिका वधू’ की शूटिंग का। इस दौरान सीरियल के कुछ छोटे-छोटे शॉट्स फिल्माए गए। शहर के निकट सूरपुरा महल के बाहर बुधवार को चौथे दिन भी ‘बालिका वधू’ की शूटिंग मेले के सेट पर ही हुई।
असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि दोपहर बाद जगदीशिया और आनंदी के बीच मेले में कुछ शॉट्स फिल्माए गए। इसके साथ ही सूरपुरा में शूटिंग का दौर पूरा हो गया। जोधपुर से पैक-अप होने के बाद गुरुवार को आनंदी का रोल कर रही प्रत्याशू बनर्जी और जगदीशिया का किरदार निभा रहे शशांक व्यास मुंबई के लिए रवाना होंगे।
यह नजारा था बुधवार को सूरपुरा महल के बाहर चल रही टीवी सीरियल ‘बालिका वधू’ की शूटिंग का। इस दौरान सीरियल के कुछ छोटे-छोटे शॉट्स फिल्माए गए। शहर के निकट सूरपुरा महल के बाहर बुधवार को चौथे दिन भी ‘बालिका वधू’ की शूटिंग मेले के सेट पर ही हुई।
असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि दोपहर बाद जगदीशिया और आनंदी के बीच मेले में कुछ शॉट्स फिल्माए गए। इसके साथ ही सूरपुरा में शूटिंग का दौर पूरा हो गया। जोधपुर से पैक-अप होने के बाद गुरुवार को आनंदी का रोल कर रही प्रत्याशू बनर्जी और जगदीशिया का किरदार निभा रहे शशांक व्यास मुंबई के लिए रवाना होंगे।
हेमा और ईशा आईं जोधपुर
जोधपुर. ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और ईशा देओल बुधवार को जोधपुर पहुंचीं। ईशा यहां ‘टेल मी ओ खुदा’ फिल्म की शूटिंग में भाग लेंगी।
हेमा मालिनी की होम प्रोडक्शन वाली इस फिल्म में विनोद खन्ना, सुधांशु पांडे, रिचा शर्मा, मधु जैसे कई कलाकार भूमिका निभा रहे हैं। इससे पूर्व इस वर्ष जनवरी में एक सप्ताह तक इस फिल्म की शूटिंग जोधपुर में हो चुकी है। लोकल असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के लिए हेमा मालिनी और ईशा देओल ने शहर के चौपासनी और अन्य क्षेत्रों में लोकेशन देखी।
हेमा मालिनी की होम प्रोडक्शन वाली इस फिल्म में विनोद खन्ना, सुधांशु पांडे, रिचा शर्मा, मधु जैसे कई कलाकार भूमिका निभा रहे हैं। इससे पूर्व इस वर्ष जनवरी में एक सप्ताह तक इस फिल्म की शूटिंग जोधपुर में हो चुकी है। लोकल असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर रमजान बैलिम ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के लिए हेमा मालिनी और ईशा देओल ने शहर के चौपासनी और अन्य क्षेत्रों में लोकेशन देखी।
Wednesday, July 21, 2010
चुनाव लड़ने की आयु सीमा तय
जोधपुर. छात्रसंघ चुनाव करवाने के लिए जेएनवीयू प्रशासन की ओर से गठित कमेटी ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट कुलपति प्रो. नवीन माथुर को सौंप दी है। इसमें 25 अगस्त को प्रस्तावित छात्रसंघ चुनावों के मापदंड तय कर दिए। साथ ही चुनाव लड़ने की आयु सीमा भी तय की गई। विज्ञान संकाय डीन प्रो. जीसी टिक्कीवाल के संयोजन में गठित कमेटी को छात्रसंघ चुनाव के मापदंड व चुनाव प्रक्रिया तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कमेटी ने एक उप कमेटी बनाकर विधि संकाय डीन प्रो. रामनिवास शर्मा को संयोजक बनाया। इस कमेटी ने आयु वर्ग के संबंध में अनुशंसा कर दी। मंगलवार को कमेटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पूरी रिपोर्ट सौंप दी। अब छात्रसंघ चुनाव की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी। जेएनवीयू के विद्यार्थी प्रत्यक्ष मतदान से छात्रसंघ अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव के अलावा संकाय सचिव, संकाय उपाध्यक्ष व संकाय सदस्य तथा कक्षा प्रतिनिधि चुनेंगे।
उपस्थिति की अनिवार्यता
शैक्षणिक सत्र शुरू होने तथा प्रवेश के बाद नामांकन की तिथि तक प्रत्याशी की उपस्थिति 75 फीसदी होना अनिवार्य है। जेएनवीयू में कला, वाणिज्य, विज्ञान व विधि संकाय का शैक्षणिक सत्र 5 जुलाई से तथा एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज का 17 जुलाई से शुरू हुआ। जेएनवीयू में अभी तक सामान्य संकाय की तो अधिकतर कक्षाएं शुरू ही नहीं हुई हैं। इंजीनिरिंग में तो काउंसलिंग से प्रवेश प्रक्रिया ही 26 जुलाई से शुरू होगी। वहीं एमई के प्रवेश अगस्त में होंगे।
आयु के मापदंड में संशोधन
कमेटी ने अनुशंसा की है कि बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए व बीए के वे विद्यार्थी जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उनकी उम्र 17 से 22 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बीई अथवा बीटेक वाले के लिए आयु 17 से 23 वर्ष निर्धारित की है। पीजी, एलएलबी, बीबीए एलएलबी व बीए एलएलबी वाले विद्यार्थियों की आयु 25 वर्ष तक होनी चाहिए। 28 वर्ष तक के रिसर्च स्कॉलर भी चुनाव लड़ सकेंगे। सभी के लिए निर्धारित उम्र 30 जून को इससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
एकेडमिक एरियर नहीं हो
विश्वविद्यालय की ओर से गठित कमेटी ने यह भी अनुशंसा की है कि चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी के नामांकन भरने के दिन कोई भी एकेडमिक एरियर नहीं होना चाहिए। विद्यार्थी के गत परीक्षा में रेग्यूलर कोर्स में पूरक नहीं होनी चाहिए तथा सेमेस्टर परीक्षा में पढ़ने वाले प्रत्याशी के एटीकेटी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उस विद्यार्थी का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए तथा विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कमेटी ने अनुशंसा की है कि संभव हो तथा जिला प्रशासन स्वीकृति दें तो ईवीएम से मतदान करवाए जाएं।
चुनाव कार्यक्रम तय
विश्वविद्यालय को 16 अगस्त तक मतदान सूचियों का प्रकाशन करना होगा। इन सूचियों पर आपत्तियां 17 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक प्राप्त कर 18 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उम्मीदवार 19 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन भर सकेगा तथा 20 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक उम्मीदवारी वापस ले सकेगा। 21 अगस्त को दोपहर 3 बजे उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 25 अगस्त को सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक मतदान होगा। मतगणना व चुनाव परिणाम की घोषणा के अलावा शपथ ग्रहण भी उसी दिन दोपहर दो बजे के बाद होगा।
कमेटी ने एक उप कमेटी बनाकर विधि संकाय डीन प्रो. रामनिवास शर्मा को संयोजक बनाया। इस कमेटी ने आयु वर्ग के संबंध में अनुशंसा कर दी। मंगलवार को कमेटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पूरी रिपोर्ट सौंप दी। अब छात्रसंघ चुनाव की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी। जेएनवीयू के विद्यार्थी प्रत्यक्ष मतदान से छात्रसंघ अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव के अलावा संकाय सचिव, संकाय उपाध्यक्ष व संकाय सदस्य तथा कक्षा प्रतिनिधि चुनेंगे।
उपस्थिति की अनिवार्यता
शैक्षणिक सत्र शुरू होने तथा प्रवेश के बाद नामांकन की तिथि तक प्रत्याशी की उपस्थिति 75 फीसदी होना अनिवार्य है। जेएनवीयू में कला, वाणिज्य, विज्ञान व विधि संकाय का शैक्षणिक सत्र 5 जुलाई से तथा एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज का 17 जुलाई से शुरू हुआ। जेएनवीयू में अभी तक सामान्य संकाय की तो अधिकतर कक्षाएं शुरू ही नहीं हुई हैं। इंजीनिरिंग में तो काउंसलिंग से प्रवेश प्रक्रिया ही 26 जुलाई से शुरू होगी। वहीं एमई के प्रवेश अगस्त में होंगे।
आयु के मापदंड में संशोधन
कमेटी ने अनुशंसा की है कि बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीसीए व बीए के वे विद्यार्थी जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उनकी उम्र 17 से 22 वर्ष के बीच होनी चाहिए। बीई अथवा बीटेक वाले के लिए आयु 17 से 23 वर्ष निर्धारित की है। पीजी, एलएलबी, बीबीए एलएलबी व बीए एलएलबी वाले विद्यार्थियों की आयु 25 वर्ष तक होनी चाहिए। 28 वर्ष तक के रिसर्च स्कॉलर भी चुनाव लड़ सकेंगे। सभी के लिए निर्धारित उम्र 30 जून को इससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
एकेडमिक एरियर नहीं हो
विश्वविद्यालय की ओर से गठित कमेटी ने यह भी अनुशंसा की है कि चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी के नामांकन भरने के दिन कोई भी एकेडमिक एरियर नहीं होना चाहिए। विद्यार्थी के गत परीक्षा में रेग्यूलर कोर्स में पूरक नहीं होनी चाहिए तथा सेमेस्टर परीक्षा में पढ़ने वाले प्रत्याशी के एटीकेटी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उस विद्यार्थी का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए तथा विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कमेटी ने अनुशंसा की है कि संभव हो तथा जिला प्रशासन स्वीकृति दें तो ईवीएम से मतदान करवाए जाएं।
चुनाव कार्यक्रम तय
विश्वविद्यालय को 16 अगस्त तक मतदान सूचियों का प्रकाशन करना होगा। इन सूचियों पर आपत्तियां 17 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक प्राप्त कर 18 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उम्मीदवार 19 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन भर सकेगा तथा 20 अगस्त को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक उम्मीदवारी वापस ले सकेगा। 21 अगस्त को दोपहर 3 बजे उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 25 अगस्त को सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक मतदान होगा। मतगणना व चुनाव परिणाम की घोषणा के अलावा शपथ ग्रहण भी उसी दिन दोपहर दो बजे के बाद होगा।
छात्राओं के अपहर्ता शिक्षक को सजा
जोधपुर. दो नाबालिग बहनों को बहला फुसलाकर उनका अपहरण करने वाले एक शिक्षक को फास्ट ट्रेक कोर्ट ने तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश रेखा शर्मा ने बीजेएस गजसिंह कॉलोनी निवासी अध्यापक शक्तिसिंह पुत्र भगवतसिंह को अपनी दो छात्राओं को बहला फुसलाकर अपहरण करने का दोषी ठहराया।
कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपी नाबालिग छात्राओं का अध्यापक था। इस नाते उसका दायित्व माता-पिता के समान ही बढ़ जाता है। वह गुरु होते हुए भी अपनी शिष्याओं को उनके माता-पिता की अनुमति बिना अपने साथ ले गया। आरोपी शिक्षक की ओर से तर्क दिया गया कि वह नवयुवक है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसलिए नरमी का रुख अपनाया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उसे तीन साल के कारावास व पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
एक वायु सैनिक की दोनों पुत्रियों, जिनकी उम्र 11 व 14 वर्ष थीं, को आरोपी पढ़ाता था। दोनों लड़कियां 18 जून 09 को रात्रि एक बजे अपने घर से गायब हो गई। बाद में पता चला कि आरोपी उन्हें पढ़ाई व नौकरी के बहाने उड़ीसा ले गया। वहां दो माह तक अपने पास रखा। लड़कियों के पिता ने रातानाडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई ने व परिवादी की ओर से अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी ने पैरवी की।
कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपी नाबालिग छात्राओं का अध्यापक था। इस नाते उसका दायित्व माता-पिता के समान ही बढ़ जाता है। वह गुरु होते हुए भी अपनी शिष्याओं को उनके माता-पिता की अनुमति बिना अपने साथ ले गया। आरोपी शिक्षक की ओर से तर्क दिया गया कि वह नवयुवक है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसलिए नरमी का रुख अपनाया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उसे तीन साल के कारावास व पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
एक वायु सैनिक की दोनों पुत्रियों, जिनकी उम्र 11 व 14 वर्ष थीं, को आरोपी पढ़ाता था। दोनों लड़कियां 18 जून 09 को रात्रि एक बजे अपने घर से गायब हो गई। बाद में पता चला कि आरोपी उन्हें पढ़ाई व नौकरी के बहाने उड़ीसा ले गया। वहां दो माह तक अपने पास रखा। लड़कियों के पिता ने रातानाडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक एलआर विश्नोई ने व परिवादी की ओर से अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी ने पैरवी की।
26 तक सुलझाएं समानीकरण विवाद : हाईकोर्ट
जोधपुर. हाईकोर्ट ने सरकार को समानीकरण विवाद अगली सुनवाई 26 जुलाई से पहले सुलझाने को कहा है। ऐसा न करने पर 27 जुलाई को शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव तथा प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
मंगलवार को न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने ज्योति मारू व अन्य 41 शिक्षकों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अगली तिथि तक यथास्थिति भी जारी रखने को कहा है। सरकार की ओर से एएजी आरएल जांगिड़ ने कहा कि न्यायालय ने 13 जुलाई को जो आदेश दिए थे, उस संबंध में विवाद सुलझाने के लिए कुछ समय चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि इसे सरकार के स्तर पर सुलझाया जाए।
मंगलवार को न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने ज्योति मारू व अन्य 41 शिक्षकों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अगली तिथि तक यथास्थिति भी जारी रखने को कहा है। सरकार की ओर से एएजी आरएल जांगिड़ ने कहा कि न्यायालय ने 13 जुलाई को जो आदेश दिए थे, उस संबंध में विवाद सुलझाने के लिए कुछ समय चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि इसे सरकार के स्तर पर सुलझाया जाए।
मजदूर की मौत पर आक्रोश
सीवरेज लाइन खुदाई के दौरान ढह गई थी मिट्टी
जोधपुर. चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के निकटवर्ती हरिओम नगर में सोमवार शाम मिट्टी ढहने से सालावास निवासी मजदूर राजू (18) की मौत की घटना को ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा बताते हुए शहर के श्रमिकों ने आक्रोश जताया।
श्रमिकों का कहना था कि ठेकेदार व जेडीए के अधिकारियों को हादसे के बाद सूचना दी गई, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। यहां तक कि मंगलवार सुबह एमजीएच मोर्चरी में पोस्टमार्टम के दौरान भी जेडीए सचिव व अन्य अधिकारियों को बुलवाने का प्रयास किया, लेकिन हर कोई एक-दूसरे पर टालते रहे।
मोर्चरी के बाहर भीड़ की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने श्रमिक नेताओं से समझाइश का प्रयास किया। दोपहर तक जेडीए का एक भी अधिकारी यहां नहीं पहुंचा। उधर, पुलिस सीवरेज लाइन का काम करने वाले ठेकेदार की तलाश कर रही है।
जोधपुर. चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के निकटवर्ती हरिओम नगर में सोमवार शाम मिट्टी ढहने से सालावास निवासी मजदूर राजू (18) की मौत की घटना को ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा बताते हुए शहर के श्रमिकों ने आक्रोश जताया।
श्रमिकों का कहना था कि ठेकेदार व जेडीए के अधिकारियों को हादसे के बाद सूचना दी गई, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। यहां तक कि मंगलवार सुबह एमजीएच मोर्चरी में पोस्टमार्टम के दौरान भी जेडीए सचिव व अन्य अधिकारियों को बुलवाने का प्रयास किया, लेकिन हर कोई एक-दूसरे पर टालते रहे।
मोर्चरी के बाहर भीड़ की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने श्रमिक नेताओं से समझाइश का प्रयास किया। दोपहर तक जेडीए का एक भी अधिकारी यहां नहीं पहुंचा। उधर, पुलिस सीवरेज लाइन का काम करने वाले ठेकेदार की तलाश कर रही है।
जोधपुर में बदरा छाए, पर बारिश न आए
जोधपुर. सूर्यनगरी के आसमान में छाए बदरा ने लोगों को बारिश के लिए तरसा दिया है। बरसात की कामना करने के बाद भी बादल नही बरस रहे। उमस के बढ़ते साम्राज्य ने लोगों को पसीने से तर-ब-तर कर दिया है। काजरी मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार दोपहर 3 बजे आद्र्रता 77 प्रतिशत पहुंच गई है।
मानसून की बेरुखी के चलते शहरवासियों की चिंता बढ़ गई है। लोगों ने बारिश के लिए कई प्रयत्न किए, पूजा-पाठ करवाए गए, पर बरसात अभी भी शहर से दूरी बनाए हुए है। काजरी के मौसम वैज्ञानिक एएस राव ने बताया कि मारवाड़ में बारिश के लिए अच्छी स्थिति बनी हुई है।
मानसून की बेरुखी के चलते शहरवासियों की चिंता बढ़ गई है। लोगों ने बारिश के लिए कई प्रयत्न किए, पूजा-पाठ करवाए गए, पर बरसात अभी भी शहर से दूरी बनाए हुए है। काजरी के मौसम वैज्ञानिक एएस राव ने बताया कि मारवाड़ में बारिश के लिए अच्छी स्थिति बनी हुई है।
इंडियन आइडल में स्वरूप के भाग्य का फैसला आज
जोधपुर.जैसलमेर। अपनी आवाज के जादू से स्वर्णनगरी का लाडला स्वरूप खां इंडियन आइडल में अपनी आवाज के जादू से जजों समेत सभी का मन मोह रहा है। उसके लास्ट फोर में जमे रहने का फैसला आज होगा।
सोमवार को दी अपनी खूबसूरत परर्फोमेंस के लिए स्वरूप ने अनू मलिक सहित अन्य जजों से जमकर दाद बटोरी। वहीं स्वर्णनगरी के लोगों ने कल रात से खुली वोटिंग लाइन के बाद सुबह आठ बजे तक जमकर वोटिंग की। बकौल स्वरूप के पिता स्वरूप ही होगा इंडियन आयडल का सरताज, बाकी ईश्वर की मेहर पर।
सोमवार को दी अपनी खूबसूरत परर्फोमेंस के लिए स्वरूप ने अनू मलिक सहित अन्य जजों से जमकर दाद बटोरी। वहीं स्वर्णनगरी के लोगों ने कल रात से खुली वोटिंग लाइन के बाद सुबह आठ बजे तक जमकर वोटिंग की। बकौल स्वरूप के पिता स्वरूप ही होगा इंडियन आयडल का सरताज, बाकी ईश्वर की मेहर पर।
Tuesday, July 20, 2010
जोधपुर में शूटिंग की नन्ही आनंदी ने
जोधपुर. बालिका वधू सीरियल में बचपन के बींद-बिंदणी आनंदी उर्फ अविका गौड़ और जगदीशिया उर्फ अविनाश मुखर्जी ने रविवार को जोधपुर में अंतिम शूटिंग की। इस सीरियल से अब इन दोनों की विदाई होने वाली है और इनकी जगह अब बड़े कलाकार लेंगे। लीक से हटकर बाल विवाह पर बना यह सीरियल टीवी के सबसे हिट सीरियल्स की श्रेणी में आता है। लगातार कई सालों तक सबसे ज्यादा टीआरपी वाला यह सीरियल अब पांच साल आगे जा रहा है। नन्ही आनंदी और जगदीशिया बड़े होंगे । अवंतिका गौड़ और अविनाश मुखर्जी की जगह बड़े कलाकार लेंगे।
सोमवार को शूटिंग के बाद दोनों जोधपुर से मुंबई के लिए रवाना हो गए। इन कलाकारों की एक झलक देखने के लिए एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में प्रशंसक मौजूद थे। सीरियल बालिका वधू के 525 एपिसोड पूरे होने के बाद अब आनंदी और जगदीशिया के नए कैरेक्टर सीरियल में आ जाएंगे। रविवार को शहर के सुरपुरा गांव में आनंदी और जगदीशिया पर कुछ शॉट्स फिल्माए गए थे।
सोमवार को शूटिंग के बाद दोनों जोधपुर से मुंबई के लिए रवाना हो गए। इन कलाकारों की एक झलक देखने के लिए एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में प्रशंसक मौजूद थे। सीरियल बालिका वधू के 525 एपिसोड पूरे होने के बाद अब आनंदी और जगदीशिया के नए कैरेक्टर सीरियल में आ जाएंगे। रविवार को शहर के सुरपुरा गांव में आनंदी और जगदीशिया पर कुछ शॉट्स फिल्माए गए थे।
जोधपुर का सपूत कश्मीर में शहीद
जोधपुर। जम्मू-कश्मीर में सेना के एक ऑपरेशन के दौरान शहीद जोधपुर के सपूत गणपतराम पूनिया का शव सोमवार शाम फ्लाइट से एयरपोर्ट पर लाया गया। यहां से शव मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। मंगलवार को सैनिक सम्मान से उसके शव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भियासर में किया जाएगा।
सेना सूत्रों ने बताया गया कि श्रीनगर के पास शुक्रवार को सेना के ऑपरेशन के दौरान गणपतराम शहीद हो गया था। शहीद का शव पहले नई दिल्ली और वहां से सोमवार शाम जोधपुर लाया गया।
सेना सूत्रों ने बताया गया कि श्रीनगर के पास शुक्रवार को सेना के ऑपरेशन के दौरान गणपतराम शहीद हो गया था। शहीद का शव पहले नई दिल्ली और वहां से सोमवार शाम जोधपुर लाया गया।
मेह के लिए मनुहार
जोधपुर. शहर में बारिश के लिए तरह-तरह के अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। रविवार को मंदिरों में जहां सहस्त्रघट हुए वहीं कई स्थान पर यज्ञ हुए। मंदिरों और आश्रमों में विशेष प्रार्थना कर लोगों ने इंद्रदेव से मेह का वरदान मांगा।
यज्ञदेव से मांगी बरखा
पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर की छात्राओं ने यज्ञदेव से बारिश मांगी। रविवार को दाऊ री ढाणी में करीब तीन सौ छात्राओं ने यज्ञ में आहुतियां दीं। मंत्रोच्चर के साथ हरियाली और खुशहाली के लिए बरसात की इंद्र से अरदास की। इस दौरान शिवलिंग पर अभिषेक किया गया। दाऊलाल मालवीय ने बताया कि कमाडेंट सवाईसिंह गोदारा के निर्देशन में कार्यक्रम हुआ। सुनील, खुशबू, तारा, मंगलदास सहित अन्य लोगों ने सहयोग दिया।
मेढ़क-मेढ़की का ब्याह आज
अच्छी वर्षा की कामना करते हुए इंद्रदेव को रिझाने के लिए सोमवार को शहर की तीन संस्थाओं की ओर से संयुक्त रूप से मेढ़क-मेढ़की के ब्याह का टोटका किया जाएगा। लायंस क्लब ऑफ जोधाणा सहेली, जायंट्स ग्रुप ऑफ जोधाणा सहेली एवं अलायंस क्लब ऑफ जोधाणा की ओर से सुबह साढ़े दस बजे गीता भवन के चक्रधारी मंदिर में यह ब्याह होगा।
महर्षि नवल आश्रम में पूजा-अर्चना
महर्षि नवल आश्रम में बारिश के लिए विशेष पूजा की गई। पूजा-अर्चना हीरालाल महाराज के सान्निध्य में की गई। द्वारकादास महाराज, परमानंद महाराज, रामानंद महाराज, सदानंद महाराज, सचितानंद महाराज, गोविंद महाराज, केशवानंद महाराज, सत्यमित्रानंद, गोपाल, पीयूषानंद, काव्यानंद आदि मौजूद थे। कैलाश जावा, सुमेर जावा सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
यज्ञदेव से मांगी बरखा
पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर की छात्राओं ने यज्ञदेव से बारिश मांगी। रविवार को दाऊ री ढाणी में करीब तीन सौ छात्राओं ने यज्ञ में आहुतियां दीं। मंत्रोच्चर के साथ हरियाली और खुशहाली के लिए बरसात की इंद्र से अरदास की। इस दौरान शिवलिंग पर अभिषेक किया गया। दाऊलाल मालवीय ने बताया कि कमाडेंट सवाईसिंह गोदारा के निर्देशन में कार्यक्रम हुआ। सुनील, खुशबू, तारा, मंगलदास सहित अन्य लोगों ने सहयोग दिया।
मेढ़क-मेढ़की का ब्याह आज
अच्छी वर्षा की कामना करते हुए इंद्रदेव को रिझाने के लिए सोमवार को शहर की तीन संस्थाओं की ओर से संयुक्त रूप से मेढ़क-मेढ़की के ब्याह का टोटका किया जाएगा। लायंस क्लब ऑफ जोधाणा सहेली, जायंट्स ग्रुप ऑफ जोधाणा सहेली एवं अलायंस क्लब ऑफ जोधाणा की ओर से सुबह साढ़े दस बजे गीता भवन के चक्रधारी मंदिर में यह ब्याह होगा।
महर्षि नवल आश्रम में पूजा-अर्चना
महर्षि नवल आश्रम में बारिश के लिए विशेष पूजा की गई। पूजा-अर्चना हीरालाल महाराज के सान्निध्य में की गई। द्वारकादास महाराज, परमानंद महाराज, रामानंद महाराज, सदानंद महाराज, सचितानंद महाराज, गोविंद महाराज, केशवानंद महाराज, सत्यमित्रानंद, गोपाल, पीयूषानंद, काव्यानंद आदि मौजूद थे। कैलाश जावा, सुमेर जावा सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
चोरों ने उड़ाए सोती महिला के गहने
जोधपुर. घर में सो रही महिलाओं के आभूषण चुराकर ले जाने वाली गैंग ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। चांदणा भाखर ज्योति नगर इलाके में शनिवार देर रात घर में सो रही एक महिला के आभूषण चोरी हो गए।
प्रताप नगर पुलिस ने बताया कि मूलत: लोहावट के सामराऊ हाल ज्योतिनगर, चांदणा भाखर निवासी मनीराम पुत्र हेमाराम ने रिपोर्ट में बताया कि शनिवार रात उसके भाई का परिवार घर पर सो रहा था। देर रात अज्ञात शख्स दीवार फांदकर घर में घुसा और उसके भाई की पत्नी के कानों में पहनी सोने की टोटियां चुराकर ले गया।
एक सप्ताह में तीसरी वारदात
बासनी थाना क्षेत्र में गत 14 जुलाई की रात दो घरों में महिलाओं के आभूषण इसी तरह से चोरी हो गए। उल्लेखनीय है कि सांगरिया फांटा क्षेत्र निवासी गोकुलराम की पत्नी के सिर पर बंधा आधा तोला वजनी बोर तथा उसके पड़ोस में रहने वाले हीराराम की पुत्रवधु के गले में पहना मंगलसूत्र तथा कानों में पहने टॉपस इसी तरह उड़ा लिए गए।
क्षेत्र में खौफ का साया
शहर में आए दिन एक ही तर्ज पर महिलाओं के आभूषण चुराकर ले जाने की घटनाओं के बाद भय का माहौल है। गर्मी से परेशान लोग अब घर के आंगन व बाहर सोने से कतराने लगे हैं।
प्रताप नगर पुलिस ने बताया कि मूलत: लोहावट के सामराऊ हाल ज्योतिनगर, चांदणा भाखर निवासी मनीराम पुत्र हेमाराम ने रिपोर्ट में बताया कि शनिवार रात उसके भाई का परिवार घर पर सो रहा था। देर रात अज्ञात शख्स दीवार फांदकर घर में घुसा और उसके भाई की पत्नी के कानों में पहनी सोने की टोटियां चुराकर ले गया।
एक सप्ताह में तीसरी वारदात
बासनी थाना क्षेत्र में गत 14 जुलाई की रात दो घरों में महिलाओं के आभूषण इसी तरह से चोरी हो गए। उल्लेखनीय है कि सांगरिया फांटा क्षेत्र निवासी गोकुलराम की पत्नी के सिर पर बंधा आधा तोला वजनी बोर तथा उसके पड़ोस में रहने वाले हीराराम की पुत्रवधु के गले में पहना मंगलसूत्र तथा कानों में पहने टॉपस इसी तरह उड़ा लिए गए।
क्षेत्र में खौफ का साया
शहर में आए दिन एक ही तर्ज पर महिलाओं के आभूषण चुराकर ले जाने की घटनाओं के बाद भय का माहौल है। गर्मी से परेशान लोग अब घर के आंगन व बाहर सोने से कतराने लगे हैं।
कोटा से निराश होकर लौटे पार्षद
जोधपुर. जोधपुर में भी कोटा की तर्ज पर दशहरा उत्सव से बड़ी कमाई का ख्वाब लेकर गए नगर निगम के अफसरों व पार्षदों को करारा झटका लगा। यह उत्सव कोटा नगर निगम के लिए मोटी कमाई का सांस्कृतिक उत्सव समिति ने जब कोटा में मनाए जाने वाले इस उत्सव की बेलेंस शीट देखी तो उनकी आंखें फटी रह गई।
डेढ़ पखवाड़े तक चलने वाले दशहरा उत्सव की पर कोटा नगर निगम करीब पौने दो करोड़ रुपए खर्च करता है, लेकिन उसके बदले 60-70 लाख रुपए की ही कमाई होती है। समिति का यह भ्रम भी टूट गया कि कोटा नगर निगम दशहरा उत्सव मोटी कमाई के लिए करता है। अब निगम इस पर पूरी समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला लेगा। हालांकि समिति के सदस्यों व अफसरों ने दावा किया है कि जोधपर में अगर दशहरा उत्सव को कोटा की तर्ज पर मनाया जाता है तो उसे दो करोड़ की आय हो सकती है।
निगम ने वितीय वर्ष में पेश किए गए बजट में इस वर्ष कोटा की तर्ज पर दशहरा उत्सव मनाने की घोषणा की थी। बजट चर्चा में भी यह फैसला इसी तर्ज पर लिया गया था कि कोटा नगर निगम को इससे बड़ी आय होती है। निगम की मंशा के अनुरूप महापौर रामेश्वर दाधीच ने इसके लिए निगम की सांस्कृतिक मेला व उत्सव समिति की अध्यक्ष शुभलक्ष्मी व समिति सदस्यों को कोटा भेजा है।
कमेटी के सदस्यों के साथ आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा व एईएन सुखराम चौधरी भी कोटा गए हैं। सभी ने कोटा नगर निगम मेयर समेत अन्य लोगों से बातचीत की तथा दशहरा मेले की योजना का ले-आउट देखने के बाद सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की, लेकिन जब उत्सव की बेलेंस शीट देखी तो सदस्यों को निराश ही होना पड़ा।
खर्चा पौने दो करोड़, कमाई 60 लाख
कोटा नगर निगम दशहरा उत्सव पर करीब पौने दो करोड़ रुपए खर्च करता है, लेकिन इस उत्सव से उसे सिर्फ 50-60 लाख रुपए की आय ही होती है। बातचीत में यह बात भी सामने आई कि उसे चुंगी पुनर्भरण की राशि से ढाई करोड़ रुपए मिलते है। इसके साथ ही न्यास से भी खूब राशि मिल जाती है।
ऐसे में कोटा नगर निगम इस उत्सव को कमाई के नजरिए से कभी नहीं देखता है। जोधपुर नगर निगम के अधिकारियों की माने तो अब उन्होंने अपना नजरिया शुद्ध व्यावसायिक रखा है। इसके लिए वह शीघ्र ही कार्ययोजना तैयार करेगा। निगम ने वर्ष 2010-11 के बजट में इसके लिए 75 लाख रुपए का व्यय प्रस्तावित किया है।
डेढ़ पखवाड़े तक चलने वाले दशहरा उत्सव की पर कोटा नगर निगम करीब पौने दो करोड़ रुपए खर्च करता है, लेकिन उसके बदले 60-70 लाख रुपए की ही कमाई होती है। समिति का यह भ्रम भी टूट गया कि कोटा नगर निगम दशहरा उत्सव मोटी कमाई के लिए करता है। अब निगम इस पर पूरी समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला लेगा। हालांकि समिति के सदस्यों व अफसरों ने दावा किया है कि जोधपर में अगर दशहरा उत्सव को कोटा की तर्ज पर मनाया जाता है तो उसे दो करोड़ की आय हो सकती है।
निगम ने वितीय वर्ष में पेश किए गए बजट में इस वर्ष कोटा की तर्ज पर दशहरा उत्सव मनाने की घोषणा की थी। बजट चर्चा में भी यह फैसला इसी तर्ज पर लिया गया था कि कोटा नगर निगम को इससे बड़ी आय होती है। निगम की मंशा के अनुरूप महापौर रामेश्वर दाधीच ने इसके लिए निगम की सांस्कृतिक मेला व उत्सव समिति की अध्यक्ष शुभलक्ष्मी व समिति सदस्यों को कोटा भेजा है।
कमेटी के सदस्यों के साथ आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा व एईएन सुखराम चौधरी भी कोटा गए हैं। सभी ने कोटा नगर निगम मेयर समेत अन्य लोगों से बातचीत की तथा दशहरा मेले की योजना का ले-आउट देखने के बाद सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की, लेकिन जब उत्सव की बेलेंस शीट देखी तो सदस्यों को निराश ही होना पड़ा।
खर्चा पौने दो करोड़, कमाई 60 लाख
कोटा नगर निगम दशहरा उत्सव पर करीब पौने दो करोड़ रुपए खर्च करता है, लेकिन इस उत्सव से उसे सिर्फ 50-60 लाख रुपए की आय ही होती है। बातचीत में यह बात भी सामने आई कि उसे चुंगी पुनर्भरण की राशि से ढाई करोड़ रुपए मिलते है। इसके साथ ही न्यास से भी खूब राशि मिल जाती है।
ऐसे में कोटा नगर निगम इस उत्सव को कमाई के नजरिए से कभी नहीं देखता है। जोधपुर नगर निगम के अधिकारियों की माने तो अब उन्होंने अपना नजरिया शुद्ध व्यावसायिक रखा है। इसके लिए वह शीघ्र ही कार्ययोजना तैयार करेगा। निगम ने वर्ष 2010-11 के बजट में इसके लिए 75 लाख रुपए का व्यय प्रस्तावित किया है।
बाइक सवार ने बैरियर तोड़ा
जोधपुर. रेलवे क्रॉसिंग पर लगे बैरियर कितने मजबूत है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रविवार शाम एक मोटरसाइकिल चालक ने पावटा बी रोड स्थित क्रॉसिंग के बैरियर पर टक्कर मारी तो बैरियर टूट कर गिर गया।
टूटा हुआ बैरियर यहां के गेट मैन के लिए भी परेशानी का सबब बन गया। गेटमैन रतनलाल ने बताया कि तेज गति से आया मोटरसाइकिल सवार टक्कर मारकर भाग गया। इसकी मोटरसाइकिल पर पुलिस का प्रतीक चिह्न् बना हुआ था। बाद में रतनलाल ने इसकी सूचना अपने अधिकारियों दी। गाड़ियां निकालने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने पड़े। रात आठ बजे यहां से गुजरी एक मालगाड़ी के लिए गेट बंद करने के लिए लोहे की जंजीर हाथें में लेकर कर्मचारियांे को खड़े रहना पड़ा। यह दृश्य यहां खड़े वाहन चालकों के लिए कौतूहल से कम नहीं था।
टूटा हुआ बैरियर यहां के गेट मैन के लिए भी परेशानी का सबब बन गया। गेटमैन रतनलाल ने बताया कि तेज गति से आया मोटरसाइकिल सवार टक्कर मारकर भाग गया। इसकी मोटरसाइकिल पर पुलिस का प्रतीक चिह्न् बना हुआ था। बाद में रतनलाल ने इसकी सूचना अपने अधिकारियों दी। गाड़ियां निकालने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने पड़े। रात आठ बजे यहां से गुजरी एक मालगाड़ी के लिए गेट बंद करने के लिए लोहे की जंजीर हाथें में लेकर कर्मचारियांे को खड़े रहना पड़ा। यह दृश्य यहां खड़े वाहन चालकों के लिए कौतूहल से कम नहीं था।
दादी-पोती चलती ट्रेन से गिरी
जोधपुर. जोधपुर रेलवे स्टेशन से मारवाड़ जंक्शन जाने के लिए रविवार सुबह रवाना हुई जम्मू-तवी एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार एक बच्ची अपनी दादी के साथ चलती ट्रेन से नीचे गिर गई। इससे बच्ची का हाथ कट गया, जबकि उसकी दादी के सिर में चोट लगी।
जीआरपी सूत्रों के अनुसार नागौरी गेट सिंधियों का बास, किला रोड निवासी एक परिवार के चार सदस्य सुबह करीब सात बजे मारवाड़ जंक्शन जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने जोधपुर-रतलाम ट्रेन का टिकट लिया। प्लेटफार्म तक पहुंचने से पहले ही यह ट्रेन रवाना हो चुकी थी। ऐसे में चारों जम्मू-तवी एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार हो गए।
भीड़ अधिक होने के चलते उन्हें गेट के निकट ही खड़ा रहना पड़ा। स्टेशन से रवाना हुई ट्रेन अभी यार्ड के निकट पहुंची ही थी कि पटरी बदलते वक्त लगे झटके से इस्हाक मोहम्मद की पत्नी सायदा बानो (38) व उसकी गोद में बैठी ढाई वर्षीया अफसाना ट्रेन से नीचे गिर गई। सायदा ने अफसाना को बचाने के प्रयास में उसे ट्रेन से दूर घसीटने का प्रयास किया, लेकिन तब तक उसका हाथ कट चुका था। जीआरपी अधिकारियों ने दोनों घायलों को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया।
जीआरपी सूत्रों के अनुसार नागौरी गेट सिंधियों का बास, किला रोड निवासी एक परिवार के चार सदस्य सुबह करीब सात बजे मारवाड़ जंक्शन जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने जोधपुर-रतलाम ट्रेन का टिकट लिया। प्लेटफार्म तक पहुंचने से पहले ही यह ट्रेन रवाना हो चुकी थी। ऐसे में चारों जम्मू-तवी एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार हो गए।
भीड़ अधिक होने के चलते उन्हें गेट के निकट ही खड़ा रहना पड़ा। स्टेशन से रवाना हुई ट्रेन अभी यार्ड के निकट पहुंची ही थी कि पटरी बदलते वक्त लगे झटके से इस्हाक मोहम्मद की पत्नी सायदा बानो (38) व उसकी गोद में बैठी ढाई वर्षीया अफसाना ट्रेन से नीचे गिर गई। सायदा ने अफसाना को बचाने के प्रयास में उसे ट्रेन से दूर घसीटने का प्रयास किया, लेकिन तब तक उसका हाथ कट चुका था। जीआरपी अधिकारियों ने दोनों घायलों को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया।
Monday, July 19, 2010
दिक्कत दूर करने में भी परेशानी
जोधपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में श्रमिकों को भुगतान में हो रही देरी की दिक्कत दूर करने को राज्य सरकार ने उपाय तो ढूंढ लिया लेकिन लागू करने से पहले उसमें ही दिक्कत आ गई। सरकार ने तकनीकी दक्ष मेट लगाने के निर्देश दिए थे, जिस पर अब नए सिरे से विचार किया जा रहा है।
इधर आदेश, उधर मनन
महानरेगा के तहत बडी संख्या में काम खाल इन पर बहुत सारे श्रमिक भी लगा दिए गए। नित नए प्रयोग और सरकारी फरमानों से उलझी इस योजना में श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं मिलने के मामले भी बढते गए। श्रमिकों को समय पर भुगतान और कार्योü के पारदर्शी रूप से सत्यापन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में तकनीकी दक्ष मेट लगाए जाने थे।
इसके लिए बाकायदा कार्यक्रम और दिशा-निर्देश जारी किए गए। साथ ही विकास अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए कि सरकार की मंशा के अनुरूप तकनीकी दक्ष मेट की नियुक्ति और उनके प्रशिक्षण की कार्रवाई की जाए। लेकिन इससे पहले ही सरकार को यह भी अहसास हो गया कि इससे भुगतान का बिगडा ढर्रा भले ही सुधर जाए, लेकिन पहले की व्यवस्था तो कायम रखनी ही पडेगी।
यह है दिक्कत
तकनीकी दक्ष मेट नियुक्त करने के लिए मापदण्ड तय करते हुए सरकार ने कहा था कि सितम्बर 2010 तक इन्हें पूर्ण रूप से दक्ष बना दिया जाए। इनकी नियुक्ति से प्रत्येक कार्य का माप पखवाडा समाप्ति के तीन दिन में होकर श्रमिकों को निर्धारित अवधि में भुगतान मिल जाएगा।
इस बीच, जोधपुर कलक्टर की ओर से तैयार 70 फीसदी अग्रिम भुगतान की योजना पर भी विचार शुरू हो गया है। साथ ही, सरकार को फीडबैक मिला कि दक्ष मेट भले ही माप कर ले, कनिष्ठ अभियंता को तो माप करने जाना ही पडेगा। ऎसे में दक्ष मेट की कवायद का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। सरकार ने फिलहाल इस मामले पर पहले अध्ययन करने की जरूरत बताई है।
इधर आदेश, उधर मनन
महानरेगा के तहत बडी संख्या में काम खाल इन पर बहुत सारे श्रमिक भी लगा दिए गए। नित नए प्रयोग और सरकारी फरमानों से उलझी इस योजना में श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं मिलने के मामले भी बढते गए। श्रमिकों को समय पर भुगतान और कार्योü के पारदर्शी रूप से सत्यापन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में तकनीकी दक्ष मेट लगाए जाने थे।
इसके लिए बाकायदा कार्यक्रम और दिशा-निर्देश जारी किए गए। साथ ही विकास अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए कि सरकार की मंशा के अनुरूप तकनीकी दक्ष मेट की नियुक्ति और उनके प्रशिक्षण की कार्रवाई की जाए। लेकिन इससे पहले ही सरकार को यह भी अहसास हो गया कि इससे भुगतान का बिगडा ढर्रा भले ही सुधर जाए, लेकिन पहले की व्यवस्था तो कायम रखनी ही पडेगी।
यह है दिक्कत
तकनीकी दक्ष मेट नियुक्त करने के लिए मापदण्ड तय करते हुए सरकार ने कहा था कि सितम्बर 2010 तक इन्हें पूर्ण रूप से दक्ष बना दिया जाए। इनकी नियुक्ति से प्रत्येक कार्य का माप पखवाडा समाप्ति के तीन दिन में होकर श्रमिकों को निर्धारित अवधि में भुगतान मिल जाएगा।
इस बीच, जोधपुर कलक्टर की ओर से तैयार 70 फीसदी अग्रिम भुगतान की योजना पर भी विचार शुरू हो गया है। साथ ही, सरकार को फीडबैक मिला कि दक्ष मेट भले ही माप कर ले, कनिष्ठ अभियंता को तो माप करने जाना ही पडेगा। ऎसे में दक्ष मेट की कवायद का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। सरकार ने फिलहाल इस मामले पर पहले अध्ययन करने की जरूरत बताई है।
108 एंबुलेंस में अवधिपार दवाइयां!
जोधपुर. संभाग में चलने वाली आपातकालीन चिकित्सा सेवा 108 की एंबुलेंस में रखी जीवन रक्षक दवाइयां मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती हैं। संभागभर में दौड़ने वाली इन एंबुलेंस में से अनेक में रखी कई दवाइयां अवधिपार हो चुकी हैं। चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी इस तरफ से आंखें मूंदे हैं।
जोधपुर शहर के अलावा जालोर व अन्य शहरों में भी अवधिपार दवाइयां एंबुलेंस में रखी हैं, लेकिन इन्हें अब तक नहीं बदला गया है। प्रदेश में 30 जून की मध्यरात्रि के बाद आपातकालीन चिकित्सा सेवा का जिम्मा सरकार ने नई कंपनी को सौंप दिया। इसके बाद से पूरी तरह लड़खड़ा चुकी इस सेवा से जनता उकता चुकी है।
इन एंबुलेंस में घायल व बीमार मरीजों की जान बचाने के लिए रखी गई दवाइयां अवधिपार हो चुकी हैं। ऐसे में इन दवाइयों का उपयोग करना लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। इतना ही नहीं, वर्तमान में इन गाड़ियों पर लगाए इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियनों को भी आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। इतना कुछ होने के बावजूद सरकार व संबंधित विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
जांच करवाएंगे
आपातकालीन सेवाएं देने वाली 108 एंबुलेंस में अवधिपार दवाइयां रखना निश्चित रूप से गंभीर बात है। एंबुलेंस में दवाइयां उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी जिगित्सा हैल्थकेयर की है। इसकी तत्काल जांच करवाई जाएगी तथा जरूरत पड़ी तो कंपनी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. एमआर परमार, ज्वाइंट डायरेक्टर, चिकित्सा विभाग
जोधपुर शहर के अलावा जालोर व अन्य शहरों में भी अवधिपार दवाइयां एंबुलेंस में रखी हैं, लेकिन इन्हें अब तक नहीं बदला गया है। प्रदेश में 30 जून की मध्यरात्रि के बाद आपातकालीन चिकित्सा सेवा का जिम्मा सरकार ने नई कंपनी को सौंप दिया। इसके बाद से पूरी तरह लड़खड़ा चुकी इस सेवा से जनता उकता चुकी है।
इन एंबुलेंस में घायल व बीमार मरीजों की जान बचाने के लिए रखी गई दवाइयां अवधिपार हो चुकी हैं। ऐसे में इन दवाइयों का उपयोग करना लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। इतना ही नहीं, वर्तमान में इन गाड़ियों पर लगाए इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियनों को भी आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। इतना कुछ होने के बावजूद सरकार व संबंधित विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
जांच करवाएंगे
आपातकालीन सेवाएं देने वाली 108 एंबुलेंस में अवधिपार दवाइयां रखना निश्चित रूप से गंभीर बात है। एंबुलेंस में दवाइयां उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी जिगित्सा हैल्थकेयर की है। इसकी तत्काल जांच करवाई जाएगी तथा जरूरत पड़ी तो कंपनी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. एमआर परमार, ज्वाइंट डायरेक्टर, चिकित्सा विभाग
आकार लेने लगी है जनाना विंग
जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मथुरादास माथुर अस्पताल में 29 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला जनाना एवं शिशु विंग का भवन आकार लेने लगा है। भवन का निर्माण हैरिटेज शैली में पीडब्ल्यूडी कर रहा है।
यह दो मंजिला बनेगा। करीब 250 पलंगों वाले जनाना विंग के भवन का निर्माण एमडीएम में 2 लाख 32 हजार 750 वर्ग फीट में किया जाना तय है। पीडब्ल्यूडी को इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार से एक करोड़ की राशि मिली है। इस राशि से उपयोग से 10 हजार वर्ग फीट में शिशुरोग विभाग की ओपीडी का निर्माण शुरू करवाया गया है। अधिकारियों के अनुसार जनाना विंग का निर्माण तीन साल में होने की संभावना है।
कैसा होगा स्वरूप
भूतल पर: पीडब्ल्यूडी ने प्रोजेक्ट में जनाना विंग के भूतल तल पर गाइनी व पीकेट्रीक ओपीडी, दोनों विभागों के 20-20 पलंगों के वार्ड, आईसीयू, न्यूबोन सेफ्टिक नर्सरी,लेबर व डिलेवरी रूम, ओटी, लैब, इमरेजेंसी माइनर व एएनएल क्लिनिक का निर्माण करवाएगा।
प्रथम मंजिल पर: गाइनी व शिशुरोग विभाग के मरीजों के लिए कोटेज वार्ड के निर्माण करवाए जाएंगे। प्रथम मंजिल पर दोनों विभागों के ऑपरेशन थियेटर का निर्माण करवाया जाएगा। अस्पताल के नए भवन में भूतल से प्रथम मंजिल तक जाने के लिए पांच स्थानों पर लिफ्ट लगाने का प्रावधान भी रखा गया है।
यह दो मंजिला बनेगा। करीब 250 पलंगों वाले जनाना विंग के भवन का निर्माण एमडीएम में 2 लाख 32 हजार 750 वर्ग फीट में किया जाना तय है। पीडब्ल्यूडी को इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार से एक करोड़ की राशि मिली है। इस राशि से उपयोग से 10 हजार वर्ग फीट में शिशुरोग विभाग की ओपीडी का निर्माण शुरू करवाया गया है। अधिकारियों के अनुसार जनाना विंग का निर्माण तीन साल में होने की संभावना है।
कैसा होगा स्वरूप
भूतल पर: पीडब्ल्यूडी ने प्रोजेक्ट में जनाना विंग के भूतल तल पर गाइनी व पीकेट्रीक ओपीडी, दोनों विभागों के 20-20 पलंगों के वार्ड, आईसीयू, न्यूबोन सेफ्टिक नर्सरी,लेबर व डिलेवरी रूम, ओटी, लैब, इमरेजेंसी माइनर व एएनएल क्लिनिक का निर्माण करवाएगा।
प्रथम मंजिल पर: गाइनी व शिशुरोग विभाग के मरीजों के लिए कोटेज वार्ड के निर्माण करवाए जाएंगे। प्रथम मंजिल पर दोनों विभागों के ऑपरेशन थियेटर का निर्माण करवाया जाएगा। अस्पताल के नए भवन में भूतल से प्रथम मंजिल तक जाने के लिए पांच स्थानों पर लिफ्ट लगाने का प्रावधान भी रखा गया है।
इन्द्रदेव को रिझाने मेढ़क-मेढ़की का विवाह
जोधपुर. मारवाड़ में बादलों की बेरुखी के चलते लोगों की आंखें आकाश की तरफ उठने लगी हैं। मौसम वैज्ञानिकों का आकलन और उपग्रहों से मिलने वाली जानकारी के आधार पर की जाने वाली भविष्यवाणियां और पूर्वानुमान भी सटीक नहीं उतर रहे।
ऐसे में इंद्रदेव को रिझाने के लिए लोगों ने सामूहिक प्रार्थनाओं, दुआओं के साथ टोने-टोटकों को भी आजमाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में 19 जुलाई को जोधपुर शहर में मेढ़क-मेढ़की का विवाह रचाया जाएगा। ताकि इन्द्रदेव राजी हों और जमकर लोगों पर अपनी कृपा बारिश के रूप में बरसाएं।
मारवाड़ में बारिश की कामना के लिए इन्द्रदेव को रिझाने का यह पहला मौका नहीं है। करीब तीन साल पहले 20 जून 2007 को डूंगरिया महादेव मंदिर में मेढ़क-मेढ़की का विवाह रचाया गया था। इसके आयोजक जायन्ट्स सहेली ग्रुप का दावा है कि इस विवाह की वजह से ही उस साल क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई।
ग्रुप की अध्यक्ष रेखा परिहार ने बताया कि इस बार अलायन्स क्लब ऑफ जोधाणा सहेली, जायन्ट्स ग्रुप ऑफ जोधाणा सहेली एवं अलायन्स क्लब ऑफ जोधाणा के संयुक्त तत्वावधान में 19 जुलाई को सुबह दस बज गीता भवन के चक्रधारी मंदिर में यह अनुष्ठान होगा।
इंद्रदेव को मनाने का दौर जारी
शहर सहित जिलेभर में इंद्रदेव को मनाने के लिए पूजा-पाठ, यज्ञ हवन हो रहे हैं। हर कोई चाहता है कि इंद्रदेव मेहरबान हो बरखा बरसे, ताकि गर्मी से राहत मिले और खुशहाली आए।
क्यों होता है विवाह?
पौराणिक मान्यता रही है कि मेढ़क-मेढ़की की शादी रचाने का टोटका किया जाए। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि मेढ़क थोड़ी ही बारिश में ही टर्र-टर्र करने लगता है। मेढ़क पानी में और पानी के बाहर भी रह सकता है। जोधपुर में होने वाले इस आयोजन में मेढ़क और मेढ़की की शादी करवाने के बाद उन्हें पानी में छोड़ा जाएगा।
ऐसे में इंद्रदेव को रिझाने के लिए लोगों ने सामूहिक प्रार्थनाओं, दुआओं के साथ टोने-टोटकों को भी आजमाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में 19 जुलाई को जोधपुर शहर में मेढ़क-मेढ़की का विवाह रचाया जाएगा। ताकि इन्द्रदेव राजी हों और जमकर लोगों पर अपनी कृपा बारिश के रूप में बरसाएं।
मारवाड़ में बारिश की कामना के लिए इन्द्रदेव को रिझाने का यह पहला मौका नहीं है। करीब तीन साल पहले 20 जून 2007 को डूंगरिया महादेव मंदिर में मेढ़क-मेढ़की का विवाह रचाया गया था। इसके आयोजक जायन्ट्स सहेली ग्रुप का दावा है कि इस विवाह की वजह से ही उस साल क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई।
ग्रुप की अध्यक्ष रेखा परिहार ने बताया कि इस बार अलायन्स क्लब ऑफ जोधाणा सहेली, जायन्ट्स ग्रुप ऑफ जोधाणा सहेली एवं अलायन्स क्लब ऑफ जोधाणा के संयुक्त तत्वावधान में 19 जुलाई को सुबह दस बज गीता भवन के चक्रधारी मंदिर में यह अनुष्ठान होगा।
इंद्रदेव को मनाने का दौर जारी
शहर सहित जिलेभर में इंद्रदेव को मनाने के लिए पूजा-पाठ, यज्ञ हवन हो रहे हैं। हर कोई चाहता है कि इंद्रदेव मेहरबान हो बरखा बरसे, ताकि गर्मी से राहत मिले और खुशहाली आए।
क्यों होता है विवाह?
पौराणिक मान्यता रही है कि मेढ़क-मेढ़की की शादी रचाने का टोटका किया जाए। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि मेढ़क थोड़ी ही बारिश में ही टर्र-टर्र करने लगता है। मेढ़क पानी में और पानी के बाहर भी रह सकता है। जोधपुर में होने वाले इस आयोजन में मेढ़क और मेढ़की की शादी करवाने के बाद उन्हें पानी में छोड़ा जाएगा।
चुनाव में ईवीएम से मतदान!
जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में ईवीएम से मतदान करवाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जेएनवीयू के कुलपति प्रो. नवीन माथुर ने जिला कलेक्टर नवीन महाजन को छात्रसंघ चुनाव के लिए ईवीएम मशीन उपलब्ध करवाने के लिए पत्र भेजा है।
छात्रसंघ चुनाव की घोषणा के बाद अब राज्य सरकार ने इसका कार्यक्रम भी तय कर दिया है। इसके तहत 25 अगस्त को दोपहर एक बजे तक मतदान होगा। मतगणना भी इसी दिन करवानी होगी। छात्रसंघ प्रतिनिधियों को इसी दिन शपथ भी ग्रहण करवानी होगी। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुलपति प्रो. नवीन माथुर ने शीर्ष 4 पदाधिकारियों के चुनाव ईवीएम से करवाने की मंशा बनाई है। इसके लिए कुलपति ने जिला कलेक्टर को पत्र भेज कर ईवीएम उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है। यदि जिला प्रशासन की सहमति मिल गई तो इस बार ईवीएम से चुनाव करवाए जाएंगे।
एक स्टूडेंट और 7 वोट
चुनाव कमेटी की बैठक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. जीसी टिक्कीवाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई। इसमें तय हुआ कि छात्र संघ अध्यक्ष सहित सभी पदों पर चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से होंगे। राज्य सरकार के आदेशानुसार एक स्टूडेंट को सात पदाधिकारियों के चुनाव के लिए 7 मत देने का अधिकार मिलेगा। शीर्ष पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव के अलावा विश्वविद्यालय के संकाय के उपाध्यक्ष व सचिव के 6 पदों पर हर स्टूडेंट पूर्व की भांति मतदान करेगा। नई व्यवस्था के तहत स्टूडेंट अपने कक्षा प्रतिनिधि के लिए भी मतदान करेगा।
छात्रसंघ चुनाव की घोषणा के बाद अब राज्य सरकार ने इसका कार्यक्रम भी तय कर दिया है। इसके तहत 25 अगस्त को दोपहर एक बजे तक मतदान होगा। मतगणना भी इसी दिन करवानी होगी। छात्रसंघ प्रतिनिधियों को इसी दिन शपथ भी ग्रहण करवानी होगी। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुलपति प्रो. नवीन माथुर ने शीर्ष 4 पदाधिकारियों के चुनाव ईवीएम से करवाने की मंशा बनाई है। इसके लिए कुलपति ने जिला कलेक्टर को पत्र भेज कर ईवीएम उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है। यदि जिला प्रशासन की सहमति मिल गई तो इस बार ईवीएम से चुनाव करवाए जाएंगे।
एक स्टूडेंट और 7 वोट
चुनाव कमेटी की बैठक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. जीसी टिक्कीवाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई। इसमें तय हुआ कि छात्र संघ अध्यक्ष सहित सभी पदों पर चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से होंगे। राज्य सरकार के आदेशानुसार एक स्टूडेंट को सात पदाधिकारियों के चुनाव के लिए 7 मत देने का अधिकार मिलेगा। शीर्ष पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव के अलावा विश्वविद्यालय के संकाय के उपाध्यक्ष व सचिव के 6 पदों पर हर स्टूडेंट पूर्व की भांति मतदान करेगा। नई व्यवस्था के तहत स्टूडेंट अपने कक्षा प्रतिनिधि के लिए भी मतदान करेगा।
Sunday, July 18, 2010
यूं करेंगे तो होगा खर्च कम, फायदा ज्यादा
जोधपुर. सरकार शहर के बढ़ते भूजल की समस्या से निपटने के लिए जितने रुपए खर्च कर रही है उससे आधा खर्च विशेष प्रजातियों के पौधे लगाने में करे तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। अब तक 81 लाख रुपए तो रिसर्च पर खर्च कर दिए, उससे यह तक पता नहीं चल सका कि भूजल स्तर क्यों बढ़ रहा है?
हर रोज 22 एमएलडी पानी खींचने पर तीन करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जबकि महज 50 लाख रुपए में 4 लाख पौधे लगाकर प्रतिदिन लगभग 20 एमएलडी स्तर कम किया जा सकता है। इससे कम खर्च में ज्यादा फायदा हो सकता है। सरकार ने देचू के उन किसानों के प्रस्ताव पर भी गौर नहीं किया जो खेती के लिए हर रोज 5 एमएलडी पानी का उपयोग करने के लिए जोधपुर से देचू तक पाइप लाइन का खर्चा देने को भी तैयार है।
4 करोड़ से 22 एमएलडी जल निकासी
बढ़ते भूजल स्तर को थामने के लिए राज्य सरकार ने नेशनल जिओफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) हैदराबाद और नेशनल इंडस्ट्रीज ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) रुड़की से रिसर्च कराई। इसके लिए एनजीआरआई को 53 लाख व एनआईएच को 28 लाख रुपए दिए। समस्या का हल नहीं निकला तो जल निकासी के लिए 3 करोड़ रुपए का ठेका दिया। इसमें पीएचईडी ने 65 पंप, 50 पॉवर हैंडपंप लगाए और 6 ट्यूबवेल खोदे हैं। चौबीस घंटे ये पंप चलते हैं।
लाखों रुपए की बिजली खर्च हो रही है। खरबूजा बावड़ी से बालसमंद तक पाइप लाइन बिछाई। सभी प्रयासों से प्रतिदिन 22 एमएलडी पानी निकाला जा रहा है। इसमें से 6 एमएलडी बाग-बगीचों में पिलाने रहे हैं, 12 एमएलडी पानी आर्मी को अघरेलू उपयोग के लिए दे रहे हैं और 4 एमएलडी पानी नालों में बहाया जा रहा है। इतना खर्च करने के बाद भी अघरेलू उपयोग व नालों में बहा पानी फिर से भूजल स्तर बढ़ा रहा है।
50 लाख के पौधों से 20 एमएलडी निकासी
ज्यादा पानी खींचने वाले सफेदा, फराश, देसी बबूल व शीशम के 4 लाख पौधे प्रभावित क्षेत्रों में लगाए जाएं तो प्रतिदिन 20 एमएलडी भूजल को कम किया जा सकता है। इन प्रजातियों का एक पौधा औसत 50 लीटर पानी खींचने की क्षमता रखता है। पौधे लगाने से फिर से जल स्तर बढ़ने की चिंता भी नहीं रहती। इन प्रजातियों का एक पौधा लगाने में 12 रुपए से ज्यादा खर्चा नहीं आता। यानि 50 लाख रुपए में ही 4 लाख पौधे लगाए जा सकते हैं।
हर रोज 22 एमएलडी पानी खींचने पर तीन करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जबकि महज 50 लाख रुपए में 4 लाख पौधे लगाकर प्रतिदिन लगभग 20 एमएलडी स्तर कम किया जा सकता है। इससे कम खर्च में ज्यादा फायदा हो सकता है। सरकार ने देचू के उन किसानों के प्रस्ताव पर भी गौर नहीं किया जो खेती के लिए हर रोज 5 एमएलडी पानी का उपयोग करने के लिए जोधपुर से देचू तक पाइप लाइन का खर्चा देने को भी तैयार है।
4 करोड़ से 22 एमएलडी जल निकासी
बढ़ते भूजल स्तर को थामने के लिए राज्य सरकार ने नेशनल जिओफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) हैदराबाद और नेशनल इंडस्ट्रीज ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच) रुड़की से रिसर्च कराई। इसके लिए एनजीआरआई को 53 लाख व एनआईएच को 28 लाख रुपए दिए। समस्या का हल नहीं निकला तो जल निकासी के लिए 3 करोड़ रुपए का ठेका दिया। इसमें पीएचईडी ने 65 पंप, 50 पॉवर हैंडपंप लगाए और 6 ट्यूबवेल खोदे हैं। चौबीस घंटे ये पंप चलते हैं।
लाखों रुपए की बिजली खर्च हो रही है। खरबूजा बावड़ी से बालसमंद तक पाइप लाइन बिछाई। सभी प्रयासों से प्रतिदिन 22 एमएलडी पानी निकाला जा रहा है। इसमें से 6 एमएलडी बाग-बगीचों में पिलाने रहे हैं, 12 एमएलडी पानी आर्मी को अघरेलू उपयोग के लिए दे रहे हैं और 4 एमएलडी पानी नालों में बहाया जा रहा है। इतना खर्च करने के बाद भी अघरेलू उपयोग व नालों में बहा पानी फिर से भूजल स्तर बढ़ा रहा है।
50 लाख के पौधों से 20 एमएलडी निकासी
ज्यादा पानी खींचने वाले सफेदा, फराश, देसी बबूल व शीशम के 4 लाख पौधे प्रभावित क्षेत्रों में लगाए जाएं तो प्रतिदिन 20 एमएलडी भूजल को कम किया जा सकता है। इन प्रजातियों का एक पौधा औसत 50 लीटर पानी खींचने की क्षमता रखता है। पौधे लगाने से फिर से जल स्तर बढ़ने की चिंता भी नहीं रहती। इन प्रजातियों का एक पौधा लगाने में 12 रुपए से ज्यादा खर्चा नहीं आता। यानि 50 लाख रुपए में ही 4 लाख पौधे लगाए जा सकते हैं।
सपने खूब दिखाए, पूरे न हो पाए
जोधपुर. गुलाबसागर में बीते तीन साल से नौकायान को लेकर खूब सपने दिखाए जा रहे हैं। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बातें भी खूब हो रही है, लेकिन हालात यह है कि जीर्णोद्धार के समय जो कुछ सुधरा वह भी बिगड़ता जा रहा है।
हालात यह हैं कि गुलाबसागर जलाशय की नहरें गंदगी से अटी पड़ी है। जलाशय में लगे कुछ फव्वारें वह क्षतिग्रस्त होने से किनारे पड़े है। चालू हालत में जो फव्वारें हैं, वह बिजली का बिल नहीं भरने से के कई बार बंद रहते है। उधर, जलाशयों के जीर्णोद्धार की योजना के तहत लगभग दो साल पूर्व सवा करोड़ की लागत से तैयार हुए गुलाबसागर में नौकायन शुरू करने को लेकर नगर निगम लंबे समय से टेंडर प्रक्रिया में उलझा हुआ है।
डेढ़ महीने पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने अधिकारियों के साथ गुलाबसागर जलाशय का जायजा लेकर नौकायन शुरू करने के साथ रखरखाव के निर्देश दिए थे, लेकिन कुछ भी नतीजा नहीं निकला। गत दो जुलाई को निगम अधिकारियों की हुई बैठक में महापौर ने जलाशय की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर नाराजगी प्रकट की थी।
अब 20 जुलाई को फिर होंगे टेंडर
निगम प्रशासन 20 जुलाई को गुलाबसागर में नौकायन के लिए फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। प्रक्रिया के दौरान 30 जुलाई को टेंडर खोले जाएंगे।
टेंडर शीघ्र होंगे
नौकायन को लेकर प्रयास जारी है। टेंडर शीघ्र किए जा रहे है। निगम चाहता है कि नौकायन के बदले ठेकेदार जलाशय के रखरखाव व बिजली खर्च जितनी रकम अदा कर दें। - जुगल किशोर मीणा, आयुक्तनगर निगम
अब देरी नहीं होगी
नौकायन और ओपन रेस्टोरेट की योजना के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। नौकायन के लिए टेंडर लेने की तिथि तय कर दी है। - रामेश्वर दाधीच, महापौर
होना क्या था?
गुलाब सागर, बच्च जलाशय और फतेहसागर की सफाई करवाकर जीर्णोद्धार करना। मनोरंजन के लिए गुलाबसागर में नौकायन एवं निकट में स्थित राजमहल स्कूल के पुराने भवन की जगह ओपन रेस्टोरेंट फतेहसागर स्थित पीएचडी के कार्यालय को हटाकर दो मंजिला इमारत खड़ी कर प्रथम मंजिल पर ओपन रेस्टोरेंट। निगम के लिए स्थायी आय का बंदोबस्त करना।
हालात यह हैं कि गुलाबसागर जलाशय की नहरें गंदगी से अटी पड़ी है। जलाशय में लगे कुछ फव्वारें वह क्षतिग्रस्त होने से किनारे पड़े है। चालू हालत में जो फव्वारें हैं, वह बिजली का बिल नहीं भरने से के कई बार बंद रहते है। उधर, जलाशयों के जीर्णोद्धार की योजना के तहत लगभग दो साल पूर्व सवा करोड़ की लागत से तैयार हुए गुलाबसागर में नौकायन शुरू करने को लेकर नगर निगम लंबे समय से टेंडर प्रक्रिया में उलझा हुआ है।
डेढ़ महीने पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने अधिकारियों के साथ गुलाबसागर जलाशय का जायजा लेकर नौकायन शुरू करने के साथ रखरखाव के निर्देश दिए थे, लेकिन कुछ भी नतीजा नहीं निकला। गत दो जुलाई को निगम अधिकारियों की हुई बैठक में महापौर ने जलाशय की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर नाराजगी प्रकट की थी।
अब 20 जुलाई को फिर होंगे टेंडर
निगम प्रशासन 20 जुलाई को गुलाबसागर में नौकायन के लिए फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। प्रक्रिया के दौरान 30 जुलाई को टेंडर खोले जाएंगे।
टेंडर शीघ्र होंगे
नौकायन को लेकर प्रयास जारी है। टेंडर शीघ्र किए जा रहे है। निगम चाहता है कि नौकायन के बदले ठेकेदार जलाशय के रखरखाव व बिजली खर्च जितनी रकम अदा कर दें। - जुगल किशोर मीणा, आयुक्तनगर निगम
अब देरी नहीं होगी
नौकायन और ओपन रेस्टोरेट की योजना के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। नौकायन के लिए टेंडर लेने की तिथि तय कर दी है। - रामेश्वर दाधीच, महापौर
होना क्या था?
गुलाब सागर, बच्च जलाशय और फतेहसागर की सफाई करवाकर जीर्णोद्धार करना। मनोरंजन के लिए गुलाबसागर में नौकायन एवं निकट में स्थित राजमहल स्कूल के पुराने भवन की जगह ओपन रेस्टोरेंट फतेहसागर स्थित पीएचडी के कार्यालय को हटाकर दो मंजिला इमारत खड़ी कर प्रथम मंजिल पर ओपन रेस्टोरेंट। निगम के लिए स्थायी आय का बंदोबस्त करना।
Friday, July 16, 2010
जोधपुर की उम्मीदों को लगे पंख
जोधपुर. नगर निगम के बजट में की गई घोषणाओं को पंख लगने लगे हैं। स्टेट लेवल की कमेटी ने कालीबेरी की योजना के साथ सीवरेज फार्म पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन की इजाजत दे दी है। अब कालीबेरी की 2 सौ बीघा जमीन पर आवासीय कॉलोनी काटने, 3 सौ बीघा जमीन पर पत्थर हस्तशिल्प बाजार विकसित करने के साथ सीवरेज फार्म हाउस की 267 बीघा जमीन पर गोल्फ कोर्स का सपना साकार हो सकेगा।
सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा तो निगम को इस वित्तीय वर्ष में 50 से 100 करोड़ की आय का अनुमान है। प्रमुख शासन सचिव जीएस संधु की अध्यक्षता वाली स्टेट लेवल की कमेटी की बैठक में मुख्य नगर नियोजक, स्थानीय निकाय विभाग निदेशक व जोधपुर नगर निगम की ओर से आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा शामिल थे। महापौर रामेश्वर दाधीच ने दो दिन पूर्व ही इन योजनाओं को सीनियर टाउन प्लानर से स्वीकृत करवाकर अनुमोदन के लिए भेजा था। महापौर के आदेश पर आयुक्त मीणा, अभियंता विनोद व्यास व प्रवीण गहलोत जयपुर गए थे।
5 सौ लोगों को मिलेगी छत : ग्राम बाघा के खसरा नंबर 415/9 की 200 बीघा जमीन पर भू-उपयोग परिवर्तन की इजाजत के बाद यहां आवासीय योजना साकार होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। रिंग रोड से लगती इस जमीन पर बसाई जाने वाली इस आवासीय योजना में करीब 5 सौ भूखंड काटे जा सकेंगे। इसके साथ कुछ भूखंड क्लब हाउस, खेल मैदान और कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। निगम इसको तय सीमा में लांच कर देता है तो मोटी कमाई होने की उम्मीद है। पहले चरण में 50 से 60 करोड़ की आय का अनुमान है। कालीबेरी की यह जमीन राजस्व रिकॉॅर्ड में निगम के नाम दर्ज है।
बजट की घोषणाओं पर काम शुरू
सोलर सिटी व आदर्श सड़क के बाद कुछ दिन पहले ही महापौर ने ग्रीन सिटी विकसित करने के लिए वायुसेना से हेलीकाप्टर मांगा था। उनकी मंशा है कि हेलीकाप्टर से शहर की पहाड़ियों पर बीज गिराए जाएं ताकि सघन हरियाली विकसित की जा सके। निगम ने सिद्धनाथ की पहाड़ियों में रोप-वे लगाने, शास्त्री सर्किल पर बाल रेल का संचालन व जायजा बाजार विकसित करने पर भी काम शुरू कर दिया है।
जोधपुर पत्थर हस्तशिल्प बाजार बनेगा
इसी खसरे की 300 बीघा जमीन पर जोधपुर हस्तशिल्प बाजार बनेगा। इससे सेंड स्टोन की चमक को सात समंदर पार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। निर्यातक एक ही जगह पर सेंड की विशेषताओं को परख सकेंगे।
साकार होगा गोल्फ कोर्स का सपना
ग्राम विनायकिया व भीचड़ली की कुल 267.31 बीघा जमीन पर गोल्फ कोर्स विकसित होगा। वायुसेना क्षेत्र नजदीक होने से यहां व्यावसायिक योजना नहीं काटे जाने के कारण निगम इसे गोल्फ कोर्स के रूप में विकसित कर उसे बड़ी निजी कंपनी को वार्षिक लीज पर किराए पर उपलब्ध करवाएगा। इससे निगम को बड़ी आय होगी।
सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा तो निगम को इस वित्तीय वर्ष में 50 से 100 करोड़ की आय का अनुमान है। प्रमुख शासन सचिव जीएस संधु की अध्यक्षता वाली स्टेट लेवल की कमेटी की बैठक में मुख्य नगर नियोजक, स्थानीय निकाय विभाग निदेशक व जोधपुर नगर निगम की ओर से आयुक्त शहर जुगल किशोर मीणा शामिल थे। महापौर रामेश्वर दाधीच ने दो दिन पूर्व ही इन योजनाओं को सीनियर टाउन प्लानर से स्वीकृत करवाकर अनुमोदन के लिए भेजा था। महापौर के आदेश पर आयुक्त मीणा, अभियंता विनोद व्यास व प्रवीण गहलोत जयपुर गए थे।
5 सौ लोगों को मिलेगी छत : ग्राम बाघा के खसरा नंबर 415/9 की 200 बीघा जमीन पर भू-उपयोग परिवर्तन की इजाजत के बाद यहां आवासीय योजना साकार होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। रिंग रोड से लगती इस जमीन पर बसाई जाने वाली इस आवासीय योजना में करीब 5 सौ भूखंड काटे जा सकेंगे। इसके साथ कुछ भूखंड क्लब हाउस, खेल मैदान और कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। निगम इसको तय सीमा में लांच कर देता है तो मोटी कमाई होने की उम्मीद है। पहले चरण में 50 से 60 करोड़ की आय का अनुमान है। कालीबेरी की यह जमीन राजस्व रिकॉॅर्ड में निगम के नाम दर्ज है।
बजट की घोषणाओं पर काम शुरू
सोलर सिटी व आदर्श सड़क के बाद कुछ दिन पहले ही महापौर ने ग्रीन सिटी विकसित करने के लिए वायुसेना से हेलीकाप्टर मांगा था। उनकी मंशा है कि हेलीकाप्टर से शहर की पहाड़ियों पर बीज गिराए जाएं ताकि सघन हरियाली विकसित की जा सके। निगम ने सिद्धनाथ की पहाड़ियों में रोप-वे लगाने, शास्त्री सर्किल पर बाल रेल का संचालन व जायजा बाजार विकसित करने पर भी काम शुरू कर दिया है।
जोधपुर पत्थर हस्तशिल्प बाजार बनेगा
इसी खसरे की 300 बीघा जमीन पर जोधपुर हस्तशिल्प बाजार बनेगा। इससे सेंड स्टोन की चमक को सात समंदर पार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। निर्यातक एक ही जगह पर सेंड की विशेषताओं को परख सकेंगे।
साकार होगा गोल्फ कोर्स का सपना
ग्राम विनायकिया व भीचड़ली की कुल 267.31 बीघा जमीन पर गोल्फ कोर्स विकसित होगा। वायुसेना क्षेत्र नजदीक होने से यहां व्यावसायिक योजना नहीं काटे जाने के कारण निगम इसे गोल्फ कोर्स के रूप में विकसित कर उसे बड़ी निजी कंपनी को वार्षिक लीज पर किराए पर उपलब्ध करवाएगा। इससे निगम को बड़ी आय होगी।
फिर उड़ाए सोती हुई महिलाओं के आभूषण
जोधपुर. घरों में सो रही महिलाओं के आभूषण चोरी करने वाले गिरोह ने एक बार फिर शहरवासियों के साथ-साथ पुलिस की नींद उड़ा दी है। बासनी थाना क्षेत्र में बुधवार आधी रात के बाद दो घरों में सो रही महिलाओं के पहने स्वर्णाभूषण उड़ा लिए गए। पुलिस ने बताया कि सांगरिया फांटा निवासी गोकुलराम (58) पुत्र घेवरराम ने रिपोर्ट देकर बताया कि बुधवार रात वह परिवार सहित घर में सो रहा था।
रात करीब दो से तीन बजे के बीच अज्ञात शख्स उसकी पत्नी के सिर पर बंधा आधा तोला सोने का बोर तोड़कर ले गया। इसी तरह, उसके पड़ौस में रहने वाले हीराराम पुत्र मोतीराम की पुत्रवधु के साथ भी ऐसी ही वारदात हुई। चोर उसके गले में पहना मंगलसूत्र तथा कानों में पहने टोप्स ले उड़े। एक ही रात में दो महिलाओं के आभूषण चुराकर ले जाने की घटना के बाद क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त हो गया।
अब तक अनसुलझी वारदातें
17 अप्रैल: विश्नोईयों की ढाणी, कुड़ी हौद निवासी भागीरथ विश्नोई की मां सुरजीदेवी के नाक में पहना सोने का भंवरिया व कंठी तोड़कर जख्मी कर दिया और भाग गए। यहां से भागे तीनों आरोपी रामनगर में रहने वाले बंशीलाल घर पहुंचे और उसकी पत्नी चंपादेवी के कानों में पहनी सोने की टोटी व सिर पर बंधा बोर तोड़कर ले भागे। 25 जून: प्रताप नगर थाना क्षेत्र निवासी ओमप्रकाश की पत्नी के गले में पहनी कंठी व बोर इसी तरह चुरा लिए गए।
रात करीब दो से तीन बजे के बीच अज्ञात शख्स उसकी पत्नी के सिर पर बंधा आधा तोला सोने का बोर तोड़कर ले गया। इसी तरह, उसके पड़ौस में रहने वाले हीराराम पुत्र मोतीराम की पुत्रवधु के साथ भी ऐसी ही वारदात हुई। चोर उसके गले में पहना मंगलसूत्र तथा कानों में पहने टोप्स ले उड़े। एक ही रात में दो महिलाओं के आभूषण चुराकर ले जाने की घटना के बाद क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त हो गया।
अब तक अनसुलझी वारदातें
17 अप्रैल: विश्नोईयों की ढाणी, कुड़ी हौद निवासी भागीरथ विश्नोई की मां सुरजीदेवी के नाक में पहना सोने का भंवरिया व कंठी तोड़कर जख्मी कर दिया और भाग गए। यहां से भागे तीनों आरोपी रामनगर में रहने वाले बंशीलाल घर पहुंचे और उसकी पत्नी चंपादेवी के कानों में पहनी सोने की टोटी व सिर पर बंधा बोर तोड़कर ले भागे। 25 जून: प्रताप नगर थाना क्षेत्र निवासी ओमप्रकाश की पत्नी के गले में पहनी कंठी व बोर इसी तरह चुरा लिए गए।
108 सेवा पूरी तरह लड़खड़ाई
जोधपुर. प्रदेश में जब से कांग्रेस के एक बड़े नेता व केंद्रीय मंत्री के पुत्र की कंपनी जिगित्सा हैल्थकेयर लिमिटेड ने आपातकालीन सेवा 108 का जिम्मा संभाला है, तब से यह सेवा पूरी तरह लड़खड़ा गई है। ज्यादातर कॉल्स पर एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
आमजन की ओर से लगातार शिकायत किए जाने के बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। जोधपुर संभाग में चल रही 29 एंबुलेंस में से आधी गाड़ियों का नियमित संचालन नहीं हो पा रहा है, वहीं करीब आधा दर्जन एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्णा से संबद्ध कंपनी जिगित्सा हैल्थकेयर ने गत 30 जून की मध्यरात्रि के बाद 108 की सेवाओं का जिम्मा संभाला था। तभी से यह सेवा लगातार बद से बदतर होती चली गई।
इसका ताजा उदाहरण गुरुवार शाम को जयपुर के मालवीय नगर में देखने को मिला, जब एक हादसे के एक घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची। तब तक घायल की मौत हो चुकी थी। गुस्साई भीड़ ने वहां जमकर तोड़फोड़ की। एक उदाहरण बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे में पिछले सप्ताह सामने आया, जब आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण लिए बगैर वाहन चलाने वाला पायलट गाड़ी को काबू में नहीं रख सका और एंबुलेंस पलटने से ईएमटी व पायलट दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
क्षतिग्रस्त एंबुलेंस को ठीक करने के लिए जयपुर भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि 108 सेवा का जिम्मा संभालने से करीब दो-तीन माह पहले जिगित्सा तथा राज्य सरकार के बीच करार हुआ था। इतना समय मिलने के बावजूद अब तक कई एंबुलेंस पर ईएमटी तो कहीं पर पायलट नियुक्त नहीं है। जानकारों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते स्थानीय चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी भी इस निजी कंपनी के इशारों पर काम कर रहे हैं।
कुछ नहीं कह सकता...
मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता, आप किसी अन्य अधिकारी से बात करें। मैं कोलकाता में हूं, बाद में बात करूंगा। - सुमित बासु, स्टेट ऑपरेशन हैड
कहां है गड़बड़झाला
पूर्व में सेवाएं देने वाली कंपनी ईएमआरआई के साथ किए गए करार के अनुसार 25 फीसदी एंबुलेंस आधुनिक उपकरणों (एएलएस) से तथा 75 फीसदी एंबुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) से सुसज्जित होनी आवश्यक है, लेकिन नई प्रक्रिया में कंपनी को इस बंधन से मुक्त करते हुए सभी एंबुलेंस को बीएलएस श्रेणी में कर दिया गया। पूर्व सेवा प्रदाता कंपनी के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को नई कंपनी में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त करने की लिखित सहमति के बावजूद सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इसके चलते 108 की सेवाएं चरमरा गई, लेकिन सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप तक नहीं कर रही है। नई कंपनी की ओर से कर्मचारियों की नियुक्ति का ठेका सबलेट किया जा रहा है, जो पूर्ण रूप से नियमविरुद्ध है। जिगित्सा हैल्थकेयर की ओर से जिन दो कंपनियों को कर्मचारी नियुक्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, वे कंपनियां नियुक्ति के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं कर रही है। यही वजह है कि अधिकांश एंबुलेंस पर लगाए गए कर्मचारियों को आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया है और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा रहा है।
निविदा शर्तो के अनुसार नई कंपनी पर सेवाओं का जिम्मा संभालने के पहले ही दिन से सेवाओं को बाधित नहीं होने देने की बाध्यता रहेगी। इसके अंतर्गत कोई भी इमरजेंसी कॉल नहीं छूटनी चाहिए तथा सभी सेवाएं सुचारू रूप से चलनी चाहिए। लेकिन नई कंपनी ने 15 दिन पहले सेवा अपने हाथ में ली और एक भी दिन पूर्ण रूप से सेवाएं संचालित नहीं हो पाई। सेवा नियमों के अनुसार सेवाएं बाधित होने व सही संचालन नहीं होने की स्थिति में सरकार की ओर से सेवा प्रदाता कंपनी को 15 दिन का नोटिस दिया जाना भी प्रस्तावित है, लेकिन अब तक सरकार ने नई कंपनी को नोटिस भेजने की तैयारी तक नहीं की है।
आमजन की ओर से लगातार शिकायत किए जाने के बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। जोधपुर संभाग में चल रही 29 एंबुलेंस में से आधी गाड़ियों का नियमित संचालन नहीं हो पा रहा है, वहीं करीब आधा दर्जन एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्णा से संबद्ध कंपनी जिगित्सा हैल्थकेयर ने गत 30 जून की मध्यरात्रि के बाद 108 की सेवाओं का जिम्मा संभाला था। तभी से यह सेवा लगातार बद से बदतर होती चली गई।
इसका ताजा उदाहरण गुरुवार शाम को जयपुर के मालवीय नगर में देखने को मिला, जब एक हादसे के एक घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची। तब तक घायल की मौत हो चुकी थी। गुस्साई भीड़ ने वहां जमकर तोड़फोड़ की। एक उदाहरण बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे में पिछले सप्ताह सामने आया, जब आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण लिए बगैर वाहन चलाने वाला पायलट गाड़ी को काबू में नहीं रख सका और एंबुलेंस पलटने से ईएमटी व पायलट दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
क्षतिग्रस्त एंबुलेंस को ठीक करने के लिए जयपुर भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि 108 सेवा का जिम्मा संभालने से करीब दो-तीन माह पहले जिगित्सा तथा राज्य सरकार के बीच करार हुआ था। इतना समय मिलने के बावजूद अब तक कई एंबुलेंस पर ईएमटी तो कहीं पर पायलट नियुक्त नहीं है। जानकारों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते स्थानीय चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी भी इस निजी कंपनी के इशारों पर काम कर रहे हैं।
कुछ नहीं कह सकता...
मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता, आप किसी अन्य अधिकारी से बात करें। मैं कोलकाता में हूं, बाद में बात करूंगा। - सुमित बासु, स्टेट ऑपरेशन हैड
कहां है गड़बड़झाला
पूर्व में सेवाएं देने वाली कंपनी ईएमआरआई के साथ किए गए करार के अनुसार 25 फीसदी एंबुलेंस आधुनिक उपकरणों (एएलएस) से तथा 75 फीसदी एंबुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) से सुसज्जित होनी आवश्यक है, लेकिन नई प्रक्रिया में कंपनी को इस बंधन से मुक्त करते हुए सभी एंबुलेंस को बीएलएस श्रेणी में कर दिया गया। पूर्व सेवा प्रदाता कंपनी के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को नई कंपनी में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त करने की लिखित सहमति के बावजूद सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इसके चलते 108 की सेवाएं चरमरा गई, लेकिन सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप तक नहीं कर रही है। नई कंपनी की ओर से कर्मचारियों की नियुक्ति का ठेका सबलेट किया जा रहा है, जो पूर्ण रूप से नियमविरुद्ध है। जिगित्सा हैल्थकेयर की ओर से जिन दो कंपनियों को कर्मचारी नियुक्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, वे कंपनियां नियुक्ति के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं कर रही है। यही वजह है कि अधिकांश एंबुलेंस पर लगाए गए कर्मचारियों को आपातकालीन सेवाओं का प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया है और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा रहा है।
निविदा शर्तो के अनुसार नई कंपनी पर सेवाओं का जिम्मा संभालने के पहले ही दिन से सेवाओं को बाधित नहीं होने देने की बाध्यता रहेगी। इसके अंतर्गत कोई भी इमरजेंसी कॉल नहीं छूटनी चाहिए तथा सभी सेवाएं सुचारू रूप से चलनी चाहिए। लेकिन नई कंपनी ने 15 दिन पहले सेवा अपने हाथ में ली और एक भी दिन पूर्ण रूप से सेवाएं संचालित नहीं हो पाई। सेवा नियमों के अनुसार सेवाएं बाधित होने व सही संचालन नहीं होने की स्थिति में सरकार की ओर से सेवा प्रदाता कंपनी को 15 दिन का नोटिस दिया जाना भी प्रस्तावित है, लेकिन अब तक सरकार ने नई कंपनी को नोटिस भेजने की तैयारी तक नहीं की है।
जेडीए का तंबू उखाड़ा, टेबल-कुर्सियां फेंकी
जोधपुर. मेडिकल कॉलेज के सामने रेलवे डीएस कॉलोनी के पीछे वाले गेट पर लगे पीपल के पेड़ को काटने का प्रयास जेडीए को भारी पड़ गया। इसके विरोध में गुरुवार को भाजपा-शिवसेना कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। जेडीए के पीपल काटने की जिद पर अड़े रहने पर शिव सेना व भाजपा कार्यकर्ताओं ने दुकानों की नीलामी कार्यक्रम के लिए लगाया तंबू उखाड़ दिया और टेबल-कुर्सियां भी फेंक दी।
उन्होंने मौके पर पहुंचे एएसपी मनीष अग्रवाल के साथ धक्का-मुक्की करते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई और रास्ता जाम कर प्रदर्शन भी किया। जेडीए मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित नाले पर दुकानों की नीलामी की कवायद में जुटा हुआ है। उसने नीलामी के लिए बुधवार को मेडिकल कॉलेज के बाहर तंबू लगाया था। जेडीए द्वारा दुकानों के निर्माण में आड़े आ रहे पीपल को काटने की भनक स्थानीय लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं को लग गई। विरोध के चलते जेडीए ने बुधवार को तो पीपल काटने का मानस छोड़ दिया, लेकिन गुरुवार को एक बार फिर पीपल काटना चाहा।
सूचना मिलते ही शहर विधायक कैलाश भंसाली सहित भाजपा के कई कार्यकर्ता एकत्रित हो गए। इसके बाद शिव सैनिक भी आ गए। विरोध बढ़ने के बावजूद जेडीए ने पीपल काटने की जिद नहीं छोड़ी तो शिव सेना व भाजपा कार्यकर्ता उखड़ गए। उन्होंने मौके पर नीलामी के लिए लगाया तंबू उखाड़ दिया और टेबल-कुर्सियां फेंक दी। मौके पर पहुंचे एएसपी मनीष अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं को टोका तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की की। बाद में शास्त्रीनगर थानाधिकारी नरेंद्र शर्मा व सरदारपुरा सीआई राजवीरसिंह मौके पर पहुंचे और समझाइश की कोशिश की। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने जेडीए की हठधर्मिता के खिलाफ रास्ता जाम कर प्रदर्शन भी किया।
निगम की जमीन पर अतिक्रमण
शहर विधायक ने आरोप लगाया कि जेडीए अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर काम कर रहा है। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने जब नदी, नाले व बहाव वाले क्षेत्र को नगर निगम की संपत्ति माना है तो जेडीए इन दुकानों की नीलामी क्यों कर रहा है। मेडिकल कॉलेज के सामने यातायात की समस्या पहले ही गंभीर हो चुकी है, ऐसे में दुकानों के प्रथम तल पर व्यावसायकि निर्माण करवाना अनुचित है।
उन्होंने मौके पर पहुंचे एएसपी मनीष अग्रवाल के साथ धक्का-मुक्की करते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई और रास्ता जाम कर प्रदर्शन भी किया। जेडीए मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित नाले पर दुकानों की नीलामी की कवायद में जुटा हुआ है। उसने नीलामी के लिए बुधवार को मेडिकल कॉलेज के बाहर तंबू लगाया था। जेडीए द्वारा दुकानों के निर्माण में आड़े आ रहे पीपल को काटने की भनक स्थानीय लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं को लग गई। विरोध के चलते जेडीए ने बुधवार को तो पीपल काटने का मानस छोड़ दिया, लेकिन गुरुवार को एक बार फिर पीपल काटना चाहा।
सूचना मिलते ही शहर विधायक कैलाश भंसाली सहित भाजपा के कई कार्यकर्ता एकत्रित हो गए। इसके बाद शिव सैनिक भी आ गए। विरोध बढ़ने के बावजूद जेडीए ने पीपल काटने की जिद नहीं छोड़ी तो शिव सेना व भाजपा कार्यकर्ता उखड़ गए। उन्होंने मौके पर नीलामी के लिए लगाया तंबू उखाड़ दिया और टेबल-कुर्सियां फेंक दी। मौके पर पहुंचे एएसपी मनीष अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं को टोका तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की की। बाद में शास्त्रीनगर थानाधिकारी नरेंद्र शर्मा व सरदारपुरा सीआई राजवीरसिंह मौके पर पहुंचे और समझाइश की कोशिश की। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने जेडीए की हठधर्मिता के खिलाफ रास्ता जाम कर प्रदर्शन भी किया।
निगम की जमीन पर अतिक्रमण
शहर विधायक ने आरोप लगाया कि जेडीए अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर काम कर रहा है। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने जब नदी, नाले व बहाव वाले क्षेत्र को नगर निगम की संपत्ति माना है तो जेडीए इन दुकानों की नीलामी क्यों कर रहा है। मेडिकल कॉलेज के सामने यातायात की समस्या पहले ही गंभीर हो चुकी है, ऐसे में दुकानों के प्रथम तल पर व्यावसायकि निर्माण करवाना अनुचित है।
सौर ऊर्जा संयंत्रों को रियायती दर पर मिलेगी जमीन
जोधपुर. जोधपुर व जैसलमेर जिले में लगने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए राज्य सरकार कृषि भूमि की डीएलसी दरों की दस प्रतिशत कीमत पर जमीन आबंटित करेगी। उद्योग विभाग ऐसी जमीन का रूपांतरण भी कृषि दर पर करेगा। जयपुर में बुधवार को सोलर पॉवर प्लांट की जमीन को लेकर हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।
जोधपुर जिले में करीब सवा सौ और जैसलमेर जिले में पचास सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए निवेशकों ने आवेदन कर रखा है, लेकिन जोधपुर कलेक्टर ने राजस्व मंत्री को पत्र भेजकर राय मांगी थी कि सौर ऊर्जा संयंत्रों के उद्योग की श्रेणी में होने की वजह से क्या जमीन की कीमत डीएलसी, व्यावसायिक या औद्योगिक दर से वसूली जाए। इसका पता चलने पर निवेशकों ने राज्य में निवेश से हाथ खींचने के संकेत दिए थे।
इस पर पिछले सप्ताह निवेशकों के साथ बैठक कर जमीन दर का विवाद सुलझाने का निर्णय लिया गया था। इसी कड़ी में बुधवार को जयपुर में बैठक हुई। इसमें राजस्व मंत्री के अलावा राजस्व, उद्योग व ऊर्जा विभाग के अधिकारी, अक्षय ऊर्जा निगम के सीएमडी आदि मौजूद थे। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि सौर उर्जा संयंत्रों को डीएलसी की दस प्रतिशत दर से जमीन आवंटित की जाएगी। बैठक के मिनट्स के आधार पर जमीन की दर के बारे में एक अधिसूचना जारी होगी।
ड्राफ्ट पॉलिसी के सुझाव पर होगा मंथन
जमीन आबंटन के बाद उद्योग विभाग भी कृषि दर के हिसाब से ही भूमि रूपातंरण शुल्क वसूल करेगा। अक्षय उर्जा निगम ने सोलर एनर्जी की ड्राफ्ट पॉलिसी वेबसाइट पर जारी कर सुझाव मांगे थे। अब उन सुझावों पर विचार-विमर्श कर ड्राफ्ट पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाएगा। पॉलिसी की घोषणा के बाद निवेशकों के साथ बिजली खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया जाएगा।
इतनी जमीन की जरूरत
एक मेगावाट क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट के लिए ढाई हैक्टेयर यानि बारह बीघा जमीन की जरूरत रहती है। जैसलमेर व जोधपुर में करीब छह हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए एक से पांच मेगावाट के पौने दो सौ पावर प्लांट लगने वाले हैं। इनके लिए जोधपुर व जैसलमेर में करीब 18 हजार हैक्टेयर जमीन आबंटित की जाएगी।
जोधपुर जिले में करीब सवा सौ और जैसलमेर जिले में पचास सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए निवेशकों ने आवेदन कर रखा है, लेकिन जोधपुर कलेक्टर ने राजस्व मंत्री को पत्र भेजकर राय मांगी थी कि सौर ऊर्जा संयंत्रों के उद्योग की श्रेणी में होने की वजह से क्या जमीन की कीमत डीएलसी, व्यावसायिक या औद्योगिक दर से वसूली जाए। इसका पता चलने पर निवेशकों ने राज्य में निवेश से हाथ खींचने के संकेत दिए थे।
इस पर पिछले सप्ताह निवेशकों के साथ बैठक कर जमीन दर का विवाद सुलझाने का निर्णय लिया गया था। इसी कड़ी में बुधवार को जयपुर में बैठक हुई। इसमें राजस्व मंत्री के अलावा राजस्व, उद्योग व ऊर्जा विभाग के अधिकारी, अक्षय ऊर्जा निगम के सीएमडी आदि मौजूद थे। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि सौर उर्जा संयंत्रों को डीएलसी की दस प्रतिशत दर से जमीन आवंटित की जाएगी। बैठक के मिनट्स के आधार पर जमीन की दर के बारे में एक अधिसूचना जारी होगी।
ड्राफ्ट पॉलिसी के सुझाव पर होगा मंथन
जमीन आबंटन के बाद उद्योग विभाग भी कृषि दर के हिसाब से ही भूमि रूपातंरण शुल्क वसूल करेगा। अक्षय उर्जा निगम ने सोलर एनर्जी की ड्राफ्ट पॉलिसी वेबसाइट पर जारी कर सुझाव मांगे थे। अब उन सुझावों पर विचार-विमर्श कर ड्राफ्ट पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाएगा। पॉलिसी की घोषणा के बाद निवेशकों के साथ बिजली खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया जाएगा।
इतनी जमीन की जरूरत
एक मेगावाट क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट के लिए ढाई हैक्टेयर यानि बारह बीघा जमीन की जरूरत रहती है। जैसलमेर व जोधपुर में करीब छह हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए एक से पांच मेगावाट के पौने दो सौ पावर प्लांट लगने वाले हैं। इनके लिए जोधपुर व जैसलमेर में करीब 18 हजार हैक्टेयर जमीन आबंटित की जाएगी।
Thursday, July 15, 2010
जोधपुर में बूंदाबांदी हुई
जोधपुर. सूर्यनगरी में पांच-छह दिनों से बारिश की आस लगाए बैठे शहरवासियों को बुधवार बूंदाबांदी से ही संतोष करना पड़ा। बूंदाबांदी के बाद बढ़ी उमस ने शहरवासियों को पसीने से तर कर दिया।
मारवाड़ में बादलों ने बारिश के लिए लोगों को तरसा दिया है। सुबह से ही सूर्य और बादलों का आंख-मिचौनी का खेल चल रहा था। दोपहर बाद इंडस्ट्रीज एरिया, बासनी, शास्त्रीनगर जलजोग और सरदारपुरा क्षेत्र में हुई बूंदाबांदी से एक बार तो लोगों के चेहरे खिल गए, मगर बारिश बंद होते ही लोगों को काफी निराशा हुई। बूंदाबांदी के बाद उमस ने गर्मी को और बढ़ा दिया है।
मारवाड़ में बादलों ने बारिश के लिए लोगों को तरसा दिया है। सुबह से ही सूर्य और बादलों का आंख-मिचौनी का खेल चल रहा था। दोपहर बाद इंडस्ट्रीज एरिया, बासनी, शास्त्रीनगर जलजोग और सरदारपुरा क्षेत्र में हुई बूंदाबांदी से एक बार तो लोगों के चेहरे खिल गए, मगर बारिश बंद होते ही लोगों को काफी निराशा हुई। बूंदाबांदी के बाद उमस ने गर्मी को और बढ़ा दिया है।
सरपंचों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
जोधपुर। नरेगा के टेंडर्स में जानबूझ कर देरी करने के विरोध में जोधपुर जिले के सरपंचों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। टेंडर में देरी, सरपंचों के अधिकार खत्म करने और छह माह में एक भी पक्का काम नहीं होने से खफा जिले के सभी पंच-सरपंच दो दिन से जिला परिषद के प्रशिक्षण कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। साथ ही पंचायत समितियों पर धरना भी दे रहे हैं। बुधवार को कई सरपंचों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा और सात दिन में सरपंचों की मांगे नहीं मानने पर कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना देने की चेतावनी दी।
दो साल में आया पांच सौ यूनिट संक्रमित खून
जोधपुर. थैलीसीमिया पीड़ितों के एचआईवी और एचसीवी जैसे खतरनाक रोगों की चपेट में आने की प्रमुख वजह संक्रमित खून का चढ़ना है। ब्लड बैंकों में गाहे-ब-गाहे संक्रमित खून आता है। वर्तमान पद्धति में इसकी पुख्ता जांच व्यवस्था नहीं है।
एलिजा टेस्ट से केवल उसी रक्त में संक्रमण की पुष्टि हो सकती है, जिसमें एचआईवी, एचसीवी और एचबीवी जैसी बीमारियों के विषाणु परिपक्व होते हैं। तीन से चार सप्ताह से कम समय के ताजा संक्रमण की जांच एलिजा में संभव नहीं है। उम्मेद अस्पताल के ब्लड बैंक में वर्ष 2008 और 09 में विभिन्न माध्यमों से आए 19 हजार से अधिक यूनिट खून में से साढ़े पांच सौ से अधिक यूनिट खून जांच में संक्रमित निकला।
यह आंकड़ा जनवरी में पहली बार थैलीसीमिया पीड़ितों के एचआईवी और एचसीवी से पीड़ित होने के खुलासे के बाद ब्लड बैंक प्रबंधन की ओर से राज्य स्तर पर गठित जांच समिति को उपलब्ध करवाया गया था। खास बात तो यह है कि जब उम्मेद अस्पताल में इतना संक्रमित रक्त आ रहा है तो दूसरे ब्लड बैंकों के क्या हाल होंगे?
एलिजा टेस्ट से केवल उसी रक्त में संक्रमण की पुष्टि हो सकती है, जिसमें एचआईवी, एचसीवी और एचबीवी जैसी बीमारियों के विषाणु परिपक्व होते हैं। तीन से चार सप्ताह से कम समय के ताजा संक्रमण की जांच एलिजा में संभव नहीं है। उम्मेद अस्पताल के ब्लड बैंक में वर्ष 2008 और 09 में विभिन्न माध्यमों से आए 19 हजार से अधिक यूनिट खून में से साढ़े पांच सौ से अधिक यूनिट खून जांच में संक्रमित निकला।
यह आंकड़ा जनवरी में पहली बार थैलीसीमिया पीड़ितों के एचआईवी और एचसीवी से पीड़ित होने के खुलासे के बाद ब्लड बैंक प्रबंधन की ओर से राज्य स्तर पर गठित जांच समिति को उपलब्ध करवाया गया था। खास बात तो यह है कि जब उम्मेद अस्पताल में इतना संक्रमित रक्त आ रहा है तो दूसरे ब्लड बैंकों के क्या हाल होंगे?
दरें बढ़ा दीं पर सुविधाएं नहीं
जोधपुर. शहर में जेडीए ने योजना व गैर योजना क्षेत्रों में आबंटित किए जाने वाले भूखंडों के दाम बढ़ा दिए हैं। दूसरी ओर पिछले पांच सालों में जमीनों की डीएलसी दरें भी 10 गुना तक बढ़ गईं हैं, लेकिन कई इलाकों में जमीन के लाखों रुपए चुकाने के बावजूद मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं।
कई कॉलोनियां बसे तो बरसों बीत गए, लेकिन वहां न तो पानी की लाइन बिछी और न ही सड़कें बनीं। दरअसल अन्य शहरों की तुलना में जोधपुर में पानी की भरपूर उपलब्धता के कारण पिछले पांच-सात सालों में शहर बीस किलोमीटर के दायरे में फैल गया। इसके साथ ही एम्स, आईआईटी और इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे प्रोजेक्ट आने के कारण जमीनों में निवेश भी बढ़ा। इस वजह से कीमतों में उछाल आया। इसका फायदा उठाकर जिला प्रशासन ने भी डीएलसी दरें दस गुना तक बढ़ा दी। इससे सरकार को तो करोड़ों रुपए की आय हो रही है, ज्यादातर कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ।
पाल-पाली रोड
पानी की भरपूर उपलब्धता के कारण बाहरी कॉलोनाइजर्स भी जोधपुर की ओर आकर्षित हुए हैं। पाली रोड व पाल रोड पर नई टाउनशिप व कॉलोनियां बस गईं। पांच सालों में स्थिति यह हो गई कि दस गुना दरों पर भी इन क्षेत्रों में जमीन नहीं मिल रही है। सरकार को रजिस्ट्रियों के माध्यम से करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है, मगर शहर के बाहर बसी कई कॉलोनियों में पानी की लाइनें नहीं पहुंची।
एम्स क्षेत्र
काजरी परिसर में एम्स की स्थापना की चर्चाओं के दौरान ही इस क्षेत्र की जमीनों के भाव बढ़ गए थे। एम्स का काम शुरू होने के बाद तो यहां के भाव आसमान पर पहुंच गए। पाली व पाल रोड के बीच स्थित इस एरिया की डीएलसी दरें भी सैकड़ों से हजारों पर पहुंच गई। नहर के पास बासनी औद्योगिक क्षेत्र में आलीशान कॉलोनियां बन गईं, मगर इन कॉलोनियों में सीवरेज तथा संपर्क सड़कें नहीं है।
आईआईटी एरिया
पाली रोड व पाल रोड पर कई कॉलोनियां बनने के कारण जमीनों की कीमतें बढ़ी, तो नागौर रोड के भाव आईआईटी व एअरपोर्ट प्रोजेक्ट ने बढ़ा दिए। इस रोड पर हालात ये हैं कि पीने का पानी भी टैंकरों से मंगवाना पड़ता है। मंडोर रेलवे स्टेशन के आगे तो पानी की लाइन तक नहीं है। इसी तरह जयपुर रोड पर डांगियावास तक निजी इंस्टीट्यूट व कॉलोनियां विकसित हो गई, लेकिन पीने का पानी भी नहीं पंहुचा पाया है।
कई कॉलोनियां बसे तो बरसों बीत गए, लेकिन वहां न तो पानी की लाइन बिछी और न ही सड़कें बनीं। दरअसल अन्य शहरों की तुलना में जोधपुर में पानी की भरपूर उपलब्धता के कारण पिछले पांच-सात सालों में शहर बीस किलोमीटर के दायरे में फैल गया। इसके साथ ही एम्स, आईआईटी और इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे प्रोजेक्ट आने के कारण जमीनों में निवेश भी बढ़ा। इस वजह से कीमतों में उछाल आया। इसका फायदा उठाकर जिला प्रशासन ने भी डीएलसी दरें दस गुना तक बढ़ा दी। इससे सरकार को तो करोड़ों रुपए की आय हो रही है, ज्यादातर कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ।
पाल-पाली रोड
पानी की भरपूर उपलब्धता के कारण बाहरी कॉलोनाइजर्स भी जोधपुर की ओर आकर्षित हुए हैं। पाली रोड व पाल रोड पर नई टाउनशिप व कॉलोनियां बस गईं। पांच सालों में स्थिति यह हो गई कि दस गुना दरों पर भी इन क्षेत्रों में जमीन नहीं मिल रही है। सरकार को रजिस्ट्रियों के माध्यम से करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है, मगर शहर के बाहर बसी कई कॉलोनियों में पानी की लाइनें नहीं पहुंची।
एम्स क्षेत्र
काजरी परिसर में एम्स की स्थापना की चर्चाओं के दौरान ही इस क्षेत्र की जमीनों के भाव बढ़ गए थे। एम्स का काम शुरू होने के बाद तो यहां के भाव आसमान पर पहुंच गए। पाली व पाल रोड के बीच स्थित इस एरिया की डीएलसी दरें भी सैकड़ों से हजारों पर पहुंच गई। नहर के पास बासनी औद्योगिक क्षेत्र में आलीशान कॉलोनियां बन गईं, मगर इन कॉलोनियों में सीवरेज तथा संपर्क सड़कें नहीं है।
आईआईटी एरिया
पाली रोड व पाल रोड पर कई कॉलोनियां बनने के कारण जमीनों की कीमतें बढ़ी, तो नागौर रोड के भाव आईआईटी व एअरपोर्ट प्रोजेक्ट ने बढ़ा दिए। इस रोड पर हालात ये हैं कि पीने का पानी भी टैंकरों से मंगवाना पड़ता है। मंडोर रेलवे स्टेशन के आगे तो पानी की लाइन तक नहीं है। इसी तरह जयपुर रोड पर डांगियावास तक निजी इंस्टीट्यूट व कॉलोनियां विकसित हो गई, लेकिन पीने का पानी भी नहीं पंहुचा पाया है।
Wednesday, July 14, 2010
जोधपुर का प्रतिनिधित्व घटा
जोधपुर. प्रदेश भाजपा की मंगलवार को घोषित कार्यकारिणी में जोधपुर का प्रतिनिधित्व कम हो गया है। पूर्व की कार्यकारिणी में तीन जनों को मौका दिया गया था। इस बार जोधपुर को महज एक पद मिला है। फलोदी से विधानसभा चुनाव हारने वाले पब्बाराम विश्नोई को प्रदेश मंत्री बनाया गया है।
पिछली कार्यकारिणी में विधायक सूर्यकांता व्यास व नारायणराम बेड़ा को उपाध्यक्ष एवं विधायक कैलाश भंसाली को कोषाध्यक्ष बनाया गया था। बेड़ा ओसियां से चुनाव हारे हुए हैं लेकिन उन्हें इस बार मौका नहीं दिया गया। इस संबंध में शहर विधायक कैलाश भंसाली ने कहा कि हम तो संगठन से जुड़े हैं।
संगठन से जुड़े लोगों के लिए प्रतिनिधित्व कम या ज्यादा होने का असर नहीं पड़ता। लेकिन जोधपुर शहर के कार्यकर्ताओं में इससे निराशा हो सकती है। वैसे प्रतिनिधित्व सहमति के बाद ही दिया गया होगा। शहर जिलाध्यक्ष नारायण पंचारिया का कहना है कि कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व घटने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। संगठन के लोग हमेशा संगठन से जुड़े रहते हैं।
पिछली कार्यकारिणी में विधायक सूर्यकांता व्यास व नारायणराम बेड़ा को उपाध्यक्ष एवं विधायक कैलाश भंसाली को कोषाध्यक्ष बनाया गया था। बेड़ा ओसियां से चुनाव हारे हुए हैं लेकिन उन्हें इस बार मौका नहीं दिया गया। इस संबंध में शहर विधायक कैलाश भंसाली ने कहा कि हम तो संगठन से जुड़े हैं।
संगठन से जुड़े लोगों के लिए प्रतिनिधित्व कम या ज्यादा होने का असर नहीं पड़ता। लेकिन जोधपुर शहर के कार्यकर्ताओं में इससे निराशा हो सकती है। वैसे प्रतिनिधित्व सहमति के बाद ही दिया गया होगा। शहर जिलाध्यक्ष नारायण पंचारिया का कहना है कि कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व घटने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। संगठन के लोग हमेशा संगठन से जुड़े रहते हैं।
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